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डौंडी(बालोद). 25 किलोमीटर सड़क पर सिर्फ 500 मीटर में मरम्मत करने का मामला सामने आया है. मामले में PWD के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है. डौंडी से लेकर आमाडुला के बीच विभाग ने लाखों रुपए खर्च कर सड़क मरम्मत का काम करवा रही है. बरसात आते ही गांव के लोग सड़क के खस्ताहाल से परेशान हैं.
गांवों की मांग पर आसपास के कई गांव में लगभग 25 किलोमीटर सड़क का मरम्मत किया जाना था. मगर गांव के लोगों का आरोप है कि PWD विभाग ने महज 500 सड़क में मरम्मत कर काम का इतिश्री कर लिया है. इस संबंध में जब लल्लूराम डॉट कॉम के संवाददाता ने इंजीनियर से बात की तो उनका कहना था कि वो SDO से बात करें.
पुनः जब सब डिविजनल ऑफिसर से इस संबंध में बातचीत की गई तब उनका जवाब तो और भी हैरान कर देने वाला था. उन्होंने जवाब में कहा कि वो किसी भी पत्रकार को बाइट देने या कुछ कहने के लिए अधिकृत व्यक्ति नहीं हैं.
::/fulltext::रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान किसान संगठन सरकार के खिलाफ अभियान चलाने की तैयारी में हैं। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन ने अगस्त से अक्टूबर तक आंदोलन करने की योजना तैयार की है। यही वह समय है जब प्रदेश में राजनीतिक दल चुनावी तैयारियों में जुटे रहेंगे। नवंबर में चुनाव संभावित है। ऐसे में अक्टूबर में चुनाव प्रचार की तेजी रहेगी। इसी बीच किसानों ने दुर्ग में राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाने की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के संयोजक राजकुमार गुप्त ने बताया कि कर्ज के लंबी अवधि के ऋण में कन्वर्जन पर किसानों से 13 प्रतिशत ब्याज वसूला जा रहा है। कर्ज नहीं पटा पाने वाले किसानों को खाद बीज से वंचित किया जा रहा है। बीमा से मिलने वाली राशि का समायोजन किसानों के कर्ज में किया जा रहा है। इन मुद्दों को लेकर किसान राज्य सरकार के मंत्रियों से गुहार लगाएंगे। डीएपी खाद के दाम में 90 रुपये की वृद्घि से किसान परेशान हैं।
इन मुद्दों को लेकर 9 अगस्त से 15 अगस्त तक वादा पूरा करो सरकार सप्ताह मनाया जाएगा। 26 जुलाई से कश्मीर से शुरू होकर कन्याकुमारी तक चलने वाली राष्ट्रीय किसान महासंघ की यात्रा छत्तीसगढ़ से होकर गुजरेगी। यह यात्रा दो दिन तक छत्तीसगढ़ में रहेगी। इस दौरान दुर्ग सहित तीन जगहों पर किसान सभाओं का आयोजन किया जाएगा।
अक्टूबर में यशवंत सिन्हा को बुलाने की तैयारी-
किसान संगठन ने 27 व 28 अक्टूबर को दुर्ग में दो दिवसीय किसान महापंचायत बुलाने का एलान किया है। इस आयोजन में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और राष्ट्रीय स्तर के किसान नेताओं को आमंत्रित किया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि राज्य सरकार ने पिछले चुनाव में जो वादे किए थे उसे पूरा नहीं किया। केंद्र सरकार ने भी वादों को पूरा करने पर ध्यान नहीं दिया है।
राजनांदगांव में चना किसानों का आंदोलन-
मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र राजनांदगांव के किसान पिछले कई दिनों से चना का समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। सरकार ने उनकी सुध नहीं ली लिहाजा अब किसान मुख्यमंत्री मुंह तो खोलो-कुछ तो बोलो नारा लगा रहे हैं। चना की फसल का उचित मूल्य न मिलने किसान नाराज हैं।
::/fulltext::नारायणपुर. एक बार फिर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जवानों ने कार्रवाई करते हुए दो नक्सलियों को मौत के घाट उतार दिया है. इस दौरान पुलिस ने इन नक्सलियों के पास से हथियार भी बरामद किया है. घटना बालेबेड़ा और उसके आसपास की बताई जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार नारायणपुर थाने के बालेबेड़ा और उसके आसपास के क्षेत्रों में डीआरजी और एसटीएफ के जवानों द्वारा सर्चिंग की जा रही थ़ी. इस बीच घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों पर तबातोड़ फायरिंग शुरू कर दी. जिसके जवाब में जवानों ने भी नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए फायरिंग शुरू कर दी.
मारे गये दो नक्सलियों ने से एक नक्सली की पहचान नक्सली सैन्य कंपनी नंबर 05 के सेक्शन कमांडर किशोर के रूप में हुई है. वहीं दूसरे मृत नक्सली की शिनाख्त अब तक नहीं हो सकी है.
::/fulltext::रायपुर। विधानसभा में आज शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा बीपीएल बच्चों को प्रवेश नहीं दिए जाने एवं निजी स्कूलों द्वारा शासकीय नियमों का उल्लंघन किए जाने का मामला उठा। सत्ता पक्ष की ओर से सदस्य देवजी भाई पटेल ने यह मामला उठाते हुए कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते निजी स्कूल प्रबंधन बेलगाम हो गया है। वहीं शासन के नियम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। राज्य शासन ने शैक्षणिक सत्र 2018 के शैक्षणिक कैलेण्डर में 15 जून से स्कूल खोलने का निर्देश जारी किया, मगर नामीगिरामी अंग्र्रेजी माध्यम के स्कूलों सहित सभी निजी स्कूल एक माह पूर्व ही मई 2018 में खुल गए। जहां एक ओर स्कूलों द्वारा 12 महीने की शुल्क वसूली की जा रही है। वहीं हर क्लास में प्रत्येक बच्चे से प्रवेश शुल्क के नाम पर 10 हजार रूपए से 35 हजार तक की फीस वसूल कर रहे हैं। शिक्षा के अधिकार कानून (आर.टी.आई) की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
इसके जवाब में स्कूली शिक्षामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि यह सही नहीं है कि जून 2018 की स्थिति में स्कूल शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते निजी स्कूल प्रबंधन बेलगाम हो गया है। यह सही नहीं है कि विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त विद्यालयों में शैक्षिक क्रियाकलापों का संचालन शैक्षिक समय-सारिणी के अनुसार किया जा रहा है । शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में सत्र 2018-19 के लिए शिक्षण कार्य 18 जून 2018 से प्रारंभ है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा मध्यान्ह भोजन का क्रियान्वयन एवं ग्रीष्मावकाश में समर कोर्सेस हेतु कार्यवाही की गई है। जिससे छात्रों में शैक्षिकेत्तर गतिविधियों के अंतर्गत उनका सर्वागींण विकास हो सके। शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पूर्व शाला खोलने संबंधी किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं है। राज्य में शिक्षा के अधिकार कानून का कड़ाई से पालन किया जा रहा है।