Monday, 23 December 2024

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नीति आयोग : अभी नहीं सुधरे तो 2030 तक बूंद-बूंद के लिये तरसेगा देश, आने वाला है पानी का बड़ा संकट......

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घटते भूजल स्तर को लेकर भूवैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों की चिंता पर एनजीटी ने कड़े दिशा-निर्देश बनाने के लिए अल्टीमेटम दिया है,

खास बातें

  1. नीति आयोग की रिपोर्ट
  2. घट रहा है भूजल
  3. हो रहा अंधाधुंध दोहन

नई दिल्ली: कहते हैं कि अगर तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ा तो वह होगा पानी के लिए. मगर यह कितना सच है, इस पर संशय बना हुआ है. नीति आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि लगातार घट रहा भूजल स्तर वर्ष 2030 तक देश में सबसे बड़े संकट के रूप में उभरेगा. घटते भूजल स्तर को लेकर भूवैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों की चिंता पर एनजीटी ने कड़े दिशा-निर्देश बनाने के लिए अल्टीमेटम दिया है, लेकिन ताज्जुब है कि वर्ष 1996 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से भूजल स्तर का संकट लगातार गहराता जा रहा है, लेकिन इतने साल बीतने पर भी प्रशासन ने कुछ खास फुर्ती क्यों नहीं दिखाई?  पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड़ की याचिका पर फैसला सुनाते हुए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने कहा कि धरती के अंदर पानी का स्तर लगातार घट रहा है. सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 1996 के आदेश के बावजूद केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) आज तक कोई योजना नहीं बना पाया. इसलिए अब इस मामले को केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव देखेंगे और चार सप्ताह में अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंपेंगे. 

तोंगड़ ने बताया, "एनजीटी कह रहा है कि भूजल के घटते स्तर को थामने के लिए उचित मापदंड अपनाए जाने की जरूरत है. आलम यह है कि संवेदनशील क्षेत्रों में भी भूजल स्तर तेजी से घटा है. एनजीटी ने कहा है कि इस पर जल संसाधन मंत्रालय उचित नीति बनाए और साथ में दिशा-निर्देश जारी करे. इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है.' नीति आयोग की रिपोर्ट में भूजल के घटते स्तर को सबसे बड़ा संकट बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2030 तक यह सबसे बड़े संकट के तौर पर उभरेगा और सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है. इस रिपोर्ट पर पर्यावरणविद् तोंगड़ कहते हैं, "इसमें प्रशासन की कमी है. कहीं कोई नियम-कायदा नहीं है. बोतलबंद पानी की कंपनियां अंधाधुंध पानी का दोहन कर रही हैं और इसके एवज में किसी तरह का भुगतान नहीं कर रही हैं. एक मापदंड तो तय करना होगा कि कंपनियां भूजल का दोहन कायदे से करें. इसकी निगरानी जरूरी है और इसके लिए भूजल के दिशा-निर्देशों को दुरुस्त करना पड़ेगा."

उन्होंने कहा, "एनजीटी कह रहा है कि संवेदनशील क्षेत्रों में भूमिगत जल को निकालने की अनुमति क्यों दी जा रही है? नोएडा सहित देशभर में बेसमेंट बनाने के लिए बड़े पैमाने पर भूमिगत जल का दोहन हो रहा है. इसके लिए आठ से दस मीटर तक खुदाई कर दी जाती है और खुदाई के दौरान निकलने वाले पानी को यूं ही बर्बाद कर दिया जाता है." वह कहते हैं, "नियम यह होना चाहिए कि बेसमेंट की खुदाई का स्तर स्थानीय अथॉरिटी, बिल्डर या मकान मालिक नहीं बल्कि केंद्रीय भूजल प्राधिकरण तय करे कि कितनी गहराई तक बेसमेंट बनाया जाना चाहिए. कायदा यह है कि बेसमेंट का स्तर ग्राउंडवाटर स्तर से ऊपर ही रहना चाहिए ताकि इससे भूजल बच सके. यह मुद्दा सबसे पहले नोएडा में उठा और इसके बाद फरीदाबाद, गुड़गांव सहित देशभर में उठा." 

ताज्जुब है कि भूजल को लेकर राष्ट्रीय नीतियां बनी हैं. वर्ष 2008 में राष्ट्रीय नीति बनी थी और बाद में इसमें संशोधन होते रहे, लेकिन भूजल का घटता स्तर नहीं थमा. इस पर तोंगड़ कहते हैं, "इसका मतलब गाइंडलाइंस उद्देश्यों पर खरी नहीं उतरी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि घटते भूजल स्तर को रोकने के लिए कारगर कदम उठाने होंगे. इसके लिए कृषि मंत्री से भी परामर्श मांगा गया है."

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'आयुष्मान भारत' योजना की पहली लाभार्थी बनी करिश्मा की मां, सरकार उठा रही है पूरा खर्च.....

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आपको बता दें कि आयुष्मान भारत जिसे 'मोदीकेयर' भी कहा जा रहा है, का ऐलान इस बार बजट में किया जा रहा है. इस योजना को पीएम मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजना माना जा रहा है.

खास बातें

  1. 15 अगस्तो को पीएम मोदी ने किया था ऐलान
  2. मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना
  3. सभी राज्यों में लागू करने की तैयारी

करनाल: हरियाणा के करनाल में 19 दिन की बच्ची करिश्मा का जन्मदिन ऐतिहासिक रूप से केंद्र सरकार की योजना से जुड़ गया है. वह देश की पहली बच्ची है जिसकी मां मौसमी को मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'आयुष्मान भारत' का लाभ मिला है. करिश्मा का जन्म करनाल के कल्पना चावला अस्पताल में हुआ है. करिश्मा की मां मौसमी ने इस योजना की तारीफ करते हुए कहा है कि सरकार पूरा मेडिकल का खर्च उठाएगी. वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी ट्वीट कर लिखा, 'हरियाणा में सीजेरियन के जरिये पहली बच्ची को आयुष्मान भारत के तहत मिले क्लेम से दिल गदगद हो गया है.'

आपको बता दें कि आयुष्मान भारत जिसे 'मोदीकेयर' भी कहा जा रहा है, का ऐलान इस बार बजट में किया जा रहा है. इस योजना को पीएम मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजना माना जा रहा है. इस योजना के तह 10 करोड़ गरीबों और परिवारों को मेडिकल बीमा की सुविधा देने का प्लान है. इस योजना के मुताबिक लाभार्थी परिवारों को 5 लाख तक का कवर दिया जाएगा. 

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जिस दिन पीएम मोदी 15 अगस्त के दिन 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' की शुरुआत की थी उसी दिन हरियाणा के सीएम ने मनोहर लाल खट्टर ने इस योजना को राज्य में लागू कर दिया था. हालांकि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का कहना है यह योजना भारत के लिये ठीक है, वह ऐसा नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि इससे अच्छा होता कि सरकारी अस्पतालों और खोला जाता है और सार्वजनिक अस्पतालों को ठीक किया जाता. उनका कहना है कि बीमा मॉडल पूरी दुनिया में फेल हो चुका है. यहां तक कि अमेरिका में भी 'ओबामाकेयर' पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं.

 

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अच्छा हो यदि इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग समय रहते कर ली जाए....

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नई दिल्ली:  इनकम टैक्स भरने के दो दिन बचे हैं. 31 अगस्‍त इनकम टैक्स (आयकर रिटर्न ITR return) फाइल करने की अंतिम तारीख है. अकसर यह होता है कि करदाता आखिरी पलों में ही टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं और उस समय जल्दबाजी में गलती होने की संभावना और परेशानी होना लाजमी सा हो जाता है. अच्छा हो यदि इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग समय रहते कर ली जाए. ऑनलाइन रिटर्न फाइल करने का तरीका आसान है. आइए जानें यह तरीका .

 

  • इनकम टैक्स को ऑनलाइन भरने की प्रक्रिया को ई-फाइलिंग (e-Filing) कहा जाता है. यह सरल है. आसानी से किया जा सकता है. सभी संबंधित कागज यदि तैयार हों और पास रखकर बैठें हों तो कंप्यूटर से ई-फाइलिंग करने में कोई दिक्कत नहीं है. इससे समय भी बचता है. आयकर विभाग की वेबसाइट है - incometaxindiaefiling.gov.in 
  • इनकम टैक्स रिटर्न की ई-फाइलिंग के लिए सबसे पहले इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर अकाउंट बनाना होगा. इसमें अकाउंट बनाने के लिए पैन नंबर और डेट ऑफ बर्थ (जन्मदिवस) जैसी निजी जानकारी का प्रयोग करना होता है. इनकम टैक्स विभाग की साइट पर दिए गए लिंक पर क्लिक करके अकाउंट बनाया जा सकता है. यहां पर पैन नंबर (PAN) यूजर आईडी होता है.
  • ई-फाइलिंग के दो तरीके हैं- पहला है कि आयकर विभाग की वेबसाइट के डाउनलोड सेक्शन पर जाएं और अपनी जरूरत और दायरे के हिसाब से जरूरी फॉर्म डाउनलोड करें. इस फॉर्म को कंप्यूटर  पर सुरक्षित कर लें. इसे सही तरीके से भर लें. इसके बाद  जेनरेट एक्सएमएल (generate XML) पर क्लिक करें, फिर से वेबसाइट पर जाएं और अपलोड एक्सएमएल (upload XML) पर क्लिक करें. उपयोगकर्ता को ध्यान रखना चाहिए कि यहां पर एक बार फिर उसे साइट पर लॉग इन करना होगा. अपलोड एक्सएमएल के जरिए वह फॉर्म अपलोड करें जो कुछ देर पहले भरा है. इसके बाद सब्मिट (submit) पर क्लिक करें.
  • एक दूसरा आसान तरीका भी है. इसके लिए दूसरे लिंक पर क्लिक करें. e-file section पर जाइए, लॉग इन कीजिए, जो फॉर्म और असेसेमेंट ईयर अपेक्षित है उसे सेलेक्ट करें, और संबंधित जानकारी भर दें.
  • फॉर्म चुनते समय यह सावधानी बरतें कि जो फॉर्म चुनना (सेलेक्ट करना) है, वह आपकी सैलरी के मुताबिक हो. इन्डिविजुअल (सैलरी), पेंशन इनकम, एक मकान (एक प्रॉपर्टी) से इनकम या अन्य आयस्रोतों से इनकम (लॉटरी के अतिरिक्त) के केस में फॉर्म ITR-1, जिसे 'सहज' भी कहा जाता है, सेलेक्ट करना होगा. इस वेतनभोगी लोगों के लिए इस फॉर्म में कुछ बदलाव किए गए हैं. इस बार कुछ ज्यादा जानकारी मांगी जा रही है. पूंजीगत लाभ होने की दशा में ITR-2 सेलेक्ट करना होगा. एक से अधिक घर होने की दिशा में ITR-2A चुनें, लेकिन इस केस में कोई पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन) नहीं होना चाहिए. ITR-3,4,4S फॉर्म कारोबारियों और प्रोफेशनल्स के लिए है. 
  • रिटर्न फाइल करते समय अपने पास ये दस्तावेज रख लें- पैन नंबर, फॉर्म 16, बैंक खातों पर मिला संबंधित वित्तीय वर्ष का कुल ब्याज, टीडीएस (TDS) संबंधी डीटेल और सभी तरह के निवेशों संबंधी सबूत.  होमलोन और इंश्योरेंस संबंधी डॉक्युमेंट्स भी अपने पास रखें.  इनकम टैक्स की साइट से फॉर्म 26AS भी डाउनलोड कर सकते हैं जो आपकी टैक्स स्टेटमेंट शो करता है जो आपके द्वारा दिया जा चुका है. अपना टैक्स रिटर्न वैलिडेट करने के लिए इस फॉर्म का सहारा ले सकते हैं.
  • एक नई बात, पिछले साल से एक नया नियम लागू हुआ है. यह उन लोगों के लिए है जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक है. ऐसे करदाताओं को अपने फॉर्म में दिया गया एक अतिरिक्त कॉलम AL भरना होगा, इसमें उन्हें अपनी सभी संपत्तियों की वैल्यू और लायबिलिटीज़ के बारे में मांगी गई जानकारी भरनी होगी. एएल यानी असेट्स और लायबिलिटीज़.
  • यदि डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल करके रिटर्न सब्मिट किया गया है तो फॉर्म सब्मिट करते समय acknowledgement number यानी एक प्रकार की रसीद जेनरेट होगा. यदि बिना डिजिटल सिग्नेचर के सब्मिट हुआ है तो ITR-V जेनरेट होगा और यह आपके साइट पर रजिस्टर ईमेल आईडी पर पहुंच जाएगा. ITR-V एक प्रकार की रसीद ही है कि आपका रिटर्न सब्मिट हो गया.
  • अब इस ITR-V को साइन करके बेंगलुरु कार्यालय (जहां आपका रिटर्न प्रोसेस होता है) भेज दें, 120 दिनों के भीतर यह संबंधित कार्यालय पहुंच जाना चाहिए ताकि टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया पूर्ण हो सके. यदि यह कागजात आप समय से बेंगलुरु कार्यालय नहीं पहुंचाएंगे तो रिटर्न की प्रक्रिया अधूरी ही मानी जाएगी, इसलिए इसकी अनदेखी न करें. चिंता न करें, बेंगलुरु कार्यालय का पता इसी फॉर्म के आखिर में लिखा हुआ है. उस पते पर पोस्ट कर दें.
  • टैक्सपेयर्स वेबसाइट पर ई-वेरिफाई रिटर्न ऑप्शन पर जाकर ई- वेरिफाई भी कर सकते हैं. नेट बैंकिंग के जरिए भी आप वेरिफाई कर सकते हैं. यदि इस तरीके को अपनाते हैं तो बेंगलुरु ऑफिस में ITR-V भेजे बिना भी काम चल जाएगा.

 

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