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गर्भावस्था के दौरान एक स्त्री के शरीर में कई तरह के परिवर्तन आते हैं ख़ास तौर पर उसके खाने पीने की आदत में विशेष बदलाव आता है। किसी को खट्टा पसंद आता है तो किसी को मीठा। इसके आलावा भी कई ऐसी चीज़ें हैं जो ऐसे समय में खाने की इच्छा होती है। इन्हीं में से एक है बर्फ। जी हाँ कुछ औरतों को गर्भावस्था के दौरान बर्फ का सेवन करना बहुत पसंद आता है।
वैसे तो इसके पीछे कई कारण हो सकते है उनमें से कुछ इस प्रकार है।
मॉर्निंग सिकनेस
सीने में जलन (हार्टबर्न)
प्रेगनेंसी के दौरान अकसर महिलाओं को सीने में जलन (हार्टबर्न) और एसिडिटी की शिकायत होती है। यह काफी आम है और घबराने वाली बात नहीं होती है फिर भी इसे झेल पाना बहुत ही मुश्किल होता है गर्भावस्था के दौरान, अपरा (प्लेसेंटा) प्रोजेस्टीरोन हॉर्मोन का उत्पादन करती है, जो स्त्री के गर्भाशय की कोमल मांसपेशियों को राहत पहुंचाता है। यह हॉर्मोन उस वॉल्व को भी शिथिल बनाता है, जो कि भोजन-नलिका को पेट से अलग करता है, ताकि गैस्ट्रिक अम्ल फिर से रिसकर नलिका में पहुंच जाए। इसकी वजह से ही सीने में जलन महसूस होती है।
शरीर का बढ़ता हुआ तापमान
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर का तापमान थोड़ा बढ़ जाता है। ये लगभग 0.5 फारेनहाइट से लेकर 1 फारेनहाइट तब बढ़ सकता है। इसके अलावा शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण भी इसका तापमान बढ़ जाता है। कहा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में रक्त प्रवाह लगभग 40 फीसदी बढ़ जाता है। गर्मियों के मौसम में ये स्थिति और भी ज़्यादा खराब हो जाती है। ऐसे में पसीना और पानी की कमी भी महसूस होने लगती है।
इस स्थिति से निपटने के लिए आप अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें साथ ही बर्फ का सेवन भी आपके दिमाग और शरीर दोनों को ठंडा रखेगी। ध्यान रखें कि कार्बोनेटेड या शर्करा पेय के साथ बर्फ का सेवन आपके बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है इसलिए इसका सेवन भूलकर भी न करें।
पिका सिंड्रोम
बर्फ का सेवन करने के पीछे एक गंभीर समस्या हो सकती है जिसे पिका सिंड्रोम कहा जाता है। ऐसी अवस्था में व्यक्ति उन चीज़ों का सेवन करने लगता है जो खाने के योग्य न हो और जिसमें किसी भी तरह का पौष्टिक तत्व न पाया जाता हो। अगर आप पिका सिंड्रोम से ग्रसित हैं तो ऐसे में आपको मिटटी, बालू, चाक आदि जैसी चीज़ें खाने की लालसा होगी। इन चीज़ों में बर्फ भी शामिल है लेकिन बर्फ इन चीज़ों के मुकाबले हानिकारक नहीं होता।
फिर भी यदि आप बर्फ का सेवन अधिक मात्रा में कर रही हैं तो ऐसे में आप अपने चिकित्सक से ज़रूर सलाह लें।
आयरन की कमी
हो सकता है आपके शरीर में आयरन की कमी हो यानि आप एनीमिक हो इसलिए भी आप अधिक मात्रा में बर्फ का सेवन करने लगी हैं। गर्भावस्था में आयरन बहुत ज़रूरी होता है ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास ठीक से हो। अगर आप आयरन की कमी से जूझ रही हैं तो बेहतर होगा आप फौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
तनाव से मुक्ति
इन बातों का रखें ध्यान
1. ज़्यादा बर्फ खाना आपके दाँतों के लिए हानिकारक
ज़्यादा बर्फ के सेवन से आपके दांत ख़राब हो सकते है। इसमें छोटी छोटी दरारें पड़ सकती हैं जिससे कैविटीज़ का खतरा बना रहता है। ऐसे में आप बर्फ को अपने दांतों से चबाने की बजाय आप उसे मुँह में धीरे धीरे पिघलने दें।
2. बर्फ का अधिक सेवन बढ़ा सकता है मुश्किलें
विवाहित महिलाओं के लिए करवाचौथ सबसे बड़ा पर्व है। हिंदू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की सुख-समृद्धि और लंबी आयु की कामना के साथ इस दिन व्रत करती हैं। महिलाएं इस खास व्रत के लिए पूरे साल इंतजार करती हैं। करवा चौथ का व्रत खासतौर पर उत्तर भारत में मनाया जाता है। मगर अब इसकी लोकप्रियता देश के बाकि हिस्सों में भी बढ़ रही है। जानते हैं इस साल करवा चौथ का व्रत कब रखा जाएगा और चांद निकलने का समय क्या होगा।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस साल करवा चौथ का व्रत 4 नवंबर, बुधवार के दिन रखा जाएगा।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त
करवा चौथ पूजा मुहूर्त- शाम 5 बजकर 30 मिनट से 6 बजकर 48 मिनट तक
करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय- रात 8 बजकर 15 मिनट पर
चतुर्थी तिथि का आरंभ: 04 नवंबर को 03:24 पर
चतुर्थी तिथि समाप्त: 05 नवंबर को 05:14 पर
करवाचौथ के दिन भगवान गणेश की वंदना की जाती है और इनके साथ भोलेनाथ, माता पार्वती और चंद्र देव को पूजा जाता है। इस साल करवाचौथ का व्रत बुधवार को पड़ने से इस पर्व की महत्ता और बढ़ गयी है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत करती हैं और रात में चांद के दीदार के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं। वो इस दिन अपने सुखद विवाहित जीवन की कामना करती हैं। सुहागिन महिलाएं यह निर्जला व्रत अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए करती हैं। लोगों की आस्था है कि करवाचौथ का व्रत करने से पुण्य मिलता है और दांपत्य जीवन की कठिनाईयां दूर होती हैं।