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शशि देवागंन, राजनांदगांव. देश मे लगातार पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी की जा रही है. जिसके विरोध में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के कार्यकताओं द्वारा उग्र प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन के दौरान जनता कांग्रेस के कार्यकताओं ने मोटर साइकिल में आग लगा अपना विरोध जताया. साथ ही सरकार के खिलाफ जमकार नारेबाजी की है. लगातार बढ़ रहे डीजल और पेट्रोल की कीमत को लेकर केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ देश सहित प्रदेश में विपक्ष सहित अन्य राजनेतिक दलो द्वारा धरना और विरोध प्रदर्शन जारी है. इसी कड़ी में राजनांदगांव में भी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के कार्यकताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान पार्टी के सैकडो कार्यकर्ताओं ईमाम चौक से रैली निकालकर जयस्तभ चौक पहुंचे और वहा पर मोटर सायकल को जलाकर अपना विरोध जताया, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के रमन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
इस दौरान छत्तीसगढ़ जतना कांग्रेस के शहर अध्यक्ष मेहूल मारू ने बताया कि यदि सरकार की ओर से डीजन और पेट्रोल के दामों में काटौती नहीं की गई तो वे लोग आने वाले समय में और भी उग्र आन्दोलन करेंगे. वहीं जनता कांग्रेस के इस प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था. जिन्होंने जनता कांग्रेस द्वारा मोटरसायकल को जलाने की कोशिश को नकाम कर दिया.
::/fulltext::रायपुर. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में सोमवार से स्थानीय आदिवासियों की फोर्स बस्तरिया काम करना शुरू करेगी। सीआरपीएफ की इस नई बटालियन के सभी जवान स्थानीय आदिवासी होंगे, जो स्थानीय भाषा और इलाके को भलीभांति समझते हैं। सीआरपीएफ ने ही इन जवानों को ट्रेनिंग दी है। अंबिकापुर में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इस बटालियन की पासिंग आउट परेड होगी। सुकमा में तैनात एक अधिकारी के मुताबिक, इस यूनिट का मकसद एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान मजबूत स्थानीय नेटवर्क और इलाकाई जानकारी का बेहतर उपयोग करना है। इस यूनिट की तैनाती भी घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में होगी।
महिलाओं की मौजूदगी 33 फीसदी
- बस्तरिया बटालियन का नंबर 241 है। इसे सीआरपीएफ ने तैयार किया है और पहली बार में इसमें 534 आदिवासी युवाओं को शामिल किया गया है। इसमें 33 फीसदी महिलाएं हैं, यानी 189 महिला कॉन्स्टेबल।
ये होगा बस्तरिया का काम
- स्थानीय युवाओं से सजी बस्तरिया बटालियन को तुरंत एंटी नक्सल ऑपरेशन में लगाया जाएगा।
- एक अफसर के मुताबिक, ये फोर्स सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे इलाकों में तैनात की जाएगी, जो कि बुरी तरह नक्सल प्रभावित हैं।
- इस दल में सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र के सीमाई इलाकों के आदिवासियों को शामिल किया गया है। इन्हें खासतौर पर उन इलाकों में अभियान चलाने के लिए तैयार किया गया है, जहां अभी तक फोर्सेस को लोकल इंटेलिजेंस और स्थानीय कॉर्डिनेशन में कमी की वजह से सबसे ज्यादा जवान खोने पड़े हैं।
44 हफ्ते जंगलों में हुई ट्रेनिंग
- अफसर ने बताया कि बस्तरिया के जवानों को 44 हफ्ते तक जंगल में युद्ध, हथियार, नक्शा पढ़ने, कानून और बिना हथियार के लड़ाई की ट्रेनिंग दी गई है।
- पासिंग आउट परेड के बाद ये जवान नक्सल प्रभावित मुख्य इलाकों में कोबरा और सीआरपीएफ बटालियन के साथ मिलकर काम करेंगे।
- मौजूदा समय में सीआरपीएफ के 35 हजार जवान नक्सल विरोधी अभियानों को अंजाम देते हैं।
जगदलपुर। ऐसा लगता है कि प्रदेश में हो रहे विकास कार्यों से नक्सली बौखलाए हुए हैं खास करके नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में। इन नक्सलियों की बौखलाहट क्षेत्र के कई जगहों में बंधे बैनरों में साफ झलक रही है जिनमें निर्माण कार्यों से जुड़े ठेकेदार और एजेंसियों को तत्काल काम बंद करने की धमकी दी गई है। साथ ही इसके गंभीर परिणाम भुगतने की भी चेतावनी दी गई है। मलकानगिरी पुलिस सूत्रों के अनुसार माओवादियों ने कट ऑफ एरिया में जो बैनर बांधे है और पर्चे फेंके हैं, उसमें लिखा गया है कि निर्माण से जुड़े प्रत्येक काम तत्काल बंद किये जाएं। ऐसा न करने वाली निर्माण एजेंसी और उससे जुड़े ठेकेदारों के खिलाफ नक्सली गंभीर कार्रवाई करेंगे। ठेेकेदारों को जान से मारने की धमकी भी दी गई है। बताया गया है कि माओवादियों की कालीमेला एरिया कमेटी द्वारा लगाए इन बैनरों में सड़क निर्माण को लेकर गुस्सा व्यक्त किया गया है।
::/fulltext::बालोद। बृजमोहन अग्रवाल जब बालोद से विकास यात्रा की तैयारियों का जायजा लेकर लौट रहे थे उसी दौरान रास्ते में एक युवक सड़क पर पड़ा था। बुरी तरह घायल युवक को देखकर कृषि मंत्री रुके तो उनके साथ पूरा काफिला भी थम गया, जिसमें कलेक्टर बालोद भी शामिल थे। उनके साथ कई अधिकारी भी थे। मंत्री, कलेक्टर ने खुद गाड़ी से उतरकर घायल युवकी मदद की और उसे अस्पताल पहुंचाने की समुचित व्यवस्था की गई। जानकारी के मुताबिक बालोद व जगतरा के बीच पुल में किसी अज्ञात वाहन की ठोकर से युवक घायल हो गया। उसके सिर और कंधे में चोंटे आई थी। सड़क से काफिला गुजर रहा और उन्होंने युवक को देखा और सहायता के लिए रुके। जैसे ही काफिल रुका सुरक्षाकर्मी और अधिकारी सभी धड़ाधड़ नीचे ऊतरे और घायल को देखने लगी। चोंट की गंभीरता को समझने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत युवक के सिर को किसी तरह बांधने का प्रयास किया। तब तक अधिकारियों ने एंबुलेंस को फोन करके तत्तकाल आने का संदेश दे दिया था। एंबुलेंस आने के बाद युवक को अस्पताल तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई।
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