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रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज आयोजित पहली कलेक्टर्स कांफ्रेंस में अपने तीखे तेवर दिखाते हुए दो टूक कहा कि जनहित के काम में किसी भी अधिकारी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. सीएम ने कहा कि आम जनता की समस्याओं का निराकरण उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है. समस्याओं को ढकने या उसे मैनेज करने के बजाय समस्याओं का स्थाई हल निकालने पर अधिकारी जोर दें.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आम नागरिकों को अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के निराकरण के लिए भटकना ना पड़े. तहसील स्तर की समस्या का निराकरण तहसीलदार स्तर पर, थाना स्तर की समस्या थाना स्तर पर और जिला स्तर की समस्या का निराकरण जिला स्तर पर होना चाहिए. नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, बिजली कनेक्शन लेने जैसी स्थानीय स्तर पर निराकृत होने वाली की समस्या के हल के लिए नागरिकों को राजधानी तक भटकने की जरूरत नही पड़नी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे अपने अधिकारियों पूरा भरोसा और मुझे जनहित में सरकारी अमले से काम लेना भी आता है.
डीएमएफ की राशि से शिक्षा, स्वास्थ्य एवं जीवन स्तर का हो सुधार
मुख्यमंत्री ने जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ फंड) की राशि का इस्तेमाल खनन प्रभावित क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी एवं ग्रामीणों की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं जीवन स्तर के सुधार के लिए करने पर जोर दिया और कहा कि इस राशि का उपयोग वहां के नागरिकों के उत्थान और विकास में लगाना चाहिए. अगर इस फंड का उपयोग प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों में अच्छे शिक्षकों की व्यवस्था करने, अस्पतालों में डॉक्टरों की नियुक्ति करने, पशुओं के जीवनरक्षा या संवर्धन के लिए किया जाता है तो उसका स्वागत है.
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘‘नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी‘‘ की परिकल्पना से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों की दशा में अमूल चूक परिवर्तन आएगा और ग्रामीण स्वावलंबन की अर्थव्यवस्था की दिशा में भी कार्य होगा. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र के लोग पहले बाहर से केवल नमक लेते थे, शेष जरूरत की सभी चीजें गांव में ही पैदा कर लेते थे, लेकिन आज गांव के लोग रोजगार तथा सामग्री के लिए शहर के ओर भाग रहे है. इसे बदलने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने ‘‘नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी‘‘ के एक-एक बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की, इसके माध्यम से जल संसाधनों को बढ़ाने, पशुधन का संवर्धन करने, जैविक खाद के माध्यम से फसलों की उत्पादकता बढ़ाने, रोजगार देने तथा खेतो में स्वास्थ्य कृषि उत्पाद के माध्यम से पोषक तत्वों को बढ़ाने की चर्चा की और उनसे भूस्तर जैसे तालाब आदि के साथ नदियों के जल का संवर्धन करने के तथा जमीन के नीचे के जल स्तर को बढ़ाने, गोबर गैस का भरपूर उपयोग करने, पर जोर दिया. उन्होंने अधिकारियों से अपने ज्ञान, कौशल तथा उच्च तकनीकी जैसे सेटेलाईट इमेजिंग, जीआईएस के माध्यम से ऐसी व्यवस्था करने पर जोर दिया जिससे नदियों में ज्यादा से ज्यादा पानी उपलब्ध रहे.
मुख्यमंत्री ने अपने सार्वजनिक जीवन और छत्तीसगढ़ के ग्रामीण जनजीवन के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि इसके लिए हमें व्यवहारिक दृष्टि अपनाने की जरूरत है. उन्होंने सभी ग्राम पंचायतों और गांवों में गौठानों के लिए छायादार बड़ी जगह चिन्हांकित करने के निर्देश दिए, जो पशुधन के लिए ‘डे केयर सेन्टर‘ की तरह कार्य करें. आज हमारे मवेशी पशुधन है लेकिन आज सुव्यस्थित प्रबंधन तथा फसलों को चरने के कारण लोगों को ये बोझ लगने लगे है, उनके सड़कों में बैठने से दुर्घटना हो रही है। यह राज्य की सबसे बड़ी समस्या में से एक है. छत्तीसगढ़ की मवेशी भले दुध कम देते हो लेकिन उनमें बीमारियों से लड़ने की अधिक ताकत है और उनका गोबर भी बेहद उपयोगी है। हर कलेक्टर पशुधन संर्वधन के लिए गौठान के माध्यम से कार्ययोजना बनाएं.
गांवों में गौठानों को इस प्रकार बनाया जाए जिससे कीचड़ न हो, मवेशियों को पानी और छाया मिले और यहां उनके गोबर का उपयोग गोबर गैस प्लांट, कम्पोस्ट प्लांट और वर्मी कम्पोस्ट प्लांट लगाए में किया जाए. गोबर गैस का उपयोग गांव में ईधन या गैस चूल्हा जलाने में भी किया जाए जिससे उज्ज्वला गैस के माध्यम से लगने वाली बड़ी राशि में कमी आए. उन्होंने इसी तरह गांव में चारागाह विकास करने और समतलीकरण कराने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा इन प्रयासों से गांव में रोजगार के साधन बढे़ंगे, कृषि को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार होगा. उन्होंने कहा ‘‘नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी‘‘ की माध्यम से आप एक बड़ा ही कार्य के लिए आगे आ रहे है और इसके माध्यम से छत्तीसगढ़ को एक मॉडल राज्य बनाना है.
मुख्यमंत्री ने वन अधिकार मान्यता पत्र के सामुदायिक एवं व्यक्तिगत दावे के प्रकरणों की समीक्षा कर लंबित प्रकरणों के निराकरण के निर्देश दिए. उन्होंने जुआ, सट्टा, अवैध शराब, कोयला की तस्करी पर लागाम लगाने के लिए पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए. उन्होंने छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत समय सीमा में सेवाएं प्रदान करने कहा।
बैठक में मुख्य सचिव सुनील कुजूर, पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी, अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, के.डी.पी. राव, आर.पी. मंडल, सी.के. खेतान, मुख्यमंत्री के सचिव गौरव द्विवेदी सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव, कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे.
::/fulltext::रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष माननीय डॉ चरणदास महंत ने पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडिस के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने शोक संदेश में कहा है कि फर्नांडिस ने मजदूर तबके के लिए आजीवन संघर्ष किया और उनके हक की लड़ाई को सदैव लड़ते रहे. देश के लोकतांत्रिक प्रक्रिया से सांसद और देश के अनेक उच्च पदों पर रहते हुए देश की सेवा की. विधानसभा अध्यक्ष ने उनके परिजनों के प्रति सवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है.
बता दें कि पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है. दिल्ली में उन्होंने सुबह 7 बजे आखिरी सांस ली. फर्नांडिस लंबे समय से बीमार चल रहे थे, वो अल्जाइमर नाम की बीमारी से परेशान थे. आखिरी बार वो अगस्त 2009 से जुलाई 2010 के बीच तक राज्यसभा सांसद रहे थे. वाजपेयी सरकार के दौरान जॉर्ज फर्नांडिस देश के रक्षामंत्री थे.
::/fulltext::रायपुर,29 जनवरी 2018। भूपेश सरकार की तरफ से एक के बाद एक जांच के एलान से पूरी सियासत सकते में है। निशाने पर कभी जोगी तो कभी रमन है, जाहिर है जांच की चिंगारी ने सियासत की आग को भड़का दिया है। जांच को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने दिलचस्प ट्वीट किया था। रमन सिंह ने कहा था कि
“ बदले की इस जाँच से भला सच को आँच कहाँ आई है…ग़रीबों को चावल देना अगर गुनाह है तो वो ये गुनाह बार बार करेंगे”
रमन सिंह के इस ट्वीट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी पलटवार में देरी नहीं लगायी। कॉलेक्टर कॉन्फ्रेंस के बाद पूछे गए इस सवाल पर उन्होंने भी बेहद दिलचस्प अंदाज़ में जवाब दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि
” खुद अपराध किये खुद मामले दर्ज किये लेकिन जांच अधूरी थी गरीबो का अनाज उन्होंने नही दिया अभी इसी जांच में परेशान है वो 15 साल की पूरी जांच में क्या होगा”
आज सुबह करीब 47 सेंकड के वीडियो के साथ डॉ रमन सिंह का ट्विट आया था. केवल ट्विट नही ही नहीं यह सब फेसबुक पर भी है..
::/fulltext::रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 2 फरवरी को छग प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के साथ उत्तर प्रदेश के बाराबंकी का दौरा करेंगे. इसके अगले दिन 3 फरवरी को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बिहार के दौर पर रहेंगे, जहां पटना में आयोजित सभा में शामिल होंगे.
विधानसभा चुनाव में न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि राजस्थान और मध्यप्रदेश में मिली सफलता के बाद कांग्रेस के रणनीतिकार लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. इसके लिए उत्तर प्रदेश और बिहार में छत्तीसगढ़ की सफलता बताने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस का प्रचार करेंगे. कुर्मी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले भूपेश बघेल उत्तर प्रदेश और बिहार में न केवल छत्तीसगढ़ में सरकार बनते चुनाव के दौरान किए गए वायदे के अनुसार किसानों की कर्ज माफी के साथ प्रति क्विंटल धान का 2500 रुपए देने की घोषणा को प्रमुखता से लोगों को बताएंगे.
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश और बिहार में ओबीसी – खास तौर के कुर्मी समाज अच्छी खासी तादात में हैं, और राजनीतिक पकड़ भी रखते हैं. भारतीय जनता पार्टी ने इस अंकगणित को ध्यान में रखते हुए जहां उत्तर प्रदेश में अपना दल से तो बिहार में जनता दल (यू) से गठजोड़ किया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं कुर्मी समाज से आते हैं. ऐसे में भूपेश बघेल को प्रचार में शामिल कर राहुल गांधी कुर्मी समाज के साथ-साथ किसानों को भी संदेश देना चाहते हैं.
छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों में से 68 सीटों पर जीत हासिल करने से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कांग्रेस पार्टी में कद बढ़ गया है. इस बात की पुष्टि ही इस बात से हो जाती है कि बिहार में होने वाली सभा के लिए राहुल गांधी ने खुद फोन कर भूपेश बघेल को आमंत्रित किया है. इसके अलावा भूपेश बघेल के तौर पर कांग्रेस को उत्तर भारत में एक बड़ा ओबीसी चेहरा मिल गया है, जिसे वह प्रभावी तरीके से बिहार और उत्तर प्रदेश में भुना सकती है.