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शारदीय नवरात्रि का त्योहार आज से शुरू हो गया है। कई लोग आज से नौ दिन तक दुर्गा मां के लिए व्रत रखेंगे। व्रत के पीछ कई लोगों की आस्था छिपी है, तो कई स्वस्थ फायदे भी हैं। लेकिन व्रत के दौरान बहुत से लोग बीपी, डायबिटीज और नियमित रूप से लेने वाली दवाईयों को लेना भी बंद कर देते हैं। जिसके कारण उनके स्वस्थ को काफी नुकसान भी हो सकता है।
- डायबिटीज के मरीज व्रत के दौरान अपने शरीर को पूरी तरह हाइड्रेट रखें। कुछ भी खाने के बाद कम से कम 15 मिनट तक वॉक करें।
- अपने व्रत के फलहार में कॉम्पलेक्स कार्ब्स और कम कैलोरी वाले ड्रिंक को शामिल करें। ज्यादा हैवी खाने से बचें।
- व्रत के दौरान अपने फलहार में लो जीआई कार्ब्स जैसे कुट्टू की रोटी और सब्जियां शामिल करें। खाने से पहले सलाद जरुर खाएं, ताकि आपका पोस्ट प्रांडियल शुगर का स्तर नियंत्रित रहे।
- कम फैट वाले छाछ, दही, पनीर डेयरी प्रोटीन अपनी डायट में शामिल करें, ताकि डायबिटीज की क्रेविंग को खत्म किया जा सकें।
- डायबिटीज के मरीज थोड़ी थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाते रहें। तला भूना कम खाने की कोशिश करें।
- मीठे फल खाने के स्थान पर सेब, खीरा जैसे फल खाएं। मिठाई, फल या ड्राई फ्रूट्स खाने के आधे घंटे बाद या पहले पानी पिएं। नहीं तो खांसी की समस्या हो सकती है।
व्रत के दौरान जब व्रती का पेट खाली होता है तो उसकी वजह से आपके शरीर में चीनी की मात्रा को कम कर सकता है। इसलिए डायबिटीज पेशेंट व्रत रखने से पहले अपने डॉक्टर से जरुर सलाह ले लें। बीपी, कोलेस्ट्राल या अन्य दवाओं को व्रत के दौरान बंद करने से पहले भी डॉक्टर की सलाह ले लें।
खास बातें
बच्चे बड़े होते जाते हैं तो माता-पिता को यह चिंता खाने लगती है कि उनकी उम्र के साथ-साथ लंबाई भी बढ़ रही है या नहीं. बच्चों की वृद्धि और विकास उन्हें मिलने वाले पोषण और आस-आसपास के वातावरण पर अत्यधिक निर्भर करता है. पोषण की बात की जाए तो अगर बच्चों की डाइट (Children's Diet) में उन्हें जरूरी मात्रा में सेहत को फायदा पहुंचाने वाले तत्व नहीं मिलेंगे तो या तो उनके शरीर का वजन उनकी उम्र के अनुसार नहीं दिखेगा या फिर उनकी लंबाई (Children's Height) और कभी-कभी दोनों ही उम्र के हिसाब से सही नहीं होंगे. इसीलिए बच्चों के खानपान का विशेष ख्याल रखा जाना जरूरी होता है. निम्न खाने की कुछ ऐसी ही चीजों का जिक्र किया गया है जिन्हें डाइट का हिस्सा बनाने पर बच्चों की हाइट बढ़ने में मदद मिलती है.
बच्चों के लिए दूध (Milk) बिना किसी दोराय सबसे सेहतमंद चीजों में से एक है. दूध में पाए जाने वाला कैल्शियम और प्रोटीन बच्चों की हड्डियों को मजबूती देने और हड्डियों के विकास में सहायक हैं. इस चलते किसी पाउडर को मिलाए बिना भी बच्चों को दूध देना जरूरी है.
अंडा
अंडे में प्रोटीन (Protein) की अत्यधिक मात्रा पायी जाती है. इसे बच्चों को ब्रेकफास्ट में दिया जा सकता है. अंडे का मल्टीग्रेन टोस्ट बनाकर अगर बच्चे को दूध के साथ दिया जाए तो उसे प्रोटीन, कॉम्लेक्स कार्ब्स और कैल्शियम की भरपूर मात्रा मिल जाती है. इससे बच्चों की लंबाई पर तो प्रभाव पड़ेगा ही बल्कि बच्चे लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस करें और स्कूल में पढ़ाई पर ध्यान लगा पाएंगे.
फल
बच्चों की डाइट में अलग-अलग तरह के ताजे फल शामिल होने चाहिए. फलों में पाए जाने वाले खनिज और विटामिन बच्चों की लंबाई और सेहत पर अच्छा असर दिखाते हैं. रोजाना बच्चों को 2 से 3 फल खाने चाहिए.
दही
दूध की ही तरह दही भी बच्चों के खानपान में शामिल की जा सकती है. दही (Curd) बच्चों को विटामिन की अच्छी मात्रा देती है और कई हद तक कैल्शियम भी जिससे हड्डियों को मजबूती मिलती है.
हरी पत्तेदार सब्जियां
ज्यादातर बच्चे सब्जियों को देखकर नाक सिंकोड़ने लगते हैं खासकर तब जब वे हरी दिखाई देती हैं. लेकिन, लंबाई बढ़ाने के लिए जिन तत्वों की शरीर को आवश्यक्ता होती है वो इन सब्जियों से बच्चों को मिलते हैं. हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, फाइबर, फोलेट, मैग्नीशियम, पौटेशियम, कैल्शियम और आयरन पाया जाता है. इस चलते इन्हें बच्चों की डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
खास बातें
पेट की अपच एसिडिटी का कारण भी बन जाती है. आपके सामने चाहे कितना ही अच्छा खाना रखा हो लेकिन आप उसे सिर्फ इस चलते नहीं खा सकते क्योंकि पेट में गैस (Stomach Gas) उठने लगी है और गुड़गुड़ हो रही है. एसिडिटी (Acidity) होने पर ऐसा महसूस होता है कि श्वास नली में आग की लपटें उठ रही हैं और गले तक गैस जा रही है, वहीं पेट में हलचल मचती है सो अलग. कई बार सुबह-सुबह ही एसिडिटी हो जाती है ऐसे में घर से निकलने से पहले एक-आध उपाय अपना लेना समझदारी साबित होती है.
एसिडिटी के घरेलू उपाय
तुलसी के पत्ते
एसिडिटी दूर करने के लिए यह सबसे आसान और असरदार उपायों में से एक है. आपको करना बस इतना है कि 3 से 4 तुलसी के पत्तों (Tulsi Leaves) को लेकर एक कप पानी में उबाल लें. इस पानी को हल्का सा ठंडा होने दें और फिर पी लें. एसिडिटी दूर हो जाएगी.
छाछ
घर से छाछ पीकर आराम से निकला जा सकता है. आपको अगर एसिडिटी महसूस हो रही है तो एक गिलास छाछ पी लें. छाछ में लैक्टिक एसिड होता है जो एसिडिटी को शांत करने में असरदार है. इसमें आप आधा चम्मच काली मिर्च और धनिया के पत्ते डालकर पी सकते हैं.
गुड़
यूं तो गुड़ का सेवन काढ़ा बनाने में किया जाता है लेकिन एसिडिटी दूर करने में भी यह असरदार साबित होता है. इसके इस्तेमाल के लिए गुड़ का छोटा टुकड़ा लेकर नाश्ता करने के बाद खा लें. यह एसिडिटी को शांत करने का काम करेगा.
जीरा
एसिडिटी दूर करने के लिए जीरे का सेवन भी फायदेमंद होता है. एक गिलास पानी में जीरा (Cumin) डालकर इसे कुछ देर पका लें. पानी को गिलास में निकालें और हल्का ठंडा होने पर पी लें.
अदरक
सुबह-सुबह एसिडिटी होने लगे तो अदरक का सेवन करें. आप चाहें तो अदरक (Ginger) को सादा भी खा सकते हैं या फिर इसका पानी बनाकर पी लें. अदरक का पानी बनाने के लिए एक कप पानी गर्म करके उसमें अदरक के टुकड़े डाल लें. हल्का गर्म होने पर पी लें. स्वाद के लिए इसमें शहद डाला जा सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
व्हाइट डिस्चार्ज से लेकर यूरिन इन्फेक्शन हो पुरूषों से ज्यादा महिलाओं को इस तरह की समस्या झेलनी पड़ती है। व्हाइट डिस्चार्ज, यूरिन इन्फेक्शन, पेट का दर्द, यूरिन करते समय पेट में दर्द या जलन जैसी न जाने कितनी ही समस्याओं का सामना महिलाओं को करना पड़ता है। एक सर्वे के मुताबिक 40 प्रतिशत महिलाएं यूरिन इन्फेक्शन की समस्या से परेशान रहती हैं। कई बार महिलाएं किसी छोटी समस्या को नजरअंदाज कर देती हैं, जिसके बाद इस तरह की समस्या का उन्हें सामना करना पड़ता है। यूरिन इंफेक्शन का कारण हाइजीन की समस्या या मूत्राशय और उसकी नली के संक्रमित होना है।
क्या है यूरिन इंफेक्शन के लक्षण
यूरिन इंफेक्शन होने के बहुत से लक्षण है, जिन्हें कई बार महिलाएं इग्नोर कर देती हैं। इन लक्षणों में शामिल है-
- बार-बार यूरिन का आना
- यूरिन कम या नहीं आना
- यूरिन करते समय जलन होना
- पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
- बार-बार उल्टी जैसा महसूस होना
- यूरिन से खून आना
- यूरिन से बदबू आना
चावल पकाने से पहले कच्चे चावल को धो कर निकले पानी को चावल का स्टार्च कहते हैं । चावल के इस स्टार्च में कईृ एंटीऑक्सीडेंट्स शामिल होते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। कई लोग चावल के इस पानी को ब्यूटी बेनेफिट्स के लिए भी प्रयोग करते हैं । लेकिन इसे अपनी डेली डाइट में शामिल करने के कई हेल्थ बेनेफिट्स भी है। चावल के पानी में अमीनो एसिड्स, विटामिन, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट्स काफी मात्रा में होते हैं। इसमें विटामिन-बी और विटामिन-सी भी शामिल होते हैं। इसलिए चावल को धोने के बाद उसके पानी को फेंके नहीं, बल्कि अपने हेल्थ बेनेफिक्टस के लिए उपयोग करें।
ऐसे तैयार करें चावल का पानी
- सबसे पहले एक कटोरी चावल को एक बार धो लें, फिर उसे किसी मिट्टी के बर्तन या स्टील के बर्तन में छोड़ा और पानी डालकर 2-4 घंटे के लिए रख दें।
- चावल को पानी में ही हाथों से थोड़ा सा मैश कर लें।
- अब इस पानी को छन्नी से छान कर ग्लास में भर लें, और जब आपका मन हो पी लें।
- आप इसे एक बोतल में भरकर भी थोड़ा-थोड़ा करके पी सकते हैं।
- इस चावल के पानी को आप 6 से 8 घंटे के लिए स्टोर कर सकती हैं।
चावल का पानी पीने के बहुत सारे फायदे होते हैं। ये आपकी हेल्थ के साथ-साथ स्किन और बालों के लिए भी काफी लाभकारी है। चावल का पानी व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या के लिए आच्छा हो सकता है। चावल के पानी की टासीर ठंडी होती है, जिसके कारण ये यूरिन करते समय होने वाली जलन में राहत देता है। इतना ही नहीं डायरिया और ब्लीडिंग डिसऑर्डर, हैवी पीरियड्स की समस्या में भी चावल का पानी काफी फायदेमंद होता है। इसके पानी से आप अपना चेहरा, बाल और स्किन भी साफ कर सकती हैं।