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जुकिनी ऐसी सब्जी या कहें फल है जिसमें वाटर कंटेट बहुत ज्यादा होता है, इतना ही नहीं इसमें कैलोरी, कार्ब्स और शुगर भी बहुत कम होती है। इसमें मौजूद पेक्टिन नामक फाइबर दिल को स्वस्थ रखता है और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। अगर आप वेजिटेरियन हैं तो जुकिनी आपके लिए बेस्ट हैं आप इसको सलाद से लेकर, स्नैक्स और साइड डिश के रूप में भी खा सकते हैं।
यूं तो जुकिनी खीरे की फैमिली से है लेकिन इसके टेस्ट के कारण इसे फलों में भी शामिल किया जाता है। अब आप इसे सब्जी के तौर पर खाएं या फल की तरह ये आपकी मर्जी है। जुकिनी की सब्जी न सिर्फ आपके कोलेस्ट्रॉल को नियत्रिंत करता है बल्कि ये आपकी बढ़ती उम्र को भी थाम लेता है।
वजन को रखें कंट्रोल में
पोटैशियम, मैग्नीज और कई एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे विटामिन सी, विटामिन ए से भरपूर जुकिनी को वजन कम करने वाले लोग भी खा सकते हैं। यानि अगर आप वजन कम करने की सोच रहे हैं तो जुकिनी इसमें आपकी मदद कर सकता है।
जुकिनी की सब्जी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाएं जाते है। इसे डाइट में शामिल करने से ये आपको मैंटेल स्ट्रेस से दूर रखता है और आपकी त्वचा की खूबसूरत बनाए रखने के साथ बढ़तर उम्र की झांइयों को दूर रखता है।
कई रिसर्च भी ये साबित कर चुकी हैं कि जुकिनी में मौजूद तत्वों से पुरुषों में होने वाली समस्या बीपीएच (Benign Prostatic Hypertrophy) को ठीक करने में मदद कर सकता है। बीपीएच के तहत प्रोस्टेट ग्लैंड का साइज बड़ा हो जाता है जिसकी वजह से सेक्सुअल और यूरिनरी फंक्शन में प्रॉब्लम आती है। बीपीएच के लक्षणों को कम करने में जुकिनी बहुत लाभकारी है।
पोटैशियम, मैग्नीज, कई विटामिंस और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर जुकिनी को आंखों की सेहत से लेकर ये डायबिटीज के मरीजों तक के लिए फायदेमंद होता है। इसके सेवन से बीपी और शुगर का लेवल सीमित रहता है।
कैंसर और कार्डियोवस्कुलर डिसीज से बचाव के लिए भी जुकिनी को अपनी डाइट में शामिल करना फायदे का सौदा साबित हो सकता है। इसके अलावा इस सब्जी का सेवन करने से नवर्स सिस्टम यानि तंत्रिका तंत्र को मजबूत और स्वस्थ्य रखने के लिए जुकिनी बहुत फायदेमंद है।
जुकिनी में विटामिन सी और कॉपर पाया जाता है। इसके अलावा इसमें एंटी इनफ्लैमटेरी गुण पाए जाते हैं। जो कि एजिंग एंजेट से लड़ने की क्षमता रखते हैं। अस्थमा रोगियों के लिए ये सब्जी देसी दवा की तरह काम करती है।
जुकिनी में बहुत ही ज्यादा मात्रा में फॉलेट एसिड पाया जाता है, जिसका सेवन करने के लिए डॉक्टर प्रेगनेंट महिलाओं को नसीहत देते है। प्रेगनेंसी में ये सुपर फूड की तरह काम करता है। इसमें बीटा-कैरोटीन, विटामिन सी और एंटीइन्फ्लैमटरी गुण पाए जाते है जो हड्डियों को मजबूत करता है।
जुकिनी प्रोटीन से भरपूर है, इसे अगर आप अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो आपको अलग से प्रोटीन के लिए सप्लीमेंट या अन्य खाद्य पदार्थों की जरूरत नहीं होगी।
डेंगू (Dengue) एक ऐसा बुखार है, जो मच्छर के काटने से होता है. यह वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. डेंगू बुखार (Dengue fever) में शरीर के प्लेटलेट्स अचानक से कम होने शुरू हो जाते हैं. यह बुखार (Home Remedies for Dengue) एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता. बुखार के साथ सबसे सामान्य लक्षण (Dengue Fever Symptoms) है सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और त्वचा का खराब हो जाना. कभी-कभी, यह लक्षण फ्लू के साथ मिलकर कंफ्यूज भी कर देते हैं. पिछले कुछ सालों में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं.
डेंगू के इलाज के लिए कई कारगर घरेलू नुस्खे बताए जाते हैं (Home Remedies for Dengue Fever in Hindi):
डेंगू इंफेक्शन का पता ब्लड टेस्ट के द्वारा लगाया जाता है. इससे बचने के लिए कोई स्पेशल दवाई नहीं है, लेकिन इस दौरान आपको सही से आराम करने और बहुत सारे पेय पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है. डेंगू की चपेट (Home Remedies for Dengue Fever) में आने के बाद दिल्ली के लोग इससे बचने के लिए कुछ प्राकृतिक नुस्खे अपना रहे हैं. हम आपको हेल्थ एक्सपर्ट और डॉक्टर की सलाह से कुछ ऐसे ही घरेलू और प्राकृतिक नुस्खे (dengue treatment at home) बता रहे हैं ताकि आप खुद को डेंगू के प्रकोप से बचा सकें.
गिलोय (Giloy home remedies): गिलोय का आयुर्वेद में बहुत महत्व है. यह मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने और बॉडी को इंफेक्शन से बचाने में मदद करती है. डॉ. गार्गी सलाह देती हैं कि इनके तनों को उबालकर हर्बल ड्रिंक की तरह सर्व किया जा सकता है. इसमें तुलसी के पत्ते भी डाले जा सकते हैं.
मेथी के पत्ते (Flaxseed home remedies for Dengue): यह पत्तियां बुखार कम करने के लिए सहायक हैं. यह पीड़ित का दर्द दूर कर उसे आसानी से नींद में मदद करती हैं. इसकी पत्तियों को पानी में भिगोकर उसके पानी को पीया जा सकता है. इसके अलावा, मेथी पाउडर को भी पानी में मिलाकर पी सकते हैं.
पीपते के पत्ते (Papaya home remedies for Dengue): यह प्लेटलेट्स की गिनती बढ़ाने में हेल्प करता है. साथ ही, बॉडी में दर्द, कमजोरी महसूस होना, उबकाई आना, थकान महसूस होना आदि जैसे बुखार के लक्षण को कम करने में सहायक है. आप इसकी पत्तियों को कूट कर खा सकते हैं या फिर इन्हें ड्रिंक की तरह भी पिया जा सकता है, जो कि बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करते हैं.
गोल्डनसील (Home remedies for Dengue): यह नार्थ अमेरिका में पाई जाने वाली एक हर्ब है, जिसे दवाई बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इस हर्ब में डेंगू बुखार को बहुत तेजी से खत्म कर शरीर में से डेंगू के वायरस को खत्म करने की क्षमता होती है. यह पपीते की पत्तियों की तरह ही काम करती हैं और उन्हीं की तरह इन्हें भी यूज किया जाता है. इन्हें कूट के सीधे चबाकर या फिर जूस पीकर लाभ उठाया जा सकता है.
तुलसी के पत्ते और काली मिर्चः (Home remedies for Dengue in Hindi)
तुलसी के पत्तों और दो ग्राम काली मिर्च को पानी में उबालकर पीना सेहत के लिए अच्छा रहता है. यह ड्रिंक आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है और एंटी-बैक्टीरियल तत्व के रूप में कार्य करती है.
::/fulltext::मधुमेह या डायबिटीज (Diabetes ) मेटाबोलिक बीमारियों का एक समूह है, जिसमें खून में ग्लूकोज या ब्लड शुगर (Blood sugar level) का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है. ऐसा तब होता है, जब शरीर में इंसुलिन (Insulin) ठीक से न बने या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन (Insulin) के लिए ठीक से प्रतिक्रिया न दें. जिन मरीजों का ब्लड शुगर (Blood sugar level) सामान्य से अधिक होता है वे अक्सर पॉलीयूरिया (बार बार पेशाब आना) से परेशान रहते हैं. उन्हें प्यास (पॉलीडिप्सिया) और भूख (पॉलिफेजिया) ज्यादा लगती है.
कितनी तरह की होती है डायबिटीज (Types of Diabetes in Hindi)
टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) में शरीर में इंसुलिन नहीं बनता. मधुमेह के तकरीबन 10 फीसदी मामले इसी प्रकार के होते हैं. जबकि टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) में शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता. दुनिया भर में मधुमेह के 90 फीसदी मामले इसी प्रकार के हैं. मधुमेह का तीसरा प्रकार है गैस्टेशनल मधुमेह, जो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होता है.
कैसे करें डायबिटीज को कंट्रोल (Manage Your Diabetes)
उचित व्यायाम, आहार और शरीर के वजन पर नियन्त्रण बनाए रखकर मधुमेह को नियन्त्रित रखा जा सकता है. अगर मधुमेह पर ठीक से नियन्त्रण न रखा जाए तो मरीज में दिल, गुर्दे, आंखें, पैर एवं तंत्रिका संबंधी कई तरह की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है.
1. जीवनशैली : गतिहीन जीवनशैली, अधिक मात्रा में जंक फूड, फिजी पेय पदार्थो का सेवन और खाने-पीने की गलत आदतें मधुमेह का कारण बन सकती हैं. घंटों तक लगातार बैठे रहने से भी मधुमेह की संभावना बढ़ती है.
2. सामान्य से अधिक वजन, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता : अगर व्यक्ति शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय न हो अथवा मोटापे का शिकार हो, उसका वजन सामान्य से अधिक हो तो भी मधुमेह की सम्भावना बढ़ जाती है. ज्यादा वजन इंसुलिन के निर्माण में बाधा पैदा करता है. शरीर में वसा की लोकेशन भी इसे प्रभावित करती है. पेट पर अधिक वसा का जमाव होने से इंसुलिन उत्पादन में बाधा आती है, जिसका परिणाम टाइप 2 डायबिटीज, दिल एवं रक्त वाहिकाओं की बीमारियों के रूप में सामने आ सकता है. ऐसे में व्यक्ति को अपने बीएमआई (शरीर वजन सूचकांक) पर निगरानी बनाए रखते हुए अपने वजन पर नियन्त्रण रखना चाहिए.
3. जीन एवं पारिवारिक इतिहास : कुछ विशेष जीन मधुमेह की सम्भावना बढ़ा सकते हैं. जिन लोगों के परिवार में मधुमेह का इतिहास होता है, उनमें इस रोग की सम्भावना अधिक होती है.
मधुमेह या डायबिटीज से ऐसे बचें : (Diabetes Prevention)
1. नियमित व्यायाम करें : गतिहीन जीवनशैली मधुमेह के मुख्य कारणों में से एक है. रोजाना कम से कम 30-45 मिनट व्यायाम मधुमेह से बचने के लिए आवश्यक है.
2. संतुलित आहार : सही समय पर सही आहार जैसे फलों, सब्जियों और अनाज का सेवन बेहद फायदेमंद है. लम्बे समय तक खाली पेट न रहें.
3. वजन पर नियन्त्रण रखें : उचित आहार और नियमित व्यायाम द्वारा वजन पर नियंत्रण रखें. कम वजन और उचित आहार से डायबिटीज के लक्षणों को ठीक कर सकते हैं.
4. पर्याप्त नींद : रोजना सात-आठ घंटे की नींद महत्वपूर्ण है. नींद के दौरान हमारा शरीर विषैले पदार्थों को बाहर निकाल कर शरीर में टूट-फूट की मरम्मत करता है. देर रात तक जागने और सुबह देर तक सोने से मधुमेह और उच्च रक्तचाप की संभावना बढ़ती है.
5. तनाव से बचें : तनाव आज हर किसी के जीवन का जरूरी हिस्सा बन गया है. मनोरंजक एवं सामाजिक गतिविधियों द्वारा अपने आप को तनाव से दूर रखने की कोशिश करें. साथ ही तनाव के दौरान सिगरेट का सेवन करने से मधुमेह की सम्भावना और अधिक बढ़ जाती है.
डायबिटीज से बचने के घरेलु उपाय या नुस्खे (Remedies To Manage Your Sugar Levels) :
1. तुलसी से कंट्रोल करें डायबिटीज
तुलसी की पत्तियों में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं. तुलसी पैंक्रियाटिक बीटा सेल्स बनाने मे मदद करती है जो इंसुलिन के प्रति सक्रिय बनाती हैं. ये इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ाते हैं. तो अगर आप खाली पेट तुलसी की पत्ती चबाएंगे तो यह यकीनन फायदेमंद होगा.
2. जामुन से कंट्रोल करें डायबिटीज
जामुन के बीज भी डायबिटीज को नियंत्रित करने में मददगार हैं. जामुन के बीजों को सुखा कर इन्हें पीस लें और पाउडर बना कर खाली पेट हल्के गर्म पानी के साथ लेने से डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
3. दालचीनी से कंट्रोल करें डायबिटीज
हर भारतीय रसोई में दालचीनी मिल ही जाती है. स्वाद और सुगंध के साथ ही दालचीनी सेहत के लिए भी बड़ी कारगर है. दालचीनी इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ा कर ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करती है. तो दालचीनी को पीसकर उसे हल्के गर्म पानी के साथ लें. लेकिन इसकी मात्रा का ध्यान रखें यह ज्यादा मात्रा में लेने पर नुकसान भी दे सकती है.
सहजन की पत्तियां भी डायबिटीज को कंट्रोल करने में कारगर हैं. इनका रस निकाल कर खाली पेट पीने की सलाह दी जाती है. इससे शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है.
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