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शाम की चाय हो या सुबह का नाश्ता बहुत से लोग चाय के साथ रस्क (rusk) खाना पसंद करते हैं. दरअसल, रस्क खाने से भूख मिट जाती है और इसका कुरकुरा स्वाद खाने में अच्छा भी लगता है. लेकिन दरअसल भूख मिटाने वाला ये रस्क सेहत को नुकसान ( rusk Side effects) भी पहुंचाता है. खासकर जब चाय (tea) के साथ रस्क का कॉम्बिनेशन हो तो ये सेहत के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है. नियमित इनका सेवन सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. रस्क में एक्स्ट्रा ग्लूटेन, रिफाइंड आटा और शुगर होता है, जो सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता.
रस्क खाने के नुकसान
बढ़ सकता है ब्लड शुगर
रस्क कई सारी शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है, ऐसा इसलिए है क्योंकि रस्क बनाने के लिए अक्सर इस्तेमाल होने वाले रिफाइंड तेल, मैदा, चीनी, ग्लूटेन की क्वालिटी अच्छी नहीं होती. इस तरह के रस्क के सेवन से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है और डायबिटीज का खतरा हो सकता है.
कब्ज की समस्या
नियमित रस्क खाने से ये आपकी आंत में खराब बैक्टीरिया के विकास को भी बढ़ावा देता है जिससे इम्यूनिटी भी कमजोर हो सकती है. इससे पाचन से जुड़े विकार होने का खतरा भी होता है. इसके साथ ही पोषक तत्वों का अवशोषण भी ठीक से नहीं होता. रस्क ज्यादा खाने से कब्ज की शिकायत हो सकती है.
मोटापा
रस्क खाने से फूड क्रेविंग बढ़ सकती हैं, जिससे वजन बढ़ने का डर होता है. चूंकि रस्क में हाई शुगर और रिफाइंड आटा होता है, ये मोटापे की वजह भी बन सकता है.
नहीं होते कोई पोषक तत्व
रस्क में कोई भी पोषक तत्व नहीं होते. ये शरीर में सूजन को बढ़ाता है. रस्क, रिफाइंड आटे से बनता है, जिसमें न तो फाइबर होता है और न ही दूसरे पोषक तत्व. साथ ही इसे अधिक टिकाऊ बनाने के लिए इसमें कुछ केमिकल्स भी मिलाए जाते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
मूंगफली सिर्फ स्वाद से नहीं बल्कि भावनाओं से भी जुड़ी हुई है. ये एक ऐसा फूड है जो लोगों को जोड़ने का काम करती है. इसको लोग अकेले खाना पसंद नहीं करते हैं बल्कि दो चार के साथ बैठकर ही खाते हैं. इसको खाते हुए दुनिया जहां की बातें करने का जो मजा आता है उसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. इसका स्वाद हर किसी को भाता है, लेकिन हम इसको बातों-बातों में इतना खा जाते हैं कि स्वाद नुकसान में बदल जाता है. इसलिए आपको थोड़ा सावधानी बरतने की जरूरत है. इस लेख में हम आपको बताएंगे किन लोगों को नहीं खाना चाहिए मूंगफली.
किन लोगों को नहीं खानी चाहिए मूंगफली
- अगर आप ओवरवेट हैं तो मूंगफली खाने से परहेज करें. क्योंकि इसमें कैलोरी की मात्रा अधिक होती है. ये आपके वजन को बहुत ज्यादा बढ़ा देते हैं.
- वहीं, जो लोग पेट संबंधी समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें तो इसको हाथ भी नहीं लगाना चाहिए क्योंकि ये ब्लोटिंग की समस्या पैदा करते हैं.
- ज्यादा मूंगफली खाने से रक्तचाप और दिल से संबंधित परेशानी बढ़ सकती है. क्योंकि आजकल फ्लेवर जोड़ने के लिए लोग सोडियम की मात्रा बढ़ा देते हैं इसमें. इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें.
- ज्यादा मूंगफली का सेवन लिवर की भी परेशानी बढ़ा सकता है. जिन लोगों का लिवर कमजोर है उन्हें मूंगफली नहीं खानी चाहिए. वहीं, इसके खाने से वजन भी तेजी से बढ़ता है, इसलिए बचें इससे.
- मूंगफली ज्यादा खाने से आपको स्किन एलर्जी की समस्या हो सकती है. शरीर पर सूजन, लालिमा, खुजली और लाल चकत्ते होते हैं. अगर आपको एलर्जी है इससे तो खाने से परहेज करें या डॉक्टर से सलाह लीजिए पहले.
कुछ लोग का पेट इतना कमजोर होता है कि उनको कुछ भी पचता नहीं है. कुछ भी खाते हैं तो उनके पेट में जलन, दर्द, मरोड़ महसूस होने लगती है. ऐसे लोग अपनी मन पसंद डिश भी नहीं खा पाते हैं इस डर से की नुकसान ना कर जाए. कुछ लोगों को तो ब्लोटिंग (Bloating) की समस्या इतनी होती है कि खाना खाते ही पेट फूल जाता है. ऐसा लगता है जैसे पेट फट जाएगा. तब कुछ घरेलू उपाय अपना लेने चाहिए ताकि झट से राहत मिल जाए.
पेट फूलने की समस्या से कैसे पाएं राहत
- वहीं, खाना खाने से ठीक 20 मिनट पहले आप नींबू पानी पी लीजिए इससे आपकी पाचन क्रिया में कोई बाधा नहीं उत्पन्न होगी. यह आपके पीएच लेवल को भी बैलेंस करता है.
- लंच में आप दही में पुदीना की पत्तियां मिलाकर खा सकती हैं. यह आपके डाइजेस्टिव एंजाइम को सक्रिय करने का काम करता है.
- इसके अलावा आप खाने में हींग का इस्तेमाल जरूर करें. इससे आपका खाना जल्दी पच जाता है. और ब्लोटिंग की भी समस्या नहीं होती है.
-अंत में सबसे असरदार नुस्खा है गुलकंद का दूध. इसको आप रात में सोने से पहले पी लीजिए इससे पेट तो मजबूत होगा ही साथ में पीएच लेवल भी मेंटेन होगा.
- आपको बता दें कि भुना हुआ चना ना सिर्फ आपके पेट को दुरुस्त रखता है बल्कि ब्लड प्रेशर (Blood pressure) को भी कंट्रोल करने का काम करते हैं. इसके अलावा यह वजन कम (WEIGHT LOSS) करने में भी मदद करते हैं.
- आंवला (amla) भी पेट के लिए अच्छा होता है. इसका जूस रोजाना पीने से आंख, बाल, त्वचा की भी सेहत दुरुस्त रहती है. इससे कब्ज में छुटकारा मिलता है. किशमिश भी पेट के लिए बहुत अच्छा माना जाता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
बाजार में कई तरह के ब्यूटी प्रोडक्टस उपलब्ध है, जिन्हें महिलाएं आकर्षक दिखने के लिए इस्तेमाल करती है। जिसमें सबसे पहला नाम लिपस्टिक का ही आता है। जिसके बिना मेकअप भी अधूरा रहता है। चाहे कोई सोशियल पार्टी में जाना हो या ऑफिस में। लिपस्टिक महिलाओं की खूबसूरती में चार चांद लगाने में पूरी मदद करता है। लेकिन क्या आप जानते है कि जिस लिपस्टिक का इस्तेमाल आप हर रोज़ कर रहे है वह आपके लिप्स पर कलर लेयर नहीं बल्कि केमिकल लेयर बना रही है। जी हां, ये बात सुनने में भले ही थोडी अजीब लगे, लेकिन ये बात पूरी तरह से सच है कि, कई सारी लिपस्टिक में केमिकल का प्रयोग किया जाता है, जिससे शरीर को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। ये बात हम आपको डराने के लिए नहीं बल्कि अलर्ट होने के लिए कह रहे है। यहां हम आपको बताएंगे कि हर रोज़ लिपस्टिक लगाने के क्या गंभीर परिणाम सामने आ सकते है।
वैसे तो सामान्यत: आंखों में जलन काजल या मस्कारा लगाने से होती है, पर कई महिलाएं लिपस्टिक को आई शेडो की तरह इस्तेमाल में लाती हैं। ऐसे में केमिकल युक्त लिपस्टिक आंखों में जलन का कारण बन सकती है। जिसका असर विज़न पर भी पड़ सकता है।
पेट संबंधी परेशानियां
एक रिसर्च के मुताबिक लिपस्टिक बनाने वाले कैमिकल में लेड भी शामिल है। जो कि मुंह के जरिए पेट तक पहुंच सकता है, जिस वजह से पेट में दर्द, किडनी और लीवर संबंधी समस्या हो सकती है।
न्यूरल डैमेज
लिपस्टिक में मौजूद लेड न्यूरल डैमेज यानी दिमाग संबंधी क्षति की वजह भी बन सकता है। इसकी वजह से याददाश्त भी कम हो सकती है। मस्तिष्क में अधिक मात्रा में लेड पहुंचने से नर्व ट्रांसमिशन में बाधा पहुंच सकती है और यह शरीर में कैल्शियम सप्लाई को बाधित कर सकता है। साथ ही इसमें मौजूद कैडमियम भी सुरक्षित नहीं है, यह मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है।
कैमिकल से बॉडी पर टॉक्सिस इंपेक्ट
क्या आप जानते है कि ये खूबसूरत-सी लिपस्टिक जब बनती है तो उसमें कई तरह के कैमिकल का भी प्रयोग किया जाता है, जिनकी वजह से शरीर पर टॉक्सिक प्रभाव पड़ सकता है। कई लिपस्टिक में कलर बनाने के लिए लेड का उपयोग भी किया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक लिपस्टिक में रंग बनाने के लिए मैंगनीज, लेड और कैडमियम का इस्तेमाल किया जाता है। जिसकी वजह से लिप्स की रंगत काली पड़ना और उसके बार-बार सूखने जैसी समस्या हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि लिपस्टिक का इस्तेमाल करने से एलर्जी होने की भी संभावनाएं बढ़ सकती है। एक रिसर्च के मुताबिक इसमें इस्तेमाल होने वाली कृत्रिम डाई जब मुंह के जरिए शरीर के अंदर पहुंचती है, तो उससे एलर्जी और स्किन पर खुजली, सूजन और लाल चकत्ते हो सकते है। यही कारण है कि ब्यूटी एक्सपर्ट हर्बल इंग्रीडेंट से बनी लिपस्टिक का इस्तेमाल करने की सलाह देते है।
प्रेगनेंसी के लिए खतरनाक
लिपस्टिक में मौजूद लेड गर्भवती महिला और उसके भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी वजह से एबॉशन तक की समस्या हो सकती है। दरअसल, लिपस्टिक होठों के जरिए पेट तक पहुंच सकती है, जिससे रक्त में लेड का लेवल बढ़ सकता है। प्रेगनेंसी में लेड यानी सीसा आसानी से प्लेसेंटा को पार कर सकता है, जिससे बच्चे में जन्मजात लेड टॉक्सिटी होने का खतरा बढ़ सकता है।
हार्मोनल अनबैलेंस
लिपस्टिक में मौजूद केमिकल हार्मोनल अनबैलेंस के लिए भी जिम्मेदार माने जाते हैं। क्यूंकि लिपस्टिक को बनाने के लिए जिन कैमिकल का उपयोग किया जाता है वे कैमिकल बॉडी हार्मोन को प्रभावित करते हैं, जिससे वे अनबैलेंस हो सकते हैं।