Friday, 07 February 2025

3005::/cck::

 30 स्कूली बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई. तत्काल रायपुर लाया गया. रिम्स में इनका इलाज जारी है......  

::/introtext::
::fulltext::

रायपुर. जिले के गोढ़ी गांव में 30 स्कूली बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई.  इन्हें इलाज के लिए तत्काल रायपुर लाया गया. फिलहाल रिम्स में इनका इलाज जारी है.  शुरू में बताया जा रहा था कि इन बच्चों की तबीयत मध्यान भोजन करने के बाद बिगड़ी है. लेकिन बाद में पता चला कि बच्चों ने भोजन किया ही नहीं.  बच्चों ने बताया कि उससे गंदी बदबू आ रही थी. इसी के चलते एक एककर बच्चे बेहोश होने लगे. 

डॉक्टर भी फिलहाल नहीं बता पा रहे हैं कि कैसे अचानक एक साथ इतने बच्चों की तबीयत बिगड़ी. फिलहाल 30 में से 29 बच्चों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है लेकिन एक बच्चे का अभी भी अस्पताल में इलाज जारी है. गौरतलब है कि गोढ़ी गांव सांसद रमेश बैस द्वारा गोद लिया हुआ गांव हैं. ऐसे में इस गांव में बच्चों के भोजन में लापरवाही बरतना बताता है कि स्कूल प्रबंधन को पर्ख नहीं पड़ता की इस गांव की छवि से एक सांसद का नाम भी जुड़ा है. फिलहाल सांसद बैस द्वारा इस मामले में कोई बयान नहीं आया है.

::/fulltext::

3003::/cck::

डॉक्टर्स आज नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में सड़कों पर उतरे, मेडिकल कॉलेज में जमा हुए.....

 

::/introtext::
::fulltext::

रायपुर. देशभर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य आज नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में सड़कों पर उतरे हैं. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी ओपीडी बंद कर डॉक्टर्स मेडिकल कॉलेज में जमा हुए. 

इस दौरान उपस्थित डॉक्टरों ने बिल के विरोध पर चर्चा की साथ आगे के आन्दोलन की रणनीति बनाई. इसके बाद इन डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौपा. शहर के निजी और सरकार अस्पतालों की ओपीडी आज सुबह से बंद है. लेकिन इमरजेंसी सेवाओं को चालू रखा गया है. इस मामले को लेकर मानसून सत्र में बिल पेश होना है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के स्टेट प्रसिडेंट डॉ अशोक त्रिपाठी ने कहा कि 2 जनवरी को बिल पेश होने वाला था लेकिन हमारी स्ट्राइक के कारण नहीं हुआ. लेकिन अब यह बिल मानसून सत्र में पेश होने वाला है. यह बिल आगे जाकर करप्शन को बढ़ावा देगी. यह बिल एन्टी पुअर और एन्टी स्टूडेंट है. आज के मेडीकल स्टूडेंट का भविष्य इस बिल की वजह से अंधकारमय होगा. त्रिपाठी ने कहा कि हमने इस बिल को लेकर सरकार को सुझाव दिये है जिसे सरकार को मानना पड़ेगा. नहीं तो इस बिल को पेश नहीं होने दिया जाएगा.

बता दें कि निजी चिकित्सकों की प्रमुख मांगों में निजी अस्पतालों में चिकित्सकों पर होने वाले हमलों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने, क्लीनिकल एस्टाब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन करने, उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने, दवाओं को टैक्स फ्री करने, नेशनल मेडिकल कमीशन का गठन, उपभोक्ता कानून के तहत दर्ज मामलों में मुआवजा पर अंकुश लगाने, निजी चिकित्सकों पर अनावश्यक दबाव नहीं बनाने सहित कई मांगे शामिल हैं-

जानिये क्या है नेशनल मेडिकल कमीशन बिल :

  1. नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का उद्देश्य है कि देश में चिकित्सा शिक्षा की ऐसी प्रणाली बनाई जाए जो विश्व स्तर की हो।
  2. प्रस्तावित आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि चिकित्सा शिक्षा के अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट दोनों स्तरों पर उच्च कोटि के चिकित्सक मुहैया कराए जाएं।
  3. नेशनल मेडिकल कमीशन चिकित्सा प्रोफेशनल को इस बात के लिए प्रोत्साहित करेगा कि वह अपने क्षेत्र के नवीनतम मेडिकल शोध को अपने काम में सम्मिलित करें और ऐसे शोध में अपना योगदान करें।
  4. आयोग समय-समय पर चिकित्सा संस्थानों का मूल्यांकन।
  5. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग भारत के लिए एक मेडिकल रजिस्टर के रखरखाव की सुविधा प्रदान करेगा और मेडिकल सेवा के सभी पहलुओं में नैतिक मानदंड को लागू करवाएगा।
::/fulltext::

 Divya Chhattisgarh

 

City Office :-  Infront of Raj Talkies, Block - B1, 2nd Floor,

                              Bombey Market, GE Road, Raipur 492001

Address     :-  Block - 03/40 Shankar Nagar, Sarhad colony, Raipur { C.G.} 492007

Contact      :- +91 90099-91052, +91 79873-54738

Email          :- Divyachhattisgarh@gmail.com

Visit Counter

Total840717

Visitor Info

  • IP: 3.129.210.126
  • Browser: Unknown
  • Browser Version:
  • Operating System: Unknown

Who Is Online

1
Online

2025-02-07