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रायपुर- नान घोटाले मामले के लिए गठित एसआईटी की जांच की आंच पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह तक पहुंचे जाने के बाद उनके दिए गए उस बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया है, जिसमें चुनौती देते हुए कहा गया था कि एक ही जांच क्यों? पूरे 15 साल के कार्यकाल की जांच करा ली जाए. बघेल ने कहा है कि कानून अपना काम कर रहा है, तो रमन हड़बड़ा क्यों रहे हैं? हम किसी को अनावश्यक प्रताड़ित नहीं कर रहे हैं, जैसा पिछली सरकार करती रही.भूपेश बघेल ने कहा कि आखिर डा.रमन सिंह की परेशानी की वजह क्या है? वो इतना परेशान क्यों हो रहे हैं? नान में छापा उनके ही कार्यकाल में मारा गया था. उनके कार्यकाल में ही जांच की शुरूआत की गई थी. जांच में मिले डायरी के पन्नों के आधार पर ही जांच की जा रही है. उस वक्त के जांच अधिकारी ने यह कहा था कि पैसा उस डोमेन तक गया, जहां हम नहीं जा सकते, बस अब हम वहां पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने जो जांच शुरू की थी, हम उस जांच को आगे बढ़ा रहे हैं.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रमन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि वह जरा ये बताये कि जब सीएजी की रिपोर्ट उनके कार्यकाल में आ गई थी तो उसे विधानसभा में पेश क्यों नहीं किया गया. रोककर क्यों रखा था. सीएजी की रिपोर्ट पहले आ जाती तो विधानसभा में उनकी और दुर्गति हो जाती. साढ़े चार हजार करोड़ का घोटाला सामने आया है. आखिर आदमी किसी जगह पर बैठा है तो नियम का पालन करने बैठा है. किसी को गलत लाभ पहुँचाने नही बैठा है. यही काम उनकी सरकार करती रही.
::/fulltext::रायपुर। परिवार नियोजन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही परिवार स्वास्थ्य वाणी 104 को अभूतपूर्व सफलता मिल रही है. महज पांच माह में 5 हजार से अधिक परिवारों ने इस सेवा का लाभ लेते हुए परिवार नियोजन का ऑपरेशन कराया. स्वास्थ्य आयुक्त आर प्रसन्ना ने बताया कि जून 2018 से निःशुल्क फोन सेवा के माध्यम से परिवार स्वास्थ्य वाणी 104 को प्रारंभ किया गया था. उन्होंने बताया कि आईवीआर इंटर एक्टीव रिस्पाॅन्स प्रणाली है जिसे 104 आरोग्य सेवा के साथ जोड़ा गया है.उप संचालक परिवार कल्याण डाॅ. अखिलेश त्रिपाठी ने बताया कि रायपुर, धमतरी, बिलासपुर, जांजगीर-चाम्पा, दुर्ग एवं राजनांदगांव में 5000 से अधिक परिवार नियोजन ऑपरेशन हुए. जिनमें 300 लोगों ने ही सेवाएं प्राप्त करने के बाद उनकी गुणवत्ता के बारे में अपनी राय दी. वहीं परिवार नियोजन सम्बन्धी जानकारी प्राप्त करने के लिए भी केवल 350 लोगों ने इस सेवा का लाभ तो उठाया लेकिन नसबंदी नहीं कराई. उन्होंने बताया कि अधिक से अधिक लोगों द्वारा दी गई राय, सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने में विभाग को सहायक होगी. इस सेवा के माध्यम से कोई भी व्यक्ति परिवार नियोजन सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी मनोरंजक ढंग से प्राप्त कर सकता है.परिवार नियोजन की सेवा लेने के बाद सम्बन्धित व्यक्ति द्वारा प्राप्त सेवाओं के बारे में अपनी राय, बगैर अपना नाम बताए, दर्ज करा सकता है. सेवा के अन्तर्गत यह भी प्रावधान है कि यदि किसी व्यक्ति को किसी स्वास्थ्य केन्द्र में परिवार नियोजन का ऑपरेशन कराना हो तो इस हेतु वह अपना नाम पंजीकृत करा सकता है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा पेश किये गए आंकड़ों के मुताबिक नसबंदी कराने के मामले में पुरुष अभी भी काफी पीछे हैं. आंकड़ों के मुताबिक परिवार कल्याण कार्यक्रम में 2014 से 2018 तक परिवार नियोजन के स्थाई साधन पुरुष नसबंदी 15 हजार 650 तथा महिला नसबंदी 1 लाख 89 हजार 274 का सफलतापूर्वक किया गया.
::/fulltext::रायपुर। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत नियुक्त किये गए 41 कंसलटेंट की नियुक्ति रद्द करने के मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे अपने अधिकारियों पर पूरा भरोसा है. अखिल भारतीय सेवा के हो या राज्य के. उन्हें भरोसा नहीं था. इसलिए हर कलेक्टर के पीछे दो-दो अधिकारियों को बिठा रखा था. रिटायर हो चुके आईआरएस के अधिकारी को सबके ऊपर बिठा दिया था. सिस्टम में हमें विश्वास है उन्हें नहीं था.आपको बता दें सरकार ने इनकी नियुक्ति को फिजूलखर्ची माना है. पिछली सरकार ने आईआईटी समेत कई प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़कर निकले और मल्टीनेशनल कंपनियों में काम कर चुके युवाओं को फेलोशिप योजना के तहत नियुक्ति दी थी. मुख्य सचिव कार्यालय से लेकर, सचिवों और सभी 27 जिलो में कलेक्टरों को साथ इन्हें अटैच किया गया था. इन अफसरों को शासकीय योजनाओं की मानटिरिंग का जिम्मा सौंपा गया था. इन्हें सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को फीडबैक देने का भी अधिकार दिया गया.फेलोशिप योजना के तहत हुई नियुक्तियों को लेकर पिछली सरकार पर यह आरोप भी लगा था कि खास सिडिंकेट के अधिकारियों की सिफारिशों उनके चहेतों को नौकरी दे दी गई. चौंकाने वाली बात यह है कि जिन अफसरों की नियुक्ति को रद्द किया गया है, उनमें पूर्व मुख्य सचिव का दामाद भी शामिल है.
::/fulltext::रायगढ़– जिले से लगा ओडिशा के ब्रजराजनगर नेशनल हाइवे 49 पर संचेतना नागरिक सगंठन, स्थानीय और भाजपा विधायक राधारानी पंडा ने आज सुबह 6 बजे से आर्थिक नाकेबंदी कर दी है. जिसके चलते छत्तीसगढ़ और ओडिशा दोनों ही तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग गई.नाकेबंदी के चलते ओडिशा से छत्तीसगढ़ आने वाली गाड़ियां थम गई है. उद्योगों की रॉ मटेरियल की कमी देखी जा रही है. दोनों प्रदेश से गिट्टी, चूना पत्थर, कच्चा लोहा, कोयले का प्रतिदिन आना-जाना लगा रहता है, जिससे दोनों ही प्रदेश के उद्योगों पर प्रभाव पड़ता देखा जा रहा है.स्थानीय लोगों का कहना है कि ओडिशा (डीएमए फंड) खनिज न्यास निधि का उपयोग क्षेत्र में न होकर दूसरी जगह हो रही है. इससे क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि खनिज निकाले जाने का दंश क्षेत्र के लोग भुगत रहे हैं. और न्यास का मद कहीं और खर्च हो रहा है.बता दें कि इस नाकेबंदी के कारण खनिज संपदा परिवहन ठप हो गया है. वहीं यात्रियों को भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. ओडिशा पुलिस मौके पर निगरानी कर रही है ताकि कोई अप्रिय स्थिति ना हो सके.
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