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ट्रेन का टिकट बुक करते समय हमें कुछ शॉर्टकट शब्द दिखाई देते हैं, लेकिन हम उनको जानें बिना ही क्लिक कर देते हैं. ऐसे में दिक्कत सिर्फ इतनी होती है कि आपको उनकी जानकारी नहीं होने के चलते आपकी टिकट बुक हो गई या नहीं, ये चिंता हमेशा सताती रहती है. इसी समस्या को दूर करने के लिए हम आज आपकी मदद कर रहे हैं. आइए जानते हैं इन शॉर्ट कट शब्दों का मतलब-
WL-आपकी सीट कंफर्म नहीं है. वेटिंग लिस्ट ज्यादा नहीं है तो टिकट कंफर्म हो जाता है. सीट नंबर जर्नी डेट को चार्ट तैयार होने से पहला मिलता है.
GNWL- जनरल वेटिंग लिस्ट, इसका मतलब है कि आपने जिस ट्रेन की टिकट ली है, वह ट्रेन वहीं स्टेशन या आसपास स्टेशन से बनकर खुलती है. इसमें टिकट कंफर्म होने के चांसेज ज्यादा होते हैं.
RLWL- रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट, दो बड़े स्टेशनों के बीच, जहां पर ज्यादा ट्रेनें नहीं आती है तो ऐसे में इस तरह का टिकट मिलता है. ऐसे टिकट कंफर्म होने के चांसेस ज्यादा होता है.
PQWL- छोटे स्टेशनों पर कोटे में दी गई सीट के आधार पर टिकट दिया जाता है. इसमें भी टिकट कंफर्म होने के चांसेज कम होते हैं
PQWL/REGRET- इसका मतलब है कि ट्रेन में सीट नहीं है और आपको टिकट नहीं मिलेगी..
RAC- इसका मतलब तो आप जानते ही होंगे कि आपको सिर्फ बैठ कर सफर करना पड़ेगा. आपको सिर्फ बैठने की जगह मिलेगी, लेट नहीं पाएंगे. यानी आप आधी सीट के हकदार होंगे.
CNF-मुबारक! आपकी सीट कंफर्म हो गई है. साथ ही, आपको बॉगी नंबर, सीट नंबर, पीएनआर नंबर टिकट पर दिखेगा.
सीट भी जान लें-अगर टिकट कंफर्म है तो सीट नंबर के अलावा टिकट देखकर आप उसकी पोजिशन भी जान सकते हैं. अगर आपकी बर्थ नंबर के सामने LB लिखा है तो इसका मतलब है लोअर यानी नीचे वाली बर्थ<br />अगर लिखा है MB तो इसका मतलब मिडल बर्थ. UB का स्वाभाविक मतलब है अपर बर्थ. इसके अलावा, अगर SU और SL लिखा है तो इसका मतलब साइड अपर और साइड लोअर बर्थ है. रेलवे सीनियर सिटिजन के लिए लोवर सीट ही देने की कोशिश करता है, बशर्ते ऐसी सीट उपलब्ध हो. ऑनलाइन रिजर्वेशन करवाने पर उपलब्धता के हिसाब से आप खुद ही सीट चुन सकते हैं.
जॉब पाने के लिए मुझे क्या करना चाहिए? जॉब के लिए एम्प्लॉयर को कैसे राजी किया जा सकता है? जॉब पाने में किस तरह की टिप्स और स्ट्रेटजीज एक फ्रेशर की मदद कर सकती हैं? इस तरह के सवाल जॉब सर्च शुरू करते ही एक फ्रेशर को परेशान करना शुरू कर देते हैं. हालांकि स्टूडेंट्स कॉलेज में पर्याप्त एकेडमिक नॉलेज अर्जित करते हैं लेकिन वह जॉब पाने के लिए पर्याप्त नहीं होता है. सफलता के लिए एकेडमिक नॉलेज के साथ साथ प्रैक्टिकल नॉलेज का भी होना ज़रूरी है. बिना प्रैक्टिकल नॉलेज के कॉर्पोरेट जगत में जॉब हासिल कर पाना लगभग असंभव है. इस लेख में हमने कुछ प्रैक्टिकल नॉलेज साझा किया है जो जॉब पाने में मदद कर सकते हैं.
हर साल,एकेडमिक इंस्टीट्यूट्स कैंपस प्लेसमेंट की व्यवस्था करते हैं जिसमें कॉर्पोरेट कम्पनियां बड़ी संख्या में भाग लेती हैं. योग्य उम्मीदवारों का सेलेक्शन एग्जामिनेशन, जॉब इंटरव्यू व अन्य कैंडिडेट सेलेक्शन प्रोसेज के माध्यम से करते हैं. कॉलेज स्टूडेंट्स को हमेशा कॉलेज की प्लेसमेंट सेल की गतिविधियों के बारे में जानकारी रखनी चाहिए. करियर के बारे में प्लेसमेंट सेल से सलाह लेनी चाहिए. प्लेसमेंट सेल जिसका काम ड्रीम करियर की पहचान करने में मदद करना है, आपको संबंधित इंडस्ट्री से जोड़ देगा जहां आपकी स्किल्सएबिलिटीज और स्ट्रेंथ की वास्तव में ज़रूरत है. इसके अलावाप्लेसमेंट सेल में मौजूद एक्सपर्ट्स के सुझाव निश्चित रूप से जॉब पाने में मदद कर सकते हैं.
कैंडिडेट्स सेलेक्शन प्रोसेज में रिज्यूम की व्यापक भूमिका होती है. रिज्यूमे कैंडिडेट्स की स्किल्सएबिलिटीज, हॉबीज, और वर्क हिस्ट्री को दर्शाता है जो सेलेक्शन प्रोसेज के अगले स्तर में कैंडिडेट को आमंत्रित करने के लिए एम्प्लायर को प्रेरित कर सकता है. इस तरह, रेज़्यूमे कैंडिडेट्स का प्रभावशाली इंप्रेशन बनाता है जो सेलेक्शन प्रोसेज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसलिए, यदि आप किसी जॉब के लिए आवेदन करने जा रहे हैं तो पहले एक प्रभावशाली रिज्यूमे तैयार करें.
डिजिटल युग मेंलिंक्डइन प्रोफाइल जॉब सीकर्स की कई तरीकों से मदद करता है. लिंक्डइन, जो एक सोशल नेटवर्किंग प्लेटफ़ॉर्म है और खासकरवर्किंग प्रोफेशनल्स के इस्तेमाल में है कई तरीकों से ऐसे एम्प्लॉयर्स को खोजने में मदद करता है जो अपनी कंपनी के लिए सही कैंडिडेट्स की तलाश कर रहे होते हैं. यह ऐसे एम्प्लॉयर और वर्किंग प्रोफेशनल्स से जुड़ने में मदद कर सकता है जो जॉब पाने में आपकी मदद कर सकते हैं. एक पूर्ण लिंक्डइन प्रोफाइल में कैंडिडेट की स्किल्सएबिलिटीजऔर वर्क-एक्सपीरियंस शामिल होता है जिससे एम्प्लॉयर को यह तय करने में सहायता मिलती है कि आप उसकी आर्गेनाईजेशन में किस पोजीशन के योग्य हैं.
सीनियर्स की जूनियर स्टूडेंट्स के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है. वह कॉलेज में, क्लासेज मेंप्ले ग्राउंड मेंहॉस्टल में और यहां तक कि प्रोफेशन में भी अपने जूनियर्स का मार्गदर्शन करते हैं . इसलिए, सीनियर्स के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहिए और सोशल नेटवर्किंग साइट्स तथा अन्य माध्यमों से उनसे जुड़े रहना चाहिए. इससे जॉब तलाशने व हासिल करने में आपको बहुत मदद मिलेगी क्योंकि वे आपको ऐसे जॉब ऑफर्स के बारे में वह बातें बता सकते हैं जिसे आप नहीं जानते हैं.
एक्सपर्ट्स के सुझाव टारगेटेड इंडस्ट्री में जॉब पाने में मदद कर सकते हैं क्योंकि इनकी सहायता से जॉब के लिए आवश्यक स्किल्सएबिलिटीज और क्वालिफिकेशन के बारे में जानने में मदद मिलेगी. इसलिएइंडस्ट्री एक्सपर्ट से अच्छ रिलेशन बनायें और समय समय पर उनसे राय लें . सोशल नेटवर्किंग साइट्स, इवेंट्स, और टेलीफोनिक कन्वर्सेशन के माध्यम से आप उनसे अच्छा रिलेशन बना सकते हैं.
एक फ्रेशर के रूप मेंजॉब के लिए कंपनियों से इंटरव्यू के लिए आमंत्रण हासिल कर पाना मुश्किल होता है. खासकर तब जब कैंडिडेट्स के पास कॉर्पोरेट कंपनी के कैंडिडेट सेलेक्शन प्रोसेज का कोई अनुभव न हो. जॉब सीकर्स, जो अपनी पढाई ख़त्म करने के बाद जॉब तलाश रहे होते हैं, को सेलेक्शन प्रोसेस में ढेरों प्रैक्टिकल और तकनीकी प्रश्नों का सामना करना पड़ता है जो उन्हें परेशान कर देता है. इन सवालों के सही जवाब देने के लिए प्रैक्टिकल और एकेडमिक नॉलेज के अलवा वर्तमान सिनेरियो को समझने की आवश्यकता होती है.
::/fulltext::मुहूर्त को लेकर मुहूर्त मार्तण्ड, मुहूर्त गणपति, मुहूर्त चिंतामणि, मुहूर्त पारिजात, धर्म सिंधु, निर्णय सिंधु आदि शास्त्र हैं। इसमें मुहूर्त के बारे में विस्तार से बताया गया है। दिन और रात को मिलाकर कुल 30 मुहूर्त होते हैं। आओ जानते हैं मुहूर्त के बारे में कुछ खास।
शरीर के भीतर के 28 प्राणों को जानकर रह जाएंगे हैरान
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