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रायपुर। सुप्रसिद्ध कथाकार कृष्णा सोबती का निधन शुक्रवार की तड़के सुबह हो गया. वह 94 वर्ष की थीं. बताया जा रहा है कि वे काफी दिनों से बीमार चल रही थीं. उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर है. हिन्दी साहिद्य में उनके अमूल्य योगदान के लिए हमेशा उन्हें जाना जाएगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृष्णा सोबती के निधन बहुत ही गहरा शोक प्रकट किया है. मुख्यमंत्री ने सोबती को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि है, “कई पीढ़ियों को अपनी दमदार लेखनी से प्रभावित करने वाली कथाकार कृष्णा सोबती जी का चला जाना गहरा शोक पैदा करता है। उनका लिखा और उनका संघर्ष हमेशा याद किया जाता रहेगा। श्रद्धांजलि।”
जीवन परिचय -कृष्णा सोबती का जन्म गुजरात में 18 फरवरी 1925 को हुआ था। विभाजन के बाद गुजरात का वह हिस्सा पाकिस्तान में चला गया है। विभाजन के बाद वे दिल्ली में आकर बस गयीं और तब से यहीं रहकर साहित्य-सेवा कर रही हैं। उन्हें 1980 में ‘ज़िन्दगीनामा’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। 1996 में उन्हें साहित्य अकादमी का फेलो बनाया गया जो अकादमी का सर्वोच्च सम्मान है। 2017 में इन्हें भारतीय साहित्य के सर्वोच्च सम्मान “ज्ञानपीठ पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है। ये मुख्यतः कहानी लेखिका हैं। इनकी कहानियाँ ‘बादलों के घेरे’ नामक संग्रह में संकलित हैं। इन कहानियों के अतिरिक्त इन्होंने आख्यायिका (फिक्शन) की एक विशिष्ट शैली के रूप में विशेष प्रकार की लंबी कहानियों का सृजन किया है जो औपन्यासिक प्रभाव उत्पन्न करती हैं। ऐ लड़की, डार से बिछुड़ी, यारों के यार, तिन पहाड़ जैसी कथाकृतियाँ अपने इस विशिष्ट आकार प्रकार के कारण उपन्यास के रूप में प्रकाशित भी हैं।
::/fulltext::रायपुर। शिक्षा विभाग के बजट को लेकर मुख्यमंत्री ने मंत्री प्रेमसाय सिंह से चर्चा हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग की तरफ से संविलियन का भी प्रस्ताव दिया गया। करीब 48 हज़ार शिक्षाकर्मियों का प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि अब गेंद मुख्यमंत्री के पाले में है। विभाग की तरफ से आये प्रस्ताव में से किन प्रस्तावों को बजट में शामिल किया जाना है, इसे लेकर अब मुख्यमंत्री को तय करना है। इस से पहले ही मंत्री प्रेमसाय सिंह ने शिक्षाकर्मियों के संविलियन को लेकर तैयार कर लिया था। पिछली बार भी अनुपूरक बजट को लेकर चर्चा थी कि शिक्षाकर्मियों का संविलियन हो सकता है। हालांकि अभी भी ये पूरी तरह से साफ नही है कि संविलियन होगा ही, क्योंकि शिक्षाकर्मियों के संविलियन का प्रस्ताव तो विभाग ने दे दिया है, उसे बजट में शामिल करना है या नहीं और करना है तो किस रूप में तय करना है, ये मुख्यमंत्री ही तय करेंग।
बुधवार की शाम हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ने शिक्षक के बजटीय प्रावधान और नये प्रस्ताव को लेकर चर्चा की। चर्चा है कि शिक्षा विभाग ने स्कूलों के उन्नयन, आंगनबाड़ी को छोटे बच्चों के स्कूल में उन्नयन किये जाने के साथ-साथ शिक्षकों को लेकर भी कुछ प्रस्ताव दिये हैं। शिक्षाकर्मियों के संविलियन को लेकर भी चर्चा बैठक में हुई है, लेकिन अभी पूरी जानकारी नहीं आयी है कि आखिरकार चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री के संविलि
मंत्री प्रेमसाय सिंह के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजटीय प्रस्ताव को लेकर 1 घंटे से ज्यादा वक्त तक चर्चा की थी। स्कूलों में सुविधा बढ़ाने और शिक्षा का स्तर बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव शिक्षा विभाग ने बजट के प्रावधान के साथ राज्य सरकार को सौंपा है। शिक्षकों की नियुक्ति, स्कूलों में बच्चों को पोषण युक्त भोजन दिये जाने को लेकर भी कुछ अलग से प्रावधान करने का प्रस्ताव दिया गया है।
अब इन प्रस्तावों के आधार पर राज्य सरकार फैसला लेगी, कि शिक्षा विभाग के किन-किन प्रस्तावों को बजट में शामिल किया जाये, ताकि उसके आधार पर बजट में घोषणाएं की जा सके।
::/fulltext::बलरामपुर। गणतंत्र दिवस के ठीक पहले माओवादियों ने आतंक फैलाने शुरू कर दिए हैं. वे गणतंत्र दिवस में खलन डालने, लोगों को डराने-धमकाने में लगे हैं. माओवादी उत्पात की ये खबर उस इलाके से जिसे नक्सल मुक्त जिला माना जाता है. खबर बलरामपुर जिले के चांद थाना क्षेत्र में नहलुपाठ की है. जहां बीती रात नक्सलियों ने निर्माण कार्य में लगे पोकलेन, हाइवा सहित कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया.
इसके साथ ही नक्सली पर्चें फेंक निर्माण कार्य नहीं करने की चेतावनी भी दी है. दरअसल जिले के चांदो से सबाग तक सड़क निर्माण किया जा रहा है. घटना के बाद पुलिस अधीक्षक मौके पहुँचे. वहीं भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. पुलिस को मौके से नक्सली के पीपुल्स लिबरेशन फंट आफ इंडियासंगठन (पीएलएफआई) के पर्चे मिले है.
रायपुर. छत्तीसगढ़ और यूपी के बीच यात्री बस के संचालन के लिए पारस्परिक यातायात समझौता के संबंध में दोनों राज्यों के बीच अहम बैठक हुई. इस बैठक में दोनों राज्यों के बीच 28 मार्गों पर बस संचालन करने पर सहमति बनी है. बैठक में परिवहन मंत्री मो.अकबर और यूपी की प्रमुख सचिव परिवहन आराधना शुक्ला, अतिरिक्त मुख्य सचिव आर.पी.मंडल समेत दोनों राज्यों के परिवहन विभाग के अधिकारी शामिल रहे. परिवहन मंत्री मो. अकबर ने दोनों राज्यो में सहमति बनने के बाद बस सेवा जल्द शुरू करने के निर्देश दिए है.
बताया गया है कि छत्तीसगढ़ के विभिन्ना शहरों से बनारस, इलाहाबाद, लखनऊ, गोरखपुर और अयोध्या आदि प्रमुख स्थानों पर बस संचालन की बात हुई है. आगे की प्रक्रिया के तहत राज्य परिवहन विभाग के अधिकारी उत्तर प्रदेश जाएंगे उसके बाद जमीनी तौर पर इस सेवा के संचालन के लिए रणनीति तय करेंगे.
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