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बॉडी बनाने से लेकर फिट रहने तक आज पीनट बटर हर किसी की पसंद बन चुका है। फिटनेस फ्रीक लोगों के लिए पीनट बटर सबसे पसंदीदा प्रोटीन स्नैक्स बन चुका है। लेकिन न्यूट्रिशन एक्सपर्ट भुवन रस्तोगी ने पीनट बटर के अलावा भी कई अन्य स्नैक्स हैं जो पीनट बटर की तुलना में हेल्दी है। इसमें हेल्थी फेट का भी एक बड़ा हिस्सा होता है। उन्होंने इस बात की जानकारी देने के अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया। जिसमें उन्होने ट्रेडिशनल महाराष्ट्रीयन स्नैक जिसे उकाडालेलिया शेंगा या उबली हुई मूंगफली के बारे में जानकारी दी।
मूंगफली को रात को खाने के स्थान पर आप इसे सुबह के नाश्ते में शामिल करने की कोशिश करें। खासकर अगर आप वजन कम करना चाहते हैं। संतुलित आहार के हिस्से के रूप में मूंगफली को कम मात्रा में खाने से आपका वजन कम करने और स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
अपने एन्जाइटी को प्रबंधित करने के लिए 3-3-3 तरकीबें आजमाई होंगी, या यहां तककि तनावपूर्ण स्थितियों में खुद को शांत रखने में मदद करने के लिए बॉक्स ब्रीदिंग तकनीक भी आजमाई होगी, लेकिन क्या आपने 5-4-3-2-1 ग्राउंडिंग तकनीक सुनी है। इस ट्रीक को चिंता से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद करने के लिए जाना जाता है? यह तकनीक पांच प्रमुख इंद्रियों को लक्षित करती है।
5 सेंस ग्राउंडिंग तकनीक, जिसे अक्सर 54321 के रूप में संदर्भित किया जाता है। एक ऐसा उपकरण है जो चिंता के लक्षणों और पैनिक अटैक को दूर करने में मदद करता है।
स्ट्रेस का अनुभव करना कोई बुरी बात नहीं है। मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, "यह आपकी रक्षा करने के लिए आपके मस्तिष्क का सबसे बड़ा उपकरण है, और जब तक इसकी निगरानी की जाती है, तब तक यह अद्भुत काम करता है। जो हमारे शरीर कि आसपास के क्षेत्र के लिए एक खतरा है।
यह मूल रूप से एक आपातकालीन अलार्म है। अब, एक आपातकालीन अलार्म की कल्पना करें जो दिन में अधिकांश समय बजता रहता है। इसलिए, हमें अलार्म की दक्षता को इस तरह समायोजित करने की जरूरत है कि जब आवश्यक हो तो यह हमें सूचित करें, और जब आवश्यक न हो तो हमें होमोस्टैसिस पर लौटने की अनुमति दें। अगर आप हर रोज एक आपातकालीन प्रणाली पर रहते हैं, तो यह एक आपातकालीन या एक प्रभावी प्रणाली नहीं रह जाती है।
तनाव से बचने के लिए अपनाएं ये तकनीक?
जब भी आप तनाव महसूस करें तो सबसे पहले अपनी सांस पर ध्यान देना शुरू करें। क्योंकि जब हम धीमी और गहरी सांस लेते हैं, तो यह हमारे दिमाग को और ज्यादा शांत स्थिति में लाता है। एक्ट्रेस और माइंडफुलनेस स्पीकर रागेश्वरी लूम्बा ने भी इस खास तकनीक के बारे में बताया, जिसे "कहीं भी, कभी भी" किया जा सकता है।
जब आप ज्यादा तनाव महसूस करें, तो इन चरणों का पालन जरूर करें:
इसे करने के लिए आप सबसे पहले अपने आसपास 5 चीजें देखें। यह पत्ते या पेंटिंग से कुछ भी हो सकता है। 4 चीजों को छुएं। यह दीवार, आपके कपड़े या कुर्सी जैसा कुछ भी हो सकता है। 3 बातें सुनें, किन्हीं तीन ध्वनियों पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करें जिन्हें आप अपने आस-पास सुन सकते हैं। किसी चिड़िया की चहचहाहट या यहां तककि आपकी सांसें भी हो सकती है। दो चीजों को सूंघें। एक कप चाय की तरह, या आपका परफ्यूम होगा। किसी एक चीज को टेस्ट करें।
सर्दियां आ चुकी हैं। लेकिन ठंड में गर्मी का अहसास कराने के लिए आप कई काम करते हैं, जिसमें गर्म कपड़े, हॉट ड्रिंक्स, हीटर , ब्लोअर यूज करने के साथ ही बारबेक्यू, गर्म गाजर का हलवा और बहुत सारे मसालेदार, गर्म स्नैक्स। लेकिन ये मौसम गंभीर सर्दी, खांसी या बुखार के लिए भी फेमस है। सर्दियों में बीमारियों से बचने के लिए यहां पर आपको आपके किचन में मौजूद उन चीजों के बारें में बता रहे हैं जिनका यूज करके आप बीमारियों से दूर रह सकते हैं और सर्दी के मौसम में मजे़ कर सकते हैं।
सर्दियों में रखें इम्यून सिस्टम को मजबूत
आपको अपने स्वास्थ्य को हल्के में नहीं लेना चाहिए। बीमारी से लड़ने का सबसे अच्छा तरीको में से एक है कि आपको अपने बचाव यानी इम्यून सिस्टम को मजबूत करना। इसके लिए ठंड में आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रामक रोगों से लड़ने में कुशल रहे, इसके लिए हर किसी के पास मसालों और जड़ी-बूटियों का अपना संयोजन होता है। हालांकि, सभी काढ़ा में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
हल्दी
हल्दीमें करक्यूमिन होता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, करक्यूमिन में उच्च एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। हल्दी बॉडी में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में भी मदद करती है।
काली मिर्च मजबूत एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों वाला एक पावरफुल मसाला है। काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन कर्क्यूमिन और अन्य यौगिकों की जैव-उपलब्धता (शरीर द्वारा पोषक तत्वों का अवशोषण) को बढ़ाता है।
अदरक
अदरक एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। यह मतली से राहत दिलाने में मदद करता है और पाचन में हेल्प करता है। अदरक को ब्लड शुगर को कम करने में भी मदद करने के लिए कहा जाता है।
तुलसी को पवित्र तुलसी भी कहा जाता है, ये विटामिन ए और सी से भरपूर होती है। एक नेचुरल कंडिशन के रूप में, तुलसी शरीर को तनाव और चिंता के अनुकूल बनाने में मदद करती है। इसमें एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं। ये इंटरनली संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। तुलसी ब्लड शुगर लेवल और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है।
दालचीनी
दालचीनी एंटीऑक्सिडेंट का एक पावरहाउस है जो शरीर में मुक्त कणों के प्रभाव को नकार कर बॉडी की इम्यून को बढ़ावा देता है। ये बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण से लड़ने में भी कारगर माना जाता है।
लौंग में विटामिन, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, और ये श्वसन, तनाव से राहत, दंत स्वास्थ्य और रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करते हैं।
सर्दी के मौसम का आगाज होते ही दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या के तौर पर सामने आ जाता है। एक बार फिर दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक चिंताएं बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर जताई जा रही है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 450 के पार जा चुका है। एहतियात के तौर पर दिल्ली एनसीआर में स्कूलों को बंद करने की कवायद भी चल रहे हैं। हम आपको इस ब्लॉग में वायु प्रदूषण से होने वाले खतरों से बचाव के उपाय और इसके साथ ही स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए आपको सावधानियां बरतनी चाहिए इन सभी विषयों पर विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं।
दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के खतरे को देखते हुए राज्य सरकारों ने स्कूलों को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। शुक्रवार को दिल्ली में प्राइमरी स्कूल यानि 5वीं कक्षा और नोएडा में 8वीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा यहां फिलहाल डीजल गाड़ियों की एंट्री पर भी बैन लगा दिए गए हैं।
सुबह के समय में दिल्ली नोएडा में घना कोहरा छा जाता है और एयर क्वालिटी इंडेक्स 472 तक पहुंच जाने के कारण दिल्ली और यूपी की राज्य सरकारों ने ये फैसला लिया है। कुछ लोगों को सांस लेने में भी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है और प्रदूषण फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदेह साबित हो रहा है।
हम आपको बता दें कि प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है। इस मामले में अगली सुनवाई 10 नवंबर को होनी है। बढ़ते पॉल्यूशन को देखते हुए दिल्ली एनसीआर में डीजल से चलने वाली गाड़ियों पर रोक लगा दी गई है लेकिन CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
नोएडा में शुक्रवार से क्लास 1 से लेकर 8 तक के बच्चों की क्लासेज ऑनलाइन करने का फैसला किया गया है, आसार ये जताए जा रहे हैं कि क्लास 9 से लेकर 12वीं तक के बच्चों के क्लासेज भी ऑनलाइन लिए जा सकते हैं। 8 नवंबर तक सभी स्कूलों में खेल या बैठक जैसी एक्टिविटी पर रोक लगा दिए गए हैं।
शुक्रवार को दिल्ली में 472, गुड़गांव में 539, नोएडा में 562 और गाजियाबाद में 416 एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किए गए। इन आंकड़ों की माने तो सबसे बदतर हालात गुड़गांव और नोएडा में है।
कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) की चौथी स्टेज लागू कर दी गई है। फिलहाल दिल्ली-NCR में कमर्शियल निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई है।
प्रदूषण से होने वाली समस्याओं के चलते अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या भी बढ़ते जा रहे हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दिल्ली सरकार से स्कूलों को बंद करने का आग्रह किया है।
प्रदूषण से कैसे करें बचाव?
सर्दी के मौसम में बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए आप घर के अंदर ही एक्सरसाइज या योग करें।
सुबह टहलने यानि कि मार्निंग वॉक के लिए अपने निर्धारित समय से थोड़ी देर से निकलें और हां घर से खाली पेट वॉक करने के लिए नहीं निकलें।
अपने घर के आसपास पानी का छिड़काव करें।
बच्चों और पुरुषों को चेहरे पर मास्क, रुमाल या कोई साफ कपड़ा बांधना चाहिए।
अगर आप बाहर से घर वापस लौट रहे हैं तो अपनी आंखों को ठंडे पानी से अवश्य धो लें।
प्रदूषण के खतरे से बचने के लिए पानी का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए।
प्रदूषण से बचाव के लिए एन-95 मास्क का प्रयोग करें
बच्चों को प्रदूषण से बचाने के 7 उपाय
अपने बच्चे के आहार में में शामिल करें विटामिन सी- प्रदूषण से होने वाले खतरों से बचाव के लिए ये बहुत आवश्यक है कि उनके आहार पर खास ध्यान दें। आप अपने बच्चे के आहार में चौलाई का साग (Chaulai Ka Saag), सहजन (Drumsticks), पत्ता गोभी (Cabbage), पत्तेदार सब्जियां जरूर शामिल करें। इसके साथ ही बच्चे के लिए आंवला (Amla), संतरा (Oranges), अमरूद (Guava) जैसे विटामिन सी से भरपूर फल भी फायदेमंद हो सकते हैं। इन दिनों आपको अपने बच्चे के डाइट में विटामिन (Vitamin), मिनरल्स (Minerals) और एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants) से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें
.बच्चे को पहनाएं फेस मास्क (Encourage Wearing A Face Mask)- वायु प्रदूषण से बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए उनमें फेस मास्क पहनने की आदत डलवाएं। घर से बाहर निकलने के दौरान फेस मास्क का पहनना अनिवार्य होना चाहिए। फेस मास्क पहनने से क्या फायदे हो सकते हैं इसके बारे में भी बच्चे को विस्तार से जानकारी दें। बच्चे के सामने आप खुद भी मास्क लगाएं ताकि आपको देखकर वे भी मास्क लगाने के लिए प्रेरित हो सकें।
हवा को शुद्ध करने वाले पौधे लगाएं (Keep Air Purifying Plants At Home)- ध्यान रखिए कि वायु प्रदूषण का खतरा सिर्फ घर के बाहर नहीं होता है बल्कि आपके घर का भीतरी हिस्सा भी इससे प्रभावित हो सकता है। आपको अपने घर के अंदर शुद्ध वायु मिल सके और प्रदूषण का कम प्रभाव हो इसके लिए आप अपने घर में कुछ पौधे जैसे एलोवेरा (Aloe Vera), स्पाइडर प्लांट (Spider Plant), स्नेक प्लांट (Snake Plant), बेम्बू पाम (Bamboo Palm) और कई अन्य पौधे लगा सकते हैं।
बच्चों को पिलाएं डिटॉक्सिफाइंग ड्रिंक्स (Give Kids Detoxifying Drinks)- बच्चे के फेफड़े को नुकसान ना पहुंचे इसके लिए आप घर में निर्मित कुछ डिटॉक्स जूस पीने के लिए दे सकते हैं। ये डिटॉक्स जूस आपके बच्चे के फेफड़े को मजबूत और स्वस्थ बना सकते हैं। मुलेठी की चाय या साधारण तौर पर अदरक शहद और लेमन टी जैसे घरेलू नुस्खे काफी मददगार साबित हो सकते हैं।
बच्चों के बाहर जाने पर लगाएं पाबंदी (Restrict Outdoor Activities)- प्रदूषण से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए बच्चों को अनावश्यक रूप से बाहर निकलने पर नियंत्रण करना ही बेहतर विकल्प हो सकता है। प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से बचने के लिए उन्हें ज्यादा समय घर में ही बिताने के लिए प्रेरित करें। घर में आप उनके संग इनडोर गेम्स या क्रिएटिव आर्टवर्क में शामिल करें। घर में बैठने का ये मतलब नहीं कि उनके सामने मोबाइल या टीवी प्रस्तुत कर दें, आप इस समय का सदुपयोग कुछ रचनात्मक कार्यों में कर सकते हैं।
बच्चे की नाक में लगाएं घी (Apply Ghee In Each Nostril)- वायु प्रदूषण के नुकसान से बचाव के लिए प्राकृतिक घरेलू उपायों की मदद ली जा सकती है। आप बच्चे के नाक में घी लगा सकती हैं। हालांकि किसी प्रकार के नुस्खे को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें, मुमकिन है कि किसी चीज से आपके बच्चे को एलर्जी भी हो सकती है।
बच्चों को कराएं व्यायाम (Exercise Regularly)- प्रदूषण से बचाव के लिए बच्चे अगर घर के अंदर रह रहे हैं तो उन्हें आप योगा या इनडोर एक्सरसाइज करना सीखाएं। सुबह जल्दी उठने का अभ्यास कराएं और नियमित रूप से उनके संग व्यायाम करें। गा.
इन सभी उपायों की मदद से आप अपने बच्चे को प्रदूषण से होने वाले खतरों से सुरक्षित रख सकते हैं।