Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
सेक्स के बाद यूरिन पास करना क्या वास्तव में जरूरी है? खैर, उन सुखद पलों के ठीक बाद बिस्तर छोड़ना किसी को पसंद नहीं होता, लेकिन साथी के साथ इन पलों के अहसास के चक्कर में आप अपने स्वास्थ्य को जोखिम में नहीं डाल सकते. महिलाओं के लिए यह अधिक जरूरी है क्योंकि महिलाओं का मूत्रमार्ग काफी छोटा होता है ऐसे में बैक्टीरिया वहां तेजी से पहुंच सकते हैं. उन पलों के बाद ये जरूरी नहीं है कि आपको इंफेक्शन हो ही, लेकिन स्वच्छता अपनाना सिर्फ आपको सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण है. उन सुखद पलों के बाद यूरिन पास करना कितना आवश्यक है, आइए आपको बताते हैं:
1. बैक्टीरिया कर सकते हैं आपको तंग
संभोग के दौरान बैक्टीरिया हमारे शरीर में मुंह, अंगुली, लिंग के द्वारा प्रवेश कर सकते हैं. जरूरी नहीं है कि ये बैक्टीरिया बाहरी बैक्टीरिया हों, यह फीकल भी हो सकते हैं. महिलाओं का मूत्रमार्ग काफी छोटा होता है जिस कारण बैक्टीरिया आसानी से मूत्राशय तक जा सकते हैं. इसके अलावा ये भी ध्यान रखें कि उन पलों के दौरान एक ही कोन्डम को दोबारा इस्तेमाल न करें.
2. यूटीआई होने का रहता है खतरा
यूरिन ट्रेक इंफेक्शन काफी दर्दनाक होता है. यह संक्रमण महिलाओं में होने का खतरा सबसे अधिक रहता है. अगर आपको भी बार-बार सेक्स के बाद ये इंफेक्शन हो रहा है तो इसका कारण यही है कि आप सुखद पलों के बाद यूरिन पास नहीं कर रही हैं.
3. शरीर से बैक्टीरिया निकाला है यूरिन
किसी भी इंफेक्शन के बढ़ने से पहले बेहतर होगा आप अपने शरीर से डिस्प्लेज बैक्टीरिया को पूरी तरह से निकाल लें. इससे आपको किसी भी प्रकार के इंफेक्शन होने का खतरा नहीं रहेगा.
4. खुद पर न डालें दबाव
सेक्स के बाद ज्यादातर लोगों को यूरिन पास करने की इच्छा होती है. लेकिन इसके लिए महिलाओं को खुद पर प्रेशर नहीं डालना चाहिए. यह जी-स्पॉट की उत्तेजना के कारण होता है. उन पलों के बाद आलसी महसूस न करें और रिलेक्स करें. अगर आपको सेक्स के बाद यूरिन पास करने की आवश्यकता महसूस नहीं होती है, तो इसमें चिंता की कोई बात नहीं है. इसका कारण यह हो सकता है कि आप खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेट कर रहे हैं.
5. होता है इंफेक्शन का खतरा
सेक्स के बाद बिस्तर से तुरंत उठने की अगर इच्छा नहीं है तो आप कुछ देर इंतजार कर सकते हैं. पर ध्यान रहे यह इंतजार 30 मिनट से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इससे इंफेक्शन होने का खतरा काफी कम हो जाता है.
World Heart Day: क्या हार्ट अटैक के लिए भी घरेलू उपाय होते हैं... यह सवाल कई लोगों के मन में उठता है. असल में बदलती जीवनशैली ने मानव शरीर में कई बीमारियों के लिए संभावना बढ़ा दी है. कुछ रोग तो साफ तौर पर लाइफस्टाइल की देन हैं. जिनमें हार्ट अटैक (Heart Attack), डायबिटीज, थायरोइड बहुत ही आम हो गए हैं और इनके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसमें से हार्ट अटैक की समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है. हर साल की तरह इस साल भी आपके दिल की सेहत के लिए World Heart Day मनाया जा रहा है. इस मौके पर हम आपको बताते हैं कि हार्ट अटैक (Heart Atack) आने की स्थिति में क्या प्राथमिक चिकित्सा यानी फस्ट एड (heart attack first aid) दी जा सकती है.
इसके लिए जरूरी है कि आप हर्ट अटैक के शुरुआती लक्षणों को समझें (Early Signs and Symptoms of a Heart Attack). तो अगर आपके आस पास कोई इसकी चपेट में आ जाए और आप इसे भांप जाएं तो किस तरह आप बचा सकते हैं उसकी जान और क्या उपाय हैं जो आपको करने हैं उस हार्ट पेशंट के साथ ये हम आपको बताते हैं (What to do if you or someone may be having a heart attack).
हार्ट अटैक आने पर आप क्या करें (First aid on Heart Attack in Hindi) :
सबसे पहले बुलाएं मदद: जैसे ही आपको यह समझ आ जाए कि किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक (Heart Attack) आया है, तो सबसे पहले मेडिकल हेल्प के लिए कॉल करें. इसकी वजह यह है कि हो सकता है कि आप अपनी तरफ से पूरी कोशिश करें लेकिन यह रोग बिना मेडिकल हेल्प के ठीक नहीं होगा और मरीज को समय रहते इलाज मिल पाएगा.
इस तरह दें दिल के मरीज को मदद : मेडिकल हेल्प को कॉल करने के बाद आपको हार्ट अटैक (Heart Attack) का सामना कर रहे व्यक्ति को एंबूलेंस या मदद आने तक मदद देनी है. इसके लिए उसे सीधा लेटा दें और उसके कपड़ों को ढीला कर दें. हो सकता है कि आसपास का माहौल गरमा गया हो और कई लोगों ने उन्हें घेर लिया हो, तो आप लोगों से दूर हट जाने और हवा आने की जगह छोड़ देने को कहें.
पल्स चेक करें: इसके बाद मरीज की पल्स चेक करें. कलाई की पल्स चेक करने से अच्छा है, गर्दन की साइड की पल्स चेक करें. अगर ब्लड प्रेशर कम है तो कलाई की पल्स पता ही नहीं चल पाती.
ऑक्सीजन दें: इस बात का पूरा ध्यान रखें कि आपको यह देखना है कि मरीज को सांस आ रही है या नहीं. अगर सांस नहीं आ रही तो उसे ऑक्सीजन देने की कोशिश करें. हो सकता है कि मरीज को नॉजिया फील हो या उबकाई आने लगे. ऐसे में उसे उल्टी करने को बोलें, ताकि शरीर के अन्य भागों जैसे लंग्स आदि में न जा सके.
पैरों से दें मदद: पीड़ित के दोनों पैरों को उठा दें, ताकि हृदय तक ब्लड सप्लाई को सही किया जा सके. अगर व्यक्ति बेहोशी की हालत में है तो कार्डियोपलमिनरी रिसीसटैशन (सीपीआर) करें, अगर आप सीपीआर नहीं जानते, तो आप फिर भी पीड़ित की मदद कर सकते हैं. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन इसका आसान वर्ज़न करने की सलाह देता है, जिसे हाथ से किया जाता है.
हार्ट अटैक आने पर क्या न करें (Heart Attack: Do's and Don'ts in Hindi): हार्ट अटैक आने पर जितना जरूरी यह जानना है कि आपको क्या करना है उतना ही जरूरी यह जानना भी है कि हार्ट अटैक के टाइम क्या न किया जाए.
थम्पिंग और पंपिग के दौरान सावधान (Heart Palpitations): हम सब यह जानते हैं कि हार्ट अटैक के दौरान मरीज को थम्पिंग और पंपिग दी जानी चाहिए. लेकिन इस बात में भी सावधानी बरतने की जरूरत है. दिल की धड़कन जाने बिना थम्पिंग और पंपिग (दबाव और जबरदस्ती) करने से परहेज करना चाहिए.
खाने का रखें ध्यान: अगर आप समझ चुके हैं कि मरीज को हार्ट अटैक आया है और आप मेडिकल हेल्प का इंतजार कर रहे हैं तो इस दौरान पीड़ित को ऐसे में कुछ खिलाने की कोशिश न करें. एस्प्रिन ब्लड क्लॉट रोकने में मदद करती है कई डॉक्टर सलाह देते हैं कि एस्प्रिन सभी लोगों के लिए नहीं है. इसे इस्तेमाल करने के कुछ सुझाव हैं. यह तब मदद कर सकती है, जब इसकी जरूरत हो लेकिन अगर डॉक्टर की बिना सलाह लिए इसे दिया जाए, तो यह बहुत हानिकारक हो सकती है.
::/fulltext::नई दिल्ली : दिग्गज दवा कंपनी डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज ने कुछ प्रकार के कैंसर के इलाज के लिये भारत में औषधि हार्वीक्टा पेश किये जाने की आज घोषणा की. हार्वीक्टा (ट्रास्तुजुमाब) का उपयोग प्रारंभिक स्तन कैंसर, मेटास्टैटिक स्तन कैंसर (स्तन कैंसर का चौथा चरण) और मेटास्टैटिक गैस्ट्रिक कैंसर (अमाशय का कैंसर) के इलाज के लिये किया जाता है.
ट्यूबरक्लोसिस या टीबी (Tuberculosis, TB) आज भी विश्व का खतरनाक संक्रामक रोग बना हुआ है, लेकिन साल 2000 के बाद वैश्विक प्रयासों की वजह से टीबी (Tuberculosis, TB) से हो सकने वाली लगभग 5.4 करोड़ मौतों (TB statistics) को टाला जा सका है. विश्व स्वास्थ्य संगठन, डब्ल्यूएचओ (WHO) ने मंगलवार को यह जानकारी दी. एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ ने अपनी नवीनतम 2018 की वैश्विक टीबी रिपोर्ट में कहा कि विभिन्न देश 2030 तक इसे समाप्त करने के लिए अब भी कुछ ज्यादा नहीं कर रहे हैं.
डब्ल्यूएचओ (WHO) ने इसके साथ ही देश व सरकार के 50 प्रमुखों को इस संदर्भ में निर्णायक निर्णय लेने के लिए कहा, जोकि टीबी पर संयुक्त राष्ट्र के पहले उच्च स्तरीय बैठक में संभवत: अगले हफ्ते हिस्सा लेंगे. रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले वर्षो में टीबी से मरने वालों की संख्या में कुछ कमी आई है. 2017 में एक अनुमान के मुताबिक 1 करोड़ लोगों को टीबी हुआ और इससे 16 लाख मौतें हुईं, जिसमें 3 लाख एचआईवी -पॉजिटिव लोग भी शामिल हैं. टीबी के नए मामले में 2 प्रतिशत की कमी आई है.
हालांकि टीबी मामले में बिना रिपोर्ट किए (अंडररिपोर्टिग) और बिना रोग-निदान (अंडर-डाइगनोसिस) के मामले एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं. 2017 में जिन 1 करोड़ लोगों को टीबी हुआ, उसमें केवल 64 लाख मामले ही आधिकारिक रूप से नेशनल रिपोर्टिग सिस्टम में दर्ज कराए गए, जिसमें से 36 लाख लोगों का या तो इलाज नहीं हुआ या रोग की पहचान हुई लेकिन इसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई.
रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक टीबी समाप्त करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 2025 तक ट्रीटमेंट कवरेज को बढ़ाकर 64 प्रतिशत से 90 फीसदी तक करना होगा.
टीबी के इलाज के दौरान क्या खाएं ( The Right Diet to Beat Tuberculosis)
- सबसे जरूरी बात तो यह है कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि टीबी के मरीज का खाना हमेशा हल्का होना चाहिए. ऐसा खाना दिया जाए जो आसानी से पचने वाला और पौष्टक हो.
- टीबी के रोगी (TB Patient) के खाने में हरी पत्तेदार और फली वाली सब्जियां होना बहुत जरूरी है. यह शरीर को आयरन और विटामिन बी की कमी नहीं होने देंगी.
- टीबी लाइलाज नहीं है. इस बीमारी के दौरान फलों में शरीफा और बेरी का सेवन करें. बेरी टीबी में काफी अच्छी होती हैं. इनमें विटामिन, पोटेशियम और मिनरल्स होते हैं.
- टीबी के मरीज के खाने में हर तरह की सब्जी को शामिल करें. इसमें हरी सब्जियां जरूर शामिल करें. करेला, लहसुन, खीरा, मटर, पालक, घिया, टमाटर, आलू, फूल गोभी वगैरह टीबी मरीज (TB Patient) के आहार में शामिल करें.
- टीबी मरीज (TB Patient) को रोज दूध पीना चाहिए और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह टोंड दूध ही इस्तेमाल करे.
- चावल, दालें, सूजी, बाली, जौ जैसे साबुत अनाज (TB Patient) में जरूर शामिल करें.
- टीबी के दौरान ओमेगा-3 फैटी एसिड लेना जरूरी है. इसके लिए आप मछली, मेवे, अलसी वगैरह का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- टीबी के मरीज के खाने में प्रोटीन होना भी बहुत जरूरी है. टीबी के दौरान शरीर में बहुत कमजोरी आती है और प्रोटीन इससे लड़ने की ताकत देता है. प्रोटीन के लिए मछली, तोफू, पनीर, दालें, अंडे, सोया और मांस, भी खाएं.
टीबी में क्या नहीं खाना चाहिए (What to Avoid When You Have Tuberculosis)
- टीबी होने पर भारी या मुश्किल से पचने वाला खाना नहीं खाना चाहिए. यह एसोडिटी पैदा कर सकता है.
- किसी भी तरह के नशे से खुद को दूर रखें. इसमें तंबाकू व एल्कोहोल शामिल है. शराब लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है.
- फास्ट फूड से परहेज रखना चाहिए.
- टीबी की दवाओं से अक्सर यह शिकायत हो सकती है कि उनसे भूख कम हो जाए. मितली आए, पेट में दर्द हो या चक्कर भी आ सकते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप दवा छोड़ दें. इसे लेते रहें और ज्यादा परेशानी होने पर अपने डॉक्टर से सलाह लें.
- टीबी के दौरान हाई फैट, हाई कोलेस्ट्रॉल वाले उत्पादों से परहेज रखें.
- अच्छा खाना जरूर खाएं. पौष्टिक भोजन लेना जरूरी है.