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acidity problem : ठंड के मौसम में आपको गैस की समस्या बहुत ज्यादा होती होगी. ऐसा क्यों हो रहा है समझ नहीं आता है. अगर इसका इलाज ना किया जाय तो तो बवासीर की समस्या हो सकती है. ऐसे में आपको जान लेना चाहिए ठंड में कब्ज क्यों बढ़ जाती है. इसे दूर करने के लिए क्या खाना चाहिए चलिए आपको बताते हैं. सबसे पहली बात तो अगर आपको कब्ज हो गई है तो पेट साफ नहीं होगा. इसके अलावा मल त्याग करने में भी आपको परेशानी आएगी.
कब्ज की समस्या का इलाज
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
सर्दियां शुरू हो गई है, लोग अपना ध्यान रखने के लिए कई तरह के टिप्स फॉलो करते हैं। अक्सर हम सर्दी से खुद को बचाने के लिए जुराबे पहनते हैं। कई लोग तो रात को सोते समय भी मोजे पहन कर सोना पसंद करते हैं। क्योकि ऐसा करने से उनके पैर गर्म रहते हैं। और नींद भी अच्छी आती है। लेकिन रात को मोजे पहनकर सोना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। मोजे पहनकर सोने से आपको कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है। आपके बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन भी इससे काफी प्रभावित हो सकता है। आइए जानें मोजे पहनकर सोने से आपको और क्या-क्या समस्या आ सकती है।
अगर आप दिनभर अपने घर में मोजे को पहनकर सो रहे है और वहीं मौजे पहनकर आप सो जाते हैं, तो आपको स्किन इंफेक्शन भी हो सकता है। कई लोगों को मोजे पहनना सूट भी नहीं करता है। जिस कारण स्कि रेसिज होने का खतरा भी बढ़ जाता है। स्किन प्रॉब्लम से बचने के लिए आप मोजा पहनकर सोने से बचें।
दिल को हेल्दी रखना बहुत जरूरी है। लेकिन रात तो मोजे पहनकर सोने से ये आपके दिल के लिए हानिकारक हो सकता है। टाइट मोजे पहनने से आपके पैरों की नसे दब जाती है। जिसके कारण आपको दिल से जुड़ी समस्या भी हो सकती है।
टाइट मोजे पहनकर सोने से नींद अच्छी नहीं आती। इसलिए अच्छा यही होगा कि आप टाइट मोजे पहनकर सोने से परहेज करें।
रात को सोते समय अगर आप मोजे पहनकर सो रहें है तो आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन की परेशानी हो सकती है। सोते समय मोजे पहनकर सोने से आपका ब्लड फ्लो कम हो जाता है। जिसके कारण ब्लड का सर्कुलेशन कम हो जाता है। ऐसे में आप कोशिश करें सी सोने से पहले मोजे उतार दें। या फिर ढीले मोजे पहनकर सोने की कोशिश करें।
मोजे पहनकर सोने से आपके बॉडी का टेंपरेचर बढ़ जाता है। जिस कारण आपको बैचेनी की समस्या भी होने लगती हैं। और नींद सही से नहीं आती। मोजे से एयर पास नहीं हो पाती, जिसके कारण आपको ओवरहीटिंग होने लगती है।
सर्दियों के मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के साथ ही गले और छाती में बलगम बनने लगता है। छाती और गले में बलगम बनने से सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। गले और छाती में जकड़न महसूस होना, लगातार छींक आना, नाक बहना, बुखार आना, गले में खराश रहना, बलगम वाली खांसी होना, सीने में दर्द महसूस होना इस समस्या के आम लक्षण हैं।
गुड़
भोजन के बाद थोड़े से गुड़ का सेवन काफी फायदेमंद होता है, क्योकि गुड़ की तासीर गर्म होती है, और इसके दोहरे फायदे है क्योकि यह कफ को कम करने के साथ ही पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
तुलसी और अदरक
तुलसी, सौंठ, अदरक और शहद जैसी चीजों का सेवन कफ को कम करने में रामबाण होता है,और इन्हें किसी भी तरह से डाइट में शामिल किया जा सकता है और इनके साइड इफेक्ट भी नहीं है।
वहीं,लहसुन खाने से गले में जमा कफ बाहर निकलता है, इस देसी नुस्खे से टी. बी. के रोग में भी राहत मिलती है। अदरक छील कर इसका छोटा टुकड़ा मुंह में रख कर चूसने से कफ आसानी से बाहर निकल जाती है।
सबसे पहले काली मिर्च के कुछ दानों को अच्छी तरह पीस लें। दो कप पानी गर्म करें और काली मिर्च का पाउडर उसमें मिक्स कर दें। जब पानी उबलकर एक चौथाई रह जाए तो इसे छान लें। अब इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। आपको इसका सुबह-शाम दोनों समय सेवन करना चाहिए।
कफ जैसी समस्या को दूर करने के लिए एक चम्मच शहद और दो चम्मच नींबू का रस गर्म पानी में मिलाकर भी पी सकते है और इससे आपको काफी राहत मिलेगा। जी हां आपको बताते चलें की इस उपाय से गला साफ होगा क्योंकि नींबू कफ को काटने का काम करता है और इसके अलावा शहद से गले को आराम मिलता है। कफ से पूरी तरह छुटकारा पाने के लिए इस मिक्चर को एक हफ्ते तक दिन में तीन बार जरूर लें।
ये न खाएं
दूध और फैट वाली चीजें
दूध कफ को बढ़ाता है। अगर आपकी कफ प्रकृति है तो आपको दूध का सेवन कम करना चाहिए या फिर हल्दी के साथ इसका सेवन करें। फैट वाली चीजों का सेवन कफ बढ़ाने का काम करती हैं इसलिए जितना हो सके इनसे बचने की कोशिश करें।
पनीर भी दूध से बना होता इसलिए पनीर से कफ तो बनता ही है, कई लोगों को पाचन संबंधी समस्या भी हो सकती है क्योंकि कुछ लोगों को पनीर आसानी से नहीं पचता। मक्खन में वसा अधिक होता है, इसलिए यह कफ बढ़ाने का काम करता है। कफ की समस्या में मक्खन या मक्खन से बानी चीजों के सेवन से परहेज करें।
मांस
कफ बढ़ने पर मांस का सेवन कफ पीड़ित के लिए नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए कफ की समस्या होने पर मांस का सेवन करने से बचें और अगर कफ की तासीर हो तो मांस का सेवन कम से कम करें।
पहले के समय में लोगों की आंखे बहुत तेज होती थी। बुढ़ापे में जाकर कहीं किसी की आंखे कमजोर होती थी। लेकिन आज के समय में छोटे छोटे बच्चों की आंखों में पावर का चश्मा देखने को मिलता है। जिसका कारण बच्चों की आंखों की देखभाल ना करना और खान पान है। जिसके कारण बच्चों की आंखे बहुत कमजोर हो जाती है। आंखों में धुंधलापन आने के कई कारण हो सकते है। खानपान का ध्यान ना रखना, मोबाइल फोन और लैपटॉप का ज्यादा यूज करना, स्मोकिंग, नींद की कमी, जैसे कई कारण इसमें शामिल हैं। समय रहते इन आदतों को
100 ग्राम गाजर में 16,700 IU विटामिन ए होता है। जिस कारण आप अगर रोजाना 50 ग्राम गाजर भी खाते हैं, तो आपकी आंखों के लिए ये फायदेमंद होगा। आप अपनी आंखों के लिए भरपूर मात्रा में विटामिन ए पा सकते हैं।
गाजर में बीटा कैरोटीन, ल्युटीन, अल्फा कैरोटीन और जियाक्सैथिन जैसे पोषक तत्व पाया जाता है। जो आपकी कमजोर आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करता है। गाजर आपकी आंखों के लिए फायदेमंद होने के साथ स्ट्रेस और हानिकारक किरणों से भी आपकी आंखों की मसल्स को सुरक्षित करने में मदद करता है।
गाजर खाने से चर्बी होती है कम
गाजर खाने से आपके शरीर में मौजूद जिद्दी चर्बी भी निकलने में मदद मिलती है। यह आपकी कैलोरी इनटेक को कम करने के साथ आपके पेट को देर तक भरा हुआ महसूस करने में मदद करता है। गाजर में पानी की मात्रा भी भरपूर मात्रा में होती है, जिस कारण ये आपके शरीर में मौजूद फैट जलाने वाले मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करती है।
गाजर खाने के फायदे
आंखों के अलावा गाजर आपके बालों के लिए भी बहुत जरूरी है। गाजर खाने से आपके बालों को जरूरी बायोटीन मिलता है। गाजर आपके ब्लड प्रेशर और दिल के मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद है। क्योकि इसमें भारी मात्रा में पोटैशियम भी होता है। गाजर पेट और आंत के कैंसर से बचाने में भी मदद करता है। इस बात का खुलासा कई स्टडी में भी किया गया है।
गाजर को आप कच्चा भी खा सकते हैं। कई लोगों को गाजर उबालकर और सब्जी बनाकर खाना पसंद होता है। लेकिन गाजर पकाकर खाने से आपको इसमें मौजूद पोषक तत्व कम मात्रा में मिलता है। ऐसे में आप कच्ची गाजर खाने की कोशिश करें। सबसे पहले आप गाजर को धो कर छिलका उतार लें। और अपने पसंद के आकार में काट लें। इसके बाद आप इसे और स्वादिष्ट बनाने के लिए नमक और काली मिर्च पाउडर डालकर खाएं।