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अंबिकापुर. बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कल संभाग की सभी चौदह विधानसभा सीटों के उन बूथ प्रभारियो से संवाद करेंगे जो कि वास्तविकता में मतदान के दिन तक सीधी जंग लड़ते हैं।संभाग के करीब 35 हजार बूथ प्रभारी से अमित शाह करीब डेढ घंटे संवाद करेंगे।
भाजपा को पंद्रह बरस हो चुके हैं, और चौथी बार सत्ता हासिल करने की यह क़वायद है। दरअसल यह बात महसूस की गई है कि, संगठन की नींव जो सत्ता तक पहुँचाती है वह बूथ प्रभारी ही है। संगठन की सोच है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से होने वाला संवाद दरअसल इन बूथ प्रभारियो के लिए बूस्ट अप का काम करेगा।
अमित शाह पार्टी के लिए संजीवनी तलाशने और उसका प्रभावी उपयोग करने में माहिर माने जाते हैं, इस लिहाज़ से यह उम्मीद है कि जीत और सत्ता तक पहुँचाने वाले वास्तविक योद्धाओं याने बूथ पेरभारियो से यह संवाद उस उत्तर छत्तीसगढ में बीजेपी की राह बेहतर करेगा जहाँ पिछली बार सूपड़ा साफ़ के हालात हैं।
अमित शाह सुबह साढ़े ग्यारह बजे विशेष विमान से दरिमा पहुँचेंगे, दरिमा से हैलिकॉप्टर से पीजी कॉलेज मैदान पहुँचेंगे और वहाँ से डॉ रमन सिंह के साथ कला केंद्र मैदान पहुँचेंगे, जहाँ वे सभा से संवाद करेंगे।
अमित शाह दोपहर का खाना खाने के बाद बिलासपुर निकलेंगे। बिलासपुर में भी भाजपा ने संभाग स्तरीय बूथ प्रभारीयो की बैठक रखी है।
रायपुर. छत्तसीगढ़ में चुनाव के मद्देनजर AICC की तरफ से दो महत्वपूर्ण नियुक्तियां की गयी है। ये दोनों नियुक्तियां मीडिया प्रभारियों की हुई है। कल देर शाम ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर जयवीर शेरगिल और राधिका खेरा को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का मीडिया प्रभारी नियुक्त किया गया है।
जयवीर शेरगिल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और राष्ट्रीय न्यूज चैनलों में डिबेट में शामिल होते रहे हैं। शेरगिल जालंधर के रहने वाले हैं। शेरगिल पेशे से वकील भी हैं।
वहीं प्रियंका चतुर्वेदी को मध्यप्रदेश का मीडिया प्रभारी बनाया गया है। प्रियंका कांग्रेस की तेज तर्रार प्रवक्ता के साथ-साथ टीवी डिबेट में भाग लेती रहती है।
::/fulltext::मुंगेली. यहां से एक ऐसा मामला निकलकर सामने आया है जिसे जानकर आपको भी एक पल के लिए हैरानी होगी. जैसा की हमें कुछ पल के लिए इसे सुनकर लगा. दरअसल कुछ लोग अपने आप को जीवित यानि जिंदा होने का प्रमाण देने के लिए भटक रहे है. ये सब प्रशासन की अजब-गजब कारनामें की वजह से हो रहा है. प्रशासन ने एक दो नहीं बल्कि दर्जनों जीवित व्यक्ति को मृत करार दिया है. जी हां हम बात कर रहे है मुंगली जिले के पथरिया विकासखण्ड के डांड़गांव की. जहां पंचायत की लापरवाही से 10 से 15 व्यक्तियों को मृत घोषित कर दिया गया है. जिससे पीड़ित व्यक्ति अपने जीवित होने के प्रमाण लेकर दर-दर भटकने को मजबूर है. ऐसे में इनको शासकीय रिकार्ड में मृत बताने की वजह से इन्हें शासन की किसी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं मामले पर जनपद के सीईओ ने जिला पंचायत को निलंबन करने का प्रस्ताव भेजा है, लेकिन कार्रवाई ठंडे बस्ते में होने की वजह से अधिकारियों के ऊपर प्रश्न चिन्ह लग रहे है.
इस गांव में पंचायत की लापरवाही से 15 जीवित व्यक्तियों को शासकीय रिकार्ड में मृत बता दिया गया. जिससे पीड़ित व्यक्ति अपने जीवित होने का प्रमाण के लिए विभागों के चक्कर काट रहे है. जहाँ लापरवाही का ऐसा आलम की पीएम आवास योजना के तहत पात्र हुए जीवित हितग्राहियों को मृत बताकर अपात्र कर दिया गया. अपने घर में अपनी पत्नी के साथ बैठा यह व्यक्ति नाम गौतम घोषले है जो आम लोगों की तरह चल फिर उठ बैठ, आना जाना कर सकता है. दिखने में जीवित है लेकिन पंचायत ने इसे मृत घोषित कर दिया है. तबसे गौतम घोषले अपने जीवित होने का प्रमाण के लिए विभाग के चक्कर काट रहा है. यहां तक इसने जनदर्शन में भी शिकायत की है, लेकिन अब तक इसका निपटारा नहीं हो सका.
ऐसा नहीं है कि गांव में अकेले गौतम घोषले ही को पंचायत ने मृत बताया बल्कि 1 नहीं पूरे 15 व्यक्तियों को शासकीय रिकार्ड में पंचायत ने मृत घोषित कर दिया है. पीड़ितों को जानकारी तब हुई जब ग्राम पंचायत सभा में सरपंच व सचिव ने यह कह दिया कि पंचायत के कहने में उन्हें मृत किया गया है. जिसके बाद से आज तक पीड़ित व्यक्ति अपने जीवित होने का प्रमाण लेकर विभागों के चक्कर काटने को मजबूर है. मामले की जानकारी लेने जब हम पंचायत के सचिव के पास पहुंचे तब उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत में सभी के कहने से उनसे त्रुटि हो गई है. जिसको सुधारने के लिए शासन स्तर पर भेज दिया गया है.
वहीं मामले की जांच भी पथरिया जनपद के द्वारा कराई गई. जिसमें पंचायत के सचिव को दोषी पाया गया. जिसके बाद जनपद सीईओ जिला पंचायत सीईओ को निलंबन का प्रस्ताव भी भेजा था, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में है. मामले की जानकारी जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर के पास हम लेकर पहुंचे तो साहब ने त्रुटि होने पर जांच का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया. वहीं निलंबन के प्रस्ताव उनतक नहीं पहुंचने की बात करते हुए बताया इसकी जानकारी जनपद सीईओ से ली जाएगी उसके बाद कार्रवाई की जाएगी.
मामले पर कार्रवाई के नाम पर अधिकारियों की उदासीनता उनके ऊपर प्रश्न चिन्ह लगा रहे है. जिन हितग्राहियों को मृत बताया गया अगर ऐसी लापरवाही नहीं होती तो आज उन्हें पीएम आवास योजना का लाभ मिलता. जिससे उन्हें टूटी फूटी झोपड़ियों में रहने की जरूरत नहीं होती. आज उन्हें जीवित होने का प्रमाण के लिए दर-दर भटकने की जरूरत नहीं होती और उन्हें शासन की योजनाओं से वंचित नहीं होना पड़ता. अब देखना यह होगा कि इस मामले क्या कोई कार्रवाई होती है या फिर यह सिलसिला यूं ही बदस्तूर जारी रहेगा.
::/fulltext::साल 2019 के लोकसभा चुनाव के महासमर से पहले देश के पांच राज्यों में चुनावी शंखनाद हो चुका है। आम चुनावों से पहले सेमीफाइनल कहे जा रहे इस चुनाव में भाजपा शासित तीन राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश पर देशभर की नजरें टिकी हुई हैं। कांग्रेस जहां इन चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर 2019 के लिए अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है, वहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के आसार हैं।
इस चुनाव में भाजपा शासित 3 राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश पर देशभर की नजरें टिकी हुई हैं। इन राज्यों में सत्ता किसके पास जाएगी यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन अलग-अलग सर्वे में कहीं भारतीय जनता पार्टी, कहीं कांग्रेस तो कहीं किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। कांग्रेस जहां इन चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर 2019 के लिए अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है, वहीं भाजपा सत्ता बरकरार रख देशभर के मतदाताओं को संदेश देना चाहती है।
टीवी चैनल न्यूज नेशन के ताजा सर्वे के मुताबिक, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनती दिखाई दे रही है। वहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के आसार हैं। हालांकि दोनों राज्यों में भाजपा ही सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। ऐसे में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तीसरा मोर्चा निर्णायक भूमिका में आ सकता है। सर्वे के मुताबिक, मध्य प्रदेश में भाजपा को 109 से 113 सीटें और कांग्रेस को 107 से 111 सीटें मिल सकती हैं।
छत्तीसगढ़ में भाजपा को 43 से 47, कांग्रेस को 36 से 40 सीटें, जेसीसी को 3 से 7 सीटें और अन्य को 1 से 3 सीटें मिलने के आसार हैं। राजस्थान में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। भाजपा को यहां 71 से 75 सीटें, कांग्रेस को 113 से 117 सीटें और अन्य को 10 से 14 सीटें मिल सकती हैं।