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मधुमेह, ह्दय रोग, मोटापा और उच्च रक्तचाप में बतौर औषधि स्टीविया रामबाण के रूप में सामने आया है।
रायपुर। जिस नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग (छत्तीसगढ़) से अच्छी खबरें जरा कम ही निकलती हैं, वहां के प्रगतिशील किसानों ने मुस्कुराने का एक मौका जरूर दिया है। स्टीविया (मीठी तुलसी) की खेती ने यहां के किसानों को अब अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है। दरअसल, कोंडागांव के 400 किसानों ने मां दंतेश्वरी हर्बल समूह बनाकर स्टीविया की खेती शुरू की। मधुमेह, ह्दय रोग, मोटापा और उच्च रक्तचाप में बतौर औषधि स्टीविया रामबाण के रूप में सामने आया है।
किसानों के इस अनोखे प्रयोग को अब भारत सरकार के उपक्रम सीएसआइआर (काउंसिल ऑफ सांइटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च )ने भी मान्यता दे दी है। बहुत जल्द केंद्र सरकार के सहयोग से कोंडागांव में मीठी तुलसी की पत्ती से शक्कर बनाने का कारखाना भी शुरू होने जा रहा है। यह देश का ऐसा पहला कारखाना होगा जहां मीठी तुलसी से शुगर फ्री शक्कर बनेगी। मां दंतेश्वरी हर्बल समूह से जुड़े राजाराम त्रिपाठी बताते हैं कि अब छत्तीसगढ़ के साथ-साथ आंध्र प्रदेश और ओडिशा के भी किसान इस समूह से जुड़ने लगे हैं।
बस्तर में एक हजार एकड़ में इसकी औषधीय खेती की जा रही है। इसकी मार्केटिंग के लिए किसानों ने मां दंतेश्वरी हर्बल समूह का गठन किया है। यह समूह किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने का भी काम कर रहा है। बस्तर के स्टीविया की मांग दूसरे कई देशों में भी बढ़ रही है। कई विदेशी कंपनियां स्टीविया का इस्तेमाल दवा बनाने के लिए कर रही हैं।
यह है स्टीविया की खास बात -
गन्नो से बने शक्कर की तुलना में स्टीविया के स्टीवियासाइड में 300 गुना ज्यादा मिठास होती है। यह मिठास एक प्राकृतिक विकल्प है। इसमें अनेक औषधीय गुण और जीवाणुरोधी तत्व हैं। स्टीविया शरीर में चीनी की तरह दुष्प्रभाव भी नहीं डालता। शुरुआती दौर में स्टीविया के पौधों में थोड़ी कड़वाहट थी, लेकिन सीएसआइआर और दंतेश्वरी समूह ने मिलकर नई प्रजाति तैयार की। इससे इसकी कड़वाहट अब बेहद कम हो गई है।
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रायपुर -प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 19 जुलाई को वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देशभर के दीनदयाल ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के हितग्राहियों से बातचीत करेंगे। इसके लिए राज्य के बस्तर जिले के कोलचूर गांव और दंतेवाड़ा जिले के जवांगा गांव का चयन किया गया है। योजना के हितग्राहियों से गांवों में ही वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की व्यवस्था की जाएगी। कोलचूर और जवांगा गांव के हितग्राहियों से प्रधानमंत्री की सीधी बातचीत होगी। अन्य जिला मुख्यालयों में योजना के हितग्राही एन.आई.सी. के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में उपस्थित रहकर प्रधानमंत्री को सुन सकेंगे।
::/fulltext::रायपुर- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अजय चंद्राकर ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर डी.के.एस. मल्टी सुपर-स्पेशिलिटी हॉस्पिटल को जल्द शुरू करने के लिए तैयारियों की जानकारी ली। श्री चंद्राकर ने कहा कि डी.के.एस. सार्वजनिक क्षेत्र में सुपर-स्पेशिलिटी अस्पताल होगा। इस अस्पताल के शुरू होने से प्रदेश के लोगों को जल्द उच्च स्तर की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने अधिकारियों से सुपर-स्पेशिलिटी अस्पताल की प्रगति की नियमित जानकारी से अवगत कराने तथा समय सीमा में जीर्णाेद्धार कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए। श्री चन्द्राकर नेे इस सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में निर्माण कार्य, चिकित्सा उपकरण, मानव संसाधन और वित्तीय तथा प्रशासनिक व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पतालों में विभिन्न पदों की भर्ती के लिए एक आदर्श भर्ती नियम तैयार करने के निर्देश दिए। श्री चंद्राकर ने राज्य लोकसेवा आयोग को भेजने वाले पदों को शीघ्र लोकसेवा आयोग को भेजने तथा विभिन्न संस्थाओं को भेजने वाले पदों को भेजकर शीघ्र पदों की पूर्ति करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने चतुर्थ श्रेणी के पदों को वॉक- इन-इंटरव्यूय (साक्षात्कार) की समय-सीमा की कार्य योजना बनाकर शीघ्र भर्ती करने पर जोर दिए।
श्री चंद्राकर ने बैठक में बच्चों के मानसिक रोग से संबंधित बीमारियों के लिए चाइल्ड डेव्हलेपमेंट सेंटर और बुढ़ापे की बीमारी के लिए जिरीऐट्रिक सेंटर के विकास के लिए कार्य योजना बनाने पर बल दिया। उन्होंने डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल के समीप स्थापित होने वाले सिकलिन इंस्टीट्यूट की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने इसके लिए अधोसंरचना निर्माण शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका सिंह बारिक, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्रीमती रानू साहू, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे, विशेष सचिव स्वास्थ्य श्री ए.के. त्रिपाठी, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ.ए.के. चंद्राकर, छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन कंपनी के प्रबंध संचालक श्री व्ही.रामाराव, डी.के.एस. सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल अधीक्षक डॉ. पुनित गुप्ता, संयुक्त सचिव श्री सुनिल जैन सहित संबंधित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
::/fulltext::रायपुर-हमर छत्तीसगढ़ योजना के आवासीय परिसर, नया रायपुर के उपरवारा स्थित होटल प्रबंधन संस्थान में स्थापित विधिक सहायता क्लिनिक से निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को निःशुल्क कानूनी सलाह एवं मदद मिल रही है। योजना के तहत अध्ययन भ्रमण पर आने वाले संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के प्रतिनिधियों को हर सोमवार एवं शुक्रवार उनके गांव, वन, वन्य प्राणियों से जुड़े या निजी मामलों पर आवासीय परिसर में संचालित विधिक सहायता क्लिनिक में निःशुल्क मार्गदर्शन दिया जा रहा है। रायपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता श्री शाहिर लुधियानवी खान उन्हें शासन द्वारा मुहैया कराई जाने वाली निःशुल्क विधिक सेवाओं के बारे में बताते हैं।
अध्ययन भ्रमण पर राजधानी रायपुर आए बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम अरनाडीह, झलपी और लकमा, बीजापुर के रूद्रारंभ तथा कोरिया जिले के साजापार के संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के सदस्यों ने आवासीय परिसर के विधिक सहायता क्लिनिक में विभिन्न कानूनी मसलों पर सलाह-मशविरा किया। अधिवक्ता श्री शाहिर लुधियानवी खान ने उन्हें हिन्दू उत्तराधिकार नियम और वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के दायरे में आने वाले मामलों पर निःशुल्क सलाह एवं मार्गदर्शन दिया। श्री खान ने उन्हें जानकारी दी कि वे स्थानीय स्तर पर अपने जिले के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क कर कानूनी सहायता ले सकते हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से उन्हें वकील की निःशुल्क सेवा भी मिल सकती है।
पंचायत प्रतिनिधियों, सहकारिता प्रतिनिधियों, महिला स्वसहायता समूह एवं संयुक्त वन प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों को कानूनी मदद उपलब्ध कराने के लिए हमर छत्तीसगढ़ योजना के आवासीय परिसर में पिछले करीब एक वर्ष से विधिक सहायता क्लिनिक संचालित की जा रही है। अध्ययन प्रवास पर आने वाले जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी इससे लगातार लाभान्वित हो रहे हैं। आवासीय परिसर में प्रशिक्षण सत्र में उन्हें विभिन्न कानूनों की जानकारी भी दी जाती है। यहां उन्हें न्याय एवं अपने हक के लिए कानून के इस्तेमाल के लिए जागरूक भी किया जाता है।
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