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रायपुर।तेज धूम और गर्मी से बेहाल राजधानीवासियों को सोमवार को देर शाम तक राहत मिलने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक सोमवार को दोपहर में गर्मी ज्यादा होगी, लेकिन शाम तक मौमस सुहाना हो सकता है। आसमान में बादल होने के साथ ठंडी हवाएं चल सकती हैं। गरज के साथ बौछारें भी पड़ सकती हैं।
- राजधानी में रविवार को सुबह आसमान में बादल थे इसलिए गर्मी कम पड़ी, लेकिन जैसे ही आसमान साफ हुआ, तेज धूप से तापमान बढ़ गया। कुछ देर बाद हल्के बादल नजर आए और तेज हवा ने गर्मी से थोड़ी राहत दे दी।
- मौसम विज्ञानियों के अनुसार राजधानी में सोमवार और मंगलवार को भी दोपहर में गर्मी रहेगी, लेकिन शाम को मौसम ठीक हो जाएगा। शाम को गरज-चमक के साथ बौछारें भी पड़ सकती हैं।
- रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में इस समय पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी हवा का प्रभाव है। इस वजह से दोपहर में तेज गर्मी रहती है, लेकिन शाम को नमी बढ़ने के कारण बादल भी उमड़-घुमड़ रहे है। रायपुर में भी रविवार को यही स्थिति रही। सुबह हवा में नमी 51 फीसदी थी। 50 फीसदी बादल भी छाए रहे।
- दोपहर बाद सूरज की तपिश बढ़ने के साथ गर्मी बढ़ी, लेकिन शाम को नमी थोड़ी ज्यादा रही। यह 20 फीसदी के आसपास दर्ज की गई।
- मौसम विज्ञानियों के अनुसार पूर्वी बिहार तथा आसपास पश्चिम बंगाल व झारखंड के ऊपर हवा में एक चक्रवात बना हुआ है। दक्षिण उत्तरप्रदेश और आसपास भी एक चक्रवात है। इस वजह से समुद्र से नमी आ रही है।
- इन दोनों सिस्टम के प्रभाव से दक्षिण छत्तीसगढ़ में नमी बढ़ी है। कुछ नमी राजधानी सहित राज्य के उत्तरी क्षेत्र तक पहुंच रही है। इसी वजह से अंबिकापुर में दिन में करीब साढ़े चार मिमी बारिश हुई।
- पिछले 24 घंटे के दौरान राजधानी में 1.3 मिमी बारिश हुई। माना एयरपोर्ट, बिलासपुर, पेंड्रारोड तथा अंबिकापुर में हल्की बारिश और बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि सिस्टम के प्रभाव से अगले एक-दो दिन रायपुर सहित राज्य में कहीं-कहीं बदली-बारिश की स्थिति रहेगी। गरज-चमक पड़ने के कारण गर्मी कम रहेगी।
1996 में जशपुर के बच्छरांव में पत्थर लगाकर अपनी सत्ता की घोषणा की थी। यह पत्थर आज भी लगा है।
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- जशपुर के 3 गांव में लोगों ने लगाए खुद की सत्ता वाले पत्थर
- 18 अप्रैल को जशपुर को किया गया था नक्सलमुक्त घोषित, लोग कर रहे विरोध
रायपुर। आधी रात के करीब 11.40 बजे नारायणपुर थाने के टीआई के कमरे में बैठीं डीएम प्रियंका शुक्ला का फोन बजा। दूसरी ओर से बटुंगा एसडीएम हितेश कुमार बघेल की आवाज आई, मैडम! अब क्लियर है, हम आ रहे हैं। इसके बाद डीएम ने चैन की सांस ली। एसडीएम बघेल उन अधिकारियों में शामिल थे, जिन्हें ग्रामीणों ने शनिवार रात बंधक बना लिया था। उनके साथ ही बगीचा के एसडीओपी पदम सिंह तंवर, कुनकुरी की महिला एसडीओपी उमेझा खातून, थाना प्रभारी राजेश मढ़ई सहित 15 पुलिसकर्मी शामिल थे। हालांकि अधिकारियों ने बंधक बनाए जाने की बात से इनकार किया है। उनका कहना है कि सिर्फ ग्रामीणों से बात करने के लिए रुके थे। उनके कुछ लोगों ने शराब पी रखी थी, तो वो मानने को तैयार नहीं हो रहे थे।
- शाम करीब 6 बजे के करीब बटुंगा में ग्रामीणों ने अधिकारियों को घेर लिया। इसके बाद रात करीब 8.20 बजे सूचना पहुंची कि अधिकारी फंस गए हैं। मौक़े की नज़ाकत को देखते हुए डीएम प्रियंका शुक्ला और एसपी प्रशांत सिंह 6.30 बजे ही बटुंगा के नज़दीक ब्लॉक मुख्यालय बगीचा कैंप करने पहुंच गए।
-अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को बंधक बनाए जाने की खबर ने प्रशासन के साथ ही सरकार को भी हिलाकर रख दिया। मौके की जानकारी के लिए खुद डीजीपी एएन उपाध्याय आ गए। इसके बाद आधी रात को जब एसडीएम ने सब ठीक हाेने की सूचना दी तो प्रशासन और शासन ने राहत की सांस ली।
इसलिए भड़का विवाद
- छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में चल रहा पत्थलगड़ी आंदोलन उग्र हो गया है। यहां के बटुंगा, बच्छरांव और सिहारडांड गांव में लोगों ने खुद की सत्ता वाले पत्थर लगा दिए हैं। प्रशासन और बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी है।
- ऐसे में भाजपा की ओर से सद्भावना यात्रा का आयोजन शनिवार को किया गया था। मामल तब बिगड़ गया जब एक महिला नेत्री ने मंच से एलान किया कि हम ये पत्थलगड़ी तोड़ेंगे। इसके बाद यात्रा में शामिल लोगों ने पत्थलगड़ी को तोड़ना शुरू कर दिया। इसके विरोध में ग्रामीण आ गए। विरोध तनाव और बहस के बाद बड़े हंगामे में बदल गया।
- इस दौरान नेता और सद्भावना यात्रा में शामिल लोग तो निकल गए, लेकिन चार अधिकारी और 15 पुलिसकर्मी फंस गए। शुरुआत में ग्रामीणों ने यह आग्रह कर रोक लिया कि, उनके पत्थलगढी को तोड़ा गया है वे तोड़ने वालो के खिलाफ कार्यवाही का आवेदन ले लें। इस बीच कुछ लोगों के स्वर आक्रोश में बदल गए कि जब पत्थलगड़ी तोड़ा गया, तो तोड़ने वालों को क्यों नहीं रोका गया।
जशपुर के नक्सलमुक्त घोषित होने का विरोध
- 10 दिन पहले 18 अप्रैल को ही जशपुर जिले को नक्सल मुक्त घोषित किया गया था। महज चार दिन के भीतर ही आदिवासियों ने जिले के तीन गांव बच्छरांव, सिहारडांड और बटुंगा में पत्थर गाड़कर सरकार के खिलाफ हुंकार भरी थी। तब से क्षेत्र में तनाव था।
- हालात का जायजा लेने एक दिन पहले ही भास्कर टीम वहां पहुंची थी और पाया कि बच्छरांव और आसपास के दर्जनभर गांवों में हालात ठीक नहीं है। लोगों के तेवर काफी उग्र हैं।
- बच्छरांव पहुंचते ही भास्कर टीम को दाउद कुजूर और मिलियन मिंज ने रोककर आने की वजह पूछी। फिर एक रजिस्टर में पूरा ब्योरा दर्ज किया। इस रजिस्टर में पहले चारों नाम भास्कर टीम के ही दर्ज हुए। यानी इससे पहले पत्थलगड़ी के बाद गांव में कोई बाहरी व्यक्ति नहीं पहुंचा था।
- लोगों ने बताया कि उनकी लड़ाई हक, रोजगार और शोषण के खिलाफ है। सबने कहा- सरकार से कोई लड़ाई नहीं है। पर जिसे यहां आना है, हमारी इजाजत से आए। जो भी फैसला होगा, ग्रामसभा ही सर्वोच्च रहेगी... सब वही तय करेगी, कोई और नहीं।
- लोगों ने बताया कि बच्छरांव में पत्थलगड़ी 22 अप्रैल को हुई, लेकिन यहां और आसपास के दर्जनभर गांवों में छह माह से सरकारी अमले के खिलाफ लोग लामबंद हो रहे हैं।
- तैयारी कौन करवा रहा है, इस पर लोग खामोश हैं। वो कहते हैं कि आसपास के आधा दर्जन से ज्यादा गांवों में भी जल्द पत्थलगड़ी होगी। इससे लगता यह कि यह आंदोलन सुनियोजित तरीके से चल रहा है।
लोगों के पास बुनियादी सुविधाएं नहीं: ग्रामीण
- पत्थलगड़ी मूवमेंट के बाद कुनकुरी के सामाजिक कार्यकर्ता जोसेफ तिग्गा का नाम उछला, इन गांवों के लोगों का कहना है कि उन्हें नहीं जानते। सब आपस में ही फैसला लेते हैं।
- गांव के लोगों का कहना है कि यहां के गांव बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। 2013 से रोजगार गारंटी का पैसा नहीं मिला। तालाब खुदाई और सड़क का काम बरसों से बंद है। गांव का बोर हर साल सूख जाता है। पीने का पानी नहीं है।
- 6 महीने पहले प्रशासन ने नया बोर करवाया। पर अब तक उसमें पंप नहीं लगा है।
- सिहारडांड और बटुंगा से नदी गुजरती है। बारिश में दोनों गांव चार महीने बाकी राज्य से कट जाते हैं। 10 साल से पुल मांग रहे हैं, अब तक योजना ही नहीं बनी।
- सिहारडांड के साथ कलिया में अब तक बिजली नहीं आई है। सौर उर्जा का सहारा है। हर घर में एक ही बल्ब जलता है, टीवी वगैरह भी नहीं है।
- यहां एक सीसी रोड बनती दिखी। लोगों ने बताया कि 18 साल से मांग रहे थे, अब काम शुरू हुआ है। पता नहीं, कितने साल चलेगा। पुलिस पर सबसे ज्यादा आरोप हैं।
सरकार को साजिश की बू, प्रशासन ने कहा- नक्सलवाद से कोई संबंध नहीं
- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, "अगर जशपुर में प्रजातांत्रिक या धार्मिक स्वरूप में कुछ हुआ है तो ठीक है। अगर गैरकानूनी ढंग से कुछ किया जा रहा है तो कार्रवाई की जाएगी। विकास कार्य संवैधानिक तरीके से ही होते हैं। विकास की राह में किसी को बांधा नहीं पहुंचानी चाहिए।"
- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा, "भाजपा सरकार के फ्लॉफ विकास मॉडल की देन है पत्थलगड़ी। पत्थलगड़ी आदिवासियों के शोषण और दमन के खिलाफ जनआक्रोश है। मुख्यमंत्री को जानकारी होनी चाहिए यह मामला धार्मिक है या नहीं। अगर मगर नहीं करना चाहिए।"
- डीजी नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी ने कहा, "पत्थलगड़ी पूरी तरह राजनीतिक और लॉ एंड ऑर्डर से जुड़ा मामला है। झारखंड में यह पहले से चल रहा है। अब जशपुर और अंबिकापुर में भी शुरू हो गया है। नक्सलवाद से इसका कोई संबंध नहीं है। हमारी हर गतिविधि पर नजर है।"
रायपुर 29 अप्रैल 2018। हाईपावर कमेटी के साथ होने वाली बड़ी बैठक के पहले शिक्षाकर्मियों के लिए एक गुड न्यूज है। शिक्षाकर्मियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल आज शाम मुख्यमंत्री रमन सिंह से मिलने जा रहा है। शाम करीब 5 बजे ये मुलाकात होगी। छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के बैनर तले शिक्षाकर्मियों के इस प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात होगी। खुद छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष नन्हीदास दीवान ने NPG से इस बात की पुष्टि की है। नन्ही दास दीवान के मुताबिक महासंघ के प्रदेश पदाधिकारियों का 13 से 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा
माना जा रहा है कि आज की ये मुलाकात बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है, वो भी उस सूरत में जब छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मी सरकार और कमेटी दोनों के रूख से बेहद निराश हैं। दावा ये किया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में अगर संविलियन की मांग पूरी नहीं की गयी, तो बड़ा आंदोलन छेड़ा जा सकता है, लेकिन इसी बीच ये एक बड़ी खबर शिक्षाकर्मी संगठन और मुख्यमंत्री की मुलाकात की आ रही है। जाहिर है मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान शिक्षाक महासंघ ना सिर्फ संविलियन की मांग करेगा, बल्कि एक महापंचायत बुलाने की भी मांग रखेगा।
हालांकि मुख्यमंत्री के शेड्यूल में आज का दिन मुख्यमंत्री आवास के लिए आरक्षित रखा गया है.. कार्यक्रम में महासंघ से मिलने का कोई अलग से कार्यक्रम लिखा नहीं है, बावजूद ऐसे कार्यक्रमों के बीत महासंघ की मुलाकात हो सकती है। क्योंकि कई बार डेलीगेशन की मुलाकात का जिक्र सीएम के मिनट टू मिनट शेडयूल नहीं होता है।
हालांकि ये मुलाकात कितना शिक्षाकर्मियों के हक में रह पायेगी, ये तो तय नहीं है, लेकिन शिक्षाकर्मियों के लिए ये मुलाकात उम्मीद की बड़ी किरण है। वो भी उस सूरत में जब जब शिक्षाकर्मी मोर्चा, जिनकी अगुवाई में अब तक शिक्षाकर्मियों के बड़े-बड़े आंदोलन हुए हैं, उनकी मुलाकात लाख कोशिशों के बाद मुख्यमंत्री से नहीं हो पा रही है। पिछली बार भी बड़ी कोशिश के बाद मोर्चा के पदाधिकारी रायपुर मुख्यमंत्री रमन सिंह से मुलाकात करने पहुंचे, लेकिन वो मुलाकात नहीं हो पायी।
छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष नन्हीदास दीवान ने NPG से कहा कि
“हमें मुख्यमंत्री से मिलने का वक्त मिला है, हम मुख्यमंत्री से मिलकर पूरी बातों को रखेंगे, जो शिक्षाकर्मियों की समस्याएं हैं, उनकी मांगें हैं, संविलियन की भी बात करेंगे, हमारे साथ प्रतिनिधिमंडल भी जा रहा है, शाम 5 बजे के आसपास ये मुलाकात होगी”
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सुकमा,28 अप्रैल 2018। सुकमा बीजापुर सीमा पर पुलिस नक्सली मुठभेड़ चल रही है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मुठभेड़ जारी है, और एक महिला नक्सली का शव बरामद हुआ है जबकि दस से अधिक नक्सली घायल हुए हैं।
SP अभिषेक मीणा ने NPG से कहा
“डीआरजी और एसटीएफ़ की संयुक्त टीम से यह मुठभेड़ चल रही है,अब तक जो सूचना मिली है, उसके अनुसार एक महिला नक्सली का शव बरामद हुआ है,और करीब दस नक्सली घायल हुए हैं”
पुलिस की ओर से मुठभेड़ स्थल सुकमा बीजापुर सीमा बताया गया है। विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा पुलिस को बनी हुई है।