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रायपुर । आज या कल तक प्रदेश के कई जिला शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी का तबादला आर्डर जारी हो जायेगा। निर्वाचन आयोग की फटकार के बाद लंबे समय से एक ही पद पर जमे शिक्षा अधिकारियों के साथ-साथ आदिम जाति विभाग, पंचायत विभाग और महिला बाल विकास विभाग के भी कई अधिकारियों का तबादला आर्डर 31 अगस्त तक जारी हो जायेगा।
आपको बता दें कि प्रदेश में कई DEO और BEO लंबे समय से एक ही जगह पर पदस्थ हैं, चुनाव नियमों के मुताबिक वो अधिकारी जिनका कार्यकाल एक ही जगह पर 3 साल से ज्यादा हो गया है, उनका तबादला किया जाना जरूरी है, जिसके लिए वक्त 31 अगस्त तक निर्धारित किया गया है।
जीएडी ने इसके लिए आधा दर्जन विभागों को अल्टीमेटम देते हुए 31 अगस्त तक टाईम मुकर्रर कर दिया है। ज्ञातव्य है, चुनाव आयोग ने सरकार को 31 अगस्त तक सभी ट्रांसफर कर लेने के लिए कहा था। लेकिन, नियत तिथि में तीन दिन बच जाने के बाद भी कई विभागों में तबादले नहीं हुए हैं। 25 अगस्त को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर आगाह किया था। सीईओ के लेटर के बाद जीएडी हरकत में आया। और, सिकरेट्री रीता शांडिल्य ने विभाग प्रमुखों को लेटर जारी किया। जाहिर है, चुनाव आयोग ने तीन साल के लिए 31 जनवरी 2019 का क्रायटेरिया तय किया है। याने जिनका 31 अगस्त तक तीन साल पूरा हो जाएगा, उन्हें सरकार को हटाना पडे़गा।
27 अगस्त को जारी किये पत्र के आधार पर माना जा रहा है कि अगले एक से दो दिन में राज्य भर में बड़े पैमाने पर तबादले किये जायेंगे। आकलन के मुताबिक शिक्षा विभाग, पंचायत विभाग, नगरीय निकायत, महिला एवं बाल विकास विभाग में भी बड़ी संख्या में वैसे कर्मचारी और अधिकारी हैं जो सालों से एक ही स्थान पर जमा हुए हैं।
निर्वाचन आयोग ने वैसे तो 3 साल की सीमा रखी है, लेकिन राज्य में कई विभागों में कर्मचारी और अधिकारी ऐसे हैं, जो 2013 के विधानसभा चुनाव में भी उसी जगह पर तैनात थे और आज भी उसी जगह पर पदस्थ हैं, लिहाजा निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद सभी का थोक में तबादला किया जायेगा। कल निर्वाचन आयोग का फुल बैंच मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत के नेतृत्व में रायपुर पहुंच रहा है, माना जा रहा है कि कल तक सभी विभागों के तबादले पूरे कर लिये जायेंगे, ताकि निर्वाचन आयोग को विभागों की तरफ से दिये जाने वाले प्रजेंटेशन पर आयोग सवाल ना उठाये ।
इसी मामले को लेकर मंगलवार को चीफ सिकरेट्री ने भी बैठक लेकर सभी विभागों को निर्देशित किया है कि तत्काल लंबे समय से जमे अधिकारियों-कर्मचारियों का तबादला किया जाये।
::/fulltext::रायपुर। आईएएस से इस्तीफा देकर राजनीति की नई पारी शुरू करने वाले पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी का आज राजधानी पहुंचते ही जबरदस्त स्वागत किया गया। एयरपोर्ट के अंदर ही उन्हें भाजयुमों के शीर्ष नेताओं ने फूल मालाओं से लाद दिया।…और फिर जैसे ही वो एयरपोर्ट से बाहर निकले, कार्यकर्ताओं का हुजूम ओपी चौधरी के स्वागत के लिए उमड़ पड़ा। रायपुर एयपोर्ट से लेकर एकात्म परिसर तक वो खुली जीप से रैली के शक्ल में जा रहे हैं और हर जगह पर रूक-रूककर वो लोगों का अभिवादन कर रहे हैं और उनका स्वागत किया गया।
भीड़ ऐसी उमड़ी थी कि एयरपोर्ट से लेकर खुली जीप तक पहुंचने में ही करीब 20 मिनट से ज्यादा का वक्त लग गया। यूं तो कलेक्टर रहते ओपी चौधरी की लोकप्रियता थी ही, लेकिन आज जब वो बदली पहचान के साथ राजधानी पहुंचे तो उनकी लोकप्रियता और भी परवान पर पहुंच गयी। खुली जाप में वो भाजयुमो के नेताओं संग आगे बढ़ रहे हैं। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही उन्हें बड़े से माला से लाद दिया गया।
ओपी के स्वागत के लिए रायपुर के साथ ही खरसिया, रायगढ़, बिलासपुर, जांजगीर से उनके समर्थक सुबह ही रायपुर पहुंच चुके थे। एयरपोर्ट से बाइक रैली के साथ ओपी का रजाबंधा मैदान स्थित पार्टी मुख्यालय लाया जाएगा।
पार्टी मुख्यालय में ओपी प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करेंगे। बीजेपी प्रवेश के बाद उनकी यह पहली प्रेस कांफ्रेंस होगी। प्रेस कांफ्रेंस के पहले वे कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक के साथ ही कई सीनियर लीडर मौजूद रहेंगे। इसके बाद पार्टी के बड़े नेताओं से उनकी मुलाकात का कार्यक्रम है। ओपी का आज और कल का कार्यक्रम काफी व्यस्त रहेगा। वे मंत्रियों और पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों से मिलकर उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे।
ओपी 2005 बैच के आईएएस हैं। राजनीति की पिच पर उतरने के लिए उन्होंने 14 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था। भारत सरकार ने 24 अगस्त को उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। 28 अगस्त को उन्होंने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री डा0 रमन सिंह की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
रायपुर।आईएएस जैसी नौकरी को बॉय-बॉय कर सियासी पारी शुरू करने जा रहे रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी की मां के बारे में बहुत कम लोगों को मालूम है कि वे अगर जिद न की होती तो ओपी आज खरसिया इलाके के किसी प्रायमरी स्कूल में टीचर होते।
दरअसल, ओपी के पिताजी की 1989 में देहावसान हो गया था। वे प्रायमरी स्कूल में टीचर थे। उनके निधन के समय ओपी दूसरी कक्षा में थे। मां कौशल्या चूकि बच्चों की समुचित देखभाल करने के लिए नौकरी करना नहीं चाहती थी। इसलिए, परिवार के लोगों ने तय किया कि 12 वीं पास करने के बाद ओपी को पिता की जगह पर अनुकंपा नियुक्ति दिला दी जाएगी। तब तक ओपी के दादाजी ने परिवार का लालन-पोषण किया। ठीक दस बाद 1999 में ओपी ने जब बारहवीं पास किया तो परिवार वालों ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए प्रयास प्रारंभ कर दिया। लेकिन, बताते हैं ओपी का चौथी पास मां अड़ गई….बोलीं, अनुकंपा नियुक्ति की बजाए ओपी को और बेहतर करने का अवसर दिया जाए। परिवार वालों ने काफी समझाया….सरकारी नौकरी है, बच्चे का भविष्य सुरक्षित हो जाएगा। लेकिन, कौशल्या नहीं मानीं। उन्होंने पता किया, छत्तीसगढ़ में बढ़ियां पढ़ाई-लिखाई की सुविधाएं कहां हैं। उन्हें बताया गया, भिलाई ठीक रहेगा। इसके बाद उन्हें ओपी को पढ़ने के लिए भिलाई भेज दिया। उन्होंने भिलाई से ही ग्रेजुएशन किया। इसके बाद यूपीएससी की कोचिंग के लिए दिल्ली चले गए। और, फिर आईएएस में सलेक्ट होकर अपने गांव बायंग लौटे।
ओपी ने इस साल मदर्स डे पर फेसबुक पर लिखा था कि मां नहीं होती तो आज मैं आईएएस नहीं होता। माँ ने आईएएस बनने के लिए उन्हें प्रेरित किया। बेशक, मेहनत और संघर्ष उन्होंने खुद किया, लेकिन मां के आशीर्वाद से उनका संघर्ष सरल हो गया ।
::/fulltext::रायपुर. छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही तेज बारिश की वजह से राजधानी रायपुर के कई इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गये हैं. इसका असर नगर पालिका कुम्हारी के ग्राम परसदा में बने अटल आवास में देखने को मिला है. जहां सड़क से लेकर आवास तक पानी भरा हुआ है. इस जलभराव की स्थिति को देखते हुए प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पहले ही आशंका जाहिर कर दी थी. लेकिन इस ओर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया.
दरअसल भूपेश बघेल ने गृह निर्माण मंडल को वर्ष 2014 में चेतावनी दी थी कि बगल से गुजरने वाला नाला पास में है और वहां हमेशा जलभराव की आशंका रहेगी. भविष्य में इससे लोगों को परेशानी होगी. साथ ही प्रशासन द्वारा निर्माण कार्य में आई लागत का नुकसान होगा. इसके बावजूद भी गृह निर्माण मंडल की ओर से इसे अनदेखा किया गया और कहा गया था कि पानी नहीं भरने का इंतज़ाम किया जाएगा. तेज बारिश की वजह से नाला उफान पर आ गया है जिस कारण सड़क पर पानी का बहाव तेज हो गया. वाहनों का आवागमन रुक गया. अटल आवास के साथ- साथ पूरे इलाक़े में पानी जमा हो गया है. जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
आवास के आस-पास पानी इस कदर भरा हुआ जैसा मानों कि यह आवास नहीं बल्कि एक तालाब हो. आवास में लगे हुए छोटे -छोटे पौधे पूरी तरह से डूब गए है. सड़क पर पानी का तेज बहाव है. जिस वजह से लोगों का अावागमन रुक जाता है.स्थानीय लोगों को डेंगू का खतरा भी सताने लगा है. बता दें कि कुछ हिस्से की भूमि में अधिक गढ्ढे होने के कारण यहां नाले का पानी भर जाता है. प्रशासन द्वारा पहले से व्यवस्था नहीं करने की वजह से ही आज यहां ऐसी स्थिति निर्मित हुई है. वहीं आज तक इस आवास का पूरा निर्माण नहीं हो सका है.
अटल आवास का निर्माण पूर्ण नहीं होने की वजह से इस अटल विहार योजना की लागत बढ़ेगी. यहां रहने वालों को असुविधा होगी. लोगों का अवागमन बाधित हो जाएगा. जिस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि इसमें जनता के पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है. पहले से चेतावनी देने के बावजूद भी इस पर कार्रवाई नहीं की गई थी. अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर क्या अब कोई कार्रवाई करती है या नहीं.