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रायपुर। नान घोटाले में मामले में पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से किए गए ट्वीट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीधा स्पष्ट सवाल किया है. भूपेश सरकार कोई बदले की भावना से कार्रवाई नहीं कर रही है. बल्कि अधूरी जांच को पूरी करने में हम लगे हैं. बघेल ने कहा कि छापा तो तत्कालीन सरकार ने मारा था. पकड़े उनके कार्यकाल में ही अधिकारी गए थे. छापा डायरी मिलने की बात उनके कार्यकाल में सामने आई थी. डायरी में सीएम और पूर्व सीएम के नाम लिखें होने की बात सामने आई थी.
ये सब तो भूपेश सरकार की देन नहीं है. लेकिन पूर्व सीएम अब ये क्यों नहीं बताते कि डायरी में लिखा सीएम और सीएम मैडम का नाम किसका है? इसकी जांच क्यों पूर्व सरकार में नहीं की गई ? नई सरकार ऐसी बिंदुओं पर जांच आगे बढ़ा रही है. अधूरी छोड़ी गई जांच को नई सरकार पूरी कर रही है. इसी में ही पूर्व सीएम घबरा गए हैं.
रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी में तीन दिवसीय लईका मड़ई का आज से इंडोर स्टेडियम में आयोजन किया जा रहा है. जिसमें सास्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ खेलकुद का आयोजन होगा. इसका आयोजन 29 से 31 जनवरी तक होगा. स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह और महापौर प्रमोद दुबे ने इस आयोजन का शुभारंभ किया है. लइका मड़ई में छत्तीसगढ़ के खेल और साहित्य को प्रमुख स्थान दिया गया है. राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शहर के लगभग 27 स्कूल के बच्चों ने लइका मड़ई में भाग लिया है.
इस दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह ने कहा कि आज रायपुर में नोनी बाबू के मड़ई है. स्कूल शिक्षा विभाग और नगर निगम के सहयोग से एक बेहतर कार्यक्रम यहां हो रहा है. छत्तीसगढ़ की पहचान को अब इसमें शामिल किया जाएगा.
वहीं विधायक सत्यनारायण शर्मा ने बीटीआई ग्राउंड पर लगाई जा रही विभिन्न प्रदर्शनी पर रोक लगाने स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह से मांग की है. विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि मैदान में खेल के बजाय प्रदर्शनी लगाई जा रही है, जिससे मैदान बर्बाद हो रहा है. उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में मैंने मैदान पर प्रदर्शनी लगाने पर प्रतिबंध लगाया था. मैदान खेल के लिए है बच्चों के लिए है. खेल बिना मंत्री के इजाजत के बिना खेल के मैदान को शिक्षा को छोड़कर और किसी को न दी जाए. उन्होंने कहा कि इस संबंध में मैंने मंत्री से बात की है.
सत्यनारायण शर्मा की मांग पर मंत्री प्रेम साय सिंह ने कहा कि खेल के लिए ही मैदान होगा. शैक्षणिक कार्य के लिए ही उपयोग होगा. किसी और को नहीं दिया जाएगा. यह खेल मैदान खिलाड़ियों के लिए ही है.
::/fulltext::रायपुर। पिछली सरकार के कामकाज को लेकर लगातार सत्ता के निशाने पर रहने वाले पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने भूपेश सरकार पर तंज कसा है. रमन सिंह ने एक ट्विटर पर एक कविता पोस्ट की है और लिखा है कि गरीब परिवारों के लिए उन्होंने 15 साल तक काम किया है अगर यह उनकी नजर में अपराध है तो वे यह काम आगे भी करेंगे.
उन्होंने ट्वीट किया, “15 वर्षों तक छत्तीसगढ़ महतारी के आशीर्वाद से हमने प्रदेश के गरीब परिवारों व आदिवासी भाइयों-बहनों के सर्वांगीण विकास हेतु निरंतर कार्य किए हैं. यदि भूख से व्याकुल गरीब परिवारों के लिए भोजन की व्यवस्था करना @INCChhattisgarh की नज़र में अपराध है तो हो, यह काम मैं आगे भी करूँगा.”
आपको बता दें कि पूर्व सरकार के खिलाफ ऐसे कई मामले हैं, जैसे नान घोटाला, झीरम कांड, अंतागढ़ टेप कांड और डीजी मुकेश गुप्ता के ऊपर प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार में गृहमंत्री रहे ननकी राम कंवर के आरोप जिसकी जांच भूपेश सरकार करा रही है. वहीं भूपेश सरकार नान घोटाले की जांच एसआईटी से करा रही है. जांच की आंच पूर्व सीएम के परिवार तक पहुंच रही है. जिसकी वजह से नान घोटाले के लेकर राज्य की राजनीति गरमाई हुई है.
रायपुर। झीरम घाटी नरसंहार की जांच कर रहे न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्र न्यायिक जांच आयोग को सरकार ने आठ बिंदुओं पर जांच कराने को पत्र सौंपा है। सरकार ने कहा है कि यूनिफाइड कमांड की भूमिका को जांच में शामिल किया जाए। इसमें नवंबर 2012 में महेंद्र कर्मा पर हुए हमले के बाद क्या उनकी सुरक्षा की समीक्षा प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप ने की थी.
महेंद्र कर्मा पर हुए हमले के बाद उनके द्वारा मांगी गई अतिरिक्त सुरक्षा की मांग पर किस स्तर पर विचार व निर्णय किया गया था और क्या कार्रवाई की गई थी? गरियाबंद जिले में जुलाई 2011 में दिवंगत नंद कुमार पटेल के काफिले पर हुए हमले के बाद क्या पटेल व उनके काफिले की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी.
क्या उन अतिरिक्त सुरक्षा मानकों का पालन झीरम घाटी घटना के दौरान किया गया था? क्या राज्य में पूर्व में किए गए बड़े माओवादी हमलों को ध्यान में रखते हुए उन इलाकों में यात्रा आदि के लिए किसी निर्धारित संख्या में या उससे भी अधिक बल प्रदान करने के कोई दिशा-निर्देश थे?
यदि हां तो उनका पालन किया गया था? यदि नहीं, तो क्या पूर्व में बड़े हमलों की समीक्षा कर कोई कदम उठाए गए थे? 25 मई 2013 को बस्तर जिले में कुल कितना पुलिस बल मौजूद था?
क्या परिवर्तन यात्रा कार्यक्रम की अवधि में बस्तर जिले से पुलिस बल दूसरे जिलों में भेजा गया था? यदि हां तो किस कारण से और किसके आदेश थे? क्या इसके लिए सक्षम स्वीकृति प्राप्त की गई थी?
क्या माओवादी किसी बड़े आदमी को बंधक बनाने के बाद उन्हें रिहा करने के बदले में अपनी मांग मनवाने का प्रयास करते रहे हैं? नंद कुमार पटेल एवं उनके पुत्र के बंधक होने के समय ऐसा नहीं करने का कारण क्या था.
सुकमा के तत्कालीन कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण एवं रिहाई में किस तरह के समझौते माओवादियों के साथ किए गए थे? क्या उनका कोई संबंध दिवंगत महेंद्र कर्मा की सुरक्षा से था.
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