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रायपुर. शिक्षाकर्मियों का संविलियन आदेश जारी हो गया है. कल से इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने इस संबंध में आज ही आदेश जारी कर दिया है. मुख्यमंत्री ने आज कहा कि शिक्षाकर्मियों के संविलियन को लेकर कल से कागजी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
बैठक में 18-19 400 हितग्राहियो के 8 करोड़ स्वीकृति दी गयी. प्राधिकरण के माध्यम से 3788 किसानों की पम्प के अभी तक 25 करोड़ 64 लाख की राशि स्वीकृत की गई. 3788 अनुसूचित जाति के पम्पधारी को प्राधिकरण के फंड विद्युतीकरण का काम दिया गया. अनुसूचित जाति के 800 से पम्प कनेक्शन धारी असाध्य पम्प के श्रेणी में है इसलिए उनके वर्षो से पम्प के कनेक्शन नही दिए जा सके.
अब प्राधिकरण के माध्यम से 800 पम्पो के ऊर्जीकरण के लिए 2 करोड़ 50 लाख स्वीकृत किये गए है, और कलेक्टर को कहा गया कि जितने भी प्राधिकरण के काम शेष है उसे जल्द पूरा करे. दूसरी बैठक में 46 निर्णय लिए गए. इसमे 40 पूरा किये गए पिछड़ा वर्ग प्राधिकरण से अभी तक 366 करोड़ के कुल 7,573 कामो की स्वीकृति दी गयी. 6,624 काम पूर्ण किये गए. प्राधिकरण के माध्यम से ग्रामीण और अन्य पिछड़ा वर्ग के किसान जिनके पम्प असाध्य है उन्हें 2000 पम्पो के 4,000 की स्वीकृति दी गयी.
::/fulltext::रायपुर। चुनाव को लेकर अब बेहद कम समय बचा है, हर दल की क़वायद अपने अंतिम चरण पर है। ऐसे में सवाल और उत्सुकता इस पर भी जा टिकी है कि, आख़िर प्रत्याशियों का क्या होना है, याने चयन कैसे होगा ? उनकी लोकप्रियता,स्वीकार्यता और क्षेत्र में काम करने का पैमाना किस तरह आँकते हुए टिकट दिया जाएगा। कांग्रेस ने इसके लिए जो रुट मैप बनाया है जिस पर चलते हुए पार्टी प्रत्याशी का चयन करेगी, वह अगर वैसा ही रहा जैसा कि तय किया गया है तो वह बेहद दिलचस्प तरीक़ा होगा।संगठन ने हालाँकि एक बात बहुत स्पष्ट तरीक़े से नेताओं और कार्यकर्ताओं तक पहुँचाई है “परिक्रमा से टिकट नही मिलेगा” यदि ऐसा ही है कि परिक्रमा वादियों को या कि बड़े नेताओं की सिफ़ारिश भी काम नही आएगी तो इस बार कांग्रेस का फ़ार्मुला क्या है तो हम बताते है आपको कि वह फ़ार्मुला क्या है। कांग्रेस की जो रणनीति है कि किसे टिकट मिले उसके लिए छ चरण हैं।और वह पूरे छ चरण प्रारंभिक प्राथमिक स्तर के कार्यकर्ता से ही शुरु होते हैं। यह छ चरण है -अनुभाग,मतदान केंद्र,सेक्टर,ज़ोन,ब्लॉक और फिर जिला कमेटी।याने कि वे नाम जिन्हें कि दावेदार माना जाएगा और जो स्टेट कमेटी से होते हुए स्क्रीनिंग कमेटी तक जाएँगे वे नाम बूथ लेव्हल से भी नीचे अनुभाग स्तर से शुरु होते हुए उपर तक आएँगे। मतलब यह है कि, जो दावेदार है उसकी उपस्थिति उसकी राजनैतिक सक्रियता और स्वीकार्यता का पैमाना सबसे शुरुआती पायदान से तय किया जाएगा।
यहाँ यह भी ध्यान रखिए कि यह रणनीति केवल उन 51 सीट पर ही नही है जहाँ कि कांग्रेस 2013 में हारी बल्कि सभी 90 पर है। हालाँकि जिन जगहों पर कांग्रेस विधायक मौजुद हैं उनके लिए रणनीति में बहुत थोड़ा सा परिवर्तन हैं, नाम तो उसी छ चरण की प्रक्रिया से आएँगे लेकिन उसमें आंशिक दखल स्टेट कमेटी का होगा, वह दखल भी हर विधानसभा में बूथ लेव्हल तक की हो रही बैठकों से मिलने वाला फ़ीडबैक के आधार पर होगा। यह भी शर्तिया है कि, जिन 39 सीटों पर कांग्रेस के विधायक मौजुद हैं, टिकट उनमें से करीब तेरह की ख़तरे मे है। इधर इस पूरी क़वायद को लेकर पीसीसी ने मौन साधे रखा है, और ज़ीरो परसेंट डाल्यूशन और हंड्रेड परसेंट इंप्लीमेंशन के फ़ार्मुले पर काम कर रही है।याने कोई मुद्दा रोका नही जाएगा और शत प्रतिशत आक्रामक तेवर बने रहेंगे।
::/fulltext::रायपुर। IAS चंद्रकांत वर्मा शादी के बंधन में बंध गये हैं। आज चंद्रकांत वर्मा ने करिश्मा दुबे के साथ सात जन्मों के बंधन के साथ सात फेरे लिये। 2017 बैच के आईएएस चंद्रकांत अभी बस्तर में बतौर सहायक कलेक्टर पोस्टेड हैं, वहीं अर्धांग्नि बनी करिश्मा भी राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं और अभी पंडरिया में बतौर तहसीलदार पोस्टेड हैं।
चंद्रकांत और करिश्मा ने साथ में पढ़ाई की है और दोनों काफी अच्छे दोस्त रहे हैं, लेकिन अब वो दोस्ती शादी में बदल गयी है। आज रायपुर के समता कॉलोनी स्थित गायत्री मंदिर में चंद्रकांत वर्मा और करिश्मा की शादी पारंपरिक रीति रिवाज के साथ संपन्न हुई। इस मौके पर परिवार के लोगों के अलावे कई करीबी भी मौजूद रहे।
शादी के बंधन में बंधने के बाद कल रायपुर के डीडी नगर में एक भव्य रिस्पेशन का कार्यक्रम है, जिसमें छत्तीसगढ़ के कई प्रशासनिक अधिकारी और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शामिल होंगे।
2017 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के 5 IAS में चंद्रकांत वर्मा इकलौते होम कैडर के IAS हैं। चंद्रकांत पहले राज्य प्रशासनिक सेवा में ही थे, लेकिन बाद में उन्होंने संघर्षों की नयी इबारत लिखी और फिर 7 बार नाकाम होने के बाद यूपीएससी में कामयाबी का झंडा बुलंद किया। 2008 बैच के PSC में चंद्रकांत बतौर डिप्टी कलेक्टर थे, जबकि करिश्मा 2008 बैच में PSC के जरिये तहसीलदार में सेलेक्ट हुई थी।
पंडरिया में तहसीलदार हैं करिश्मा
करिश्मा दुबे 2008 बैच की तहसीलदार हैं और मौजूदा वक्त में पंडरिया में पदस्था है। करिश्मा ने भी बड़े संघर्षों के बाद मुकाम हासिल किया है। इससे पहले करिश्मा शिक्षाकर्मी के तौर पर भी ज्वाइनिंग दी थी, लेकिन जब वहां उनका मन नहीं लगा तो महिला बाल विकास विभाग के महिला पर्यवेक्षक के तौर पर भी उनकी पोस्टिंग हुई, वो धमधा में कार्यरत रहीं। शिक्षाकर्मी मोर्चा के प्रांतीय संचालक विरेंद्र दुबे व अतुल अवस्थी करिश्मा के जीजा हैं।
::/fulltext::खास बातें
रायपुर: आपने ज़रूरी काम, बीमारी, शादी-ब्याह के लिये कर्मचारियों को छुट्टी लेते सुना होगा लेकिन छत्तीसगढ़ में एक रेलवे कर्मचारी ने छुट्टी के लिए जो आवेदन दिया है उसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. रेलवे कर्मचारी ने चिकन खाने के लिए सात दिन की छुट्टी मांगी है. इसके लिये उसने बाकायदा अर्ज़ी भी दी है! दीपका रेलवे साइडिंग में तैनात पंकज राज गौड़् ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे दीपका, कोरबा स्टेशन मास्टर को खत लिख सात दिनों की छुट्टी चिकन खाने के लिए मांगी है. रेलवे कर्मचारी पंकज का ये अजीबोगरीब खत सोशल मीडिया में वायरल भी हो गया है.
पंकज गौड़ द्वार लिखा गया खत
ये लिखा है पत्र में
पंकज ने आवेदन पत्र में लिखा है कि वह दीपका रेलवे साइडिंग में टीए-2 के पद पर कार्यरत है. महोदय से हाथ जोड़कर निवेदन है कि अगले महीने से सावन शुरू होने वाला है. अत: मेरे घर में सावन के कारण चिकन नहीं बनेगा. इस कारण से मुझे चिकन खाने नहीं मिलेगा जिसके कारण मेरे शरीर में कमजोरी आने लगेगी. मैं दीपका साइडिंग में 24 घंटे कार्य नहीं कर पाऊंगा. अत: महोदय से निवेदन है कि मुझे चिकन खाने के लिए 20 जून 2017 से 27 जून 2017 तक की छुट्टी देने की कृपा करें जिससे मैं सात दिनों में चिकन खाकर एक महीने कवर कर सकूं और दीपका साइडिंग में 24 घंटे कार्य कर सकूं. कर्मचारी के आवेदन पर मुख्य स्टेशन प्रबंधक श्याम बारगे का कहना है कि आवेदनकर्ता ने मजाक में ये खत लिखा बाद में उसने माफी भी मांग ली है.
सोशल मीडिया में हो रही चर्चा
कर्मचारी द्वारा इस तरह लिखे गए अजीबोगरीब विषय वाले आवेदन की चर्चा सोशल मीडिया में जमकर चर्चा हो रही है. सोशल मीडिया पर लोग यह जानने के लिए उत्सुक रहे कि आखिर रेलवे प्रबंधन पंकज की मांग पर क्या रुख अपनाएगा.