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अतिथियों को लोकटीमाछी चावल, सूखा फुटू, शहद, हर्बल सिंदूर, गुलाल का पैकेट भेंट किया जाएगा।
दंतेवाड़ा। वनांचल शिक्षा सेवा प्रकल्प द्वारा संचालित हीरानार के सरस्वती शिशु मंदिर में राष्ट्रपति दोपहर भोज के साथ बच्चों से चर्चा करेंगे। बच्चे ही उन्हें परोसेंगे। शिक्षा विभाग के देखरेख में करीब एक हजार लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाएगा। इनमें 35 सदस्य राष्ट्रपति भवन से आए मेहमान होंगे। उनके सुरक्षा दस्ता और अधिकारियों को भी बस्तरिया व्यंजन परोसने की योजना है। मेन्यू में यह होगा तीन तरह की सब्जी, दो किस्म की दाल, सुगंधित लोकटीमाछी चावल, बस्तर में पाए जाने वाले प्राकृतिक मशरूम (फुटू), आमट (खटाईयुक्त सब्जी), मीठे में बादशाह भोग चावल की खीर, जैविक कृषि से तैयार पपीता आदि।
चखेंगे मड़िया लड्डू व तीखुर की बर्फी
राष्ट्रपति कोविंद को हीरानार समन्वित कृषि प्रणाली मॉडल विलेज के अवलोकन के दौरान मड़िया (रागी माल्ट) से तैयार लड्डू और तीखुर की बर्फी के साथ नारियल पानी दिया जाएगा। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा लोकटीमाछी चावल व फुटू दिया जाएगा। अन्य अतिथियों को लोकटीमाछी चावल, सूखा फुटू, शहद, हर्बल सिंदूर, गुलाल का पैकेट भेंट किया जाएगा। छिंद के पत्तों से गुलदस्ता तैयार किया जाएगा।
चंपा के ई-रिक्शा की करेंगे सवार
राष्ट्रपति समन्वित कृषि प्रणाली मॉडल विलेज का अवलोकन ग्राम कासोली की चंपा के ई-रिक्शे पर सवार होकर करेंगे। इस दौरान राष्ट्रपति की पत्नी सविता कोविंद भी मौजूद रहेंगी। एक अन्य ई-रिक्शा में सीएम डॉ. रमन सिंह व अन्य बैठेंगे। इसका संचालन सविता साहू करेंगी। सविता साहू पीएम नरेंद्र मोदी को जांगला (बीजापुर) में अपने ई-रिक्शा की सवारी करा चुकी हैं।
सुरक्षा पर तैनात रहेंगे पांच हजार जवान
दंतेवाड़ा प्रवास पर पहुंच रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सुरक्षा में पांच हजार जवानों की फौज जिले में तैनात रहेगी। आईजी और डीआईजी स्तर के अधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा जिला बल और डीआरजी के जवान भी दंतेवाड़ा, गीदम से लेकर बारसूर तक सादे वर्दी में रहेंगे। हेलीकॉप्टर और ड्रोन से इलाके की निगरानी होगी।
::/fulltext::रायपुर। बस्तर के जंगलों में पहली बार बरसात के मौसम में भी फोर्स नक्सलियों पर कहर बनकर टूट रही है। बरसात के दिनों में जब जंगल और सघन हो जाता है, नई झाड़ियां उग आती हैं तथा नदी नाले भर जाते हैं तब नक्सली आराम करते हैं। बरसात में जंगल में फोर्स का मूवमेंट आसान नहीं होता। इस मौके का फायदा उठाकर नक्सली इन दिनों नए कैडर की भर्ती करते हैं और जगह-जगह ट्रेनिंग कैंप लगाते हैं। लेकिन इस बार हालत जुदा हो गए हैं।
::/introtext::बस्तर आइजी विवेकानंद ने बताया कि हमने बरसात में विशेष ऑपरेशन की तैयारी पहले ही कर रखी थी। जवानों को खासतौर पर बरसते पानी में ऑपरेशन चलाने की ट्रेनिंग दी गई। वैसे हथियार और साजोसामान जुटाए गए जो बारिश में फोर्स के लिए जरूरी होते हैं। इसके बाद ऑपरेशन मानसून की योजना बनाई गई।
नक्सली बेपरवाह थे क्योंकि उन्हें उफान पर बहती नदियों को पार कर फोर्स के पहुंचने की उम्मीद नहीं थी। यहीं वे गच्चा खा गए। ऑपरेशन मानसून को भारी सफलता मिली है। एक जून से शुरू हुए इस अभियान के दरमियान फोर्स ने न सिर्फ नक्सलियों को मार गिराया बल्कि उनके पास से अति आधुनिक हथियार भी बरामद किए।
ऑपरेशन मानसून के दौरान अब तक कुल 25 नक्सली मारे जा चुके हैं। बस्तर के जंगलों से 60 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं जबकि प्रदेश भर में यह संख्या 145 बताई गई है। इस दौरान 15 नक्सलियों ने सरेंडर भी किया है। नक्सलियों के पास से 33 हथियार बरामद किए गए जिनमें तीन इंसास रायफल, कई पिस्टल और दूसरे हथियार भी शामिल हैं।
अंदरूनी इलाकों तक बन चुकी है पहुंच
दरअसल बस्तर में फोर्स की पहुंच अब उन इलाकों तक बन चुकी है जो पहले पहुंचविहीन माने जाते थे। पिछले कुछ सालों में दुर्गम जंगलों में सड़क और संचार तंत्र का विकास किया गया है। नक्सलियों के कोर इलाके तक फोर्स ने कैम्प डाल कर एरिया डॉमिनेशन कर लिया है। अब उन कैंपों से जंगल और पहाड़ में छिपे नक्सलियों तक पहुंचना आसान हो गया है। बरसात में जवानों को हेलीकॉप्टर की मदद नहीं मिल पा रही है लेकिन उनके हौसले बुलंद हैं।
::/fulltext::रायपुर। धन दौलत और शोहरत कमाया तो क्या कमाया जो यह जीवन किसी के काम न आया? कुछ इसी थीम पर जीवन जीती हैं राजधानी के समता कॉलोनी की रहने वाली समाजसेवी व शिक्षाविद् सरिता अग्रवाल। कहने को तो वह खुद बंगले में रहती हैं। घर में नौकर-चाकर हैं। जरा सा काम करने की जरूरत नहीं है, लेकिन समाज को कुछ देने के लिए सरिता की जिद ने उन्हें लोगों के लिए मिसाल बना दिया है।
::/introtext::सरिता अपने घर के आसपास मोहल्ले, बस्तियों में गरीब वर्ग के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा देती हैं। अपने बंगले से लगे गॉर्डन में ऐसे बच्चों को उनके घर जाकर बुलाती हैं, जो कि पढ़ने में बहुत कमजोर हैं। अब तक 15 ऐसे बच्चों को जोड़कर पढ़ा रही हैं जो कि सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं।
जिन्हें अक्षर पढ़ना नहीं आता था उन्हें सुधारा
सरिता ने बताया कि उन्होंने मोहल्ले में उन बच्चों को चुना जो बच्चे दिन भर घूमते रहते थे। स्थिति यह थी कि सातवीं-आठवीं में बच्चों को अक्षर पढ़ना नहीं आता था। उन्होंने बताया कि शाम के समय बच्चों को एक साथ बुलाकर पढ़ाना शुरू कर दिया है। अब उनमें सुधार भी आ रहा है।
उन्होंने कहा कि बहुत दुख की बात है कि अब बच्चे नशे की गिरफ्त में आने लगे हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों को मुफ्त पढ़ाने के क्रम में अपने यहां काम करने वाली महिला के बच्चे को पढ़ाया। उसमें सुधार हुआ तो उन्होंने मोहल्ले के बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। अब यहां स्कूली बालिकाओं को वोकेशनल का मुफ्त कोर्स कराने के लिए भी योजना बना रही हैं। बालिकाओं को सिलाई, ब्यूटी पॉर्लर भी सिखा सकते हैं।
पढ़ाई के साथ योग भी कराती हैं सरिता
बच्चों का ध्यान पढ़ाई में बेहतर तरीके लगे इसके लिए सरिता बच्चों को योग भी कराती हैं। इसके अलावा वह योग ट्रेनर भी हैं। कई जगहों पर वह योग करा चुकी हैं।
कौन हैं सरिता अग्रवाल
सरिता अग्रवाल मूलत: ओडिशा संवलपुर की हैं। स्नातकोत्तर की डिग्री लेने के बाद उनकी शादी 1994 में समता कॉलोनी के बिजनेसमैन आत्मबोध अग्रवाल के साथ हुई। उनके बेटा का नाम लिखिल है, जिसने ग्रेजुएशन दिल्ली से किया है और बेटी निष्ठा एमबीए की तैयारी कर रही हैं। रायपुर आने के बाद वह सोचती रहीं कि उन्होंने जो शिक्षा अर्जित की है, उसका इस्तेमाल कैसे करें। इसके बाद उन्होंने समाज सेवा के लिए काम करना शुरू किया। उन्होंने देखा कि युवाओं को करियर गाइडेंस की कमी है और वे नशे का शिकार हो रहे हैं। इसके लिए उन्होंने कॉलेजों में नशे के खिलाफ अभियान चलाया।
रजिस्टर मेंटेन करती हैं सरिता
सरिता अग्रवाल जिन बच्चों को पढ़ाती हैं, उनका नाम बाकायदा रजिस्टर में लिखती हैं। जो बच्चा नहीं आता है, उसकी अनुपस्थिति दर्ज कर दूसरे दिन उसकी जानकारी लेती हैं कि आखिर वह अब कहां है। सरिता बच्चों को मैथ्स और इंग्लिश पढ़ाती हैं। उनका कहना है कि बच्चों का गणित और इंग्लिश बहुत कमजोर है। बोलचाल की भाषा में आसपास के लोग सरिता को पढ़ाने वाली भाभी कहकर बुलाते है।
::/fulltext::रायपुर। अगर आपके पास आधार वेरीफिकेशन के नाम पर कॉल आए तो आप सावधान हो जाइए। उस कॉल में आपको सिम स्वैप करने के लिए कहा जा सकता है, लेकिन इसमें खास बात यह है कि यह कॉल आपको कंपनी की ओर से नहीं आ रही है, बल्कि ठगी सहित बहुत से गलत कामों में लगे लोगों द्वारा किए जा रहे हैं।
::/introtext::मोबाइल कंपनियों ने इस संबंध में उपभोक्ताओं को अलर्ट जारी करना शुरू कर दिया है कि उनके द्वारा इस प्रकार के कोई भी कॉल नहीं किए जा रहे हैं और न ही आपसे कार्ड स्वैप करने के लिए कहा जा रहा है। इसलिए उपभोक्ता सावधान हो जाएं। इसके अलावा आप किसी भी प्रकार का ओटीपी नंबर भी शेयर न करें और न ही उसे कंपनी के पास भेंजे।
ऐसा करने पर आपको नुकसान होने के साथ ही आपके मोबाइल का गलत इस्तेमाल भी किया जा सकता है। गौरतलब है कि इन दिनों बहुत से उपभोक्ताओं के पास आधार वेरीफिकेशन के नाम पर सिम स्वैप करने के लिए कहा जा रहा है और ऐसा होने पर उपभोक्ताओं का नुकसान ही हो रहा है। इसे देखते हुए ही मोबाइल कंपनी उपभोक्ताओं को पहले से सचेत कर रही है, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार से नुकसान न उठाना पड़े।
बैंकों के भी फर्जी कॉल से रहे सावधान
इसी प्रकार आरबीआइ ने भी ग्राहकों को अलर्ट जारी किया है कि वे आधार नंबर और एटीएम नंबर पूछे जाने वाले किसी भी प्रकार के फर्जी कॉल से सावधान रहें। बैंक की ओर से ऐसे किसी भी प्रकार के कॉल नहीं किए जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को ही सचेत रहना होगा। आरबीआइ के निर्देश के बाद इन दिनों बैंकों ने भी अपनी शाखाओं में इस प्रकार के अलर्ट चस्पा कर दिए है, ताकि उपभोक्ता किसी फर्जी कॉल के चक्कर में अपनी राशि न गवाएं।
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