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घटते भूजल स्तर को लेकर भूवैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों की चिंता पर एनजीटी ने कड़े दिशा-निर्देश बनाने के लिए अल्टीमेटम दिया है,
खास बातें
नई दिल्ली: कहते हैं कि अगर तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ा तो वह होगा पानी के लिए. मगर यह कितना सच है, इस पर संशय बना हुआ है. नीति आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि लगातार घट रहा भूजल स्तर वर्ष 2030 तक देश में सबसे बड़े संकट के रूप में उभरेगा. घटते भूजल स्तर को लेकर भूवैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों की चिंता पर एनजीटी ने कड़े दिशा-निर्देश बनाने के लिए अल्टीमेटम दिया है, लेकिन ताज्जुब है कि वर्ष 1996 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से भूजल स्तर का संकट लगातार गहराता जा रहा है, लेकिन इतने साल बीतने पर भी प्रशासन ने कुछ खास फुर्ती क्यों नहीं दिखाई? पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड़ की याचिका पर फैसला सुनाते हुए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने कहा कि धरती के अंदर पानी का स्तर लगातार घट रहा है. सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 1996 के आदेश के बावजूद केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) आज तक कोई योजना नहीं बना पाया. इसलिए अब इस मामले को केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव देखेंगे और चार सप्ताह में अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंपेंगे.
तोंगड़ ने बताया, "एनजीटी कह रहा है कि भूजल के घटते स्तर को थामने के लिए उचित मापदंड अपनाए जाने की जरूरत है. आलम यह है कि संवेदनशील क्षेत्रों में भी भूजल स्तर तेजी से घटा है. एनजीटी ने कहा है कि इस पर जल संसाधन मंत्रालय उचित नीति बनाए और साथ में दिशा-निर्देश जारी करे. इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है.' नीति आयोग की रिपोर्ट में भूजल के घटते स्तर को सबसे बड़ा संकट बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2030 तक यह सबसे बड़े संकट के तौर पर उभरेगा और सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है. इस रिपोर्ट पर पर्यावरणविद् तोंगड़ कहते हैं, "इसमें प्रशासन की कमी है. कहीं कोई नियम-कायदा नहीं है. बोतलबंद पानी की कंपनियां अंधाधुंध पानी का दोहन कर रही हैं और इसके एवज में किसी तरह का भुगतान नहीं कर रही हैं. एक मापदंड तो तय करना होगा कि कंपनियां भूजल का दोहन कायदे से करें. इसकी निगरानी जरूरी है और इसके लिए भूजल के दिशा-निर्देशों को दुरुस्त करना पड़ेगा."
उन्होंने कहा, "एनजीटी कह रहा है कि संवेदनशील क्षेत्रों में भूमिगत जल को निकालने की अनुमति क्यों दी जा रही है? नोएडा सहित देशभर में बेसमेंट बनाने के लिए बड़े पैमाने पर भूमिगत जल का दोहन हो रहा है. इसके लिए आठ से दस मीटर तक खुदाई कर दी जाती है और खुदाई के दौरान निकलने वाले पानी को यूं ही बर्बाद कर दिया जाता है." वह कहते हैं, "नियम यह होना चाहिए कि बेसमेंट की खुदाई का स्तर स्थानीय अथॉरिटी, बिल्डर या मकान मालिक नहीं बल्कि केंद्रीय भूजल प्राधिकरण तय करे कि कितनी गहराई तक बेसमेंट बनाया जाना चाहिए. कायदा यह है कि बेसमेंट का स्तर ग्राउंडवाटर स्तर से ऊपर ही रहना चाहिए ताकि इससे भूजल बच सके. यह मुद्दा सबसे पहले नोएडा में उठा और इसके बाद फरीदाबाद, गुड़गांव सहित देशभर में उठा."
ताज्जुब है कि भूजल को लेकर राष्ट्रीय नीतियां बनी हैं. वर्ष 2008 में राष्ट्रीय नीति बनी थी और बाद में इसमें संशोधन होते रहे, लेकिन भूजल का घटता स्तर नहीं थमा. इस पर तोंगड़ कहते हैं, "इसका मतलब गाइंडलाइंस उद्देश्यों पर खरी नहीं उतरी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि घटते भूजल स्तर को रोकने के लिए कारगर कदम उठाने होंगे. इसके लिए कृषि मंत्री से भी परामर्श मांगा गया है."
आपको बता दें कि आयुष्मान भारत जिसे 'मोदीकेयर' भी कहा जा रहा है, का ऐलान इस बार बजट में किया जा रहा है. इस योजना को पीएम मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजना माना जा रहा है.
खास बातें
करनाल: हरियाणा के करनाल में 19 दिन की बच्ची करिश्मा का जन्मदिन ऐतिहासिक रूप से केंद्र सरकार की योजना से जुड़ गया है. वह देश की पहली बच्ची है जिसकी मां मौसमी को मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'आयुष्मान भारत' का लाभ मिला है. करिश्मा का जन्म करनाल के कल्पना चावला अस्पताल में हुआ है. करिश्मा की मां मौसमी ने इस योजना की तारीफ करते हुए कहा है कि सरकार पूरा मेडिकल का खर्च उठाएगी. वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी ट्वीट कर लिखा, 'हरियाणा में सीजेरियन के जरिये पहली बच्ची को आयुष्मान भारत के तहत मिले क्लेम से दिल गदगद हो गया है.'
आपको बता दें कि आयुष्मान भारत जिसे 'मोदीकेयर' भी कहा जा रहा है, का ऐलान इस बार बजट में किया जा रहा है. इस योजना को पीएम मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजना माना जा रहा है. इस योजना के तह 10 करोड़ गरीबों और परिवारों को मेडिकल बीमा की सुविधा देने का प्लान है. इस योजना के मुताबिक लाभार्थी परिवारों को 5 लाख तक का कवर दिया जाएगा.
जिस दिन पीएम मोदी 15 अगस्त के दिन 'प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' की शुरुआत की थी उसी दिन हरियाणा के सीएम ने मनोहर लाल खट्टर ने इस योजना को राज्य में लागू कर दिया था. हालांकि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का कहना है यह योजना भारत के लिये ठीक है, वह ऐसा नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि इससे अच्छा होता कि सरकारी अस्पतालों और खोला जाता है और सार्वजनिक अस्पतालों को ठीक किया जाता. उनका कहना है कि बीमा मॉडल पूरी दुनिया में फेल हो चुका है. यहां तक कि अमेरिका में भी 'ओबामाकेयर' पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं.
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दिल्ली. भले ही मोदी सरकार पिछले एक दो दिन में आर्थिक मोर्चे पर अपनी पीठ आंकड़ों के जरिए थपथपाने की कोशिश में लगी हो लेकिन सच ये है कि आम आदमी के लिए हालात काफी मुश्किल भरे हो गए हैं. महंगाई उसका पीछा छोड़ने को राजी नहीं है. रुपये की कमजोर औऱ पतली हालत का असर सीएनजी औऱ पीएनजी गैस की कीमतो पर पड़ रहा है. अब दिल्ली में जहां सीएनजी 63 पैसे महंगी होकर 42.60 रुपये की हो गई है वहीं पूरे देश में इसकी कीमत में 1 से 2 रुपये प्रति किलो तक का इजाफा हुआ है. वहीं, पीएनजी, जहां दिल्ली में 1.11 रुपये बढ़कर 28.25 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर हो गई है वहीं पूरे देश में इसकी भी कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है.
उधर पेट्रोल औऱ डीजल के दामों में आग लगने का क्रम लगातार जारी है. दिल्ली में जहां शनिवार को पेट्रोल की कीमत 16 पैसे की तेजी के साथ 78.68 पर पहुंच गई वहीं डीजल के दाम 21 पैसे बढ़कर 70.42 रुपये पहुंच गए. उधर, सरकार ने गैस सिलेंडर, घरेलू के दामों में 31 रुपये की बढ़ोत्तरी कर दी. जिसका असर आपके घर पर भी पड़ेगा. वहीं इन सबके बीच देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक एसबीआई ने अपने ग्राहकों की जेब को झटका देते हुए होमलोन औऱ आटोलोन समेत सभी कर्जों की दरें बढ़ा दी हैं. एसबीआई ने अफने बेंचमार्क उधारी दर में 0.20 फीसदी की बढ़ोत्तरी की घोषणा की है. यानि अब आपके सभी कर्ज कम से कम 0.20 फीसदी औऱ महंगे हो जाएंगे.
तो, अभी आपके लिए महंगाई के मोर्चे पर अच्छी खबर आने की उम्मीद न के बराबर है. फिलहाल तो महंगी होती चीजों को और भी महंगी होते देखने के सिवाय आम आदमी के पास कोई रास्ता नहीं है.
::/fulltext::नई दिल्ली: इनकम टैक्स भरने के दो दिन बचे हैं. 31 अगस्त इनकम टैक्स (आयकर रिटर्न ITR return) फाइल करने की अंतिम तारीख है. अकसर यह होता है कि करदाता आखिरी पलों में ही टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं और उस समय जल्दबाजी में गलती होने की संभावना और परेशानी होना लाजमी सा हो जाता है. अच्छा हो यदि इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग समय रहते कर ली जाए. ऑनलाइन रिटर्न फाइल करने का तरीका आसान है. आइए जानें यह तरीका .
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