Sunday, 22 December 2024

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नास्त्रेदमस ने तीसरे विश्वयुद्ध की जो भविष्यवाणी की है, विश्वयुद्ध में भारत शांति स्थापक की भूमिका निबाहेगा।......  

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14 दिसंबर 1503 को फ्रांस में जन्मे नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणियां सौ छंदों के अनेक शतकों में की हैं। ऐसे शतकों की संख्या बारह है जिनमें से अंतिम दो शतकों के अनेक छंद उपलब्ध नहीं हैं। इन शतकों को सेंचुरी कहा गया है। नास्त्रेदमस की इस कालगणना के अनुसार हम चन्द्रमा की द्वितीय महान चक्र अवधि से गुजर रहे हैं, जो सन् 1889 से शुरू हुई है और सन् 2243 में समाप्त होगी। नास्त्रेदमस के अनुसार, यह अवधि मनुष्य जाति के लिए रजतयुग है। नास्त्रेदमस ने ये भविष्यवाणियां लगभग 499 वर्ष पहले की थीं।
 
नास्त्रेदमस के अनुसार तीसरे महायुद्ध की स्थिति सन् 2012 से 2025 के मध्य उत्पन्न हो सकती है। तृतीय विश्वयुद्ध में भारत शांति स्थापक की भूमिका निबाहेगा। सभी देश उसकी सहायता की आतुरता से प्रतीक्षा करेंगे। नास्त्रेदमस ने तीसरे विश्वयुद्ध की जो भविष्यवाणी की है उसी के साथ उसने ऐसे समय एक ऐसे महान राजनेता के जन्म की भविष्यवाणी भी की है, जो दुनिया का मुखिया होगा और विश्व में शांति लाएगा। लेकिन यह महान व्यक्ति कहां जन्म लेगा इस बात को लेकर मतभेद हैं। हालांकि ज्यादातर जानकार मानते हैं कि दुनिया का 'मुक्तिदाता' भारत में ही जन्म लेगा। कहीं ऐसा तो नहीं कि उस 'महापुरुष' ने जन्म ले लिया हो और वह राजनीति में सक्रिय भी हो। वह राजनेता होगा या धर्मयोद्धा यह कहना मुश्किल है। नास्त्रेदमस ने इस संबंध में बहुत-सी भविष्यवाणियां की हैं। यहां कुछ का उल्लेख करेंगे।

भविष्‍यवाणी का विश्लेषण :-
 
भविष्यवाणी : 'अनीश्वरवादी और ईश्वरवादियों के बीच संघर्ष होगा।'- (6-62)। ऐसे माहौल में मुक्तिदाता आएगा शांतिदूत बनकर। 'एशिया में वह होगा, जो यूरोप में नहीं हो सकता। एक विद्वान शांतिदूत सभी राष्ट्रों पर हावी होगा।' (x-75)...'एक बुरा और कुख्यात व्यक्ति मोसोपोटामिया (इराक) का तानाशाह बनेगा और अनेक प्रबल मि‍त्र भी पटाएगा। अनेक देशों को वह युद्ध की आग में झूलसा देगा।' (सैंचुरी- VII-70)।
 
टिप्पणी : वर्तमान में उत्तर कोरिया और चीन (अनीश्‍वरवादी) मुल्क है जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, भारत आदि
ईश्वरवादी मुल्क है। आगे की भविष्यवाणी को कई विद्वान सद्दाम हुसैन से जोड़कर देखते हैं, हालांकि वर्तमान में यह अल बगदादी पर सटीक बैठती है। जिसके चलते इराक और सीरिया में भीषण दौर चल रहा है। कई देश वहां युद्‍ध लड़ रहे हैं।

भविष्यवाणी : 'तीन ओर घिरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा, जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। उसकी प्रशंसा और प्रसिद्धि, सत्ता और शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा शक्तिशाली कोई न होगा।' (सेंचुरी 1-50वां सूत्र)
 
टिप्पणी : तीन ओर समुद्र से तो भारत ही घिरा हुआ है। इसे प्रायद्वीप कहा जाता है। भारत में ही गुरुवार एक ऐसा वार है जिसे सभी धर्म के लोग समान रूप से पवित्र मानते हैं। भारत में गुरुवार का बड़ा महत्व है।
 
भविष्यवाणी : 'पांच नदियों के प्रख्‍यात द्वीप राष्ट्र में एक महान राजनेता का उदय होगा। इस राजनेता का नाम 'वरण' या 'शरण' होगा। वह एक शत्रु के उन्माद को हवा के जरिए समाप्त करेगा और इस कार्रवाई में छ: लोग मारे जाएंगे।' (सेंचुरी v-27)

टिप्पणी : भारत में वैसे तो कई प्रसिद्ध नदियां हैं- गंगा, यमुना, सरस्वती, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा आदि। लेकिन पंजाब ऐसा क्षेत्र है जिसे पांच नदियों की भूमि भी कहा जाता है। ये पांच नदियां हैं- सतलुज, व्यास, रावी, चिनाब और झेलम। पंजाब अर्थात जहां पांच नदियां बहती हों। पूर्व में इसे पंचनद प्रदेश भी कहा जाता था। हालांकि दक्षिण भारत में भी छोटी बड़ी मिलाकर पांच नदियां बहती है।
 
भविष्यवाणी : 'शीघ्र ही पूरी दुनिया का मुखिया होगा महान 'शायरन' जिसे पहले सभी प्यार करेंगे और बाद में वह भयंकर व भयभीत करने वाला होगा। उसकी ख्याति आसमान चूमेगी और वह विजेता के रूप में सम्मान पाएगा।' (v-70)
 
टिप्पणी : यहां नास्त्रेदमस नाम को स्पष्ट करते हैं। वरण या शरण नाम को भारत में होते हैं लेकिन शयरन सुनने में कभी नहीं आया। नास्त्रेदमस ने अंग्रेजी में इसे लिखा है। अब यह विरोधाभाष पैदा करना वाला भी है। हालांकि उक्त भविष्यवाणी से लगता है कि उस 'महापुरुष' का नाम 'श' जैसे उच्चारण से शुरू होगा।
 
भविष्यवाणी : इस दौरान 'एलस' नाम से एक और व्यक्ति होगा जिसकी बर्बरता के बारे में लिखा गया है। 'उसका हाथ अंतत: खूनी एलस (ALUS) तक पहुंच जाएगा। समुद्री रास्ते से भागने में भी नाकाम रहेगा। दो नदियों के बीच सेना उसे घेर लेगी। उसके किए की सजा क्रुद्ध काला उसे देगा।'- (6-33)
 
टिप्पणी : ऐसा माना जाता है कि जब वह महान 'शायरन' होगा उस दौरान 'एलस' नाम का एक तानाशाह भी होगा। उसी की रणनीति के चलते 'एलस' को घेरकर मार दिया जाएगा। मारने वाला कोई काला शख्स होगा। हालांकि नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों के अर्थ को समझना थोड़ा मुश्किल ही होता है।
 
भविष्यवाणी : एक जगह और नास्त्रेदमस उस महान नेता के बारे में उल्लेख करते हैं लेकिन वह थोड़ा विरोधासिक है। 'पैगंबर के कुल नाम के अंतिम अक्षर से पहले के नाम वाले, सोमवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। अपनी सनक में वह अनुचित कार्य भी करेगा। जनता को करों से आजाद कराएगा।' (1-28)
 
टिप्पणी : हालांकि संभवत: यह भविष्यवाणी महान 'शायरन' के बारे में न हो। क्योंकि वह तो गुरुवार को अपना दिवस घोषित करेगा। और वह अपनी सनक में अनुचित कार्य भी नहीं करेगा। तब फिर यह भविष्यवाणी किस के बारे में है? लेकिन इसके अर्थ को समझे तो इसमें भी 'श' नाम निकलकर सामने आता है। पैगंबर तो एक ही हैं हजरत स.अलै.व. मुहम्मद। उनके कुल का नाम हाशमी था। हाशमी के अंतिम अक्षर के पहले 'श', यानी जिस नेता के प्रादुर्भाव की बात कही जा रही है उसका नाम 'श' से शुरू होना चाहिए। यदि हम कबीले की बात करें तो वह कुरैश थे। कुरैश में श के पहले रै है। यदि हम कुल या कबीले का नाम न मानें तो मुहम्मद के अंतिम अक्षर के नाम के पहले 'म' आता है।
 
हिन्दू धर्म की बढ़ेगी ताकत :
 
भविष्यवाणी : महान 'शायरन' के दौर में हिन्दू धर्म की ताकत बढ़ने का जिक्र है। 'सागरों के नाम वाला धर्म चांद पर निर्भर रहने वालों के मुकाबले तेजी से पनपेगा और उसे भयभीत कर देंगे, 'ए' तथा 'ए' से घायल दो लोग।' (x-96)

टिप्पणी : चांद पर आधारित धर्म एक ही है इस्लाम और दुनिया में जितने भी सागर हैं उनमें से सिर्फ हिंद महासागर के नाम पर ही एक धर्म है जिसे हिंदू धर्म कहते हैं। आगे के वाक्य की व्याख्या करना कठिन है। लेकिन नास्त्रेदमस ने अपनी और भी भविष्यवाणियों में हिंदू धर्म के उत्थान की बात कही गई है।
 
भविष्यवाणी : 'लाल के खिलाफ एकजुट होंगे लोग, लेकिन साजिश और धोखे को नाकाम कर दिया जाएगा।' 'पूरब का वह नेता अपने देश को छोड़कर आएगा, पार करता हुआ इटली के पहाड़ों को और फ्रांस को देखेगा। वह वायु, जल और बर्फ से ऊपर जाकर सभी पर अपने दंड का प्रहार करेगा।'
 
यह सब कब घटित होगा?
 
भविष्यवाणी : यह तब घटित होगा जबकि विश्वा में धार्मिक कट्टरता का लंबा दौर अपने मध्य में चल रहा होगा।.. 'धर्म बांटेगा लोगों को। काले और सफेद तथा दोनों के बीच लाल और पीले अपने-अपने अधिकारों के लिए भिड़ेंगे। रक्तपात, बीमारियां, अकाल, सूखा, युद्ध और भूख से मानवता बेहाल होगी।' (vi-10)...'साम्प्रदायिकता और श‍त्रुता के एक लंबे दौर के बाद सभी धर्म तथा जातियां एक ही विचारधारा को मानने लगेंगी।' (6-10)
 
टिप्पणी : वर्तमान में यही हो रहा है। विश्व में हर कहीं धर्म और जाति के आधार पर ही लोगों को मारा जा रहा है, कुचला जा रहा है। पाकिस्तान और बांग्लादेश में जहां हिंदू, बौद्ध, अहमदी, बोहरा और ईसाई संकट में है। वहीं, थाईलैंड, श्रीलंका, इराक, सीरिया, जिनजियांग में आदि जगहों पर रोहिंग्या मुस्लिम, शिया, यजीदी आदि जातियां संकट में है। भारत में भी सांप्रदायिकता, जातिवाद की राजनीति अपने चरम पर है।

भविष्यवाणी : 'सत्रह साल के भीतर पांच पोप बदले जाएंगे तब एक नया धर्म आएगा।'- 5-96 ।.. 'महान सितारा सात दिन तक जलेगा और एक बादल से निकलेंगे दो सूरज, एक बड़ा कुत्ता रोएगा सारी रात और एक महान पोप अपना मुल्क छोड़ देगा।'
 
टिप्पणी : पोप बेनेडिक्ट 16वें ने अचानक इस्तीफा दे दिया और मुल्क छोड़कर चले गए। 85 साल के पोप वैसे ही कमजोर हो रहे थे। इनसे पहले पोप जॉन पॉल द्वितीय 26 साल अपने पद पर रहे। यह वह साल चल रहा है जबकि दूसरे पोप का चयन हुआ है। बाकी की भविष्यवाणी को समझना कठिन है।
 
कब होगा तृतीय विश्‍वयुद्ध?
 
भविष्यवाणी : नास्त्रेदमस ने 1503 में अपनी किताब सेंचुरी में लिखा है, 'एक पनडुब्बी में तमाम हथियार और दस्तावेज लेकर वह व्यक्ति इटली के तट पर पहुंचेगा और युद्ध शुरू करेगा। उसका काफिला बहुत दूर से इतालवी तट तक आएगा।'
आगे वे लिखते हैं- 'एक देश में जनक्रांति से नया नेता सत्ता संभालेगा (यह मिस्र में हो चुका है)। नया पोप दूसरे देश में बैठेगा (यह भी हो चुका है।)। मंगोल (चीन) चर्च के खिलाफ युद्ध छेड़ेगा। (चीन का अमेरिका के खिलाफ छद्मयुद्ध तो जारी है ही)। नया धर्म (इस्लाम) चर्च के खिलाफ भारी मारकाट करते हुए इटली और फ्रांस तक जा पहुंचेगा, तब तृतीय युद्ध शुरू होगा।'
 
'एशिया का महान व्यक्ति समुद्र और जमीन पर विशाल सेना लेकर नीले, हरे और सलीबों को वह मौत के घाट उतार देगा।' (सैंचुरी-6-80)। इसी सैंचुरी का 24 और 25वां छंद भी भयानक युद्ध का वर्णन करता है। नास्त्रेदमस ने अपनी एक भविष्यवाणी में कहा है कि जब तृतीय युद्ध चल रहा होगा उस दौरान चीन के रासायनिक हमले से एशिया में तबाही और मौत का मंजर होगा, ऐसा जो आज तक कभी नहीं हुआ। जब तृतीय विश्वयुद्ध चल रहा होगा उसी दौरान आकाश से आग का एक गोला पृथ्वी की ओर बढ़ेगा और हिन्द महासागर में आग का एक तूफान खड़ा कर देगा। इस घटना से दुनिया के कई राष्ट्र जलमग्न हो जाएंगे। इस उल्कापिंड से श्रीलंका, मालदीव, ब्रुनेई, इंडोनेशिया, न्यूगिनी, फिलीपींस, कम्बोडिया, थाईलैंड, बर्मा, बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, मिश्र, सऊदी अरब आदि देश प्रभावित होंगे।
 
अंत में चलते चलते :
वर्ष 2014 में जब लोकसभा चुनाव हो चुके थे और नतीजों में बीजेपी को एतिहासिक बहुमत हासिल हुआ था, उस समय नास्‍त्रेदमस की एक भविष्‍यवाणी की काफी चर्चा थी। मशहूर फ्रेंच कॉलमिनस्‍ट फ्रैंकोइस गॉटियर के मुताबिक, नास्त्रेदमस ने भारत में पीएम नरेंद्र मोदी के बढ़ते कद और अजेय रहने की भविष्यवाणी करीब 450 वर्ष पहले ही कर दी थी। फ्रैंकोइस ने लिखा था कि नास्त्रेदमस ने भविष्‍यवाणी की थी कि वर्ष 2014 से 2026 तक भारत का प्रतिनिधित्‍व एक ऐसा व्‍यक्ति करेगा जिससे शुरुआत में लोग बहुत ही नफरत करेंगे लेकिन बाद में जनता और बाकी सभी लोग उसे उतना प्‍यार देंगे कि वह अगले कई वर्षों तक भारत का प्रधानमंत्री रहेगा।

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क्या 2000 साल पहले हो गई थी साइकिल की भविष्यवाणी, प्राचीन शिव मंदिर में मिली साइकिल की नक्काशी..

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तमिलनाडु में प्राचीन में आज के समय की साइकिल की नक्काशी मिलने की खबर ने इन दिनों सनसनी मचा रखी है। ने कुछ दिन पहले एक वीडियो सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि दो हजार साल पुराने पंचवर्णास्वामी मंदिर की एक दीवार पर साइकिल पर बैठे एक व्यक्ति की नक्काशी मिली है। 

इतिहासकारों के अनुसार साइकिल का आविष्कार आज से करीब 200 साल पहले हुई थी, इसलिए इस प्राचीन शिव मंदिर में मौजूद यह साइकिल की कलाकृति एक भविष्यवाणी के रूप में देखी जा रही है। माना जा रहा है कि आज से 2000 साल पहले ही साइकिल जैसे कई वाहनों के आने की भविष्यवाणी कर दी गई थी। हालांकि, कुछ लोग इसे सिर्फ एक अफवाज मान रहे हैं।

 

आपको बता दें कि प्रवीण मोहन पहले व्यक्ति नहीं हैं, जो इस प्राचीन की कलाकृति होने की खबर को सामने लाए। इससे पहले इतिहासकार ने भी इस बात का जिक्र किया है, जिसका उल्लेख ‘द हिंदू’ में जून 2015 में प्रकाशित हुए एक आलेख में मिल जाएगा। कालिकोवन के अनुसार 1920 में पंचवर्णास्वामी मंदिर का नवीनीकरण किया गया था, हो सकता उसी दौरान इस आकृति को बनाया गया हो।

हालांकि, पंचवर्णास्वामी मंदिर में बने साइकिल की नक्काशी के पीछे का सच किसी को भी नहीं पता।

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जिम में 'आपका' वजन कम हो रहा है या 'जेब' का.....

 
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फिटनेस फंडा आजकल जरूरत के अलावा ट्रेंड भी बनता जा रहा है। इसके लिए डाइट से लेकर योगा, एरोबिक्स, डांस थैरेपी और अन्य कई माध्यम प्रचलन में हैं। ऐसा ही एक बेहद प्रचलित माध्यम है 'जिम', लेकिन 'जिम' ज्वाइन करते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि आप सही तरीके व नियमों का ध्यान रखने वाले को ही ज्वाइन कर रहे हैं या नहीं। फिल्म स्टार हों या बिजनेस मैन, मॉडल हों या कोई और सेलिब्रिटीज, सभी अपने को फिट रखने के लिए जिम जाते हैं। क्योंकि फिट रहना उनकी इच्छा का ही सवाल नहीं होता अपितु उनके प्रोफेशनल इंट्रैस्ट से भी जुड़ा है।
 
लेकिन जरूरी नहीं है कि आप जिम तभी जाएं जब आपका हेल्दी एवं फिट रहना आपके प्रोफेशनल प्रॉफिट से ही जुड़ा हो। आजकल यूं भी फिट रहने के लिए जिम जाने का आम आदमियों तक में चलन बढ़ रहा है। फिट रहने का कतई यह मतलब नहीं है कि आप अपने शरीर के फैट को घटाकर अपने को 10-20 किलो कम करें। वजन घटाए बिना भी जिम जाने की जरूरत होती है और लोग जा भी रहे हैं। ऐसे लोगों का 'राइट डाइट, राइट जिम' नारा होता है। स्वस्थ रहने के प्रति बढ़ती अवेयरनेस के चलते आजकल जिम जाने वालों की तादाद काफी बढ़ गई है लेकिन जरूरी नहीं है कि जिम जाने वाले सभी लोग इसका भरपूर फायदा उठा पाते हों। सच बात तो यह है कि ज्यादातर लोग जिम का भरपूर फायदा नहीं उठा पाते। कारण होता है गलत जिम का चुनाव। सवाल है क्यों हममें से ज्यादातर युवा अपने लिए सही जिम का चुनाव नहीं कर पाते हैं?
 
दरअसल किसी की भी फिटनेस उसकी जिम यूज करने की क्षमता और जिम में उसकी क्षमता के अनुकूल साजो-सामान व माहौल पर निर्भर करती है। सवाल है कि जिम में ऐसी क्या बातें होनी चाहिए? जाहिर है जिम वेल इक्विप्ड हो, क्वॉलिफाइड ट्रेनर हों, सही हेल्थ के लिए जूस, चाय-कॉफी आदि के लिए कैफे हों। न्यूट्रिशिनस्ट्स और पर्सनल ट्रेनर हों। यही नहीं वहाँ के इक्विपमेंट भी ब्रांडेड होने चाहिए... तो क्या आप भी इस प्रकार के जिम को परफेक्ट मान रहे हैं? ठहरिए आप गलती कर रहे हैं। दरअसल, ये सभी चीजें तो जरूरी हैं मगर इन सभी चीजों से ही कोई भी जिम परफेक्ट नहीं हो जाता। ....किसी भी जिम में जाने से पहले हमें मूल रूप से कई बातों पर भी ध्यान देना चाहिए-
 
* जिम का चुनाव करते समय इस बात को सबसे पहले जेहन में रखें कि वह आपकी लाइफस्टाइल के अनुरूप हो, उसे प्रमोट करने वाला हो। जिम ऐसा न हो जो सिर्फ आपके लिए एक मेडिकल प्रोग्राम की ही भूमिका अदा करे।
 
* जिम में आने वाले जहां एक ओर यंगस्टर्स होते हैं वही दूसरी ओर मिडिल एज ग्रुप के लोग भी होते हैं। यंगस्टर्स वहां बॉडी बिल्डिंग के लिए आते हैं तो कुछ लोग सामान्य रूप से फिट रहने के लिए इसे ज्वाइन करते हैं। उम्र और शरीर के अनुसार सबके शरीर अलग प्रकार के होते हैं। उनके फिटनेस लेवल में भी फर्क होता है। कुछ हार्ट पेशेंट, हाई ब्लडप्रैशर, आस्ट‍ियोपोरोसिस के पेशेंट होते हैं। जिम में ऐसे तमाम लोगों के लिए अलग-अलग प्रकार के प्रोग्राम होने चाहिए इसलिए ट्रेनर का उच्च प्रशिक्षित होना बेहद जरूरी है।
 
* जिम में इस्तेमाल होने वाले बॉडी इक्विपमेंट भी ब्रांडेड तथा उच्च क्वॉलिटी के होने चाहिए। इस तरह के इक्विपमेंट द्वारा ही एक्सरसाइज का सही तकनीकी ढंग से विकास किया जा सकता है। सही मसल्स के डेवलपमेंट के लिए यह इक्विपमेंट सुरक्षित होने चाहिए ताकि इससे किसी प्रकार की दुर्घटना होने की आशंका न रहे।
 
* जिम ऐसा हो जो आप में मोटापा कम करने का आकर्षण जगाने के बजाय आपके शरीर के फैट के स्तर को संतुलित करे। पहली बार जिम ज्वाइन करने वालों के लिए जरूरी है कि वे जिम में ऐसी एक्सरसाइज रूटीन और न्यूट्रिशिनल गाइड लाइन्स अपनाएँ जो कि शॉट टर्म हों, जिन्हें आप अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार पूरा कर सकने में सफल हो सकें। वर्क आउट के लिए आपका मूड तभी तैयार हो सकता है जब आपके आसपास का वातावरण इसके अनुकूल हो। जिम की साफ-सफाई, वहां कार्यरत लोगों का पॉजिटिव रुख और वहाँ आने वाला क्राउड आपके वर्कआउट के मूड को लगातार ताजा बनाए रखता है। ऐसा हो भी क्यों न आखिर आप जिम में अपनी बॉडी, माइंड को सिर्फ एनर्जी देने के लिए ही नहीं आए हैं बल्कि एक दिन आने के बाद यहां अगले दिन भी आपका दोबारा आने के लिए मन करे। जिम का ऐसा होना भी जरूरी है। जिम का चुनाव करते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि जिम में आप बॉडी और माइंड दोनों को फिट करने जा रहे हैं। डि-स्ट्रेस के लिए वहाँ मसाज, स्टीम, शॉवर, हेल्थ जूस कैफे की सुविधाएं भी उपलब्ध होनी चाहिए। जिम में ट्रेंड प्रोफेशनल्स के अलावा फिटनेस प्रोग्राम को साइंटिफिक एप्रोच से करवाने की सुविधा भी होनी चाहिए।
 
* जिम में फिटनेस प्रोग्राम को सही तरीके से गाइड करने के लिए प्रोफेशनल कंसल्टेंट्स, फिटनेस एक्सपर्ट्‌स, फिजियो थैरेपिस्ट्स, न्यूट्रिशनिस्ट्स आदि होने चाहिए। याद रखें हमारे शरीर की जरूरत मेडिकल हिस्ट्री और बॉडी डाइट के अनुसार ही एक्सपर्ट हमें गाइड करें तो बेहतर होता है।
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