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बिलासपुर 18 मई 2018। शिक्षाकर्मियों की एकता अब चट्टानी होती जा रही है। खासकर कमेटी के टालमटोल के रवैये ने तो मोर्चा की मजबूती में नयी जान ला दी है। यूं तो हाल के कई अभियानों की बदौलत शिक्षाकर्मियों की चल रही संविलियन की मुहिम आमलोगों से जुड़ती जा रही है, लेकिन आज का प्रयोग बेहद अनूठा था। संविलियन चाय चर्चा नाम से आज शिक्षाकर्मी मोर्चा ने मुहिम शुरू की। मकसद आम शिक्षाकर्मियों को साथ जोड़ना तो था ही, साथ ही साथ संविलियन और शिक्षाकर्मियों की मांगों को लेकर आम शिक्षाकर्मियों की जिज्ञासा को भी शांत करना था। लिहाजा आज पूरे प्रदेश भर में शिक्षाकर्मी मोर्चा ने अनूठा अभियान चलाया। बिलासपुर में खुद जहां मोर्चा के प्रांतीय संचालक संजय शर्मा अपने मीडिया प्रभारी विवेक दुबे व अन्य सीनियर पदाधिकारी और आम शिक्षाकर्मी के साथ संविलियन चाय चर्चा के दौरान मौजूद रहे..तो वहीं पूरे प्रदेश के अलग-अलग जिला व ब्लाक मुख्यालयों में भी मोर्चा के पदाधिकारियों ने चाय पर संविलियन और शिक्षाकर्मियों के मुद्दे पर चर्चा की। खास बात ये कि इस मुहिम का हर जगह से फेसबुक लाइव किया गया है, ताकि आम शिक्षाकर्मी इसमें जुड़ सकें। फेसबुक लाइव के जरिए न केवल हजारों शिक्षाकर्मियों ने देखा बल्कि देखते ही देखते मात्र आधे घंटे के अंदर हजार से अधिक कमेंट आ गए जो कि कार्यक्रम की सफलता को बताता है।
शिक्षाकर्मी मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने आज 5 से 5:30 बजे अपने साथियों के साथ चाय पर चर्चा कार्यक्रम का ऐलान कर रखा था जिसका फेसबुक लाइव होना भी तय था, ठीक साढ़े 5 बजे संजय शर्मा कोन्हेर गार्डन से लाइव हुए, जिसके बाद प्रदेशभर के शिक्षाकर्मियों के कमेंट्स का जो सिलसिला चालू हुआ वह अंत तक नहीं थमा। यहां तक कि कई शिक्षाकर्मियों ने कार्यक्रम के टाइम को बढ़ाने की भी अपील की ।
कार्यक्रम में शिक्षाकर्मियों ने खासतौर पर शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की वेतन विसंगति, शिक्षाकर्मियों की क्रमोन्नति, पदोन्नति और समय पर वेतन भुगतान न होने को लेकर सवाल पूछे साथ ही सैकड़ों शिक्षाकर्मियों ने सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोलने की रणनीति की तारीफ करते हुए आगे और आक्रामक रुख अपनाने की अपील की ।
इधर 26 मई को शिक्षाकर्मियों का संकल्प सभा कार्यक्रम पहले से ही प्रस्तावित है जिसमें प्रदेश भर के 90 विधानसभा में शिक्षाकर्मी एकजुट होकर सरकार के विरुद्ध अपनी संविलियन की लड़ाई को और तेज करेंगे और किसी भी कीमत पर संविलियन प्राप्त करने के लिए संकल्प लेंगे। आज के कार्यक्रम में प्रदेश संचालक संजय शर्मा के अलावा प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रांतीय महासचिव संजय उपाध्याय, प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक दुबे, प्रांतीय संगठन मंत्री वासुदेव पांडे, बिलासपुर जिला अध्यक्ष संतोष सिंह, कोरबा जिला अध्यक्ष मनोज चौबे, करीम खान, डॉ मुकेश पांडे, डॉ अखिलेश तिवारी, मोनीष कौशिक, निर्मल कौशिक, राजेश पांडे, चंद्रकांत पांडे, प्रमोद शर्मा कौस्तुभ पांडे, प्रदीप पांडे, सुनील पांडे, जय कौशिक, नीलिमा पाठक, पूजा गौरहा, प्रीति शर्मा, कमल नारायण गौरहा, आशीष यादव, प्रणव तिवारी, रविंद्र घोरे, सुरेश कौशिक, इंद्रकांत सोलखे, साधेलाल पटेल, कमलेश साहू सूरज क्षत्रीय,खूबचंद क्षत्रीय, शिवकुमार चंद्राकर, आलोक पांडे, डॉ अजीत तिवारी, रविंद्र शर्मा, सुशील कैवर्त, देवकुमार पारकर, तेज नारायण शास्त्री सुमित शर्मा इत्यादि शामिल थे ।
::/fulltext::कोरबा। मिडिल स्कूलों में हेडमास्टर के रिक्त पद पर भर्ती के लिए 289 उच्च श्रेणी शिक्षक को पदोन्नति का लाभ देने के लिए काउंसलिंग की गई। 77 शिक्षक ने पदोन्नति लेने से इनकार कर दिया है। मनचाहा जगह में पहले से ही जमे होने की वजह से अधिक वेतन को ठुकरा दिया है। 200 स्कूल में हेडमास्टर के पद अब भी खाली हैं। दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के पदस्थ होने से इनकार करने के कारण स्कूली कामकाज व अध्यापन प्रभावित होता है। स्कूलों में कार्यालयीन व अध्यापन व्यवस्था को नियंत्रित रखने के लिए हेडमास्टर की नियुक्ति आवश्यक है। 300 मिडिल स्कूल में वैकल्पिक हेडमास्टर के भरोसे स्कूलों को संचालन हो रहा था। नवीन शैक्षणिक सत्र 2018.19 में शिक्षा व्यवस्था दुरूस्त रखने के लिए 289 उच्च श्रेणी शिक्षक को पदोन्नति दी गई।
पदोन्नति के पश्चात शिक्षकों को उनके पसंदीदा जगह चयन करने के लिए काउंसलिंग भी की गई। जिनमें 21 शिक्षक अनुपस्थित रहे। पदस्थाना के लिए पहुंचने वाले 268 शिक्षक ने पदोन्नति नहीं ली। पदोन्नति नहीं लेने वालों में ऐसे शिक्षकों की तादाद अधिक हैए जो पहले से अपने गृह ग्राम अथवा आसपास के गांव में यूडीटी शिक्षक के तौर पर पदस्थ हैं। शिक्षकों के पदोन्नति से इनकार के चलते स्कूलों की दशा पूर्ववत बनी हुई है। प्रभावित स्कूलों में सड़क विहीन स्कूल अधिक हैं।
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दिलीप साहू, बेमेतरा. ज्यदातर वीआईपी अपना जन्मदिन किसी 5 स्टार होटल या फिर बड़ी जगह पर मनाना पसंद करते है. लेकिन इन सबके बीच एक वीआईपी ऐसा भी है जिसने अपना जन्मदिन न सिर्फ गांव में जाकर ग्रामीणों के साथ केक काटकर मनाया है बल्कि उनके साथ ही पूरी रात गुजारते हुए उनकी समस्याओं का समाधान भी किया. हम बात कर रहे कि बेमेतरा कलेक्टर महादेव कावरे की. जिनका शुक्रवार को जन्मदिन था. लेकिन वे अपना जन्मदिन किसी बड़े स्थान या होटल में मनाने नहीं पहुंचे, बल्कि उन्होंने बेमेतरा के ग्राम पंचायत घोघरा में ग्रामीणों के साथ केक काटकर मनाया.
बतादें कि शुक्रवार को बेमेतरा कलेक्टर महादेव कावरे का जन्मदिन था. जन्मदिन के अवसर पर कावरे को शुभकामना और बधाई देने वालों का दिन भर तांता लगा रहा. लेकिन जैसे ही शाम हुई तो कलेक्टर कावरे कुछ अधिकारियों के साथ ग्राम पंचायत घोघरा पहुंच गये और वहां पर चौपल लगाकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनी. इस बीच कुछ ग्रामीणों ने पटवारी रोशन जंघेल के द्वारा हर काम के लिए पैसों की मांग करने का आरोप लगया है. जिस पर कावरे ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल पटवारी को निलंबित कर दिया. साथ ही कावरे ने ग्राम पंचायत के विकास के लिए 15 लाख रुपये की भी स्वीकृत दी है.
बाद में ग्रामीणों के द्वारा केक काटकर कलेक्टर का जन्मदिन मनाया गया. वही कलेक्टर को साथ पाकर ग्रामीण बहुत खुश थे. चौपाल के बाद कलेक्टर महादेव कावरे ने ग्राम पंचायत भवन में रात्रि विश्राम भी किया. कलेक्टर के साथ बेमेतरा जिला पंचायत सीईओ एस.आलोक, अपर कलेक्टर केएस मंडावी, सीएएचएमओ सतीश शर्मा और परीक्षित चौधरी ने भी ग्राम पंचायत में रात्रि विश्राम किया.
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कांसाबेल. विकास यात्रा पर निकले मुख्यमंत्री रमन सिंह ने यहां एक विशाल सभा को संबोधित किया. मुख्यमंत्री ने पत्थरगड़ी को जवाब देते हुए कहा कि जशपुर विकासगड़ी है, क्योकि विकास सबको गले लगाता है, हमें इसे और मजबूत करना है. इससे पहले अपने भाषण की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जशपुर में जो परिवर्तन दिख रहा है, यहां के कलेक्टर ने कौशल उन्नयन में इस जिले को प्रदेश में नंबर वन बनाया है. इस कामयाबी से मेरा सीना भी चौड़ा हो जाता है. जेईई, 10वीं, 12वीं में जशपुर के बच्चों का प्रदर्शन कमाल का है. जशपुर की इच्छा शक्ति प्रबल है. फिर उन्होंने कहा कि वे इस मौके पर दिलीप सिंह जूदेव को याद करता हूं. जैसा उन्होंने सोचा था आज वैसा ही बन रहा है जशपुर. हमारी बहनें विकास की ओर बढ़ रही हैं. अद्भूत विकास का रास्ता खुला है. मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को रिक्शा बैठाने का साहस है जशपुर की बेटियों में है. राहुल गांधी से कहा का कि विकास खोजना है तो जशपुर देख लीजिए . उनके संसदीय क्षेत्र अमेठी से ज्यादा विकसित है हमारा जशपुर. मुख्यमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि उज्ज्वला योजना का लाभ सबसे ज्यादा जशपुर में मिला है. साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले समय में छूटे हुए लोगों को भी मिलेगा.आने वाले समय में हर घर में बिजली लगाकर देंगे कोई घर अंधेरे में नहीं रहेगा. कांग्रेस विकास खोजते रह जाएगी हम हर घर में उजाला ला देंगे. कांग्रेस के काल में गरीब और गरीब हो रहे थे, लोग कनकी कुटकी खाते थे भूख से मर जाते थे. फिर उन्होंने पूछा कांग्रेस ने कभी 1 रुपए किलो चावल और नमक की योजना चलाई थी. फिर उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को कांसबेल आने का न्योता देते हुए कहा कि यहां आकर विकास देख लें. मुख्यमंत्री ने स्मार्ट कार्ड योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने आम जनता को इलाज के लिए योजना बनाई, क्या कांग्रेस ने कभी इलाज के लिए 1 रुपए दिया. साथ ही आयुष्मान भारत योजना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अब देश के लिए इतनी बड़ी योजना लाई है, जिससे लोगों को गंभीर बीमारी के इलाज के लिए 5 लाख रुपए तक की राशि मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने मुझे मौका दिया इसलिए आप धन्यवाद के पात्र हैं. मैं विकास यात्रा पर नकिला हूं मैं 1700 करोड़ का बोनस बांटने निकला हूं इसलिए कांग्रेस दुखी है. और जब कांग्रेसियों के खाते में ये बोनस की राशि जाएगी तो सबसे पहले उसे निकाल कर खर्च करेंगे. कांग्रेस विरोध भी करेगी और बोनस की रकम पर मौज भी उड़ाएगी.
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