Tuesday, 16 April 2024

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पुरुषों में डायबिटीज है खतरनाक, शुक्राणु हो जाते है कमजोर.....

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यूं तो आपकी सेहत और शरीर दोनों पर प्रभाव डालता है, लेकिन पुरुषों एवं महिलाओं पर इसके प्रभावों में अंतर हो सकता है। होना, उनकी प्रजनन क्षमता को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। जानिए कैसे - दरअसल पुरुषों में डायबिटीज का बुरा असर उनके शुक्राणुओं की गुणवत्ता पर होता है, जिससे तो प्रभावित होती ही है, प्रजनन क्षमता पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। यह आपके को काफी हद तक प्रभावित करता है। हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों में डीएनए क्षतिग्रस्त होने की संभावना आम लोगों की अपेक्षा अधिक होती है और इ सका घनत्व भी कम होता है। 25 से 45 साल की उम्र के डायबिटी‍ज मरीजों और सामान्य लोगों पर किए गए शोध में यह पाया गया कि डायबिटीज के मरीजों के शुक्राणु के डीएनए आम लोगों की तुलना में अधिक क्षतिग्रस्त मिले। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि डायबिटीज के कारण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की समस्या होती है। यही वजह है कि इस स्थिति में शुक्राणु डाएनए डैमेज होते हैं। ऐसी स्थिति में इन शुक्राणुओं के सक्रिय होने से जब गर्भ ठहरता है, तो गर्भपात की संभावना हो सकती है या भ्रूण के विकास में बाधा उत्पन्न होती है।

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Brain Tumor : जानिए अक्सर भ्रमित करने वालों सवालों के जवाब.....

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सिरदर्द होना आम बात है लेकिन जब ये लगातार हो और सुबह की नींद भी तेज सिरदर्द के कारण खुले तो अलर्ट होने की जरूरत है।

आज वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे है। ब्रेन ट्यूमर से जुड़ी ऐसी कई बातें जिसे लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति रहती है। जैसे हर ब्रेन ट्यूमर कैंसरस होता है, मैं मोबाइल फोन सिर के पास रखकर सोता हैं क्या मुझे ब्रेन ट्यूमर या कैंसर हो सकता है, युवाओं को ब्रेन कैंसर नहीं होता। इस मौके पर डॉ. मनीश वैश्य असोसिएट डायरेक्टर, न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल दिल्ली से जानते हैं ऐसे ही कुछ भ्रम और उसकी हकीकत के बारे में...

भ्रम: सिरदर्द होना ही ट्यूमर का लक्षण नहीं है। 
सच:
 सिरदर्द होना आम बात है लेकिन जब ये लगातार हो और सुबह की नींद भी तेज सिरदर्द के कारण खुले तो अलर्ट होने की जरूरत है। ऐसा होने पर न्यूरोलॉजिस्ट की सलाह लेना बेहद जरूरी है ताकि इसे बढ़ने से रोका जा सके।

भ्रम : सभी ब्रेन ट्यूमर के रोगियों में एक जैसे ही लक्षण दिखते हैं।
सच :
सभी मामलों में ऐसा संभव नहीं है। ट्यूमर की स्टेज के आधार पर लक्षण बदल भी सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर के कारण नर्वस सिस्टम की कार्यशैली कितनी प्रभावित होगी यह इसपर निर्भर करता है कि कैंसर कितनी तेजी से विकसित हो रहा है और किस स्थान पर स्थित है। ब्रेन ट्यूमर उसके आकार और स्थिति के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं।

भ्रम: मैं युवा हूं मुझे ब्रेन ट्यूमर नहीं हो सकता।
सच:
ब्रेन ट्यूमर हो सकता है या नहीं, इसमें उम्र का कोई रोल नहीं होता। नवजात और युवाओं दोनों में ब्रेन ट्यूमर के मामले देखे गए हैं। हालांकि दोनों में ट्यूमर के अलग-अलग प्रकार देखे गए हैं। युवाओं को इसके रिस्क फैक्टर्स से बचना चाहिए। खासकर फोन का इस्तेमाल लिमिटेड करें ताकि रेडियोफ्रिक्वेंसी से बचा जा सके।

भ्रम : मैं मोबाइल फोन सिर के पास रखकर सोता हैं क्या मुझे ब्रेन ट्यूमर या कैंसर हो सकता है?
सच :
सेलफोन से निकलने वाली रेडियोफ्रिक्वेंसी एनर्जी के कारण ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि लंबे समय तक नियमित रूप से सेलफोन का इस्तेमाल ब्रेन ट्यूमर का एक रिस्क फैक्टर है, तो कुछ अध्ययनों से यह भी पता चला कि रेडियोफ्रीक्वेंसी एनर्जी के एक्सपोज़र और ब्रेन ट्यूमर में कोई संबंध नहीं है। लेकिन अधिकतर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन बच्चों में ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ाते हैं।

भ्रम: क्या हर ट्यूमर कैंसरस होता है?
सच:
नहीं, हर ट्यूमर कैंसरस नहीं होता है। ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं- कैंसर रहित और कैंसर युक्त। कैंसरयुक्त ट्यूमर को भी उसके विकसित होने के तरीके के आधार पर दो श्रेणियों में बांटा जाता है। जो ट्यूमर सीधे मस्तिष्क में विकसित होते हैं उन्हें प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर कहते हैं और जो शरीर के दूसरे भाग से मस्तिष्क में फैल जाते हैं उन्हें सेकंडरी या मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। ब्रेन ट्यूमर के कारण नर्वस सिस्टम की कार्यशैली कितनी प्रभावित होगी यह इसपर निर्भर करता है कि कैंसर कितनी तेजी से विकसित हो रहा है और किस स्थान पर स्थित है।

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प्रधानमंत्री : सरकार ने कम की स्टेंट की कीमत, अब मिल रही सस्ती दवा.....

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को के जरिए प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधी परियोजना, किफायती कार्डियाक स्टेंट और घुटना प्रत्यारोपण के लाभार्थियों से बात की। उन्होंने कहा कि सरकार ने सरकार ने स्टेंट की कीमतें को 1.5 से 2 लाख तक कम कर 30 हजार रुपए कर दिया है और इससे गरीबों तथा मध्यम वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा लाभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जन औषधि परियोजना से पूरे भारत में काफी लोग लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी लगातार कोशिश प्रत्येक भारतीय के लिए किफायती स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने की है। रोगियों को पहले जिन दवाओं के लिए 3000 रुपए प्रति महीना खर्च करना पड़ता था, अब वही दवाई से 600-800 रुपए प्रति माह में उपलब्ध है। मोदी ने कहा कि सेहतमंद भारत बनाने में स्वच्छ भारत मिशन मुख्य भूमिका निभा रहा है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि दवाओं तक पहुंच गरीबों के लिए सबसे बड़ी चिंता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य भारत को 2025 तक क्षय रोग मुक्त बनाना है। गौरतलब है कि दुनिया को क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए वैश्विक लक्ष्य 2030 तक का रखा गया है। प्रधानमंत्री ने 21 जून को आने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पृष्ठभूमि में कहा कि लोग योग का अभ्यास करें और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
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फिटकरी के है नायाब फायदें, जानकर हैरान रह जाएंगें आप.....

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फिटकरी में मौजूद 'एंटीबैक्टीरियल' गुण कई स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने में मददगार होते है। फिटकरी को अंग्रेजी में एलम (Alum ) कहते है। ये असल में पोटेशियम एल्युमिनीयम सल्फेट है। इसमें कई प्रकार के औषधीय गुण होते है। आयुर्वेद में इसे कई रोगों में उपयोग किया जाता है। फिटकरी में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं इसलिए कुछ घरों में इसका प्रयोग पानी साफ करने के लिए भी किया जाता है। आयुर्वेद में भी इसके कई फायदों का उल्लेख किया गया है। स्किन, दांतों और बालों के ल‍िए फिटकरी बहुत ही कमाल की चीज है। आइए जानते है इसके चमत्‍कारी फायदों के बारे में।

सिर की गंदगी और जुंओं को मारने का घरेलू उपाय

अगर आपके सिर में जुंएं पड़ गई हैं तो फिटकरी के पानी से बाल धोना फायदेमंद रहेगा. इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण के चलते जुंएं मर जाते हैं और सिर की दूसरी गंदगी भी धुल जाती है.

चेहरे की झुर्रियों को दूर करने में मददगार

अगर आपके चेहरे पर भी झुर्रियां आ गई हैं तो फिटकरी के पानी का इस्तेमाल करना आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा. आप चाहें तो फिटकरी के एक बड़े टुकड़े को पानी में डुबोकर चेहरे पर हल्के हाथों से मलें। कुछ देर बाद साफ पानी से चेहरा धो लें। 

कम आएगा पसीना

यदि पसीना ज्यादा आता हो तो नहाने के पानी में फिटकरी घोलकर नहाएं। इससे पसीना आना कम हो जाएगा।

अगर मसूंड़ों से आता हो खून

मसूड़ों से खून आता हो तो फिटकरी को पानी में घोल कर के कुल्ला करने से ठीक होता है। फिटकरी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होता है। दांत में दर्द और मुंह की बदबू को दूर करने के लिए भी फिटकरी का इस्तेमाल किया जाता है।

यूरिन इंफेक्शन होने पर

नियमित रूप से फिटकरी के पानी से अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई करने से यूरिन इंफेक्शन की समस्या को दूर किया जा सकता है। यूरिन इंफेक्‍शन होने पर फिटकरी के पानी का इस्‍तेमाल किया जा सकता है।

बिच्‍छू या कीड़ा काटने पर

फिटकरी में मौजूद 'एंटीबैक्टीरियल' गुण कई स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने में मददगार होते है। फिटकरी को अंग्रेजी में एलम (Alum ) कहते है। ये असल में पोटेशियम एल्युमिनीयम सल्फेट है। इसमें कई प्रकार के औषधीय गुण होते है। आयुर्वेद में इसे कई रोगों में उपयोग किया जाता है। फिटकरी में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं इसलिए कुछ घरों में इसका प्रयोग पानी साफ करने के लिए भी किया जाता है। आयुर्वेद में भी इसके कई फायदों का उल्लेख किया गया है। स्किन, दांतों और बालों के ल‍िए फिटकरी बहुत ही कमाल की चीज है। आइए जानते है इसके चमत्‍कारी फायदों के बारे में।

सिर की गंदगी और जुंओं को मारने का घरेलू उपाय

अगर आपके सिर में जुंएं पड़ गई हैं तो फिटकरी के पानी से बाल धोना फायदेमंद रहेगा. इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण के चलते जुंएं मर जाते हैं और सिर की दूसरी गंदगी भी धुल जाती है.

चेहरे की झुर्रियों को दूर करने में मददगार

अगर आपके चेहरे पर भी झुर्रियां आ गई हैं तो फिटकरी के पानी का इस्तेमाल करना आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा. आप चाहें तो फिटकरी के एक बड़े टुकड़े को पानी में डुबोकर चेहरे पर हल्के हाथों से मलें। कुछ देर बाद साफ पानी से चेहरा धो लें। 

कम आएगा पसीना

यदि पसीना ज्यादा आता हो तो नहाने के पानी में फिटकरी घोलकर नहाएं। इससे पसीना आना कम हो जाएगा।

अगर मसूंड़ों से आता हो खून

मसूड़ों से खून आता हो तो फिटकरी को पानी में घोल कर के कुल्ला करने से ठीक होता है। फिटकरी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होता है। दांत में दर्द और मुंह की बदबू को दूर करने के लिए भी फिटकरी का इस्तेमाल किया जाता है।

यूरिन इंफेक्शन होने पर

नियमित रूप से फिटकरी के पानी से अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई करने से यूरिन इंफेक्शन की समस्या को दूर किया जा सकता है। यूरिन इंफेक्‍शन होने पर फिटकरी के पानी का इस्‍तेमाल किया जा सकता है।

बिच्‍छू या कीड़ा काटने पर

जहरीला कीड़ा या बिच्छू काट ले तो पानी में फिटकरी का पाउडर डालकर गाढ़ा घोल बनाकर लगाने से आराम मिलता है।

चोट लगने पर

शरीर पर लगी छोटी चोट से खून बह रहा हो तो फिटकरी का पाउडर चोट पर छिड़कने से ब्लीडिंग बन्द हो जाता है।

जहरीला कीड़ा या बिच्छू काट ले तो पानी में फिटकरी का पाउडर डालकर गाढ़ा घोल बनाकर लगाने से आराम मिलता है।

चोट लगने पर

शरीर पर लगी छोटी चोट से खून बह रहा हो तो फिटकरी का पाउडर चोट पर छिड़कने से ब्लीडिंग बन्द हो जाता है।

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 Divya Chhattisgarh

 

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