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कोण्डागांव. जिले के विभिन्न क्षेत्रों से लगातार एक के बाद एक नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण किया जा रहा है. इसी कड़ी में दो नक्सलियों ने भरमार बन्दूक के साथ आत्मसमर्पण किया है
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली गुलाब राम यादव निवासी कडेनार पंचायत जनताना सरकार सदस्य और बिज्जू राम यादव निवासी हड़ेली पंचायत जनमिलिशिया सदस्य है. गुलाब राम यादव के खिलाफ हत्या जैसे गंभीर अपराध दर्ज हैं.
इन नक्सलियों ने सरकार की पुनर्वास नीतियों से प्रभावित होकर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने की इच्छा जाहिर की थी. जिसके बाद आज उन्होंने आईटीबीपी के कमांडेंट सुरिन्दर खत्री और कोण्डागांव जिला के एसपी अभिषेक पल्लव के सामने भरमार बन्दूक के साथ आत्मसमर्पण किया है.
बता दें कि दिसंबर 2017 में दूरस्थ हड़ेली कैम्प की स्थापना हुई थी, तब से लेकर आज तक यहां 5 माओवादियों ने आईटीबीपी के सामने आत्मसमर्पण किया है. लगातार क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा सिविक एक्शन चलाये जा रहा हैं, जिससे ग्रामीण ज्यादा से ज्यादा सरकार से जुड़ रहे हैं.
::/fulltext::रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजनीति का सबसे बड़ा चर्चित चेहरा यदि कोई है, तो वह हैं अजीत जोगी. जोगी की सियासत की यही तस्वीर है, जहां जाते हैं, वहां सुर्खियां बटोर लेते हैं. ऐसी ही एक तस्वीर आज उस वक्त देखने को मिली, जब राजधानी के करीब मुजगहन गांव में जेसीसी के खेत चलो अभियान का आगाज करने अजीत जोगी पहुंचे थे.
खेतों में उतरकर कार्यकर्ता किसानों की मदद करते इससे पहले जोगी ने गांव में प्याज, नींबू आचार, टमाटर की चटनी, आलू- भाटा और रखिया बड़ी की सब्जी के साथ बासी खाया. दरअसल छत्तीसगढ़ में बासी की अपनी अलग महत्ता है. ग्रामीण अंचलों में बासी से न केवल दिन की शुरूआत होती हैं, बल्कि यह ग्रामीण परंपरा का एक अभिन्न हिस्सा भी है. ऐसे में जोगी की सियासत बासी के जरिए ग्रामीणों के दिलों में उतरने की होती नजर आई.
तबियत दुरूस्त होते ही हाल ही में अजीत जोगी 52 दिन दिल्ली में बिताने के बाद छत्तीसगढ़ लौटे हैं. चुनाव आयोग ने हल चलाता किसान चिन्ह उनकी पार्टी को आबंटित किया है, लिहाजा आंदोलन की शुरूआत खेत से शुरू करने की रणनीति के तहत खेत चलो अभियान शुरू किया गया.
इस अभियान के तहत जेसीसी के कार्यकर्ता हर दिन चार घंटे खेत में जाकर ब्यासी और रोपा के काम में किसानों का हाथ बटाएंगे. जब तक अभियान चलेगा एक खेत में कम से कम पार्टी के 10 सदस्य जाएंगे. वहां एक घंटा श्रमदान करने के बाद दूसरे खेत में जाएंगे. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुब्रत डे ने बताया कि पार्टी की रणनीति इस अभियान के जरिए छत्तीसगढ़ के हर खेत और हर किसान तक पहुंचने की है.
आज से शुरू हुआ यह अभियान हरेली पर्व यानी 29 जुलाई को खत्म होगा. मुजगहन पहुंचे जेसीसी सुप्रीमो अजीत जोगी ने अपने चुनाव चिन्ह वाला बिल्ला किसानों को लगाया. किसानों के साथ जेसीसी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता खेत में रोपाई और ब्यासी के काम में जुट गए.
मुजगहन में जोगी, बिलासपुर में अमित, राजनांदगांव में ऋचा
खेत चलो अभियान के तहत न केवल जेसीसी के तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि पूरा जोगी परिवार भी मैदान में कूद पड़ा है. अजीत जोगी खुद रायपुर के करीब मुजगहन में रोपाई करते दिखे, तो बेटे अमित जोगी बिलासपुर और बहू ऋचा राजनांदगांव में अभियान का हिस्सा बनीं. रविवार को ही अजीत जोगी ने ऋचा जोगी को राजनांदगांव का प्रभारी नियुक्त किया है.
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रायपुर . राज्य सरकार ने राजधानी रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के दस जिला मुख्यालयों में अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं की शुरूआत करने का निर्णय लिया है। इन सेवाओं के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के प्रथम अनुपूरक बजट में गृह विभाग को विभिन्न श्रेणियों के 897 पदों के सेटअप की भी मंजूरी दे दी है। इन पर लगभग 9 करोड़ 09 लाख रूपए का व्यय संभावित है। इसके अंतर्गत संभागीय मुख्यालय बिलासपुर में अग्निशमन तथा आपातकालीन सेवाओं और राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) के लिए प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना का प्रावधान भी शामिल हैं।
प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस बार के प्रथम अनुपूरक बजट में राज्य मुख्यालय राजधानी रायपुर में अग्निशमन और आपतकालीन सेवाओं की स्थापना के लिए 28 पदों की स्वीकृति के साथ 49 लाख रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। इनमें महानिदेशक (पदेन) और महानिरीक्षक (पदेन) सहित पुलिस अधीक्षक श्रेणी के निदेशक (प्रशिक्षण) का पद भी शामिल हैं। इन पदों के अलावा वरिष्ठ तकनीकी अग्निशमन अधिकारी, लेखा अधिकारी, विधि अधिकारी, वरिष्ठ और कनिष्ठ स्टाफ आफिसर, सहायक ग्रेड-1, सहायक ग्रेड-2 और सहायक ग्रेड-3, डाटा एंट्री ऑपरेटर, वाहन चालक और भृत्य के पद भी मंजूर किए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य मुख्यालय में अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं के लिए प्रदेश स्तरीय नियंत्रण कक्ष की भी स्थापना की जाएगी, जिस पर एक करोड़ तीन लाख रूपए का व्यय संभावित है। इस नियंत्रण कक्ष के लिए निरीक्षक, प्लाटून कमांडर, डाटा एंट्री ऑपरेटर और वायरलेस ऑपरेटर के 14 पद मंजूर किए गए हैं। प्रदेश के 10 जिला मुख्यालयों में फायर स्टेशनों सहित अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं के लिए भी अनुपूरक बजट में राशि का प्रावधान किया गया है। इनकी स्थापना में पांच करोड़ 10 लाख रूपए का व्यय संभावित है। इनमें श्रेणी ‘अ’ के अंतर्गत रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में तथा श्रेणी ‘बी’ के अंतर्गत अम्बिकापुर, जगदलपुर, जांजगीर-चाम्पा, कोरबा, रायगढ़, राजनांदगांव और कबीरधाम शामिल है। इन सभी 10 जिला मुख्यालयों में फायर स्टेशनरों और अग्निशमन तथा आपातकालीन सेवाओं के लिए कुल 534 पद भी सेटअप में शामिल किए गए हैं।
इनमें निरीक्षक और उप निरीक्षक श्रेणी के फायर आफिसर और हवलदार रैंक के लीडिंग फायरमेन सहित वाहन चालक-सह ऑपरेटर, फायरमेन, वॉचरूम ऑपरेटर आदि के 504 और जिला सेनानी (नगर सेना), अग्निशमन अधिकारी तथा डॉटा एंट्री ऑपरेटर आदि को मिलाकर 30 पद सम्मिलित हैं। अधिकारियों ने यह भी बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 के प्रथम अनुपूरक में संभागीय मुख्यालय बिलासपुर में अग्निशमन तथा आपातकालीन सेवाओं और राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) के लिए प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है। इसके लिए 69 पद मंजूर किए गए है, जिन पर दो करोड़ 23 लाख रूपए का व्यय संभावित है। इनमें पुलिस उप महानिरीक्षक श्रेणी के एक अतिरिक्त प्रधानसेनानी (नगर सेना) के नवीन पद सहित प्रतिनियुक्ति से भरे जाने के लिए पुलिस अधीक्षक का एक पद भी शामिल किया गया है। इनके अलावा जिला सेनानी, वरिष्ठ तकनीकी अग्निशमन अधिकारी, कनिष्ठ तकनीकी अग्निशमन अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, स्टेशन आफिसर, हवलदार (प्रशिक्षण), मेकेनिक आदि के पद भी सेटअप में शामिल किए गए हैं।
अधिकारियों के अनुसार राज्य शासन द्वारा आपातकालीन सेवाओं के तहत राज्य आपदा प्रबंधन बल की स्थापना के लिए चालू वित्तीय वर्ष के प्रथम अनुपूरक बजट में 252 पदों को मंजूरी दी गई है, जिन पर 23 लाख रूपए का व्यय संभावित है। इनमें प्लाटून कमांडर, हवलदार, नायक, लांस नायक, वाहन चालक, रसोइया, होमगार्ड (सैनिक) के पद सम्मिलित हैं।
::/fulltext::बिलासपुर । मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। जलकी रिसार्ट मामले को हाईकोर्ट ने डिस्पोज आफ कर दिया है। मतलब इस मामले में दायर याचिका पर अागे कोई सुनवाई नहीं होगी। ये निर्णय हाईकोर्ट ने ईओडब्ल्यू के उसी स्वीकारोक्ति के बाद दिया है, जिसमें ये कहा गया है कि इस मामले में आये शिकायत के बाद जांच की जा रही है। दरअसल हाईकोर्ट में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ रायपुर की पूर्व महापौर किरणमयी नायक ने याचिका दायर की थी। इस याचिका में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल पर जमीन कब्जा करने और पद के दुरुपयोग सहित कई अन्य आरोप लगाये गये थे।
इस मामले में राज्य शासन ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच चल रही है, वहीं ईओडब्ल्यू भी इस मामले में जांच कर रही है। ईओडब्ल्यू ने शपथ पत्र में कहा है कि इस मामले में आयी शिकायत को दर्ज कर लिया गया है, जिसके आधार पर आगे की जांच चल रही है। राज्य शासन का जवाब आने के बाद कोर्ट ने मामले को डिस्पोज आफ कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जब इस मामले में ईओडब्ल्यू में जांच रही है, तो मामले की अलग से जांच के आदेश का कोई औचित्य नहीं है। आपको बता दें कि जलकी रिसोर्ट में जमीन पर कब्जा करने का आरोप संगीन आरोप मंत्री बृजमोहन अग्रवाल पर लगा था। हालांकि इस मामले में खुद बृजमोहन अग्रवाल ने आगे आकर अपना पक्ष मीडिया के सामने रख चुके हैं। इस मामले में पिछले दिनों पूर्व महापौर किरणमयी नायक ने हाईकोर्ट का रूख किया था।
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