Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
नई दिल्ली: भारत की उभरती हुई मुक्केबाज निकहत जरीन ने इस्तांबुल में विश्व महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में थाईलैंड की जिटपॉग जुतामास को 5-0 से एकतरफा हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया है. निखत ने यह स्वर्ण पदक 52 किग्रा भार वर्ग (प्लाई वेट) में जीता है. वह यह कारनामा करने वाली पांचवीं भारतीय महिला बॉक्सर बन गयी हैं. फाइनल बाउट में जजों ने 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 29-28 से भारतीय मुक्केबाज के पक्ष में वोट किया. फाइनल में शानदार जीत के साथ ही जरीन ने इस टूर्नामेंट में अपने हर मुकाबले सर्वसम्मति के साथ जीते हैं, जो उनके दबदबे को दर्शाता है. ये मैरी कॉम द्वारा साल 2008 में जीते गोल्ड के बाद भारत का पहला स्वर्ण पदक भी है. वहीं इस टूर्नामेंट के इतिहास में यह भारत का 10वा गोल्ड मेडल है.
जूनियर विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप की विजेता रह चुकी जरीन ने इससे पहले सेमीफाइनल मुकाबले में ब्राजील की कैरोलिन डि एलमेडा को दबदबा बनाते हुए 5-0 से हराकर फाइनल का टिकट कटाया था.
निकहत से पहले मैरी कॉम (Mary Kom) ने रिकॉर्ड 6 बार (2002, 2005, 2006, 2008, 2010, 2018) विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है. इसके अलावा सरिता देवी (2006), जेनी आर.एल (2006) और लेखा के.सी (2006) ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में स्वर्ण जीतने का कारनामा किया है.
निकहत की जीत के साथ भारत ने इस टूर्नामेंट का समापन एक गोल्ड और दो ब्रॉन्ज मेडल के साथ किया. मनिषा मौन ने 57 किलो भार वर्ग और प्रवीण हुड्डा ने 63 किलो भार वर्ग में भारत को कांस्य पदक दिलाया.
खास बातें
बैंकॉक: भारत खेल इतिहास में बहुत ही बड़ा कारनामा करते और इतिहास रचते हुए रविवार को बैंकॉक में खेले गए प्रतिष्ठत बैडमिंटन थॉमस कप (India wins Thomas Cup Title) का खिताब पहली बार अपनी झोली में डाल लिया. भारत ने फाइनल में प्रतियोगिता के 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को सीधे मुकाबलों में 3-0 से मात देते हुए इस खिताब पर कब्जा किया. किदांबी श्रीकांत ने तीसरा गेम जीतने के बाद ही भारत वह उपलब्धि दिला दी, जो अपने आप में किसी ओलिंपिक स्वर्ण पदक या विश्व कप जीतने से कम नहीं है. करोड़ों भारतीय खेलप्रेमियों की नजरें इस दिन पर लगी थीं. करोड़ों फैंस परिणाम को लेकर उत्सुक और चिंतित थे, लेकिन फाइनल में खेले तीनों मुकाबलों में भारत ने सभी को गलत साबित करते हुए पहली बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया.
शुरुआती दो गेम अपनने नाम कर चुके तीसरे और निर्णायक मुकाबले में भारत के किदांबी श्रीकांत का मुकाबला इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी के साथ था, जिन्हें श्रीकांत ने पहले गेम में आसानी से 21-15 से मात देकर करोड़ों भारतीय खेलप्रेमियों को रोमांच से भर दिया, लेकिन दूसरे मुकाबले में क्रिस्टी और श्रीकांत के बीच जबर्दस्त टक्कर देखने को मिली. और दोनों ही खिलाड़ियों के नर्व सिस्टम की खासी परीक्षा हुई. आखिरी पलों में मुकाबला बहुत ही मजेदार हुआ. एक समय श्रीकांत के पास 11-8 की बढ़त थी, लेकिन क्रिस्टी ने लोहा लेना जारी रखा. कभी श्रीकांत आगे, तो कभी क्रिस्टी! और यह आखिरी गेम एक समय 21-21 पर जाकर टिक गया. यहां से श्रीकांत ने दो और अंक बटोरे और श्रीकांत के 23-21 से मैच जीतने के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया. टीवी सेट के सामने चिपके बैठे करोड़ों हिंदुस्तानी अपने-अपने घरों में झूम उठे क्योंकि यह ठीक वैसा ही नजारा था, जब पूरा हिंदुस्तान ओलिंंपिक के समय नीरज चोपड़ा के इर्द-गिर्द सिमट गया था.
बहरहाल, श्रीकांत के प्रयास और भारत की ऐतिहासिक जीत का आधार रखा शुरुआती दो मैचों ने. पहले दिन के पहले पहले मुकाबले में भारत के उदीयमान सुपर सितारे लक्ष्य सेन ने विश्व नंबर-4 खिलाड़ी एंथोनी सिनिसुका को 8-21, 21-17, 21-16 से हराकर भात को 1-0 की अहम बढ़त दिलायी थी. हालांकि, सेन की शुरुआत नर्वस भरी रही और पहले गेम में मानों उन्होंने एंथोनी के सामने सरेंडर कर दिया, लेकिन अगले दोनों गेमों में लक्ष्य सेन का एक अलग ही रूप देखने को मिला. ऐसा गजब बैडमिंटन खेला कि सेन की सर्विस और रिटर्न शॉटों के सामने एंथोनी की एक न चली. और अगले दोनों गेम जीतकर लक्ष्य ने भारत को बेस्ट ऑफ फाइव की जंग में भारत को 1-0 से आगे कर दिया.
लक्ष्य सेन की बढ़त के बाद और श्रीकांत के तीसरे गेम से पहले कारवां को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी डबल्स में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी के ऊपर थी और इन्होंने भी भारतीय फैंस को बिल्कुल भी निराश नहीं किया. हालांकि, ये दोनों मोहम्मद एहसान और केविन संजय के खिलाफ शुरुआती संघर्षमयी गेम में 18-21 से जरूर हारे, लेकिन यहां से इनके खेल का स्तर नीचे आने के बजाय ऊपर की ओर ही गया. और अगले दो गेमों में भारतीय जोड़ी ने 23-21 और 21-19 से आखिरी दोनों गेम जीतकर भारत की बढ़ 2-0 करने के साथ ही खिताब जिताने का जिम्मा किदांबी श्रीकांत के कंधों पर डाल दिया, जिसे उन्होंने बहुत ही शिद्दतत के साथ सच साबित कर दिखाया.
नई दिल्ली: थॉमस कप (Thomas Cup 2022) में भारतीय बैडमिंटन टीम ने इतिहास रच दिया है. भारत पहली बार टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने में कामयाब हो गया है. एच एस प्रणय (HS Prannoy) ने निर्णायक मैच में जीत हासिल करते हुए भारत को फाइनल में पहुंचने का काम किया. प्रणय ने डेनमार्क के रास्मस गेमके (Rasmus Gemke) को सेमीफाइनल मैच में 13-21, 21-9, 21-12 से मात दी. भारत ने साल 2016 की चैंपियन डेनमार्क को सेमीफइनल मैच में 3-2 से हराकर फाइनल का टिकट कटवाया है.
दुनिया के 13वें नंबर के खिलाड़ी रास्मस गेमके के खिलाफ प्रणय को कोर्ट पर फिसलने के कारण टखने में चोट भी लगी लेकिन इस भारतीय शटलर ने 'मेडिकल टाइम आउट' लेने के बाद मुकाबला जारी रखा. वह कोर्ट पर दर्द में दिख रहे थे लेकिन इस परेशानी के बावजूद उन्होंने जीत दर्ज कर भारत का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया.
भारतीय टीम 1979 के बाद से कभी भी सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ सकी थी, लेकिन इस जीत के साथ भारत ने टूर्नामेंट में अपने लिए रजत पदक पक्का कर लिया है. पहले गेम में 13-21 से हारने के लिए प्रणय ने मैच में शानदार वापसी की और दूसरा गेम 21-9 से जीता. अपने मोमेंटम को बरकरार रखते हुए तीसरे और निर्णायक गेम में भारतीय खिलाड़ी ने अपने प्रतिद्वंदी को 21-12 से हराया.
इससे पहले डेनमार्क की जोड़ी ने चौथे मैच में विष्णुवर्धन पंजाला और कृष्णा गरगा की भारतीय जोड़ी को 21-14, 21-13 से हरा कर दोनों टीमों का स्कोर 2-2 से बराबरी ला दिया था. जबकि तीसरे मैच में किदांबी श्रीकांत ने अपना सिंगल्स का मुकाबला जीत कर भारत को 2-1 से बढ़त दिलाने का काम किया था.
थॉमस कप में अपने विजई रथ पर सवार श्रीकांत ने एंडर्स एंटोनसेन को 21-18, 12-21, 21-15 से हराया. इससे पहले सात्विकसाईराज रेड्डी और चिराग शेट्टी वाली भारत की स्टार जोड़ी डेनमार्क की जोड़ी के खिलाफ जीत हासिल करने सफल रही. जबकि वर्ल्ड चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट लक्ष्य सेन को विश्व नंबर 1 विक्टर एक्सेलसन ने 13-21, 13-21 से हरा दिया था.
RCB vs CSK : आईपीएल 2022 (IPL 2022) के 49वें मैच में बेंगलोर ने चेन्नई सुपरकिंग्स को 13 रनों से हरा दिया. आरसीबी द्वारा दिए गए 174 रन के टारगेट के सामने सीएसके 20 ओवर में 8 विकेट पर 160 रन ही बना सकी. सीएसके की ओर से कॉन्वे ने सबसे ज्यादा 56 रन की पारी खेली, मोइन अली ने 34 रन बनाए. दूसरी ओर आरसीबी के पार्ट टाइम स्पिनर मैक्सवेल ने 2 अहम विकेट निकालकर आरसीबी की जीत में अहम भूमिका निभाई. मैक्सवेल ने उथप्पा और रायूडु के आउट कर मैच का पासा पलट दिया. मैक्सवेल के अलावा हर्षल पटेल ने 3 विकेट चटकाए. सीएसके को टूर्नामेंट में यह 7वीं हार मिली है जिससे अब चेन्नई का प्लेऑफ में पहुंचने की उम्मीद लगभग खत्म सी हो गई है. इससे पहले खेलते हुए आरसीबी ने 20 ओवर में 8 विकेट पर 173 रन बनाए. आरसीबी की ओर से फाफ डुप्लेसिस ने 38, कोहली ने 33 औऱ महिपाल लोमरोर ने 27 गेंद पर 42 रन की पारी खेली. चेन्नई की ओर से महीश दीक्षना ने 3 विकेट लिए तो वहीं मोइन अली को 2 विकेट मिला. बता दें कि चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान धोनी ने बेंगलोर के खिलाफ टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था.
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (प्लेइंग इलेवन): फाफ डु प्लेसिस (कप्तान), विराट कोहली, रजत पाटीदार, ग्लेन मैक्सवेल, शाहबाज अहमद, दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), महिपाल लोमरोर, वनिन्दु हसरंगा, हर्षल पटेल, मोहम्मद सिराज, जोश हेजलवुड
चेन्नई सुपर किंग्स (प्लेइंग इलेवन): रुतुराज गायकवाड़, डेवोन कॉनवे, मोइन अली, रॉबिन उथप्पा, अंबाती रायुडू, एमएस धोनी (w/c), रवींद्र जडेजा, ड्वाइन प्रीटोरियस, सिमरजीत सिंह, मुकेश चौधरी, महेश थीक्षाना