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1. चालू माह जुलाई से इन शिक्षकों को मिलने लगेगा कोषालय से वेतन.
2. वेतन भुगतान बैंक खातों में होगा.
रायपुर- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के अनुरूप राज्य में पंचायत और नगरीय निकाय संवर्ग के शिक्षकों (शिक्षा कर्मियों )के संविलियन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। इसके फलस्वरूप अब उन्हें चालू माह जुलाई से कोषालय के जरिए वेतन मिलने लगेगा। उनके संविलियन के लिए विगत दो दिनों तक प्रदेश भर में विकासखण्ड स्तर पर शिविरों का आयोजन किया गया, जिनमें ई-कोष के माध्यम से वेतन भुगतान के लिए एक लाख 0592 शिक्षकों के बैंक खाता नम्बर, कर्मचारी कोड नम्बर, मोबाइल फोन नम्बर और सेवा पुस्तिका से संबंधित आवश्यक जानकारी दर्ज की गई।
स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज यहां बताया कि अब सिर्फ लगभग दो हजार शिक्षकों (शिक्षाकर्मियों) के लिए यह प्रक्रिया शेष रह गई है, जो अगले दो दिनों में पूरी कर ली जाएगी। इस प्रकार सभी संविलियत हो चुके शिक्षाकर्मियों का वेतन जुलाई महीने से कोषालय से आहरित होने लगेगा और उन्हें वेतन भुगतान बैंक के माध्यम होगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पिछले महीने की 14 तारीख को संभागीय मुख्यालय अम्बिकापुर (सरगुजा) में प्रदेशव्यापी विकास यात्रा के प्रथम चरण के समापन समारोह में आयोजित विशाल जनसभा में शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा की थी। स्कूल शिक्षा विभाग ने उनकी घोषणा पर तत्परता से अमल शुरू कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि विगत दो दिनों तक प्रदेश भर में ब्लॉक स्तर पर आयोजित शिविरों में जिन एक लाख 00592 शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया गया और ई-कोष वेतन भुगतान के लिए प्रक्रिया पूर्ण की गई, उनमें रायपुर संभाग के अंतर्गत रायपुर जिले के तीन हजार 292, रायपुर शहर के एक हजार 002, महासमुंद चार हजार 590, धमतरी जिले के चार हजार 134, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के पांच हजार 927, गरियाबंद जिले के तीन हजार 040 शिक्षक शामिल है। बिलासपुर संभाग में आयोजित शिविरों में रायगढ़ जिले के चार हजार 973, कोरबा जिले के तीन हजार 306, जांजगीर-चाम्पा जिले के छह हजार 695, बिलासपुर जिले के छह हजार 891 और मुंगेली जिले के दो हजार 656 शिक्षकों का संविलियन करते हुए उनके वेतन भुगतान के लिए ई-कोष की प्रक्रिया पूरी की गई है।
अधिकारियों ने अनुसार बस्तर संभाग में आयोजित शिविरों में कांकेर जिले के तीन हजार 913, बस्तर (जगदलपुर) जिले के दो हजार 783, दंतेवाड़ा जिले के एक हजार 538, नारायणपुर जिले के 917, बीजापुर जिले के एक हजार 446, कोण्डागांव जिले के तीन हजार 274 और सुकमा जिले के एक हजार 150 शिक्षकों के लिए भी इस प्रक्रिया को पूर्ण किया गया। सरगुजा राजस्व संभाग में आयोजित शिविरों में जशपुर जिले के चार हजार 544, सरगुजा (अम्बिकापुर) जिले के चार हजार 307, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के चार हजार 237 और सूरजपुर जिले के चार हजार 111 शिक्षकों (शिक्षाकर्मियों) के लिए भी संविलियन और ई-कोष से वेतन भुगतान की प्रक्रिया पूरी की गई।
अधिकारियों ने कहा कि विगत दो दिनों में दुर्ग संभाग के जिलों में आयोजित शिविरों में कबीरधाम जिले तीन हजार 180, राजनांदगांव जिले के छह हजार 401, दुर्ग जिले के तीन हजार 039, बालोद जिले के तीन हजार 411 और बेमेतरा जिले के तीन हजार 020 शिक्षकों का संविलियन किया गया और उनके वेतन भुगतान के लिए ई-कोष की प्रक्रिया पूर्ण की गई।
::/fulltext::रायपुर- मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह से आज यहां उनके निवास कार्यालय में राजनांदगांव श्री माहेश्वरी पंचायत के प्रतिनिधि मंडल ने पूर्व सांसद श्री प्रदीप गांधी के नेतृत्व में मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री से राजनांदगांव में सामाजिक भवन के लिए भूमि उपलब्ध कराने का आग्रह किया। प्रतिनिधि मंडल में श्री माहेश्वरी पंचायत राजनांदगांव के अध्यक्ष श्री कमल गांधी सहित सर्वश्री दामोदर दास मुंदड़ा, कमल पोरवाल, पुरूषोत्तम गांधी, गोपाल दास डागा, रमेश डागा, मनोज पोरवाल, दामोदर दास भूतड़ा और आशीष चितलांग्या भी शामिल थे।
::/fulltext::रायपुर- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल आज यहां गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा समारोह में शामिल हुए। उन्होंने भगवान श्री जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और बहन सुभद्रा की पूजा अर्चना की और प्रदेश की समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद मांगा। मुख्यमंत्री ने जगन्नाथ मंदिर से रथ तक के मार्ग में सोने की झाड़ू से मार्ग बुहार कर छेहरा-पहरा की रस्म पूरी की। इसके पहले मुख्यमंत्री डॉ. सिंह मंदिर के यज्ञ स्थल में आयोजित यज्ञ में शामिल हुए। भक्तिमय माहौल में मंत्रोच्चार, शंख ध्वनि के बीच भगवान महाप्रभु जगन्नाथ की प्रतिमा नंदिघोष रथ पर, भगवान बलभद्र की प्रतिमा तालध्वज रथ पर और बहन सुभद्रा की प्रतिमा देवदलन रथ में विराजित की गईं। इस दौरान उत्कल नृत्य दल मार्ग के आगे कीर्तन करते हुए चल रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह और विधासभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने सभी लोगों को भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, वनमंत्री श्री महेश गागड़ा, विधायक श्री श्रीचंद सुंदरानी, राज्य सभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की धर्म पत्नी श्रीमती वीणा सिंह, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष श्री छगन मुंदड़ा, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री प्रमोद दुबे, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री दिलीप सिंह होरा, पूर्व विधायक श्रीमती लक्ष्मी बघेल और श्री जगन्नाथ मंदिर सेवा समिति और छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रे डा) के अध्यक्ष श्री पुरंदर मिश्रा सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। सभी अतिथि इस अवसर पर आयोजित महाआरती में भी शामिल हुए।
छत्तीसगढ़ राज्य अधिवक्ता परिषद के नये भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री दीपक गुप्ता ने किया लोकार्पण.
अधिवक्ता परिषद के नये भवन में फर्नीचर आदि की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री ने की 30 लाख रूपए की घोषणा.
रायपुर- मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा है कि न्याय पालिका लोकतंत्र का अत्यंत मजबूत आधार स्तम्भ हैं। सरकार इसे और भी अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए वचनबद्ध है। मुख्यमंत्री आज राज्य के संभागीय मुख्यालय बिलासपुर स्थित छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय परिसर में राज्य अधिवक्ता परिषद के नवनिर्मित कार्यालय भवन के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री दीपक गुप्ता के साथ इस भवन का लोकार्पण किया।
डॉ. रमन सिंह ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा के शुभ अवसर पर अधिवक्ता परिषद के इस नवीन भवन का लोकार्पण हम सबके लिए गौरव का क्षण है। मुख्यमंत्री ने नये भवन के कार्यालय में फर्नीचर और अन्य जरूरी वस्तुओं के लिए 30 लाख रूपए का स्वेच्छानुदान स्वीकृत करने की घोषणा की। डॉ. सिंह ने कहा कि बहुत जल्द छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में ई-लाईब्रेरी की भी सुविधा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश के अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण के लिए वहां अधिवक्ता अकादमी की भी स्थापना की जाएगी। उन्होंने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति श्री अजय कुमार त्रिपाठी से आग्रह किया कि प्रस्तावित अधिवक्ता अकादमी का स्वरूप कैसा हो, इस बारे में वह सरकार को अपने सुझाव दें, ताकि उन सुझावों के अनुरूप अकादमी की स्थापना की जा सके। डॉ. रमन सिंह ने कहा-नये वकीलों को अपने कैरियर के शुरूआती दौर में कई व्यावहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। राज्य सरकार ने उनकी इन दिक्कतों को महसूस करते हुए उनके लिए स्टायफंड की भी व्यवस्था करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिवक्ताओं की आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को बीमा के रूप में तीन लाख रूपए की सहायता देने का प्रावधान भी जल्द किया जाएगा। डॉ. सिंह ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय भवन और परिसर की प्रशंसा करते हुए कहा कि हरियाली से परिपूर्ण यह परिसर काफी आकर्षक है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में न्यायपालिका के काम-काज के सुचारू संचालन के लिए दी जा रही सुविधाओं का भी उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने कहा-राज्य निर्माण के समय वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ में सिर्फ 102 न्यायिक अधिकारी थे, जिनकी संख्या आज की स्थिति में बढ़कर 450 हो चुकी है। इस अवधि में राज्य में न्यायिक सेवाओं का बजट 16 करोड़ 50 लाख रूपए से बढ़कर 536 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या दो से बढ़कर 22 हो गई है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री दीपक गुप्ता ने समारोह में कहा कि बेंच और बार न्यायपालिका रूपी रथ के दो पहिए हैं। न्यायिक सेवाओं का लाभ जनता को दिलाने के लिए दोनों पहियों का साथ चलना जरूरी है। श्री गुप्ता ने कहा-भारतीय संविधान का पालन सुनिश्चित करना सरकार और न्यायालय दोनों का उद्देश्य होता है। उन्होंने कहा-जब मैं यहां छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश था, उन दिनों मुझे सभी लोगों से भरपूर सहयोग मिला। श्री गुप्ता ने छत्तीसगढ़ को अपने परिवार की तरह बताते हुए कहा कि जब भी मुझे यहां से कोई आमंत्रण मिलता है, मैं उसे एक आत्मीय आदेश मानकर चला आता हूं। समारोह को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री अजय कुमार त्रिपाठी ने अधिवक्ता परिषद के नये भवन के लोकार्पण पर खुशी प्रकट करते हुए सभी अधिवक्ताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा-छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध है, वैसा देश के अन्य उच्च न्यायालयों में कम देखने को मिलता है। श्री त्रिपाठी ने कहा-मुझे प्रसन्नता है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह प्रदेश के परिवार के मुखिया के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष श्री प्रभाकर सिंह चंदेल ने परिषद का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। समारोह में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति श्री प्रशांत मिश्रा सहित अनेक न्यायाधीश, महाधिवक्ता श्री जुगल किशोर गिल्डा, विधि और विधायी कार्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री रविशंकर शर्मा भी मौजूद थे।
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