Sunday, 19 October 2025

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प्रदूषण से बचना संभव नहीं है, इन चिजों का सेवन बचाएगा प्रदूषण से......

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बात चाहे मेट्रो सिटीज की हो या शहर या गांव, हर जगह पैर प्रसार चुका है।  आपके दिल में हर दम भर रहा है जहरीला धुंआ। देश के कई शहर प्रदूषण की चपेट में हैं और कई बार मौसम विशेष में ऐसे हालात बन जाते हैं कि प्रदूषण न सिर्फ स्वास्थ्य खराब करता है बल्कि लोगों को धुंए की वजह से दिखाई देना तक बंद हो जाता है। अगर आलम ऐसा हो जाए तो मतलब है कि प्रदूषण भयानकरूप ले चुका है और कुछ बेहद बड़ा किया जाना जरूरी है।  
 
जब हालत ऐसे हैं तो आपके पास करने के लिए क्या बचता है। आप समझ नहीं पा रहे ऐसा क्या करें जो प्रदूषण आपको नुकसान न पहुंचा पाए। जवाब एकदम सीधा है कि आपके ऑर्गन यानी कि आपका दूषित तत्व बाहर निकालने वाला सिस्टम ही आपको इस खतरे से बचा सकता है। जब बाहर के वातावरण पर नहीं आपका बस तो अंदरूनी ताकत इतनी बढ़ा लीजिए की प्रदूषण कुछ न बिगाड़ पाए आपका।
 
प्रदूषण के खतरे से आपके आसपास सुरक्षा कवच बनाएंगी ये 7 चीजें 
 
1. टमाटर :  टमाटर में लाइकोपीन होता है| लाइकोपीन एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है।  यह श्वसनतंत्र के चारों तरफ एक सुरक्षा लेयर बना देता है। इससे धूल के कण श्वसनतंत्र में अंदर नहीं जा पाते।  
 
2. आंवला : शोधों से साबित हो चुका है कि आंवला स्वास्थ्य के लिए वरदान है।  आंवले का सेवन शरीर से उन सभी विकारों  को बाहर निकाल फेंकता है जो प्रदूषित धुंए के कारण पैदा हुए हैं।  लिवर को इन प्रभावों से बचाए रखता है।  
 
3. हल्दी : हल्दी सबसे अधिक ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट है।  यह फेंफड़ों को धुंए के हानिकारक प्रभावों  से सुरक्षित रखती है।   यह लिवर का भी शोधन करती है।  हल्दी और घी को मिलाकर खाने से खांसी और अस्थमा से छुटकारा मिलता है।   >
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4. तुलसी : तुलसी के पत्ते फेंफड़ों को प्रदूषण से बचाए रखते हैं।  जहां तुलसी होती है वहां की वायु अपने आप  शुद्ध हो जाती है।  अच्छे स्वास्थ्य के लिए तुलसी  पौधा आसपास जरूर रखें।  तुलसी का ज्यूस हर दिन पिएं।  
 
5. विटामिन सी से भरे फल : ऐसे कोई फल जिनमें संतरा, नींबू, कीवी, मौसंबी और अमरूद शामिल हैं आपको प्रदूषण  बचाएंगे।  ये नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट हैं।   
 
6. गुड़ : सांस से जुडी समस्याओं के लिए गुड़ बेहद फायदेमंद है।  अस्थमा और ब्रोंकाइटिस में गुड़ के सेवन से आराम मिलता है।   तिल के साथ गुड़ सांस की मुश्किलों को दूर कर देगा।  
 
 7 . ग्रीन टी :  एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी के सेवन से शरीर के दूषित तत्व बाहर निकल जाते हैं।  हर दिन दो कप ग्रीन टी और आपका श्वशनतंत्र एकदम साफ़। 
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में कई चमत्कारिक और कुछ खासियत लिए हुए महिलाएं भी थीं जिनकी शक्ति के बारे में महाभारत में उल्लेख मिलता है..... 

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में जहां संजय, सहदेव, भीम, अश्‍वत्थामा, बर्बरीक, घटोत्कच आदि कई चमत्कारिक और रहस्यमयी लोग थे वहीं ऐसी कई चमत्कारिक और कुछ खासियत लिए हुए महिलाएं भी थीं जिनकी शक्ति के बारे में महाभारत में उल्लेख मिलता है। इसी शक्ति के कारण वे प्रसिद्ध थी। आओ जानते हैं ऐसी ही 11 महिलाओं के बारे में संक्षिप्त जानकारी। 
 
1) गंगा : इंद्र के शाप के चलते शांतनु और गंगा को मनुष्य योनी में जन्म लेना पड़ा और फिर दोनों को मिलन हुआ। गंगा ने शांतनु से विवाह करने की शर्त रखी कि मैं आपसे विवाह करुंगी पर चाहे मैं कुछ भी करूं, आप कभी मुझसे ये नहीं पूछेंगे कि मैं वैसा क्यों कर रही हूं। अन्यथा में स्वर्ग चली जाऊंगी।' शांतनु ने शर्त मंजूर कर ली। गंगा और शांतनु के पुत्र होते थे तो गंगा उन्हें नदी में बहा देती थी। शर्त में बंधे शांतनु कुछ नहीं करते थे, लेकिन अपने आठवें पुत्र को जब गंगा नदी में बहाने लगी तो शांतनु ने उन्हें रोककर पूछ ही लिया कि तुम ऐसा क्यों करती हो। शर्तभंग होने के बाद गांगा ने कहा कि ये आठ वसु थे जिन्हें शाप के चलते मनुष्य योनी में जन्म लेना पड़ा लेकिन इस आठवें पुत्र को अब मनुष्यों के दुख भी भोगना होंगे। यह पुत्र आगे चलकर भीष्म पितामह कहलाए।

2) सत्यवती : गंगा के बाद राजा शांतनु की दूसरी पत्नी सत्यवती थीं। सत्यवती के शरीर से मछली की ही गंध आती रहती थी। कहते हैं कि सत्यवती ही एक प्रमुख कारण थी जिसके चलते हस्तिनापुर की गद्दी से कुरुवंश नष्ट हो गया। सत्यवती को पराशर मुनी से कुआंरी बने रहने का वरदान मिला था। वेदव्यास उन्हीं के पुत्र थे।

3) गांधारी : गांधारी की आंखों में अद्भुत शक्ति थी। गांधारी ने ही अपनी शक्ति के बल पर दुर्योधन के अंग को वज्र के समान बना दिया था। लेकिन श्रीकृष्ण की चतुराई के चलते उसकी जंघा वैसी की वैसी ही रह गई थी। क्योंकि श्रीकृष्ण ने कहा था कि मां के समक्ष नग्न अवस्था में जाना पाप है। गांधारी मानती थी कि श्रीकृष्ण के कारण ही महाभारत का युद्ध हुआ और उन्हीं के कारण मेरे सारे पुत्र मारे गए। तभी तो गांधारी ने भगवान श्रीकृष्ण को उनके कुल का नाश होने का श्राप दिया था।

4) कुंति : कुंति को यह वरदान था कि वह किसी भी देवता को बुलाकर उनके साथ नियोग कर सकती थी। इस विद्या को उसने माद्री को भी सीखा दिया था। जिसके चलते माद्री को नकुल और सहदेव नामक दो पुत्र मिले और कुंति के पुत्र कर्ण, युद्धिष्ठिर, अर्जुन और भीम थे। कुंती वसुदेवजी की बहन और भगवान श्रीकृष्ण की बुआ थीं।

5) द्रौपदी : कहते हैं कि द्रौपदी का जन्म यज्ञ से हुआ था इसीलिए उसे याज्ञनी कहा जाता था। द्रौपदी को पंचकन्याओं में शामिल किया गया है। पुराणानुसार पांच स्त्रियां विवाहिता होने पर भी कन्याओं के समान ही पवित्र मानी गई है। अहिल्या, द्रौपदी, कुन्ती, तारा और मंदोदरी।

6) भानुमति : दुर्योधन की पत्नी भानुमती युद्ध कला, शतरंज और कुश्ती में पारंगत थी। कहते हैं कि एक दिन उसने कुश्ती में दुर्योधन को भी पटकनी दे दी थी। भानुमती के कारण ही यह मुहावरा बना है- कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा। भानुमती बेहद ही सुंदर, आकर्षक, तेज बुद्धि और शरीर से काफी ताकतवर थी। गंधारी ने सती पर्व में बताया है की भानुमती दुर्योधन से खेल-खेल में ही कुश्ती करती थी जिसमें दुर्योधन उससे कई बार हार भी जाता था।

7) सत्यभामा : राजा सत्राजित की पुत्री सत्यभामा भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी थीं। सत्यभामा बहुत ही सुंदर थीं और देवमाता अदिति से उनको चिरयौवन का वरदान मिला था। वह राजकार्य और राजनीति में रुचि लेती थी। नरकासुर से युद्ध के दौरान सत्यभामा ने भी युद्ध लड़ा था। सत्यभामा के कारण ही धरती पर पारिजात के वृक्ष पाए जाते हैं क्योंकि उन्होंने श्रीकृष्ण से इसे स्वर्ग से लाने को कहा था।

8) हिडिम्बा : राक्षस जाति की हिडिम्बा को पांडु पुत्र भीम से प्रेम हो गया था। उसने अपनी माया से सुंदर शरीर धरकर भीम से विवाह किया और बाद में वह अपने असली रूप में आ गई। हिडिम्बा और भीम का पुत्र घटोत्कच था। घटोत्कच का पुत्र बर्बरीक था। द्रौपदी के शाप के कारण ही महाभारत के युद्ध में घटोत्कच कर्ण के हाथों मारा गया था।

9) उलूपी : अर्जुन की पत्नी उलूपी भी मायावी शक्ति से संपन्न महिला थीं। कहते हैं कि उलूपी जलपरी थी। उन्हीं ने अर्जुन को जल में हानिरहित रहने का वरदान दिया था। इसके अलावा उसी ने चित्रांगदा और अर्जुन के पुत्र वभ्रुवाहन को युद्ध की शिक्षा दी थी। महाभारत युद्ध में अपने गुरु भीष्म पितामह को मारने के बाद ब्रह्मा-पुत्र से शापित होने के बाद उलूपी ने ही अर्जुन को शापमुक्त भी किया था और इसी युद्ध में अपने पुत्र के हाथों मारे जाने पर उलूपी ने ही अर्जुन को पुनर्जीवित भी कर दिया था।

10) जाम्बवन्ती : भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी जाम्बवन्ती के बारे में बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि वह श्रीराम के काल के जाम्बवन्त की पुत्री थीं। जाम्बवन्त आज भी जीवित हैं। जाम्बवन्ती के पुत्र साम्ब के कारण ही श्रीकृष्ण के कुल का नाश हो गया था।
 
11) उर्वशी : उर्वशी इंद्र के दरबार की एक अप्सरा थीं। अर्जुन जब इंद्र के दरबार में गए तो उर्वशी उन्हें देखकर उन पर कामांध हो गई और उन्होंने अर्जुन से प्रणय निवेदन किया लेकिन अर्जुन ने उनके प्रस्ताव को यह कहकर ठुकरा दिया कि आप मेरे पुर्जवों की पत्नीं रह चुकी हैं अत: आप मेरे लिए मां समान हैं। यह सुनकर उर्वशी भड़क गई और उसने अर्जुन को एक वर्ष के लिए नपुंसक हो जाने का श्राप दे दिया। एक वर्ष तक अर्जुन को किन्नर के वेष में रहना पड़ा था।
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चावल के दाने आकर्षित करने वाली धातु से रहे दूर, हो जाएंगे ठगी का शिकार.....

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मुंबई। भारतीय ने चेतावनी जारी की कि लोग ‘के दाने आकर्षित वाली धातु का बाजार बनाकर किए जा रहे घोटाले’ के झांसे में ना आए। लोग इस धातु में जादुई शक्ति होने की बात करके लोगों को फंसा रहे हैं। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि उसके ध्यान में लाया गया है कि कुछ संदिग्ध लोग इसका बाजार बनाकर लोगों को ठग रहे हैं। उनका दावा है कि यह धातु चावल के दानों को अपनी ओर आकर्षित करती है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इससे जुड़े लोग कथित तौर पर इसे सरकारी परिपत्र या रिजर्व बैंक या केंद्र सरकार की अधिसूचनाएं बताकर कोष एकत्रित कर रहे हैं। यह निराधार है और लोगों को इससे सावधान रहना चाहिए।
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शोध के अनुसार, महिलाओं की तरह पुरुष भी पोस्टकॉइटल डिस्फोरिया (पीसीडी) से पीड़ित हो सकते हैं......




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ज्‍यादात्तर लोगों की मानसिकता बन चुकी है कि पुरुष महिलाओं की तुलना में शारीरिक संबंध को ज्‍यादा एंजॉय करते हैं और ऑर्गेज्‍म महसूस करते हैं। लेकिन इस धारणा के विपरीत हालिया एक शोध में कहा गया है कि सेक्स करने के बाद कुछ पुरुषों को बुरा अहसास होता है। एक शोध के अनुसार, महिलाओं की तरह पुरुष भी पोस्टकॉइटल डिस्फोरिया (पीसीडी) से पीड़ित हो सकते हैं।

 Men also suffer from after-sex sadness or post-coital dysphoria, study finds

 पीसीडी एक ऐसा विकार है जिसमें संभोग के बाद उदासी, चिंता, चिड़चिड़ापन और क्रोध की भावना पैदा होती है।

1208 पुरुषों पर हुआ ये शोध

ऑस्‍ट्रेलिया के क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नालोजी में हुए इस र‍िसर्च में सामने आया है कि इस तरह की शिकायत महिलाओं में होने की पहचान पहले हो चुकी है, मगर पुरुषों में ऐसा होता है, इसके बारे में पहले पता नहीं चला था। यह शोध एक ऑनलाइन सर्वेक्षण के द्वारा करवाया गया था, जिसमें आस्ट्रेलिया, अमेरिका, यूके, रूस, न्यूजीलैंड, जर्मनी और अन्य देशों के 1,208 पुरुषों को शामिल किया गया था।" शोध के नतीजों के अनुसार, 40 फीसदी लोगों ने अपने जीवन काल में पीसीडी का अहसास होने की बात कबूली। जबकि 20 फीसदी ने चार सप्ताह में ऐसा अहसास किया।

क्‍या होता है पोस्ट कोएटल डिस्फोरिया?

सेक्स के बाद उदासी को पोस्ट कोएटल डिस्फोरिया या पोस्‍ट सेक्‍स ब्‍लूज भी कहा जाता है। सेक्स के दौरान फील-गुड हॉर्मोन निकलते हैं जो ऑर्गज़्म के बाद एकदम से गिर जाते हैं, ये भी उदासी की वजह हो सकता है। इंटिमेसी के बाद हर बार ये हो, ऐसा जरूरी नहीं है। महिलाओं और पुरुषों में भी ये समान हो, ये भी जरूरी नहीं। जैसे बहुत से लोग सेक्स के बाद गले मिलते हैं, तो कुछ अचानक सो जाते हैं वैसे ही कुछ अकेलापन महसूस करने लगते हैं।

विशेषज्ञों को जरुर द‍िखाएं

सेक्स के बाद हर बाद आप या आपका साथी गहरी उदासी में डूब जाते हों तो ये सामान्य नहीं है। इसकी वजह हॉर्मोन्स या अलगाव नहीं, बल्कि कुछ और हो सकता है तो जरूरी है कि आप तुरंत किसी विशेषज्ञ से मिलें।

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