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खास बातें
Reasons Of Weak Eyesight: दुनिया के एक चौथाई लोग जो देख नहीं सकते भारत में रहते हैं. नेशनल प्रोग्राम फॉर कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस (NPCB) द्वारा तैयार किए गए एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया में अधिकतम 39 मिलियन की तुलना में राष्ट्र में लगभग 12 मिलियन लोग दृष्टिबाधित हैं. आपके स्वास्थ्य की तरह आपकी आंखों की रोशनी उम्र बढ़ने के साथ बिगड़ती जाती है. इसके अलावा कई नियमित लाइफस्टाइल की आदतें आपकी दृष्टि को नुकसान पहुंचा सकती हैं. यहां पांच डेली हैबिट्स हैं जो आपकी आंखों की रोशनी को खतरे में डाल सकती हैं:
आंखों की रोशनी कमजोर होने के कारण
1) बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम
दुनिया स्क्रीन से अटी पड़ी है. वे टीवी, कंप्यूटर, स्मार्टफोन, टैबलेट और लगभग हर जगह हैं. स्क्रीन टाइम का मतलब है कि लोग हर दिन स्क्रीन देखने में कितना समय बिताते हैं. अत्यधिक स्क्रीन समय दृष्टि को खराब कर सकता है और तनाव पैदा कर सकता है, खासकर बच्चों में. जो लोग स्क्रीन पर अधिक समय बिताते हैं वे भी सक्रिय रहने और किसी भी प्रकार के शारीरिक व्यायाम में व्यस्त रहने में कम समय व्यतीत कर सकते हैं. इसलिए ध्यान रखें कि आपके बच्चे स्क्रीन पर कितना समय बिता रहे हैं.
2) अत्यधिक धूम्रपान करना
धूम्रपान छोड़ दें या बिल्कुल भी शुरू न करें. धूम्रपान आपकी आंखों के लिए उतना ही हानिकारक है जितना आपके फेफड़ों और हृदय के लिए. धूम्रपान उम्र से संबंधित धब्बेदार अध: पतन, मोतियाबिंद और ऑप्टिक नर्व डैमेज के रिस्क से निकटता से जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से दृष्टि हानि हो सकती है. इसके अलावा, कैंसर 50 साल से अधिक आयु के वयस्कों में दृष्टि हानि का एक प्रमुख ट्रिगर है.
3) अन्य हेल्थ प्रोब्लम्स को रेगुलेट करें
अगर आप डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, थायरॉयड आदि जैसी पुरानी चिकित्सा स्थितियों का ध्यान नहीं रखते हैं तो आपकी आंखों की रोशनी धीरे-धीरे खराब हो सकती है. हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त रेटिनोपैथी के लक्षण 40 साल और उससे अधिक आयु के वयस्कों में आम हैं.
4) पर्याप्त नींद और व्यायाम न करना
नींद की कमी ड्राई आई, रेड आई, डार्क सर्कल, आंखों में क्रैम्प्स और हल्की सेंसिटिविटी जैसी जटिलताओं को दिखा सकती है. नींद की कमी को शरीर में शारीरिक परिवर्तनों से भी जोड़ा गया है, जैसे हार्मोनल और न्यूरोनल परिवर्तन. ये परिवर्तन खराब दृष्टि को और बढ़ा सकते हैं. इसी तरह घर के अंदर रहने और किसी भी शारीरिक गतिविधि में शामिल नहीं होने से आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है.
5) हाइड्रेटेड नहीं रहना
शरीर के तापमान और अन्य जैविक कार्यों को नियंत्रित करने के लिए हमारी कोशिकाओं, अंगों और टिश्यू को पानी की जरूरत होती है. पानी, आंसुओं के रूप में हमारी आंखों को नम रखने में भी मदद करता है. वातावरण में मौजूद धूल, अशुद्धियों और अन्य कणों का हमारी आंखों तक पहुंचना स्वाभाविक है. आंखों में नमी के बिना, सूखी, लाल या सूजी हुई आंखों के विकसित होने की संभावना अधिक होती है.
आंखों की रोशनी बढ़ाने के टिप्स
जब आंखों की रोशनी की रक्षा करने की बात आती है तो लाइफस्टाइल में कुछ सरल बदलाव न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं बल्कि आपके रेटिना और दृष्टि के स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकते हैं.
गहरे रंग की हरी पत्तेदार सब्जियां और मछली जैसे पौष्टिक आहार लें. ओमेगा -3 फैटी एसिड, ल्यूटिन और जेक्सैंथिन से भरी डाइट को उम्र से संबंधित धब्बेदार अध: पतन (एआरएमडी) की कम घटना से जोड़ा गया है.
एक हेल्दी वेट बनाए रखें और नियमित रूप से व्यायाम करें. जो लोग फिजिकली एक्टिव रहते हैं उनमें ARMD विकसित होने की संभावना कम होती है. व्यायाम मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के रेगुलेशन में भी सहायता करता है, ये सभी नेत्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं.
परिवार के सदस्यों से किसी दृष्टि संबंधी समस्या के बारे में पूछताछ करें. एआरएमडी, ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी और यहां तक कि रेटिनल डिटेचमेंट सभी में एक आनुवंशिक प्रवृत्ति हो सकती है जो परिवारों में चलती है.
• सूर्य की पराबैंगनी (यूवी) किरणें न केवल हमारी त्वचा बल्कि हमारी आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं. बाहर जाते समय, 100 प्रतिशत यूवी अवशोषण के साथ धूप का चश्मा पहनें या जो यूवीए और यूवीबी दोनों किरणों को ब्लॉक करता है.
अस्वीकरण: इस लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.
सर्दी के मौसम में सर्द हवाओं का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में हमें अपने हेल्थ का ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत होती है। इम्यूनिटी पावर कम होने की वजह से सर्दी जुकाम जैसी बीमारी का सामना करना पड़ता है। लेकिन कुछ सावधानियां बरतने से आप समय रहते इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। सर्दी के मौसम में लोगों के रहन-सहन के साथ खान-पान में भी कई तरह के बदलाव आते हैं। मगर ठंडी चीजों का परहेज कर हम गर्म चीजें खाना और पीना पसंद करते हैं। क्या आपको पता है, सर्दी के मौसम में खाने की चीजें स्वाद के साथ आपके हेल्थ के लिए भी काफी फायदेमंद होती हैं। ऐसे में आप उन फूड्स को अपनी डाइट में शामिल कर इम्यूनिटी पावर को बढ़ा सकते हैं। तो आइए जानते हैं वो कौन से खाद्य पदार्थ है, जिसे डाइट में शामिल करने से आप इस सर्दी के मौसम में होने वाली बीमारियों से बच सकते हैं।
आंवला में विटामिन सी के गुण मौजूद होते हैं। जो आपके इम्यूनिटी पावर को मजबूत करने में मदद करता है। सर्दी के मौसम में खांसी, जुकाम जैसी बीमारियों से दूर रखने में भी आंवला काफी करगर साबित हुआ है। आप अपने खाने के साथ आंवले का अचार, आंवले की चटनी या फिर मुरब्बा बनाकर भी खा सकते हैं।
सर्दी के मौसम में आपके फ्रीज और मार्केट में सब्जियों की भरमार आ जाती है। चुकंदर, गोभी, ब्रोकली, हरी सब्जियां, शलगम, गाजर, जैसी कई हेल्दी सब्जियां भी मार्केट में मिलती है। इन सब्जियों में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जो आपके हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद है। ऐसे में आप अपनी डाइट में इन सब्जियों को जरूर शामिल करें।
4. ड्राईफ्रूट्स
ड्राईफ्रूट्स की तासीर गर्म होती है। सर्दी के मौसम में आप ड्राईफ्रूट्स को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। काजू, बादाम आदि ड्राईफ्रूट्स खाने से आपका दिल और दिमाग दोनों ही हेल्दी रहता है। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल में रहता है। ड्राईफ्रूट्स का सेवन करने से आपका ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है।
Winter Diet: सर्दियों के मौसम में कोशिश की जाती है कि उन चीजों को खानपान में शामिल किया जाए जो सेहत के लिए अच्छी हो. इस मौसम में सबसे ज्यादा चिंता सर्दी लगने की होती है. ऐसे में ये आटे (Flour) गर्माहट देने का भी काम करते हैं जिससे सेहत दुरुस्त रहने में मदद मिलती है. इन रोटियों (Roti) से शरीर को कई पोषक तत्व भी मिलते हैं. यहां जानिए कौन-कौनसे हैं वो आटे हैं जिनकी रोटियां टेस्टी होती हैं और सर्दियों में बनाने के लिए परफेक्ट भी.
शरीर के लिए सेहतमंद आटा
मक्का
मक्के की रोटी (Makke ki roti) और सरसों के साग से बेहतर सर्दियों में खाने के लिए शायद ही कुछ और होता होगा. मक्के का आटा पोषक तत्वों का पावरहाउस होता है जिसमें विटामिन सी, ए और के, बीटा कौरोटीन और सेलेनियम भी पाया जाता है, इससे बनी रोटी सरसों के साग ही नहीं बल्कि बाकि सब्जियों के साथ भी खाई जा सकती हैइसके अलावा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी इस आटे की रोटी खाई जा सकती है.
साबुत अनाज बाजरा की रोटी खाने में काले रंग की नजर आती है लेकिन खाने में स्वादिष्ट भी बहुत होती है. इस रोटी में फाइबर, पौटेशियम, आयरन और ओमेगा-3 पाया जाता है. साथ ही यह आटा ग्लूटन फ्री भी होता है. बाजरे की रोटियां (Bajre ki roti) शरीर को गर्माहट देने के लिए भी अच्छी है.
ग्लूटन फ्री रोटी बनाने के लिए ज्वार के आटे का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. बेहतर पाचन, शुगर लेवल्स को कंट्रोल करने और दिल की सेहत को दुरुस्त रखने के लिए ज्वार के आटे से रोटियां बनाकर खाई जा सकती हैं. इसके साथ ही इन रोटियों से इम्यूनिटी (Immunity) मजबूत होने में मदद मिलती है.
कुट्टू
आमतौर पर व्रत आदि में कुट्टू के आटे की रोटियां खाई जाती हैं. लेकिन, आम दिनों में भी इस आटे से रोटियां बनाई जा सकती हैं. कुट्टू का आटा विटामिन बी कॉम्पलेक्स से भरपूर होता है. इसमें मौजूद फाइबर की मात्रा पेट को लंबे समय तक भरा हुआ भी रखती है.
पहले के समय में दादी नानी मां नवजात बच्चों को हेल्दी रखने के लिए सर्दी के मौसम में धूप दिखाया करती थी। आज के समय में भी लोग छोटे बच्चे, खासकर नवजात बच्चों को धूप दिखाने की सलाह देते हैं। छोटे बच्चों के लिए सर्दी की धूप काफी फायदेमंद होता है। सर्दी में बच्चों को धूप से ना सिर्फ गर्माहट मिलती हैं, उन्हें अन्य तरह के भी स्वास्थ्य फायदे होते हैं। कई लोग सर्दी में बच्चों को धूप दिखाने से हिचहिचाते हैं, उन्हें लगता हैं कि बच्चों को धूप में रखने से उनके सेहत पर इसका गलत असर पड़ेगा। और उनके स्किन पर टैनिंग हो जाएगी। लेकिन विंटर सीजन में कुछ सावधानियों के साथ आप बच्चे को धूप दिखा सकते हैं।
छोटे बच्चों में पीलिया होने का खतरा ज्यादा होता है। लेकिन रोजाना थोड़ी देर उन्हें धूप दिखाने से पीलिया का खतरा कम किया जा सकता है। धूप में बिल्रूबिन को तोड़ने की शक्ति होती है। जो आपके चेहरे को पीड़ कर देता है। ऐसा में अगर बच्चा बीमारी है तो उसे धूप में ले जाने से पहले बच्चे को कितनी देर धूप दिखानी है या किस समय सलाह जरूर ले लें।
छोटे बच्चे के दिमार के विकास के लिए सर्दियों की धूप बहुत जरूरी होती है। धूप में रहने से बच्चे के शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन की बढ़ोतरी होती है। जो बच्चे के मूड को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
3. बच्चे की हड्डियों होती हैं मजबूत
- बच्चे को सीधी धूप लगने से बचाएं। कोशिश करें की बच्चे का चेहरे और आंखों पर कोई हल्का कपड़ा डाल दें। ताकि सीधी धूप लगने से बचाया जा सकें।
- तेज हवा में बच्चे को धूप दिखाने से बचें। ऐसा करने से बच्चे के स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ सकता है।