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दालचीनी न सिर्फ एक मसाला है बल्कि इसमें सेहत के कई गुण छिपे हुए होते हैं। ये खाने में स्वाद घोलने के अलावा सेहत और खूबसूरती दोनों के लिए वरदान है। वजन कम करना हो, सेक्स पावर बढ़ानी हो या सर्दी-जुकाम से निजात पाना हो, इन सब के लिए दालचीनी का प्रयोग काफी फायदेमंद रहता है। दालचीनी में बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। जो हमें बहुत सारी बीमारियों से बचाते हैं। अगर इसे रोजाना दूध के साथ मिलाकर पीया जाएं तो इसके फायदे बढ़ जाते हैं। आइए जानते हैं कि ये मसाला आपके लिए और किस तरह से लाभकारी हो सकता है।
ऐसे बनाए दालचीनी का दूध
दालचीनी वाला दूध बनाना बहुत ही आसान है। एक कप दूध में एक से दो चम्मच दालचीनी पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें।
पाचन संबंधी समस्या दूर करता है
पाचन संबंधी समस्याएं जैसे खाना ना पचना और पेट में खिंचाव होने पर दालचीनी वाला दूध बहुत फायदेमंद होता है। इसके साथ ही दालचीनी के दूध का सेवन करने से पॉटी की समस्या भी दूर होती है। बच्चों में डायरिया की समस्याा दूर करने के लिए यह काफी असरदार होता है।
दर्द कम करने में
दूध में दालचीनी मिलाकर पीने से दर्द से आराम मिलता है। दालचीनी प्रोस्टाग्लैंडीन से प्रतिक्रिया करती है जो मांसपेशियों को आराम करने और दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है।
जुकाम से रोकथाम करने में
दालचीनी में उच्च मात्रा में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। दूध में चुटकी भर दालचीनी डालकर पीने से जुकाम से राहत पाने में मदद मिलती है।
एंटी एंजिंग की तरह काम करता है
दालचीनी वाला दूध आपकी बॉडी के लाइफ स्पेन को बढ़ा देता है। इससे आपकी बढ़ती उम्र का असर बॉडी पर नहीं होता। उम्र बढ़ने पर भी आप बूढ़े नहीं दिखते।
वजन कम करने में
दालचीनी पेट में भोजन को घूमने की प्रक्रिया को धीमा कर देती है। साथ ही फैट को जमा होने से रोकती है। जब आप दूध में दालचीनी मिलाकर पीते हैं तो पूरे दिन पेट भरा हुआ सा महसूस होता है। जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
मुंह के बैक्टीरिया खत्म करता है
दालचीनी में एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। तो दूसरी तरफ दूध कैल्शियम का स्त्रोत होता है जिसका रोजाना सेवन करने से मसूड़ें मजबूत होते हैं।
स्किन प्रॉब्लम्स को करता है
दूर ये एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी के साथ आता है। इसके पीने से स्किन की प्रॉब्लम्स जैसी मुंहासे या कील आदि नहीं हाेते। इससे बाल झड़ने की प्रॉब्लम भी दूर हो जाती है।
इम्यून सिस्टम को कर देता है स्ट्रॉन्ग
दालचीनी वाला दूध पीने से इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग हो जाता है, जिससे आप जल्दी बीमार नहीं पड़ते। आपकी बॉडी पर वायरस जल्दी असर नहीं डाल पाते। इसके साथ ही ये थकान को भी दूर करता है। अगर आपको हमेशा थका हुआ महसूस होता है तो
पुरुषों में बढ़ाता है स्पर्म काउंट
दालचीनी वाला दूध पीने से इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग करने के साथ पुरुषों में स्पर्म काउंट को भी बढ़ाता है।
जोड़ों के दर्द के लिए
ठंड आते ही लोगों को जोड़ों के दर्द की शिकायत होने लगती है। ज्यादातर इस समस्या से बुजुर्ग परेशान रहते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए गुनगुने दूध में शहद और दालचीनी पाउडर डालकर पेस्ट बना लें और इसे जोड़ों पर लगाएं।
जिस तरह महिलाओं में गुप्तांग को लेकर कई तरह की परेशानियां होती है, ठीक उसी तरह पुरुषों को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसमें से एक है अंडकोष में सूजन, जो पुरुषों के लिए काफी संवेदनशील होती है। अंडकोष को इंग्लिश में Scrotum कहते हैं जो कि एक पतली थैली के रुप में पुरुषों के लिंग के पास लगी होती है। अंडकोष की थैली के अंदर दो अंडकोष होते हैं। अंडकोष लाखों छोटे-छोटे शुक्राणु कोशिकाएं पैदा करते हैं और उन्हें सुरक्षित रखते हैं। इसके अलावा ये टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन भी बनाते हैं, एक ऐसा हार्मोन जिसके कारण लड़के शुक्राणु पैदा करते हैं। साथ ही टेस्टोस्टेरॉन मांसपेशियों और बालों के लिए जरूरी होता है। इसे नर या मर्दाना हार्मोन भी कहते हैं। लेकिन कई कारणों से टेस्टिस में सूजन आ जाती है जिसे ओरकाइटिस कहते है जो पुरुषों के लिए काफी पीड़ादायक होती है।
वैरिकोसील ऐसी स्थिति है जिसमें अंडकोष के अंदर की नसें बड़ी हो जाती हैं जिसके कारण अंडकोष बड़ा हो जाता है और दर्द होता है। आइए जानते है कि कारणों से होता है ओरकाइटिस या अंडकोष में सूजन और इसके घरेलू उपाय।
STD भी होती है अंडकोष की वजह
ओरकाइटिस आमतौर पर संक्रमण के कारण होता है जो बैक्टीरिया या वायरस के द्वारा हो सकता है। युवावस्था में लड़कों में ओरकाइटिस के लिए सबसे आम कारण कण्ठमाला (mumps) वायरस होता है। ये वायरल संक्रमण है जो कि लार ग्रंथियों की सूजन का कारण बनता है। अंडकोष या ओरकाइटिस की सूजन लार ग्रंथियों में सूजन की शुरुआत के 4-6 दिनों के बाद होने लगता है। ओरकाइटिस, प्रोस्टेट (एक ग्रंथि जो मूत्राशय के नीचे होती है) या अधिवृषण या एपिडिडाईमस के संक्रमण के कारण भी हो सकता है, जिसे एपिडिडिमो ओरकाइटिस भी कहते हैं।
युवाओं में होती है ज्यादा शिकायत
अधिवृषण एक नली जैसी होती है जो की आपके दोनों टेस्टिकल्स के पीछे की ओर स्थित होती है। इसमें अधिवृषण में जलन होने लगती है और सूजन भी आने लगती है। एपीडिड्यमिस में जलन होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे चोट लगना, बैक्टीरिया द्वारा संक्रमण और STD की वजह से भी एपीडिड्यमिटिस ज्यादातर 18 से 36 वर्ष के पुरुषों में ज्यादा पाया जाता है।
ऑर्किटिस के लक्षण
एक या दोनों अंडकोष में सूजन अंडकोष के आसपास हल्के से गंभीर तक दर्द एक या दोनों अंडकोष में कोमलता या शिथिलता, जो सप्ताहों तक आपको महसूस होती है। बुखार आना मतली और उल्टी
कुछ घरेलू उपाय
तंबाकू
अगर अंडकोष में सूजन की समस्या होती है तो तंबाकू के पत्तों का पर थोड़ा सा तिल का तेल लगाकर हल्का सा गर्म करके अंडकोषों पर बांधाने से अंडाकोषों के सूजन में काफी लाभ होता है।
तिल
बराबर मात्रा में तिल और अरंडी के बीजों को एक साथ पीसकर लेप तैयार करें, अब अंडकोष में अरंडी के पत्तों के साथ इस लेप को लगा लें। आपको इससे राहत मिलेगी।
बैंगन
बैंगन की जड़ को पानी में मिलाकर अंडकोषें पर कुछ दिन लेप लगाने से राहत मिलती है और सूजन कम हो जाती है।
पलाश
पलाश की छाल का चूर्ण बनाकर 5 ग्राम पानी के साथ सेवन करने अंडकोषों की सूजन खत्म की जा सकती है।
जीरा
10-10 ग्राम जीरा और कालीमिर्च पीसकर पानी में उबालकर, उस पानी को अंडकोष को धोने से सूजन मिट जाती है।
सेंधा नमक
एक चम्मच सेंधा नमक को एक कटोरी अरंडी के तेल में मिलाकर अंडकोष के पास लगाने से सूजन कम हो जाती है।
अदरक
अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर सूजन वाली जगह लगाकर आपको राहत मिल सकती है।
सफेद कनेर का फूल
सफेद कनेर के पते कांजी के साथ पीसकर हल्का सा गर्म करके बांधने से अंडकोष की सूजन कम होती है।
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राजकोट। गुरुवार को विश्व के सभी देशों में योग दिवस मनाया जा रहा है। राजकोट में विश्व योग दिवस पर 850 महिलाओ ने स्वीमिंग पूल में एक्वायोग किया। दूसरी ओर शिक्षकों ने अपनी मांगों के चलते विरोधस्वरूप काली पट्टी बांधकर योग किया।7 स्थानों में 20 हजार लोगों ने किया योग…
सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी में 5 हजार विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों ने योग किया। शहर की हर स्कूल-कॉलेज, रेल्वे स्टेशन, पोस्ट ऑफिस, कलेक्टर कार्यालय समेत सभी सरकारी कार्यालयों एवं निजी संस्थाओं में हजारों लोगों ने योग किया। शहर के रेसकोर्स ग्राउंड, नानामवा सर्कल के पास का ग्राउंड, RMC कम्युनिटी हॉल के पास का ग्रांउड, रणछोड़दास आश्रम के सामने का मैदान, राजपैलेस के सामने का मैदान, कोठी कम्पाउंड स्थित क्रिकेट मैदान में हजारों लोगों ने योग किया।
महिलाओं ने किया एक्वायोग
कार्पोरेशन के 4 स्वीमिंग पूल, लोकमान्य तिलक स्वीमिंग पूल, सरदार वल्लभभाई पटेल स्वीमिंग पूल, महर्षि दयानंद सरस्वती स्वीमिंग पूल और स्वामी विवेकानंद स्वीमिंग पूल में 850 महिलाओं ने एक्वायोग किया।
::/fulltext::बरसात बीतने के बाद भी मच्छरों का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जरा-सी लापरवाही सर्दी के मौसम में भी आपको डेंगू जैसी बीमारियों की चपेट में ला सकती है। आगे की स्लाइड्स में पढ़ें उन घूरेलू नुस्खों के बारे में जो मच्छरों को दूर भगाने में कारगर साबित हो सकते हैं
लौंग के तेल की महक से मच्छर भागते हैं। इसलिए नारियल के तेल में लौंग का तेल मिलाकर शरीर पर लगाएं। इससे आपको मच्छर नहीं काटेंगे। तेल का यह मिश्रण ओडोमॉस की तरह काम करता है।
गेंदे के फूलों से घर महक उठता है। इसके पौधे अपने घर में लगाएं। गेंदे के फूलों की खुशबू से मच्छरों को भगाने में भी मदद मिलती है। यानी घर आपका घर सुगंध से भरा रहेगा और मच्छर भी नहीं आएंगे।
3. कपूर का धुआं
मच्छरों से बचने के लिए कपूर का इस्तेमाल कर सकते हैं। कपूर की एक टिकिया जलाकर कमरे में रखें। इससे निकलने वाली सुगंध से मच्छर भाग जाते हैं। यह नुस्खा सबसे बढ़िया और आसान है।
घरों में मच्छर को भगाने के लिए प्रयोग होने वाले लिक्विड के रिफिल में नींबू का रस डालकर यूज कर सकते हैं। इससे सभी मच्छर मर जाते हैं। यह प्रयोग सप्ताह में दो बार कर सकते हैं। आप चाहें तो नीलगिरी के तेल में नींबू का रस मिलाकर हाथ-पैर पर लगा सकते हैं।
5. नीम है कारगर उपाय
नीम के पत्तों से घर में धुआं कर सकते हैं। सप्ताह में एक बार घर में आधा घंटे धुआं जरूर करें। इससे जहां सारे मच्छर मर जाएंगे, वहीं दूसरे कीड़े-मकोड़े भी भाग जाएंगे। अगर घर में किसी को सांस संबंधी समस्या हो, तो सावधानी बरतें।
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