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रायपुर. छत्तीसगढ़ में कुत्तों का आतंक कितना है, इसका खुलासा विधानसभा में आये एक बेहद ही दिलचस्प आंकड़े से हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री से पूछे गये सवाल का लिखित जवाब में बताया गया है। पिछले 14 महीने में छत्तीसगढ़ में करीब एक लाख लोगों को कुत्तों ने काटा है। वहीं इस साल एक अप्रैल से जून तक 7लोगों की कुत्ते के काटने से मौत भी हुई है। सर्वाधिक मौत रायपुर में हुई है, जहां कुत्तों के काटने से 3 लोगों की मौत हुई, जबकि राजनांदगांव में 2 लोगों को कुत्तों ने मार डाला, वहीं एक मौत दुर्ग और एक बालोद में हुई है।
::/introtext::खूंखार कुत्तों का आतंक सबसे ज्यादा बिलासपुर में बरपा है, जहां 15 महीने में करीब 17 हजार लोगों को कुत्तों ने काटा है। पिछले साल अप्रैल से लेकर इस साल जून तक यानि कुल 15 महीने में रायपुर कुत्तों से कहर से थर्राने वाला दूसरा शहर रहा है, जहां करीब 12 हजार लोग शिकार बने। जबकि दुर्ग कुत्तों के आतंक से परेशान होने वाला तीसरा जिला रहा, जहां करीब 10 हजार लोगों को कुतों ने काटा है।
आइये जरा इन आंकड़ों पर गौर करिये …..
बिलासपुर में 15 महीने पिछले साल 1 अप्रैल 2017 से लेकर जून 2018 तक कुत्तों ने 16922 लोगों को काटा है। वहीं दुर्ग की बात करें तो 10198 लोगों को कुत्तों के काटने से जख्मी हुए। वहीं अगर अन्य जिलों की बात करें तो इस दौरान धमतरी में 6294 लोगों को कुत्तों ने नोचा, वहीं जांजगीर में 5741 लोग खूंखार कुत्ते का शिकार बने। बस्तर में भी 5555 लोग कुत्ते की वजह से घायल हुए। रायगढ़ में 4098, वहीं रायपुर में 11831, राजनांदगांव में 6312, सरगुजा में 4790 लोगों को कुत्तों ने काटा है।
वही अन्य जिलों की बात करें तो बालोद में 682, बलौदाबाजार में 3793, बलरामपुर में 854, बस्तर में, बेमेतरा में 3595, बीजापुर में 512, दंतेवाड़ा में 749, गरियाबंद में 1270, जशपुर में 666, कांकेर में 1555, कवर्धा में 1354, कोंडागांव में 832, कोरबा में 3195, 1608, महासमुंद में 2508, मुंगेली में 3587, नारायणपुर में 258, , सुकमा में 253 और सूरजपुर में 1637 लोग शिकार हुए हैं।
अगर इन आंकड़ों को देखें तो कुल आंकड़ा 97 हजार 773 लोगों को कुत्तों ने महज 15 महीनों के भीतर की जख्मी कर दिया है।
::/fulltext::रायपुर. पूर्व IAS बाबूलाल अग्रवाल के CA रहे सुनील अग्रवाल की मुश्किलें अब और बढ़ गयी है। प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग केस में सुनील अग्रवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है। करीब 400 पेज का ये पूरा चार्जशीट है, जो कोर्ट में दाखिल किया गया है, लिहाजा ये माना जा रहा है कि उन दस्तावेजों के आधार पर बाबूलाल अग्रवाल की भी मुश्किलें बढ़ सकती है।
::/introtext::आरोपी सीए सुनील अग्रवाल पर आरोप है कि उसने अपने रिश्तेदारों को 13 मुखौटा कंपनियों का निदेशक बनाकर काले धन को व्हाइट किया। यही नहीं आरोप ये भी था कि लगभग 39.67 करोड़ की अवैध राशि जो बाबूलाल अग्रवाल के पास थी, सुनील अग्रवाल ने गलत ढंग से खोले गए 446 बेनामी खातो में जमा की गई और इसे व्हाइट करने के उद्देश्य से 13 फर्जी कंपनियों में शेयर एप्लिकेशन मनी के तहत डाला गया.
जिससे अंततः बाबूलाल अग्रवाल ने भाई की कंपनी प्राइम इस्पात लिमिटेड में निवेशित किया। उस दौरान जांच में सुनील अग्रवाल ने यह भी स्वीकार किया कि बेनामी खातों तथा फर्जी कंपनियों के माध्यम से शोधित राशि 0.5 प्रतिशत उसके द्वारा कमीशन के रूप में प्राप्त किया गया.
::/fulltext::मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो अपने 50 लाख से ज्यादा नागरिकों को सिम कार्ड के साथ निःशुल्क स्मार्ट फोन देने जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की संचार क्रांति योजना (स्काई) देश में अपनी तरह की पहली योजना है। इसके अंतर्गत राज्य में दो चरणों में 50 लाख से ज्यादा परिवारों को स्मार्ट फोन वितरित किए जाएंगे। राज्य सरकार अपनी इस योजना के जरिए छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल भारत अभियान को सफल बनाने के लिए वचनबद्ध है। योजना के जरिए राज्य में संचार क्रांति के सपने को भी साकार किया जा सकेगा। योजना के तहत मिलने वाले स्मार्ट फोन से शासन की हर जानकारी अब आम जनता की उंगलियों पर होगी।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज शाम यहां उनके निवास कार्यालय के केबिनेट कक्ष में मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्रियों और संसदीय सचिवों के समक्ष संचार क्रांति योजना का प्रस्तुतिकरण दिया गया। इसमें बताया गया कि योजना के तहत राज्य के 17 हजार गांवों तक 4-जी हाईस्पीड मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ेगी। संचार क्रांति योजना के लिए राज्य सरकार द्वारा एक हजार 467 करोड़ 90 लाख रूपए का बजट स्वीकृत किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने का राज्य सरकार का यह अपने आप में एक अनोखा प्रयास है। देश के किसी भी राज्य में अब तक ऐसा प्रयास नहीं हुआ है। उन्होंने कहा-हमारी यह योजना देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल हो सकती है। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश की आम जनता की जरूरतों के अनुरूप संचार क्रांति योजना बनाकर इसके क्रियान्वयन के लिए समयबद्ध और चरणबद्ध कार्य योजना तैयार की है।
प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि संचार क्रांति योजना (स्काई) छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) द्वारा संचालित की जाएगी। इसके अंतर्गत 50 लाख से ज्यादा लोगों को निःशुल्क स्मार्ट फोन और एक सिम कार्ड का वितरण किया जाएगा। इनमें से 40 लाख हितग्राही ग्रामीण परिवारों के और पांच लाख हितग्राही शहरी गरीब परिवारों के होंगे। शेष पांच लाख स्मार्ट फोन कॉलेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का यह अपने-आप में एक अनोखा प्रयास है। अब तक देश के किसी भी राज्य में मोबाइल फोन के नेटवर्क को बढ़ाने के लिए ऐसा प्रयास नहीं हुआ है। इस प्रकार छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो अपने नागरिकों को स्मार्ट फोन देने के साथ-साथ मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने का भी प्रयास कर रहा है।
योजना के तहत राज्य के 90 प्रतिशत परिवारों तक शासन के जनकल्याणकारी विकास कार्यक्रमों की जानकारी पहुंचेगी और लगभग 17 हजार गांवों तक 4-जी हाईस्पीड कनेक्टिविटी का विस्तार होगा। इस मोबाइल फोन के जरिए किसानों को अपनी फसलों के लिए बाजार से संबंधित महत्वपूर्ण सूचनाएं आसानी से मिलेंगी। मौसम का पूर्वानुमान भी इसमें मिल सकेगा। लेन-देन में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय में भी वृद्धि होगी। साथ ही योजना के हितग्राहियों को बैंकों की वित्तीय सेवाओं का भी त्वरित लाभ मिल सकेगा। योजना के तहत जिन 50 लाख से ज्यादा हितग्राहियों को स्मार्ट फोन दिए जाएंगे, उनमें 45 लाख फोन संबंधित परिवारों की महिला मुखिया को मिलेंगे। इससे महिला सशक्तिकरण के अभियान को भी नई ऊर्जा मिलेगी। संचार क्रांति योजना के स्मार्ट फोन को प्रधानमंत्री जन-धन योजना, आधार से भी जोड़ा जाएगा और इसके जरिए शासकीय योजनाओं के हितग्राहियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) का फायदा मिलेगा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 की सामाजिक आर्थिक जनगणना के अनुसार छत्तीसगढ़ में मोबाइल फोन का घनत्व सबसे कम है। ग्रामीण क्षेत्रों में सिर्फ 29 प्रतिशत परिवारों के पास फोन है, जबकि देश में मोबाइल फोन उपलब्धता औसत 72 प्रतिशत है। राज्य के दस जिलों में 50 प्रतिशत से भी कम नेटवर्क कव्हरेज है, वहीं चार ऐसे जिले हैं, जहां यह कव्हरेज 15 प्रतिशत से भी कम है। इन तथ्यों को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ संचार क्रांति योजना का आगाज किया जा रहा है। इसके लिए मोबाइल टावर्स भी लगाने का प्रावधान किया गया है।
::/fulltext::रायपुर : मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज शाम यहां उनके निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में दो विधेयकों के प्रारूपों का अनुमोदन किया गया। इनमें गौशाला तथा एनिमल होल्डिंग प्रिमाईसेस (काउकेचर सहित) की स्थापना के लिए भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 की उपधारा-1 में संशोधन विधेयक तथा छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।
मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद डॉ. सिंह की अध्यक्षता में दो अन्य बैठकें केबिनेट कक्ष में अलग से आयोजित की गई। इनमें से एक बैठक में संचार क्रांति योजना (स्काई) के प्रावधानों के बारे में मंत्रियों और संसदीय सचिवों के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिया गया। इसके बाद की बैठक में राज्य सरकार की नवीन पेंशन योजना का भी प्रस्तुतिकरण हुआ, जिसमें बताया गया कि यह योजना वर्ष 1998 और वर्ष 2007 की सर्वे सूची में शामिल गरीबी रेखा श्रेणी के परिवारों के 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के वृद्धजनों तथा 18 वर्ष से ज्यादा उम्र की विधवा और परित्यक्त महिलाओं के लिए प्रस्तावित है।
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