Thursday, 06 February 2025

2801::/cck::

अब भी हिट लिस्ट में शामिल दर्जनों नक्सली पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।.....

::/introtext::
::fulltext::

छत्तीसगढ़ पुलिस की मोस्ट वांटेड नक्सलियों की सूची में टॉप पर रामन्ना का ही नाम है।

रायपुर । रामन्ना सुनने में भले ही एक साधारण नाम लगे, लेकिन बस्तर के लोगों के लिए यह एक बड़ा खौफ है। छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों की पुलिस इसकी तलाश में कई बार जंगलों की खाक छान चुकी है। रामन्ना उर्फ श्रीनिवास रेड्डी बस्तर, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व आंध्रप्रदेश में सक्रिय नक्सलियों का कमांडर है। इन राज्यों में नक्सली गतिविधियों का संचालन दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेड) करती है। यह उसका सचिव है। ताड़मेटला में 76 जवानों की हत्या से लेकर झीरमघाटी में कांग्रेस नेताओं की हत्या तक की घटनाओं के पीछे इसी की रणनीति बताई जाती है।

छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस पर 40 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा है। करीब 55 साल का यह दुर्दांत लाल आतंकी पुलिस की पकड़ से अब तक बाहर है। छत्तीसगढ़ पुलिस की मोस्ट वांटेड नक्सलियों की सूची में टॉप पर रामन्ना का ही नाम है। राज्य पुलिस ने छोटे-बड़े करीब सौ से अधिक नक्सलियों पर इनाम घोषित कर रखा है। बीते दो वर्षों में पुलिस ने इनमें से कुछ को मार गिराया है या गिरफ्तार करने में सफल रही है, लेकिन अब भी हिट लिस्ट में शामिल दर्जनों नक्सली पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

 छत्तीसगढ़ के मोस्ट वांटेड नक्सली व उन पर घोषित इनाम 

 - रामन्ना उर्फ रावुला उर्फ श्रीनिवास रेड्डी, सचिव दक्षिण बस्तर स्पेशल जोनल कमेटी (40 लाख)

- गणेश उईके उर्फ गणेशन उर्फ सोमारू, सचिव दक्षिण बस्तर रीजनल कमेटी (25 लाख)

- रामधर कमांडर (25 लाख)

- अर्जुन डीवीसी प्रशिक्षण प्रभारी (25 लाख)

 - राजमन मंडावी स्पेशल जोनल सदस्य (25 लाख)

 - बसंत उर्फ रवि उर्फ बसंतू कमांडर रैंक (10 लाख)

 - जैनम मंडावी कंपनी प्लाटून कमांडर (आठ लाख)

 - खुसराम उर्फ चंदर कुरसम प्लाटून कमांडर (आठ लाख)

- विज्जा उर्फ बदरू डीवीसी सदस्य (आठ लाख)

 - गोपी मोडयामी अध्यक्ष गंगालूर एरिया कमेटी (आठ लाख)

 - दिनेश मोडयामी एलओएस कमांडर (पांच लाख)

 - शंकर बेंजाम एलडीसी डिप्टी कमांडर (तीन लाख)

 - पूनेम सोमलनी केकेडब्ल्यू सदस्य (एक लाख)

 - हुंगा करमा डीवीसी सदस्य (आठ लाख)

 - नागेश पदम एलजीएस कमांडर (पांच लाख)

::/fulltext::

2800::/cck::

राजधानी में संचालित संगीत महाविद्यालयों की स्थिति चिंताजनक है।.......

::/introtext::
::fulltext::

रायपुर। संगीत के मामले में भारत का कोई सानी नहीं है। संगीत हमारी रगों में बहता है, लेकिन राजधानी में संचालित संगीत महाविद्यालयों की स्थिति चिंताजनक है। नईदुनिया टीम गुरुवार को शहर के संगीत महाविद्यालयों में पहुंची। प्रशिक्षण दे रहे शिक्षक और पढ़ाई कर रहे छात्रों के बारे में जानने की कोशिश की तो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए।  यह सामने आया कि किस तरह संगीत महाविद्यालय सीमित प्रशिक्षकों में भी महाविद्यालय से अच्छे कलाकार पैदा कर रहा है। अगर किसी को संगीत सीखना है तो शहर के संगीत कॉलेजों में प्रवेश ले सकते हैं। प्रशिक्षकों की कमी होने के वाबजूद भी यहां अच्छी शिक्षा प्रदान की जा रही है।

आज जानें कमला देवी संगीत महाविद्यालय के बारे में, जिसकी स्थापना साल 1950 में हुई थी, लेकिन पिछले 19 साल से महाविद्यालय अच्छे प्रशिक्षकों को तरस गया। महाविद्यालय की मैनेजमेंट टीम महाविद्यालय की फीस और मिले अनुदान से मानसेवी शिक्षकों की भर्ती कर कक्षाएं चला रही है। प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार महाविद्यालय में शैक्षणिक और अशैक्षणिक नियमित पदों की कुल संख्या 23 है, लेकिन इसमें भी 12 पद वर्तमान में रिक्त हैं। सबसे बड़ी बात तो यह सामने आई कि महाविद्यालय में पिछले 20 साल से प्राचार्य पद ही खाली पड़ा है। प्राचार्य पद की नियुक्ति की जाए, इस संबंध में महाविद्यालय की ओर से प्रशासन को कई बार प्रस्ताव भेजा गया है।

 उम्र सीमा ने छीन लिए छात्र

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय ने इस वर्ष पुरुषों की उम्र सीमा पर पाबंदी लगा दी है। इसके तहत डिप्लोमा कोर्स के लिए 21 वर्ष, डिग्री के लिए 26 वर्ष और स्नातकोत्तर के लिए 30 वर्ष के लोग ही प्रवेश ले सकते हैं। वहीं महिलाओं के लिए कोई पाबंदी नहीं है। विश्वविद्यालय के इस फैसले की वजह से कई छात्रों को प्रवेश नहीं मिल पाया। महाविद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि एक तरफ शिक्षकों की कमी और दूसरी ओर विश्वविद्यालय द्वारा उम्र की पाबंदी। इन दोनों दिक्कतों ने संगीत की दुनिया में भारी संकट खड़ा कर दिया है।

नहीं मिल पा रहा प्लेसमेंट

 शहर में दो सरकारी संगीत महाविद्यालय मौजूद हैं, जिनसे हर साल लगभग 2000 छात्र डिग्री, डिप्लोमा लेकर निकलते हैं, लेकिन आज तक किसी भी छात्र को प्लेसमेंट नहीं मिला है। छात्रों का कहना है कि हमारी जरूरत तो बहुत है समाज को, लेकिन सरकार हम पर ध्यान नहीं देती। आज संगीत के प्रति सरकार पूरी तहर से निष्क्रीय हो गई हैं। इस क्षेत्र में जो आयोजन होते भी है उन्हें निजी संस्थाओं को ही दिया जाता है। सरकार चाहे तो संगीत को बढ़ावा देने के लिए हर सरकारी स्कूल में एक संगीत का टीचर नियुक्त कर सकती है।

प्रशिक्षकों के संकट से जूझ रहा महाविद्यालय

विषय आवश्यक प्रशिक्षक संख्या मौजूद प्रशिक्षक खाली पद

गायन 8 3 5

 सितार 2 1 1

तबला 3 1 2

कत्थक नृत्य 3 1 2

ओडिशी 2 1 1

 सुगम संगीत 1 1 1

- शासन की ओर से प्राध्यापकों की भर्ती नहीं की जा रही है। इसकी वजह से संगीत महाविद्यालय में छात्रों को उचित प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा है।

::/fulltext::

2799::/cck::

एक बार फिर राजधानी की सड़कों पर धुआं उगलते अनफिट ऑटो की भरमार हो गई है।.....

::/introtext::
::fulltext::

12 हजार से अधिक पंजीकृत ऑटो, प्रदूषण जांच की मियाद पूरी, फिर भी सड़कों पर दौड़ रहे अनफिट ऑटो, जिसे फिटनेस दिए वह ही निकल रहे अनफिट.

रायपुर। एक बार फिर राजधानी की सड़कों पर धुआं उगलते अनफिट ऑटो की भरमार हो गई है। आठ माह पूर्व में प्रदूषण की जांच का अभियान चलाने के बाद फिर शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में इनकी संख्या करीब सात हजार से अधिक है। सिर्फ दो हजार ऑटो के परमिट रद किए गए थे, जबकि आरटीओ का दावा था कि आने वाले दिनों में अब नए ऑटो को परमिट नहीं दिए जाएंगे, लेकिन इसके उलट सात हजार अनफिट ऑटो को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए हैं। ये ऐसे ऑटो हैं, जो 12 साल से भी ज्यादा पुराने हो चुके हैं।

हैरतवाली बात है कि सालभर पूर्व अनफिट ऑटो के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, जबकि कितने ऑटो जब्त किए गए थे। इनका कोई विभागीय लेखा-जोखा भी नहीं है। आरटीओ कार्यालय में मिली भगत कर अनफिट ऑटो कई रूटों पर चल रहे हैं। सड़कों पर फर्राटा भर रहे ऑटो पर कार्रवाई करने के सवाल पर आरटीओ की दलील है कि यातायात पुलिस की भी जिम्मेदारी बनती है। यानी इधर आरटीओ कार्यालय से फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किए जाते हैं। ये सिर्फ ऑटो ही नहीं, बल्कि सभी चार पहिया वाहनों की फिटनेस सर्टिफिकेट की स्थिति है।

 वाहनों के फ्यूल से प्रदूषण का ग्राफ बढ़ा

10 हजार ऑटो, 20 हजार कार सहित अन्य वाहनों की संख्या 80 हजार से ऊपर है। जिनके प्रदूषण की जांच साल दो साल में सिर्फ एक बार ही हो पाती है, जबकि इनके अनफिट होने से लाखों लीटर फ्यूल की बर्बादी होती है। इससे हर दिन राजधानी में प्रदूषण का ग्राफ बढ़ा है।

 इन रूटों पर सर्वाधिक ऑटो

रेलवे स्टेशन गेट के बाहर, फाफाडीह, घड़ी चौक, कचहरी चौक, पंडरी, जयस्तंभ चौक सहित कई इलाकों में आटों की भरमार है। इन रुटों पर अनफिट ऑटो की संख्या सर्वाधिक है।

 दलाल दिलाते हैं घर बैठे फिटनेस सर्टिफिकेट

विभागीय सूत्रों के मुताबिक आरटीओ के दलाल वाहन संचालकों को घर बैठे फिटनेस सर्टिफिकेट दिलाते हैं। यही वजह है कि आरटीओ की जांच में कई बार फिटनेस सर्टिफिकेट की पोल भी खुल चुकी है।

 केस नंबर-एक

विगत दिनों अवंती बिहार में स्कूली बस सिटी बस से जा भिड़ी थी। वैसे इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था। इसकी जब आरटीओ ने जांच की तो फिटनेस सर्टिफिकेट के बावजूद अनफिट पाई गई थी।

 केस नंबर दो

मोवा में संचालित एक स्कूल की बस भी हादसे की शिकार हो गई थी, लेकिन फिटनेस सर्टिफिकेट होने पर भी अनफिट पाई गई थी।

 वर्जन

अब नए ऑटो का परमिट नहीं जारी किया जा रहा है। 12 साल पुराने ऑटो का संचालन शहर में प्रतिबंधित कर दिया गया है। समय-समय पर जांच करते हैं।

::/fulltext::

 Divya Chhattisgarh

 

City Office :-  Infront of Raj Talkies, Block - B1, 2nd Floor,

                              Bombey Market, GE Road, Raipur 492001

Address     :-  Block - 03/40 Shankar Nagar, Sarhad colony, Raipur { C.G.} 492007

Contact      :- +91 90099-91052, +91 79873-54738

Email          :- Divyachhattisgarh@gmail.com

Visit Counter

Total840521

Visitor Info

  • IP: 18.227.190.93
  • Browser: Unknown
  • Browser Version:
  • Operating System: Unknown

Who Is Online

1
Online

2025-02-06