Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
इस बार गांव के सभी ग्रामीणों ने बैठक कर निर्णय लिया है कि आने वाले विस चुनाव के सभी ग्रामीण मिलकर बहिष्कार करेंगे।
गरियाबंद । राज्य की रमन सरकार विकास के दावों के ताल ठोक रही है। सरकार का दावा है कि आज हर गली-मुहल्ले में पक्की सड़क बन गई है, वहीं सरकार के विकास के दावों की पोल जामगुरियापारा के स्कूली बच्चे खोलते नजर आ रहे हैं। यहां स्थिति यह है कि जामगुरिया पारा के प्राथमिक शाला में पढ़ने वाले 30 स्कूली बच्चे हर रोज आधा किलोमीटर कीचड़ युक्त पगडंडी सड़क को पार कर स्कूल जाने को मजबूर हैं। स्थिति यह है कि बच्चों का पैर पूरी तरह से कीचड़ में धंस जाता है।
इसके बाद भी शिक्षा पाने के लिए मजबूरीवश बच्चे ऐसे कीचड़युक्त और दलदली मार्ग से गुजरकर स्कूल पहुंचकर पढ़ाई करने को मजबूर हो गए हैं। मामले में स्कूली बच्चों का भी कहना है कि उन्हें हर रोज इस तरह की परिस्थितियों से जूझकर ही स्कूल जाना पड़ता है। बच्चों की माने तो स्कूल तक पहुंचने के लिए गांव में एक मात्र सड़क है, वो भी कीचड़ से पट गया है। इसी के चलते ही सभी बच्चे इसी रास्ते से गुजरने को मजबूर हैं।
शिक्षक नाला पार कर पहुंचते हैं स्कूल
प्राथमिक शाला जामगुरियापारा के प्रधानपाठक भंवर सिंग शांडिल्य बताते हैं कि स्कूल खुले लगभग 18 साल हो चुके हैं। यहां आज तक स्कूल के लिए सड़क की व्यवस्था नहीं की गई है। शांडिल्य के मुताबिक वे पिछले चार साल से स्कूल में पदस्थ हैं। ऐसे में वे भी हमेशा उच्चाधिकारियों को स्कूल के सड़कविहीन होने की जानकारी देते आए हैं, लेकिन आज तक जिम्मेदारों ने इस मामले में किसी तरह का कोई कदम उठाना मुनासिब नहीं समझा है।
प्रधानपाठक के मुताबिक स्कूल में उनके अलावा एक और शिक्षक पदस्थ हैं। ऐसे में दोनों शिक्षकों नाला के सामने दुपहिया रखकर नाला पार कर स्कूल पहुंचने को मजबूर हैं। वहीं मामले में गांव के पारेश्वर बिसी के साथ ही अन्य ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के चार महीने बच्चे हमेशा कीचड़ से सनी सड़क से चलकर स्कूल पहुंचने को मजबूर हो जाते हैं।
विस चुनाव का ग्रामीण करेंगे बहिष्कार
गांव के टेकलाल बिसी, तुलाराम नागेश का कहना है कि पिछले दस सालों से लगातार सुराज के साथ ही अधिकारी वर्ग को आवेदन कर वस्तुस्थिति से अवगत करवाते आ रहे है। इसके बाद भी आज तक उनकी मांगों पर किसी ने विचार करना उचित नहीं समझा है। ऐसे में इस बार सभी गांव के लोग शासन-प्रशासन के जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली से नाराज हो गए है। ग्रामीणों की माने तो जिस शासन के पास उनकी समस्याओं को सुनने का समय नहीं है, तो ऐसी सरकार चुनने या नहीं चुनने का क्या मतलब रह गया है।
वहीं इस बार गांव के सभी ग्रामीणों ने बैठक कर निर्णय लिया है कि आने वाले विस चुनाव के सभी ग्रामीण मिलकर बहिष्कार करेंगे। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि जो भी नेता वोट मांगने आएगा, उसे गांव की सड़कों को दिखाकर विकास के विषय में पूछा जाएगा। 'सरकार के विकास के दावे छलावे हैं। सरकार कहती कुछ है और करती कुछ है। आज जामगुरियापारा स्कूल के बच्चे कीचड़युक्त सड़क से होकर स्कूल पहुंचने को मजबूर हैं। ऐसे में सरकार को जामगुरियापारा आकर अपने विकास की सच्चाई स्कूली बच्चों से पूछनी चाहिए।" - सुखचंद बेसरा, अध्यक्ष, कांग्रेस कमेटी देवभोग
- आपके माध्यम से मामले की जानकारी मिली है। मैं संबंधित अधिकारी से जानकारी लेकर जल्द ही वहां सड़क बनवाता हूं, वहीं स्कूली बच्चों के साथ ही ग्रामीणों की समस्या को जल्द ही दूर किया जाएगा।
::/fulltext::रायपुर। आईएएस की नौकरी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए ओपी चौधरी चुनौती देकर फंस गए हैं। उन्होंने चुनौती दी थी कि दंतेवाड़ा जमीन घोटाले में वह खुली बहस को तैयार हैं। इसके जवाब में अगले ही दिन आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक डॉ.संकेत ठाकुर ने एलान कर दिया कि वे बहस के लिए तैयार हैं। इसके बाद ओपी चौधरी खामोश हो गए हैं। अब तक उन्होंने आप की चुनौती पर कोई जवाब नहीं दिया है। अब ओपी इस मामले में बात करने को तैयार भी नहीं हैं।
आम आदमी पार्टी ने अब ओपी के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। संकेत ठाकुर ने कहा है कि ओपी के जमीन घोटाले के बाद दंतेवाड़ा में उनके कलेक्टर रहते दूसरे घोटाले भी सामने आ रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि शिक्षा विभाग में किए गए घोटालों के दस्तावेज उनके पास पहुंच गए हैं। जल्द ही सबूतों के साथ मीडिया के सामने ओपी की सच्चाई लाऊंगा। आम आदमी पार्टी ने सोशल मीडिया में मुहिम छेड़ दी है। पूर्व सीबीआई जज और आम आदमी पार्टी के विधानसभा उम्मीदवार प्रभाकर ग्वाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर ओपी पांच सवाल किए हैं और हां या नहीं में जवाब मांगा है।
::/fulltext::::/introtext::
रायपुर। भारत बंद को सफल बनाने के लिए रायपुर में कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह से ही सड़क पर उतर गए। शहर के बस स्टैंड और स्टेशन चौक इलाके में पहुंचकर कांग्रेस कार्यकर्ता दुकानें बंद करवाते दिखाई दिए। कांग्रेस के भारत बंद को व्यापरियों के सबसे बड़े संगठन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने अपना समर्थन दिया है।
चुनावी साल में व्यापरियों के इस समर्थन से भाजपा में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पूनिया ने तेल की कीमतों के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने से इंकार कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहले से ही वैट कम है, वहीं कांग्रेस के बंद पर रमन सिंह ने कहा कि किसी को प्रदर्शन से नहीं रोक सकते।
रायपुर। कांग्रेस ने सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया। इस महाबंद को लेकर छत्तीसगढ़ में पार्टी को बड़ी रणनीतिक सफलता मिली है। राज्य में व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स ने बंद को समर्थन दिया। चेंबर के समर्थन का ही असर रहा कि राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। यह संगठन अभी तक कांग्रेस से दूरी बनाता रहा था। ऐसे में चेंबर के सहयोग से इस बंद को सफल बनाकर राज्य में कांग्रेस ने रणनीतिक रूप से बड़ी सफलता हासिल की है। बंद की सफलता के लिए कांग्रेस नेताओं ने छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा से चर्चा की और चेंबर के पदाधिकारी व कार्यकर्ता राज्य में बंद के समर्थन में कांग्रेस के साथ सड़कों पर उतरे।
कांग्रेस को चेंबर से समर्थन की आशा कम ही थी। चेंबर के ज्यादातर पदाधिकारी भाजपा से जुड़े हैं। इससे पहले कई मुद्दों पर कांग्रेस ने बंद कराया। हर बार चेंबर ने समर्थन से इन्कार ही किया। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा- कांग्रेस जनता के साथ है और जनता कांग्रेस के साथ। भाजपा सरकार ने हमेशा जनता के साथ विश्वासघात किया है।
राहुल से मिले थे बरलोटा
10 अगस्त को प्रदेश कार्यालय राजीव भवन का लोकार्पण करने पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने व्यापार, स्वास्थ्य और मीडिया जगत के प्रमुख लोगों से मुलाकात की थी। चेंबर अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा भी राहुल से मिलने पहुंचे थे। इससे पहले 30 दिसंबर 2016 को कांग्रेस ने नोटबंदी के खिलाफ बंद बुलाया तो चेंबर ने समर्थन नहीं दिय। इसके बाद पांच दिसंबर 2017 को कांग्रेस ने शिक्षाकर्मियों के समर्थन में बंद की घोषणा की तब भी चेंबर ने साथ नहीं दिया था।
::/fulltext::