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नई दिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल गुरुवार से एक ट्वीट की वजह से चर्चा में हैं। उनके नाम से बने एक ट्विटर हैंडल के जरिए दिल्ली के एलजी से संबंधित ट्वीट किया गया है। हालांकि यह हैंडल वेरिफाइड नहीं है, लेकिन इसे अरविंद केजरीवाल समेत आप के कई बड़े नेता फॉलो करते हैं।
बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कांग्रेस में किसी तरह की टूट की बात को खारिज करते हुए आज कहा कि कल विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले उनके सभी विधायक साथ हैं. सिद्धारमैया ने शक्ति परीक्षण पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए इसे ‘‘ ऐतिहासिक ’’ बताया और कहा कि भाजपा के पास बहुमत नहीं है क्योंकि उसके पास मात्र 104 सीटें हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ उनके पास मात्र 104 सीटें हैं. उनके पास 112 सीटें नहीं हैं, उनके पास 104 से ऊपर एक सीट भी नहीं है क्योंकि दो निर्दलीय विधायक भी हमारे साथ हैं. कांग्रेस (78), जद-एस (37) और दो निर्दलीय ( निर्दलीय + केपीजेपी ) और बसपा 1 कुल 118 . चूंकि कुमारस्वामी दो सीटों से जीते हैं, यह 117 होता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम सभी एकसाथ हैं. हमारे बीच एक सहमति है. इस वास्तविकता के बावजूद, उनके (भाजपा) द्वारा 15 दिन के लिए नहीं कहे जाने के बावजूद, राज्यपाल ने उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया. कोई इससे क्या निष्कर्ष निकाल सकता है?’’ सिद्धारमैया ने कहा, ‘‘ राज्यपाल ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के निर्देशों का पालन किया है. यदि उन्होंने संविधान का पालन किया होता, उन्होंने ऐसा निर्णय नहीं किया होता.’’ उन्होंने प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ नरेंद्र मोदी और अमित शाह इस देश में हिटलर के जीवाश्म हैं. वे संविधान और लोकतंत्र का कोई सम्मान नहीं करते.’’
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘ यह लोकतंत्र की हत्या है. यह संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है.’’ उन्होंने कहा कि पूर्व में कभी भी किसी मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय नहीं दिया गया. इस बीच, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक आनंद सिंह भारत सरकार की ‘‘ कैद’’ में हैं.
::/fulltext::सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक की भाजपा सरकार के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कर्नाटक राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुनवाई करते हुए सीएम येदियुरप्पा को कल यानि शनिवार शाम 4 बजे तक विधानसभा सदन में बहुमत साबित करने के लिए कहा है। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब बीजेपी को कम समय में अपनी ताकत दिखानी होगी। कल शाम तक सदन में अपनी ताकत दिखानी होगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से कांग्रेस को राहत मिली है। वो कोर्ट के फैसले से बेहद खुश है।
बता दें कि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को 104, जीडीएस को 38 और कांग्रेस केा 78 सीटें मिली हैं। कांग्रेस ने चुनाव के बाद जेडीएस को समर्थन देने का ऐलान किया था। ज्ञात हो कि जस्टिस सीकरी ने फैसले से पहले दो सुझाव दिए थे। पहला शपथ ग्रहण की समीक्षा हो। दूसरा 24 घंटे के भीतर प्लोर टेस्ट हो।
सुनवाई में बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है इसलिए उसे सरकार बनाने का पहला मौका दिया जाना चाहिए था। कांग्रेस और जेडीएस ने बाद में गठबंधन किया। मुकुल रोहतगी ने इस दौरान येदियुरप्पा की दोनों चिट्ठी कोर्ट को सौंपी, जो राज्यपाल को दी गई थी। दूसरी ओर कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघ्ावी ने कहा कि येदियुरप्पा ने जब विधायकों के नाम नहीं बताए हैं तो वह सरकार कैसे बना सकते हैं।
ज्ञात हो कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सबसे बड़ी पार्टी बनने पर विवादों के बीच गुरुवार को बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। राज्यपाल वजुभाई वाला ने बहुमत वाले कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया। इस मसले पर कांग्रेस और जेडीएस ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया। बुधवार की आधी रात को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस बोबड़े की बेंच ने कहा था कि कि वे येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण को नहीं रोक सकते। जजों ने सरकार बनाने के दावे के लिये येदियुरप्पा ने जो चिट्ठी राज्यपाल को लिखी थी उसे मंगाया था।
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