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सर्दियां आ गई हैं और अदरक वाली चाय के कप पर कप खाली करने वाले लोगों के लिए यह तसल्ली भी कि इस मौसम में वे बिना डरे अदरक खा सकते हैं. ज्यादातर भारतीय घरों में सुबह या शाम चाय बनाने का रिवाज है. इसमें अदरक का अपना अलग ही महत्व है (Benefits of Ginger in Hindi). सर्दियों में तो यह और भी खास हो जाती है. अदरक शरीर को गर्म रख सर्दी-खांसी, गले की खराश, फ्लू और सीज़न की कई बीमारियों से बचाती है. अदरक को सब्जी में भी डाला जाता है. यहां तक की अदरक और टमाटर की सब्जी भी बनाई जाती है. सर्द मौसम में अदरक खाने से खांसी- जुकाम, बलगम जैसी बीमारियों से बचाती है.
तो चलिए एक नजर देखते हैं अदरक के फायदों पर (Benefits of Ginger in Hindi):
भारतीय रसोई में जमकर इस्तेमाल की जाने वाली अदकर की तासीर गर्म होती है और यही वजह है कि इसे सर्दियों में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. अदरक में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेटस जैसे तत्व होते हैं. तो क्यों न आज बात की जाए अदरक खाने से होने वाले फायदों के बारे (ADRAK KE FAYDE) में-
प्रेग्नेंसी और जी मिचलाना (benefits of ginger during pregnancy) :
शुरूआती महीनों में आने वाली मॉर्निंग सिकनेस और कमजोरी को दूर करने के लिए अदरक का सेवन बहुत बढ़िया है. लेकिन आखिरी तिमाही महीनों में अदरक से दूरी बनाएं, क्योंकि इससे प्रीमेच्योर डिलीवरी और लेबर होने का खतरा बना रहता है. सामान्य अवस्था में जी मिचलाने पर 1 चम्मच अदरक के जूस में 1 चम्मच नींबू का रस मिलाएं. इसको हर दो घंटे बाद पीएं. जल्द ही राहत मिलेगी.
गठिया दर्द में रहात (benefits of ginger for Arthritis ) :
अदरक में एंटी-इन्फ्लॉमेट्री प्रॉपर्टीज होती हैं. यही वजह है कि अदरक जोड़ों के दर्द को खत्म करने का काम करती है.
श्वास संबंधी बीमारी (benefits of ginger for Breathing problems ) :
अदरक का रोज सेवन करने से श्वास संबंधी रोगों में कमी लाई जा सकती है. वहीं अदरक में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इसे एलर्जी और संक्रमण से भी बचाते हैं.
भूख (benefits of ginger ) :
अगर भूख कम लगती है और इसे बढ़ाना है तो इसमें भी अदरक काफी फायदा पहुंचा सकती है. अदरक के सेवन से भोजन के पौष्टिक गुणों को पचाने में मदद मिलती है, जिससे भूख बढ़ाने में काफी मदद मिलती है.
सर्दी- जुकाम या फ्लू (ginger home remedies for cough, cold and flu) :
मौसम बदल रहा है. इस मौसम में सर्दी-जुकाम या फ्लू होने की संभावना रहती है. ऐसे में अदरक का सेवन आपको इनसे बचा सकता है. यह शरीर को गर्म रखता है जिससे पसीना अधिक आता है और शरीर गर्म बना रहता है.
माइग्रेन (Migraine remedies) :
जी हां, अदरक आपकी माइग्रेन की समस्या को भी दूर कर सकता है. माइग्रेन का अटैक आए तो अदरक की चाय पीएं. ऐसा करने से दर्द और उल्टी से काफी हद तक राहत मिलेगी.
मासिक धर्म (benefits of ginger during period) :
हर किसी के मासिक धर्म एक समान नहीं होते. कुछ महिलाओं को इस दौरान बहुत दर्द होता है. ऐसे में अदरक की चाय काफी फायदा पहुंचाती है.
दिल (benefits of ginger for heart) :
अदरक कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मददगार होता है. इतना ही नहीं यह ब्लड प्रेशर को ठीक रखने, खून को जमने से रोकने का काम करता है. तो कुल मिलाकर यह आपके दिल के लिए बहुत फायदेमंद है.
::/fulltext::एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) का ज्यादा इस्तेमाल शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है. जरुरत से ज्यादा एंटीबायोटिक्स दवाइयां खाने से प्रतिरोधी कोशिकाओं को दुरुस्त रखने और संक्रमणों को दूर रखने वाले शरीर के 'अच्छे' विषाणु मर सकते हैं. वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि इन दवाओं का अत्याधिक उपयोग शरीर के लिए कुछ अच्छा करने की बजाए उसे नुकसान पहुंचा सकता है.
इस अध्ययन में पाया गया कि शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता संक्रमण से लड़ने और अवांछित जलन एवं सूजन को कम करने में प्रभावी हैं तथा एंटीबायोटिक्स ऐसी प्राकृतिक क्षमताओं को रोक सकते हैं. अमेरिका की ‘केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी’ के अनुसंधानकर्ताओं ने “शरीर में रहने वाले” विषाणु, उनके फैटी एसिड और श्वेत रक्त कणिकाओं (डब्ल्यूबीसी) के कुछ प्रकारों का विश्लेषण किया जो मुंह के संक्रमण से लड़ने में सक्षम होते हैं.
केस वेस्टर्न में सहायक प्राध्यापक एवं प्रमुख अनुसंधानकर्ता पुष्पा पंडियान ने कहा, “हमने यह जानने के लिए प्रयोग किया अगर किसी फंगल संक्रमण से लड़ने के लिए हमारे पास विषाणु नहीं होगा तो क्या होगा.” इन अनुसंधानकर्ताओं में भारतीय मूल के वैज्ञानिक नटराजन भास्करन और शिवानी बुटाला शामिल थी.
उन्होंने बताया कि जानलेवा संक्रमणों को ठीक करने के लिए अब भी एंटीबायोटिक्स की जरूरत पड़ती है. पंडियान ने कहा, “हमारे शरीर में प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमताएं मौजूद हैं और इसमें हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए. एंटीबायोटिक्स के बेवजह अत्याधिक प्रयोग से कोई लाभ नहीं होता.”
::/fulltext::नई दिल्ली: World Heart Day 2018: दिल का इलाज सबसे महंगा इलाज होता है. हार्ट की एक छोटी-सी परेशानी भी
लाखों की चपत लगा देती है. कई लोग तो अपना सब कुछ बेच कर भी इलाज नहीं करा पाते, तो कुछ लोगों का सब कुछ दाव पर लग जाता है. लोगों की इसी समस्या को देखते हुए एक ऐसे अस्पताल का निर्माण हुआ है जहां दिल की गंभीर-गंभीर बीमारियों का इलाज मुफ्त में किया जाता है. जी हां, यहां दिल की जांच से लेकर ऑपरेशन तक, सभी कुछ मुफ्त में किया जाता है. और, यह कोई सरकारी अस्पताल नहीं, जहां देखभाल में ढील दी जाए यह एक प्राइवेट अस्पताल है. यहां सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि विदेशों से लोग इलाज कराने आते हैं.
जानिए इस अस्पताल के बारे में
छत्तीसगढ़ के रायपुर में मौजूद है श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल. यह भारत का एकमात्र ऐसा अस्पताल है जो बच्चों के हृदय रोगों के इलाज के लिए पूरी तरह समर्पित है. पूरी तरह निःशुल्क सेवा देने वाले इस अस्पताल में दुनिया भर से आए बच्चों का इलाज किया जाता है. 100 बिस्तर वाले इस अस्पताल की स्थापना नवंबर वर्ष 2012 में हुई. पहले यहां सभी उम्र के मरीजों के दिल का इलाज किया जाता था, लेकिन फरवरी वर्ष 2014 से इसे चाइल्ड हार्ट केयर सेंटर के रूप में परिवर्तित कर दिया गया, तब से यह अस्पताल बच्चों के दिल की देखभाल कर रहा है.
यह ऐसा अस्पताल है जहां कैश काउंटर नहीं है. मतलब जरूरी जांच, ऑपरेशन, इलाज, रहना और खाना सब कुछ मुफ्त है. इस अस्पताल में भर्ती होने वाले 12 वर्ष तक के बच्चों के साथ दो व्यक्तियों को तथा 12 से 18 वर्ष तक के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के साथ एक व्यक्ति के रहने और खाने की व्यवस्था की जाती है.
इस अस्पताल में बच्चों के हृदय रोग के 25 तरह के आपरेशन किए जाते हैं. निजी अस्पतालों में इसका खर्च 3 से 15 लाख रुपये आता है लेकिन यहां यह फ्री है. यहां बेहतर डॉक्टरों की टीम है जो एक दिन में कम से कम पांच ऑपरेशन करती है. जिसमें से तीन आपरेशन ओपन हार्ट सर्जरी का होता है.
अस्पताल के शुरू होने के बाद से अब तक यहां 4500 बच्चों के दिल का ऑपरेशन हो चुका है. यहां अपने बच्चों के हृदय का इलाज कराने के लिए छत्तीसगढ़ समेत देश के 28 राज्यों और नौ अन्य देशों के लोग आ चुके हैं. श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल में फिजी के दो बच्चों, पाकिस्तान के नौ बच्चों, बांग्लादेश के 11 बच्चों, नाइजीरिया के आठ बच्चों, नेपाल और श्रीलंका के पांच-पांच बच्चों, अफगानिस्तान के दो बच्चों तथा लाइबेरिया और यमन के एक एक बच्चे के दिल का इलाज किया गया है. वहीं, यहां के चिकित्सकों के दल ने फिजी जाकर 26 बच्चों के दिल का आपरेशन किया था. यह आंकणे अप्रैल 2018 तक के हैं.
इस अस्पताल की एक और खास बात जो कि लोगों को काफी आकर्षित करती है वो है इसका आकार. यह अस्पताल दिल के आकार में बना हुआ है. दिल के आकार वाले 30 एकड़ में फैले इस चिकित्सालय परिसर में सत्य साई सौभाग्यम और नर्सिंग कालेज भी है. सत्य साई सौभाग्यम में कला, संस्कृति, शिक्षा और सामाजिक उत्थान के कार्यक्रम होते रहते हैं. यहां का स्टाफ इसे अस्पताल नहीं बल्कि टैंपल आफ हीलिंग कहते हैं और इसे मंदिर की तरह ही पूजा जाता है. अस्पताल का नियम है कि प्रतिदिन सुबह जिन बच्चों का ऑपरेशन होता है उनके लिए प्रार्थना की जाती है और उनकी लिस्ट देश विदेश में फैले लाखों अनुयायियों को भेजा जाता है. जिससे वह भी प्रार्थना में शामिल हो सकें.
अस्पताल के शिशु हृदय रोग विशेषज्ञ अतुल प्रभु कहते हैं कि इसे हम अस्पताल नहीं मंदिर मानते हैं और हम अपना काम भी इसी तरह करते हैं. इसलिए कभी नहीं लगता कि हमें पैसा कमाना है. हम चाहते हैं कि यहां आने वाले बच्चों की मुस्कान लौटा सकें.
::/fulltext::अक्सर लोग गूगल पर Can milk be taken after consuming alcohol? लिखकर सर्च करते हैं. इसके जवाब भी कई मिलते हैं. लेकिन हर जवाब सही हो यह जरूरी तो नहीं. तो अगर आप भी इस सवाल को लेकर दुविधा में हैं कि शराब के बाद दूध पीना चाहिए या नहीं तो इसका सही जवाब आज हम आपको देते हैं. शरीर में पाचन एंजाइम होते हैं. जब भी हम कुछ खाते हैं तो वे digestive enzymes खाने के साथ मिल कर उसे पचाने और उससे पोषण लेने में मदद करते हैं. शराब (Alcohol) पीने से उन डाइजेस्टिव एंजाम्स को नुकसान पहुंचता है. जिससे अगर आप शराब के बाद दूध पीते हैं तो दूध में मौजूद पोषक तत्वों का पूरा लाभ आपको नहीं मिलता.
अल्कोहोल पेट में मौजूद इन सेल्स को नुकसान पहुंचाता है. जिससे खाने में मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं. हमारे पेट और आंतों के सिरों पर मौजूद ये सेल्स खाने में मौजूद पोषक तत्वों को लेते हैं जिनसे ही खून बनता है. दूसरे शब्दों में कहें तो पोषक तत्वों की कमी दूसरी कई समस्याओं को जन्म दे सकती है. यह बात दूध पर भी लागू होती है. अगर दूध का पूरा पोषण शरीर को मिलेगा ही नहीं तो उसे पीना व्यर्थ होगा.
इतना ही नहीं शराब पेट में गैस बना देती है. जो कि गैस्ट्रिक या आंत का अल्सर पैदा कर सकती है. और अगर आपको डायबिटीज है या यह आपके परिवार में किसी को है तो शराब आपके लिए और भी बड़ा खतरा साबित हो सकती है. वहीं दूसरी तरफ दूध को अगर रात में पिया जाता है तो यह ठीक है. लेकिन इसे गर्म पीना चाहिए वह भी अदरक के साथ. यह पोषण से भरा होगा और दिमाग को शांत करने के साथ ही अच्छी नींद भी देगा.
दूध अमिनो एसिड (amino acid) L-tryptophan होता है. जो शरीर को आराम देता है और तनाव कम करने में मददगार है. वहीं दूसरी तरफ शराब नींद को खराब कर सकती है और इसमें बाधा ला सकती है. हालाकि एक सीमा में लिए गए ड्रिंक जल्दी नींद आने के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन यह नींद कुछ ही घंटों में टूट सकती है. इसके अलावा रात में बार बार नींद टूटने की समस्या भी हो सकती है. तो यह अच्छा होगा कि आप दूध और शराब को मिलाएं नहीं.
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