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मधुमेह एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें व्यक्ति को अपनी डाइट को लेकर अतिरिक्त सतर्क होना पड़ता है। हाई शुगरी आइटम्स से लेकर हाई कार्ब फूड तक मधमेह रोगियों के रक्त में शर्करा के स्तर बढ़ा देते हैं। जिससे व्यक्ति को समस्या होती है। अगर डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति अपने खान-पान को लेकर लापरवाही बरतता है, तो इससे उसे कई तरह के दुष्परिणामों का सामना करना पड़ता है। अक्सर विभिन्न तरह के फलों व उनके रस को लेकर भी यह विवाद होता है कि वह डायबिटीज पेशेंट के लिए कितने उचित हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि अनार के रस मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा है या नहीं-
मधुमेह क्या है?
मधुमेह एक विकार है जिसमें अग्न्याशय पर्याप्त मात्रा में हार्मोन को स्रावित करने में सक्षम नहीं हो पाता है, जिसके कारण व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन कार्य बाधित होता है। जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन में ग्लूकोज या शर्करा का स्तर अनियंत्रित होने लगता है। जिससे व्यक्ति में एनर्जी मेटाबॉलिज्म और गुर्दे की फंक्शनिंग प्रभावित होती है। इससे व्यक्ति को अन्य कई स्वास्थ्य समस्याएं जैसे हद्य संबंधी परेशानियां होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
ऐसे कई फल होते हैं, जिन्हें मधुमेह रोगी बिना किसी परेशानी के अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। अनार भी इन्हीं में से एक है। अगर मधुमेह रोगी नियमित रूप से अनार का सेवन करते हैं या इसका रस पीते हैं तो उन्हें कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं। मसलन, टाइप 2 डायबिटीज होने पर व्यक्ति को सूजन की समस्या भी होती है। लेकिन अनार में मौजूद फ्लेवोनोइड एंटीऑक्सिडेंट सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, यह उच्च रक्त शर्करा के कारण होने वाले मांसपेशियों में दर्द और थकान के दर्दनाक लक्षणों को भी कम करने में मददगार है।
हृदय संबंधी जटिलताओं को रोकता है अनार
जिन लोगों को डायबिटीज की शिकायत होती है, उन्हें जल्द ही हृदय संबंधी जटिलताओं का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में रोजाना एक गिलास अनार के रस का सेवन करने से उन्हें लाभ मिलता है। कई वैज्ञानिक अध्ययनों में मधुमेह के रोगियों में अनार के रस को खराब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को काफी कम करने के लिए सिद्ध किया गया है। यह उच्च रक्त शर्करा के स्तर से उत्पन्न होने वाली हृदय संबंधी जटिलताओं को रोकता है।
कार्ब्स होता है कम
डायबिटीज के रोगियों को हाई कार्ब फूड से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह जल्दी से पच जाते हैं और शुगर में तब्दील हो जाते हैं। जिसके कारण रोगियों का ब्लड शुगर लेवल स्पाइक कर जाता है। लेकिन अनार में कार्ब कंटेंट काफी कम होता है। अनार में 18 का ग्लाइसेमिक लोड मान होता है। ग्लाइसेमिक लोड (जीएल) ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) के समान होता है। अनार को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स फल (55 से कम जीआई) माना जाता है और इसलिए यह धीरे-धीरे पचता है। यद्यपि इसमें शर्करा होती है, लेकिन यह फेनोलिक यौगिकों में भी प्रचुर मात्रा में होता है, जो वजन घटाने और फाइबर में सहायता करता है। साथ ही साथ, यह भूख भी को नियंत्रित करता है।
मधुमेह के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करने के लिए आप दिन में एक बार सुबह या दोपहर के समय एक गिलास अनार के रस का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, इसके फल को खाना भी उतना ही लाभदायक है। आप नियमित रूप से इसका सेवन कर सकते हैं, लेकिन फिर भी इसे सीमित मात्रा में ही खाएं।
शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड की मात्रा कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का कारण बनती है. ऐसा तब होता है जब किडनी (Kidney) यूरिक एसिड को ठीक तरह से फिल्टर नहीं कर पाती. यह जोड़ों में क्रिस्टल्स के रूप में जमा भी हो जाता है जिससे जोड़ों का दर्द (Joint Pain) और पैरों में सूजन दिखने लगती है. शरीर में प्यूरिन (Purine) का सही तरह से पाचन न होने पर यूरिक एसिड का लेवल बढ़ता है. इसे कम करने के लिए खानपान में बदलाव किए जाते हैं. यूरिक एसिड (Uric Acid) को कम करने वाला ऐसा ही एक सूखा मेवा है अखरोट. आइए जानें, यूरिक एसिड घटाने के लिए कैसे किया जाए अखरोट (Walnuts) का सेवन.
यूरिक एसिड लेवल्स कम करने के लिए अखरोट
अखरोट में ओमेगा-3 की भरपूर मात्रा पाई जाती है. साथ ही, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ-साथ विटामिन बी6, कॉपर, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व व खनिज होते हैं. अखरोट में यूरिक एसिड के कारण होने वाले गाउट को कम करने वाले हेल्दी प्रोटीन की भी अच्छी मात्रा पायी जाती है जो घुटनों में जमें यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स को घटाने में भी सहायक है. इस चलते अखरोट यूरिक एसिड की डाइट (Uric Acid Diet) में शामिल करने के लिए एक अच्छा फूड है.
रोजाना 2 से 3 अखरोट खाने पर भी आपको यूरिक एसिड कम करने में मदद मिलेगी. आप अखरोट को सलाद में डालकर खा सकते हैं, स्मूदी या शेक में इस्तेमाल कर सकते हैं, अखरोट (Walnuts) से गार्निशिंग कर सकते हैं, इन्हें भिगो कर खा सकते हैं या फिर सादा ही इन्हें चबा सकते हैं.
अखरोट खाने पर यूरिक एसिड तो कम होता है ही, साथ ही यह शरीर को और भी कई फायदे देता है. इसके सेवन से दिल की सेहत अच्छी रहती है, दिमाग तेज होता है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बढ़ती है, तनाव कम होता है और यह वजन घटाने में भी बेहद असरदार है.
अखरोट में ओमेगा-3 की भरपूर मात्रा पाई जाती है. साथ ही, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ-साथ विटामिन बी6, कॉपर, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व व खनिज होते हैं. अखरोट में यूरिक एसिड के कारण होने वाले गाउट को कम करने वाले हेल्दी प्रोटीन की भी अच्छी मात्रा पायी जाती है जो घुटनों में जमें यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स को घटाने में भी सहायक है. इस चलते अखरोट यूरिक एसिड की डाइट (Uric Acid Diet) में शामिल करने के लिए एक अच्छा फूड है.
रोजाना 2 से 3 अखरोट खाने पर भी आपको यूरिक एसिड कम करने में मदद मिलेगी. आप अखरोट को सलाद में डालकर खा सकते हैं, स्मूदी या शेक में इस्तेमाल कर सकते हैं, अखरोट (Walnuts) से गार्निशिंग कर सकते हैं, इन्हें भिगो कर खा सकते हैं या फिर सादा ही इन्हें चबा सकते हैं.
अखरोट खाने पर यूरिक एसिड तो कम होता है ही, साथ ही यह शरीर को और भी कई फायदे देता है. इसके सेवन से दिल की सेहत अच्छी रहती है, दिमाग तेज होता है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बढ़ती है, तनाव कम होता है और यह वजन घटाने में भी बेहद असरदार है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
डायबिटीज दुनिया भर में मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, साल 2030 तक इस स्थिति के 100 प्रतिशत से अधिक बढ़ने का अनुमान है, लेकिन यह स्थिति कितनी भी जानलेवा क्यों न हो, लाइफस्टाइ में कुछ सरल बदलाव करके और कुछ आसान घरेलू उपचारों का फॉलो करके डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवलको मैनेज किया जा सकता है. अगर आप भी डायबिटीज के लिए नेचुरल उपाय तलाश रहे हैं तो बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के तरीके कई हैं. यहां हम आपके लिए ऐसे कुछ आसान घरेलू उपाय लेकर आए हैं जो शुगर लेवल को काबू में रखते हैं.
डायबिटीज रोगियों के लिए आयुर्वेदिक टिप्स
1) डाइट टिप्स
- एक भाग गुडूची, एक भाग कुड़की, एक भाग शारदुनिका और 2 भाग पुनर्वना लें. अच्छी तरह मिलाएं और गर्म पानी के साथ दिन में 2-3 बार इसका सेवन करें.
- हर खाने-पीने की चीजों में थोड़ा-थोड़ा करके हल्दी का सेवन बढ़ाएं. आप अपने दूध और चाय में भी कुछ मिला सकते हैं.
2) मेथी दाना
डायबिटीज रोगियों को नियमित रूप से मेथी दाना का सेवन करने की सलाह दी जाती है. वे स्प्राउट्स का सेवन कर सकते हैं या सुबह खाली पेट मेथी का पानी पी सकते हैं.
3) कड़वा हमेशा बेहतर होता है
करेला, आंवला, भांग के बीज और एलोवेरा जैसे कड़वी चीजें भी डायबिटीज को मैनेज करने में काफी मदद कर सकते हैं.
4) डायटरी चेंजेस
टाइप 1 डायबिटीज वात (वायु और हवा) के असंतुलन के कारण होता है और टाइप 2 मधुमेह कफ (जल और पृथ्वी) दोष की अधिकता के कारण होता है. अपनी चाय में अदरक मिलाने से भी शरीर में कफ को कम करने में मदद मिल सकती है.
5) मसाले
मसालों में एंटीडायबिटिक गुण होते हैं. डायबिटीज के रोगियों को हल्दी, सरसों, हींग, दालचीनी और धनिया का सेवन अवश्य करना चाहिए.
6) जामुन
जामुन इंसुलिन को नियंत्रित करने और इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है. जामुन के 4-5 पत्ते और जामुन चबाने से शुगर लेवल कम हो सकता है.
7) करी पत्ते
करी पत्ता डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए भी बहुत अच्छा है और इसलिए इसे दिन में दो से तीन बार सेवन करने की सलाह दी जाती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
खास बातें
यूरिक एसिड अब आम समस्या बन चुकी है. यह बीमारी सिर्फ बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं रह गई है बल्कि युवाओं में भी अपने पांव पसार लिए हैं. यूरिया का लेवल बढ़ने से बॉडी में सूजन, घुटनों में दर्द जैसी परेशानियां होती है. जिसका बुरा असर दिनचर्या पर पड़ता है. इसके कारण स्वभाव में चिड़चिड़ापन भी आ जाता है.ऐसे में अगर आप इस घरेलू उपचार को अपनाते हैं तो इस बीमारी से जल्दी छुटकारा पा सकते हैं. हम आपको यहां पर लौकी के जूस के बारे में बता रहे हैं, जिसके पीने से आपके शरीर का यूरिक कंट्रोल में आ जाएगा.
यूरिक एसिड में लौकी का जूस
- इसका जूस बनाने के लिए आप ताजी लौकी बाजार से ले आएं. इसके बाद इसके बीजों को निकाल दें. फिर उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर लीजिए और जूसर में डालकर अच्छे से चला दें. फिर एक बर्तन में निकालकर उसमें पानी मिक्स कर लीजिए. इसके बाद पी लीजिए. ऐसा अगर आप नियमित करते हैं तो लाभ जल्द मिलेगा. खाली पेट पीने से इसके फायदे ज्यादा होते हैं.
- फ्रेंच बीन्स का जूस इस बीमारी में लाभदायक होता है. इसे आप दिन में दो बार ले सकते हैं. नियमित सेवन से काफी हद तक यूरिक नियंत्रण में रहेगा.
- जैतून का तेल भी यूरिक एसिड को कंट्रोल करने का काम करता है. इसके एंटी इंफ्लेमेटरी गुण यूरिया के स्तर को बढ़ने नहीं देता है. वेजिटेबल जूस भी इस बीमारी में फायदेमंद साबित होते हैं. इसमें केला, ककड़ी, खीरा, ब्रोकली नींबू आदि के रस का सेवन लाभकारी है.
- इस बीमारी में गर्मी का फल जामुन भी बहुत असरदार होता है. यही नहीं, जामुन और सेब का सिरका खाने के साथ शामिल कर सकते हैं. यह भी अच्छा साबित होता है.