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राजनांदगांव. एक तरफ जहां प्रदेश डेंगू की बामारी से निजात नहीं मिल सका है. वहीं दूसरी ओर डायरिया ने अपनी का कहर बरपाना शुरु कर दिया है. डायरिया की प्रकोप से दो लोगों की मौत हो गई है. जबकि 30 ग्रामीण इसकी चपेट में है. घटना औंधी थाना क्षेत्र के ग्राम गोदाम टोला का है.
लगभग एक हजार की आबादी वाली गांव है जहां पर कुछ दिनों से डायरिया का प्रकोप छाया हुआ है. इसके चपटे में आने से दो दिन पहले 2 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. गांव में 30 से अधिक लोग डायरिया की चपेट में है. इसकी सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर ग्रामीणों का इलाज कर रही है. लेकिन किसी तरह डायरिया पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है और डायरिया से पीड़ित मरीजों को औंधी स्वास्थ्य केंद्र और चौकी स्वास्थ्य केन्द्रों में रेफर कर दिया गया है. जहां मरीजों का इलाज चल रहा है.
डायरिया की प्रकोप से मरने वालों में पूरन लाल मंडावी, जीवना बाई मंडावी ग्रामीण शामिल है. अभी भी गांव में स्वास्थ्य विभाग ने डायरिया पर नियंत्रण करने में असफल नजर आ रही हैं. जिसके चलते गांव में डायरिया की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले एक सप्ताह से इस इलाके में डायरिया का प्रकोप बना हुआ है. घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल है.
संगम के बीच में भगवान कुलेश्वर महादेव स्थापित हैं। छत्तीसगढ़ में इस स्थान का महत्व इलाहाबाद के प्रयाग से कम नहीं है।
रायपुर । पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां गुरुवार को छत्तीसगढ़ के प्रयाग राजिम त्रिवेणी संगम में प्रवाहित की गईं। राजिम के त्रिवेणी संगम में इससे पहले भी कई महान हस्तियों को मोक्ष मिला है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की अस्थियां भी यहां विसर्जन के लिए लाई गई थीं। आज भी नेहरू के नाम से एक घाट संगम तट पर है। वहां उनके नाम से स्तंभ भी स्थापित किया गया है। नेहरू ही नहीं कई और प्रधानमंत्री और वरिष्ठ नेताओं की अस्थियां राजिम में विसर्जित की गई हैं। राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है। यहां हर साल कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
रायपुर से 40 किलोमीटर दूर स्थित राजिम प्राचीन धार्मिक नगरी के रूप में विख्यात है। छत्तीसगढ़ की प्राणदायिनी महानदी यहां पैरी और सोंढूर नदियों से मिलकर त्रिवेणी संगम बनाती है। संगम के तट पर भगवान राजीव लोचन का पुरातात्विक महत्व का मंदिर स्थापित है। संगम के बीच में भगवान कुलेश्वर महादेव स्थापित हैं। छत्तीसगढ़ में इस स्थान का महत्व इलाहाबाद के प्रयाग से कम नहीं है।
राजिम के त्रिवेणी संगम पर महानायकों की अस्थियों के विसर्जन की पुरानी परंपरा रही है। नेहरू ही नहीं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे राजीव गांधी की अस्थियों का विसर्जन भी राजिम में किया गया था। बड़े नेताओं की अस्थियां गंगा में प्रयाग और वाराणसी में विसर्जित की जाती हैं। इसके अलावा राजस्थान के पुष्कर, नर्मदा, चंद्रभागा, यमुना और महानदी में विसर्जन की परंपरा रही है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का निधन ताशकंद मेुं हुआ तो उनकी अस्थियों को विसर्जन के लिए वाराणसी ले जाया गया।
रायपुर में भी अस्थि कलश पहुंचा था और राजिम में विसर्जन किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, किंग मेकर कहे जाने वाले पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल की अस्थियों का विसर्जन भी राजिम त्रिवेणी में किया गया था। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल और उनके भाई पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल का तो निर्वाचन क्षेत्र ही राजिम रहा। दोनों भाइयों का अस्थि विसर्जन राजिम त्रिवेणी में किया गया। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष कुशाभाऊ ठाकरे का छत्तीसगढ़ से नाता रहा। उनके नाम से रायपुर में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय की स्थापना भी की गई है।
उनका अस्थि कलश भी राजिम लाया गया था। विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल की अस्थियां 23 नवंबर 2015 को रायपुर लाई गईं। अस्थिकलश आम जनता के दर्शनों के लिए एक सप्ताह तक रखा गया। 30 नवंबर को राजिम में विसर्जन किया गया। पूर्व आरएसएस प्रमुख सुदर्शन की मृत्यु रायपुर में ही हुई थी। उनका अंतिम संस्कार नागपुर में किया गया। इसके बाद अस्थि कलश रायपुर लाया गया और राजिम में विसर्जन किया गया। शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के निधन के बाद उनका अस्थिकलश भी रायपुर पहुंचा था। चौबे कालोनी में आम जनता के दर्शनों के बाद शहर भ्रमण करके अस्थिकलश को राजिम ले जाया गया था।
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रायपुर। विधानसभा चुनाव के लिए कुछ ही महीने शेष हैं ऐसे में राजनीतिक पार्टियों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। आज आम आदमी पार्टी ने राजधानी की बस्तियों में रहने वाले लोगों की समस्याओं को लेकर SDM कार्यालय का घेराव किया। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बड़ी संख्या में बस्तियों में रहने वाले महिलाएं भी मौजूद थी। जो कि अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंची थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की। तकरीबन आधा घंटा तक प्रदर्शन के बाद आंदोलनकारियों ने SDM को अपना ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शन में शामिल महिलाओं का कहना है कि नगर निगम द्वारा उनके मकानों को तोड़ा जा रहा है बगैर व्यवस्थापन किए। कुछ का कहना है कि उनके राशन कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं। वहीं प्रदर्शन में एक बुजुर्ग महिला भी थी जिसके दो बच्चे हैं और दोनों दिव्यांग हैं उसका कहना था कि उसके आजीविका का कोई साधन नहीं है। वह सरकार से पेंशन की मांग कर रही थी। आप के संयोजक संकेत ठाकुर के नेतृत्व में यह आंदोलन किया गया। संकेत ठाकुर ने जनता की समस्याओं को लेकर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने इनकी समस्याओं के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है
मंडल अध्यक्ष मोहन एंटी की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्घांजलि दी गई।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में श्रमिकों के बच्चों को अटल नौ-निहाल छात्रवृत्ति दी जाएगी। भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की गुरुवार को बैठक में इस योजना का प्रस्ताव रखा गया। इसके अलावा निर्माण कार्य के दौरान मृत्यु होने पर विश्वकर्मा दुर्घटना योजना का लाभ दिलाने, ट्रांसजेंडर को मंडल की योजनाओं का लाभ दिलाने सहित अन्य प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया।
मंडल अध्यक्ष मोहन एंटी की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्घांजलि दी गई। बैठक में महिला श्रमिकों को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना तथा श्रम विभाग की मातृ लाभ योजना से लाभान्वित करने के साथ ही मंडल में मार्च 2018 तक पंजीकृत महिला और पुरूष श्रमिकों को साइकिल प्रदान करने और ऐसी महिला श्रमिक जिन्हें सिलाई मशीन प्रदान की गई है उन्हें सिलाई प्रशिक्षण देना प्रस्तावित किया गया है।
बैठक में श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, कबीरधाम, महासमुंद तथा बेमेतरा जिले के भवन तथा अन्य सन्निर्माण श्रमिकों को लगभग दस हजार साइकिलों का वितरण किया गया है।
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