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बिलासपुर: कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के जलकी जमीन कब्जा मामले में हाईकोर्ट ने 10 दिन में आर्थिक अपराध शाखा से यह डिटेल देने कहा है कि उन्होंने रायपुर की पूर्व महापौर किरणमयी नायक की शिकायत पर क्या कार्रवाई की। दरअसल किरणमयी नायक ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाकर बताया था, कि बृजमोहन अग्रवाल ने जलकी गांव के आसपास की सैकड़ों एकड़ की वन भूमि पर कब्जा कर लिया है।
याचिका में यह भी उल्लेखित है कि यहां एक बांध है जिसका पानी अग्रवाल के फार्म हाउस में सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है। बांध के एक हिस्से को बाउंड्री से घेरा जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने चार साल पहले आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत की थी, लेकिन कोई जांच नहीं की गई।
इस याचिका पर हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में एडवोकेट जनरल से कहा था, कि वो पूरे मामले का डिटेल कोर्ट में पेश करें, लेकिन शुक्रवार को हुई सुनवाई में शासन की ओर से जवाब देने के लिए समय मांग लिया गया। इसी दौरान कोर्ट ने कहा 10 दिन में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई का ब्यौरा भी पेश करें।
::/fulltext::जनसम्पर्क संचालक श्री चन्द्रकांत उईके ने आज नया रायपुर के इन्द्रावती भवन स्थित जनसम्पर्क संचालनालय में पदभार ग्रहण किया। आयुक्त जनसम्पर्क और निवर्तमान संचालक श्री राजेश सुकुमार टोप्पो ने उन्हें संचालक पद का प्रभार सौंपा। उन्होंने नई जिम्मेदारी के लिए श्री उईके को बधाई और शुभकामनाएं दी।
पदभार ग्रहण करने के बाद श्री चन्द्रकांत उईके ने संचालनालय के अधिकारियों और कर्मचारियों का परिचय प्राप्त किया और उनके कामकाज के बारे में जानकारी प्राप्त की। ज्ञातव्य है कि श्री राजेश सुकुमार टोप्पो को आयुक्त जनसम्पर्क के पद पर पदोन्नत किया गया है। श्री टोप्पो जनसम्पर्क विभाग के विशेष सचिव भी हैं। श्री चन्द्रकांत उईके इसके पहले छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के सचिव के पद पर पदस्थ थे।
बीजापुर: बीजापुर में सर्चिंग के दौरान मिले प्रेशर बम को देखकर सब हैरान हो गए। दरअसल इस बार जीवन बचाने के लिए उपयोग में आने वाले चिकित्सकीय उपकरण को मौत देने वाले हथियार के रूप में तैयार कर जमींदोज किया गया। नक्सलियों ने पहली बार प्रेशर बम के रूप में मेडिकल इंजेक्शन सिरिंज में डेटोनेटर लगा कर नए कलेवर में प्रेशर बम का आविष्कार किया है। इससे पहले नक्सलियों द्वारा बनाये गए मोबाइल ऑपरेटेड लैंडमाइन, रेडियो बम, टाइम बम भी बरामद किए जा चुके हैं
सुरक्षा बल के जवानों को चकमा देने के लिए सारकेगुड़ा इलाके में जमीन के अंदर दो सिरिंज प्रेशर बम लगाए गए थे। जिसके संपर्क में आने से सुरक्षा बल के जवानों को क्षति हो सकती थी। गौरतलब है कि नक्सली लगातार नए नए तरीकों से जवानों को भ्रमित कर बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं। जिसमें लैंडमाइन नक्सलियों की सबसे बड़ी ताकत रही है। इसके साथ ही नक्सलियों ने रास्ते मे स्पाइकस् भी लगा रखे थे जिसे जवानों ने बरामद किया है।
::/fulltext::बलरामपुर: गत दिनों हुए नक्सल वारदात में आगजनी और अगवा के बाद पुलिसिया गश्त तेज हो गई है, लेकिन छह दिनों के बावजूद अब तक पुलिस प्रशासन को किसी प्रकार की कोई खास सफलता नहीं मिली है। अगवा सब इंजीनियर और मुंशी के परिजन लगातार मीडिया के माध्यम से नक्सलियों से उन्हें छोड़ने की मार्मिक अपील कर रहे हैं, लेकिन अभी तक नक्सलियों का दिल नहीं पसीजा है।
ज्ञात हो कि नक्सलियों ने 28 अप्रैल को दिनदहाड़े सड़क निर्माण का विरोध करते हुए निर्माण में लगे करोंड़ो रुपए के पांच वाहनों को फूंक दिया था। इसके बाद विभागीय सब इंजीनियर और दो सड़क मुंशी कुल तीन लोगों का अपहरण कर लिया। अगवे के दिन ही राजपुर निवासी मुंशी राजू गुप्ता को अपना फरमान भेजकर छोड़ दिया। जशपुर निवासी सब इंजीनियर पेत्रुस डुंगडुंग और बलरामपुर जिला के ग्राम पंचायत कण्डा निवासी सड़क मुंशी शंकरबिहारी को अब भी अपने कब्जे में रखा है।
हालांकि अभी तक यह मालूम नहीं चल सका है कि नक्सली दोनों लोगों का अपहरण कर शासन प्रशासन से क्या चाहते हैं। वहीं पुलिस के आला अधिकारियों ने लेवी वसूली के कारण वारदात को अंजाम देने की बात कही है। प्रशासन की ओर से परिजनों को सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। पुलिस ने आगजनी व अपहरण मामले में नक्सलियों के कमांडर विरसाय सहित करीब 40 लोगों पर केस दर्ज करने की बात भी कही है।
पीएमजीएसवाई योजना के तहत 15 करोड़ की लागत से 23 किलोमीटर तक बन रही इस सड़क निर्माण में पुलिस की मौजूदगी में निर्माण कराने के निर्देश थे। पुलिस की तैनाती में काम चल रहा था, लेकिन अपहरण वाले दिन पुलिस मौजूद नहीं थी। इसके कारण नक्सलियों को बड़ा मौका मिल गया। ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई है सिर्फ इलाके में सर्चिग की बात कही जा रही है। बलरामपुर एसपी भी घटना के बाद से सर्चिंग में है।
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