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रायपुर. छत्तीसगढ़ पंचायत ननि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से मांग करते हुए कहा है कि समस्त शिक्षाकर्मियों का संविलियन, शिक्षक व व्याख्याता के रिक्त पदों पर पदोन्नति के साथ सहायक शिक्षक के पद पर सीधी भर्ती किया जाए. जब तक सेवा शर्तों (राजपत्र) का प्रकाशन नहीं हो जाता तब तक भर्ती संभव ही नहीं है.
उन्होंने कहा कि 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके एलबी संवर्ग के शिक्षकों का पंचायत विभाग में उनके प्रथम नियुक्ति के आधार पर क्रमोन्नति का प्रावधान करते हुए राजपत्र शीघ्र जारी किया जाए. वर्तमान में पंचायत संवर्ग के शिक्षकों का ही भर्ती नियम प्रकाशित है. संविलियन पश्चात शिक्षा विभाग का राजपत्र का प्रकाशन नहीं हुआ है. जब तक शिक्षा विभाग के राजपत्र का प्रकाशन नहीं होगा तब तक भर्ती सम्भव ही नहीं है.
ज्ञात हो कि 26 जनवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घोषणा के आधार पर शिक्षा विभाग द्वारा रिक्त पदों की जानकारी समय सीमा में देने सभी DEO को पत्र जारी किया गया है. शिक्षा विभाग जानकारी मांग रहा है अतः शिक्षा विभाग ही नियुक्ति करना चाहता है. जब तक पंचायत विभाग में एक भी शिक्षाकर्मी कार्यरत रहेंगे. तब तो शिक्षा विभाग में जाने उनका ही पहला अधिकार बनता है. ऐसे में शासन समस्त शिक्षाकर्मियों के बिना संविलियन किए शिक्षा विभाग में कैसे सीधी भर्ती कर सकती है.
प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शिक्षक भर्ती का स्वागत करते हुए मांग किया है कि समस्त शिक्षाकर्मियों का पहले संविलियन हो व पदोन्नति के बाद ही सीधी भर्ती किया जाए.
::/fulltext::दन्तेवाड़ा. जिले के संयुक्त जिला कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने डिप्टी कलेक्टर आरपी चौहान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भारी संख्या में कर्मचारियों ने आरपी चौहान पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं. साथ ही उनके खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. मामला दंतेवाड़ा जिले का है.
पीड़ित कर्मचारियों का आरोप है कि डिप्टी कलेक्टर आरपी चौहान कर्मचारियों को परेशान करना, बिना आदेश किसी भी प्रशासनिक बंगले में तैनाती कर देना, छुट्टी नहीं देना, गणवेश के नाम पर वेतन कटौती करना, सरकारी अवकाश के दिन भी जबरन बंगले में बुलाकर काम करवाने जैसे आरोप कर्मचारी लगा रहे है. कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए कहा अफसर बंगले में खाना बनाने के नाम पर ड्यूटी लगवाकर कुत्ते नहलवाते है और झाड़ू पोछा तक लगवाते है.
दन्तेवाड़ा जिला कार्यालयों में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के साथ भेदभाव और अफसरशाही का मामला उस वक्त उजागर हुआ जब कर्मचारी डिप्टी कलेक्टर आरपी चौहान के खिलाफ मोर्चा खोलकर हटाने की मांग पर अड़ गए.
वहीं इस संबंध में डिप्टी कलेक्टर आरपी चौहान नियमों का हवाला देकर ही कर्मचारियों से काम करवाने की बात कह रहे है. उनसे जब पूछा गया कि आप कौन कौन से काम करवाते है, तो इस बारे में वो कुछ भी कहने से बचते नजर आए.
::/fulltext::रायपुर. छत्तीसगढ़ में लगातार डॉक्टरों के साथ हो रही हिंसा और मारपीट का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) विरोध कर रहा है. इस विरोध में आज प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों ने ओपीडी बंद रखने का निर्णय लिया गया है. जिसका असर राजधानी में देखने को मिल रहा है. निजी अस्पतालों के ओपीडी दोपहर दो बजे तक बंद रहेगा.
निजी अस्पतालों के ओपीडी बंद होने की वजह से मरीजो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी रोजाना चेकअप के लिए आए मरीजों को हो रही है, मरीज अस्पताल के बाहर भटकने को मजबूर है. हालांकि सरकारी अस्पतालों के ओपीडी सुबह से चालू है. जिससे सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा चालू रहेगा.
स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद को देखते हुए विशेष व्यवस्था बनाने के निर्देश जारी किया है. मरीजों की परेशानी को देखते हुए मेकाहारा अस्पताल और सभी सरकारी अस्पताल की ओपीडी सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक खुली रहेगी. साथ ही सभी सरकारी अस्पतालों में सरकारी डॉक्टरों और स्टाफ को अस्पतालों में मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए है. बता दें कि दुर्ग के एक निजी अस्पताल में मरीज के परिजनों ने डॉक्टर से मारपीट कर अस्पताल में तोड़फोड़ की थी.
::/fulltext::रायपुर। सूबे में कलेक्टरों के ट्रांसफर की संभावनाओं पर फ़िलहाल ब्रेक लग गया है। बीते दो दिनों से ख़बरें सरगर्म थी कि, एक जंबो सूची तैयार है और कभी भी जारी हो सकती है। लेकिन भारत निर्वाचन आयोग के एक पत्र के बाद इस पर ब्रेक लग गया है। यह ब्रेक कम से कम 22 फ़रवरी तक तो जारी रहेगा ही।
दरअसल भारत निर्वाचन आयोग ने पत्र जारी किया है और राज्य सरकार से कहा है कि लोकसभा निर्वाचन 2019 के लिए मतदाता पुनरीक्षण का कार्य जल्द से जल्द पूरा करना है, आयोग ने इसके लिए 22 फ़रवरी की डेड लाईन दी है और कहा है कि 22 फ़रवरी को मतदाता सुची का अंतिम प्रकाशन हो जाएगा। आयोग ने इस संबंध में लिखा है कि
“विशेष मतदाता पुनरीक्षण के काम में लगे जिला निर्वाचन अधिकारी उप जिला निर्वाचन अधिकारी जिला मतदाता पंजीकरण अधिकारी मतदाता पंजीकरण अधिकारी तथा सहायक मतदाता पंजीकरण अधिकारी सहित बूथ स्तर के अधिकारी की भुमिका अहम होती है,ऐसे में किसी भी स्तर पर स्थानांतरण से निर्वाचन पर प्रतिकुल असर होता है, इस अवधि में मतदाता पुनरीक्षण कार्य में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों का भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति के बगैर स्थानांतरण नही हो सकता”
आयोग के इस पत्र के बाद अब अफ़वाहों पर जो कि संभवतया सच के बेहद करीब थीं, फ़िलहाल ब्रेक लग गया है। और जिलो में तैनात कलेक्टरो की स्थानांतरण पर कम से कम 22 फ़रवरी तक तो ब्रेक लग ही गया है। पता चला है, 25 फरवरी को मतदाता सूची का प्रकाशन होना है। यह डेट कुछ आगे भी बढ़ सकता है। जानकारों का कहना है, आयोग का ब्रेक 25 फरवरी के आगे भी चला जाए, तो आश्चर्य नहीं। क्योंकि, पहले आयोग ने यह ब्रेक 25 जनवरी तक के लिए लगाया था। लेकिन, इसे एक महीना बढ़ाकर अब 22 फरवरी कर दिया है।
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