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रायपुर,26 जून 2018। संविलियन पर सरकार की सहमति की घोषणा के बाद सामने आ रही नियम शर्तें शिक्षाकर्मियो में नई बेचैनी पैदा करने लगी है। सरकार ने जब संविलियन को मंज़ूरी दी तब ही यह संकेत थे कि, यह संविलियन इतना भी सरल सहज नही होने वाला, इसमें अंतर्निहित शर्तें कई ऐसी परिस्थितियाँ पैदा करेंगी कि शिक्षाकर्मी खुद सोचें कि संविलियन को स्वीकारे भी या नही स्वीकारें। हालांकि, ट्रांसफर कराने वाले शिक्षाकर्मियों की संख्या बेहद कम है। इसमें उन्हें ज्यादा नुकसान होगा, जो नौकरी की चाह में कम प्रतिस्पर्धा वाले दूरस्थ जिलों में अप्लाई कर शिक्षाकर्मी बन गए और बाद में हाई लेवल का एप्रोच लगाकर अपने घर के पास ट्रांसफर करा लिया।
सरकार ने संविलियन के विषय को लेकर जो पत्र जारी किया है, उसमें यह विकल्प भी रखा है कि, जो शिक्षाकर्मी संविलियन नही चाहते वे पंचायत कर्मी ही माने जाएँगे और वे शिक्षा विभाग के कर्मचारी नही होंगे।
संविलियन को लेकर यह पत्र स्पष्ट करता है कि वरिष्ठता का आंकलन स्थानांतरण की तिथि से होगा, इसका मतलब यह है कि, यदि कोई शिक्षाकर्मी शंकरगढ ब्लॉक में चयनित हुआ और उसने अपना स्थानांतरण अंबिकापुर ब्लॉक करा लिया तो उसकी वरिष्ठता शंकरगढ से नही बल्कि अंबिकापुर की पदस्थापना से गिनी जाएगी, ज़ाहिर है ऐसे कई शिक्षाकर्मी है जिन्होंने सुविधाजनक पोस्टिंग का जुगाड़ लगाया, अब वो ट्रांसफ़र शिक्षाकर्मी बनने के दो साल बाद हुआ या पाँच साल बाद वरिष्ठता की गिनती का पहला दिन शुरु होगा उनकी नई पदस्थापना से।
संविलियन का यह पत्र कहता है संविदा शिक्षकों का संविलियन 2005 में हुआ था अत: उनकी वरिष्ठता 2005 की होगी। संविलियन की शर्त में एक शर्त और अहम है, इस बात की जाँच होगी कि कितने अदालती मुक़दमे, लंबे समय से अनुपस्थिति के कितने मामले और विभागीय जाँच का क्या ब्यौरा है। संविलियन में इन तथ्यों की भी अहम भुमिका रहेगी। संविलियन बड़ी माँग थी और ज़ाहिर है सरकार की बड़ी घोषणा भी, पर सरकार तो सरकार है, नियम शर्त कुछ ऐसे है कि बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होंगे, तो ज़ाहिर है प्रभावी संख्या उनकी भी होगी जो लाभान्वित होंगे। और जो लाभान्वित होंगे वे किसी सूरत नही चाहेंगे कि नियम शर्तों में रद्दोबदल हो या नियम शर्तों में कोई विरोध हो। नतीजतन आने वाला समय निश्चित तौर पर नज़ारे से लबरेज़ रहेगा।
::/fulltext::रायपुर 26 जून 2018। अजीत जोगी अब पूरी तरह फिट हो गए हैं। मेदांता अस्पताल से छुट्टी के बाद अब उनका फिजियोथेरेपी चल रहा है। माना जा रहा है कि अगले 7 से 10 दिन के भीतर वो रायपुर भी लौट सकते हैं। आज उनकी एक तस्वीर सामने आयी है, जो फिजियोथेरेपी के दौरान की है, जिसमे वो टेबल टेनिस खेलते हुए नज़र आ रहे हैं। खेलों में अजीत जोगी की गहरी रुचि रही है, वो हॉकी सहित अन्य खेलों व घुड़सवारी काफी शौक रखते थे।
आपको बता दें कि रविवार को भी एक तस्वीर सामने आई थी, जिसमे वो पार्टी के शीर्ष नेताओ के साथ नज़र आ रहे थे। दिल्ली के इंडियन इस्पाइनल इंजुरी सेंटर में स्वास्थ्य लाभ ले रहे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जे के अध्यक्ष अजित जोगी लगातार छत्तीसगढ़ के नेताओ से मिल रहे है, आज इसी कड़ी में जेसीसी-जे के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता धर्मजीत सिंह,विधायक सियाराम कौशिक, जेसीसी जे के प्रवक्ता नितिन भंसाली, सूर्यकांत तिवारी ओर समीर एहमद बबला ने जोगी जी से मुलाकात कर चर्चा करते हए छत्तीसगढ़ के राजनीतिक हालातो से अवगत कराया, जेसीसी जे प्रवक्ता नितिन भंसाली ने बताया कि छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता की दुआ ओर आशीर्वाद से जोगी जी के स्वास्थ्य में तेज़ी से सुधार हो रहा है और वे बोहत जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर छत्तीसगढ़ लौटेंगे, आज की चर्चा में मरवाही विधायक अमित जोगी भी मौजूद थे।
::/fulltext::मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के रायपुर निवास में 28 जून को ’जनदर्शन’ कार्यक्रम नहीं होगा। मुख्यमंत्री 28 तारीख को राजनांदगांव जिले के दौरे पर रहेंगे। इस वजह से रायपुर में उनका जनदर्शन कार्यक्रम स्थगित किया गया है।
::/fulltext::मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से आज यहां उनके निवास कार्यालय में नागालैण्ड के नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक श्री टी.जे. लांगकुमेर ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें इस नई जिम्मेदारी के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।
उल्लेखनीय है कि श्री लांगकुमेर भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी, छत्तीसगढ़ सरकार के अपर पुलिस महानिदेशक के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने अपने अब तक के सेवाकाल के 20 वर्ष छत्तीसगढ़ राज्य को दिए। केन्द्र सरकार ने हाल ही में उन्हें पुलिस महानिदेशक के रूप में नागालैण्ड में पदस्थ किया है। उन्होंने अपनी अधिकांश सेवाएं छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में दी है। श्री लांगकुमेर तत्कालीन अविभाजित मध्यप्रदेश के शिवपुरी में सशस्त्र बल की 18वीं बटालियन के कमाण्डेंट और दंतेवाड़ा तथा छतरपुर जिलों के पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं।
श्री लांगकुमेर को छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद उन्हें बस्तर में पुलिस अधीक्षक, कांकेर में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की प्रथम बटालियन के कमाण्डेंट, और डीआईजी, एसटीएफ में डीआईजी, बस्तर और सरगुजा रेंज में पुलिस महानिरीक्षक के रूप में भी पदस्थ किया गया था। इस प्रकार श्री टी.जे. लांगकुमेर ने 17 बस्तर इलाके में और तीन वर्ष सरगुजा पुलिस रेंज में अपनी सेवाएं दी। उन्होंने अपने कार्यकाल में प्राप्त मार्गदर्शन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक श्री ए.एन. उपाध्याय तथा सहयोग के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों और प्रदेशवासियों के प्रति आभार प्रकट किया।
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