Monday, 23 December 2024

3657::/cck::

मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव की वजह से महिलाओं को स्किन से जुड़ी कई समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे पसीना, खुजली और हॉट फ़्लैश....


::/introtext::
::fulltext::

मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव की वजह से महिलाओं को स्किन से जुड़ी कई समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे पसीना, खुजली और हॉट फ़्लैश। ये सारी समस्‍याएं एकदम से इसल‍िए होती है क्‍योंकि एस्‍ट्रोजन महिलाओं की हेल्‍दी स्किन के ल‍िए बहुत जरुरी होता है। 

Related image

 आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि मेनोपॉज के दौरान क्‍यूं खुजली और स्किन रैशेज जैसी समस्‍याएं होने लगती है और कैसे घरेलू उपायों के जरिए हम इस समस्‍या से निजात पा सकते हैं।

क्‍या मेनोपॉज के वजह से होती है खुजली

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में एस्‍ट्रोजन नामक हार्मोन का स्‍तर एकदम से घटने लगता है। एस्‍ट्रोजन त्‍वचा के ल‍िए बहुत जरुरी होता है, ये प्राकृतिक तेलों और कोलेजन के उत्पादन को उत्तेजित करके त्वचा की नमी बनाए रखने में मदद करता है। कोलेजन एक प्रकार का प्रोटीन होता है जो त्‍वचा को मजबूत बनाए रखने के साथ उसका लचीलापन भी मैंटेन करता है।

मेनोपॉज आने से पहले नेचुरल ऑयल और कोलेजन की कमी की वजह से त्‍वचा में सूखी और पतली हो सकती है। जिस वजह से त्‍वचा में खुजली महसूस हो सकती है।

मेनोपॉज में होने वाली खुजली

मेनोपॉज के दौरान महिलाएं कई तरह की खुजली महसूस कर सकती है, आइए जानते है कि किस तरह की खुजली हो

वजाइना में खुजली

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं का एस्ट्रोजेन स्तर काफी कम हो जाता है और वजाइना का पीएच बैलेंस भी बदल जाता है। ऐसे में वजाइना की दीवारें पतली और ड्राई हो जाती हैं जो आमतौर पर खुजली का भी कारण बन जाता है। इसे 'वजाइनल एट्रौफी' कहा जाता है। ऐसे में आपको डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए।

त्‍वचा पर खुजली

कुछ लोगों को इस समय त्वचा में लटकाव, चुभन और सूजन के अलावा खुजली महसूस होने लगती है इस स्थिति को 'पारेथेसिया' के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा कुछ लोगों शरीर में सनसनाहट महसूस होने लगती है। इसके अलावा मेनोपॉज में शरीर में सूखापन, स्किन रैशेज, त्‍वचा का लाल हो जाना और चेहरेकी सतह पर छोटे छोटे दानें हो जाते है। इसे लक्षण दिखने पर डॉक्‍टर को जरुर चैक करवाएं। 

आइए जानते है इस तरह की खुजली से बचने के घरेलू उपाय

जिन लोगों की स्किन में अचानक से खुजली या चुभन होने लगती है। उन्‍हें अपनी स्किन का खासतौर पर ख्‍याल रखना चाह‍िए। लाइफस्‍टाइल में बदलाव के साथ ही खास डाइट पर ध्‍यान देना चाह‍िए।

कूल कम्‍प्रेस करें

जहां कहीं भी खुजली का अहसास होता है वहां राहत पाने के ल‍िए कूल कम्‍प्रेस करें। रात को अगर खुजली के वजह से नींद नहीं आती है तो रात को सोने से पहले जिस जगह पर खुजली का ज्‍यादा अहसास होता है। वहां पर रात को एक नम टॉवेल के साथ उस क्षेत्र को कवर करके सो जाइएं। रात को खुजली की वजह से नींद नहीं उड़ेगी।

 ओटमील बाथ लें

कोलायडीय ओटमील (colloidal oatmeal) बाथ से भी खुजली की समस्‍या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। कोलायडीय ओटमील को गर्म पानी में डालकर थोड़ा हल्‍का ठंडा होने दें। इसके बाद एक बाथ लें ले। इससे आपको अपनी त्‍वचा पर खुजली महसूस नहीं होगी। कोलायडीय ओटमील ऑनलाइन आराम से मिल जाता है।

नियमित मॉइस्चराइजर लगाएं

नहानें के बाद त्‍वचा को मॉइस्चराइजिंग करने से शरीर में नमी बढ़ती है। नियमित मॉइस्‍चराइज करने से शुष्कता कम होती है और यह खुजली की समस्‍या को कम करता है। इस समय परफ्यूम-फ्री मॉइश्‍चराइजर लगाना चाह‍िए।

::/fulltext::

3648::/cck::

भारतीय महिलाओं के नाक छिदवाने के पीछे का कारण बेहद कम लोग जानते होंगे। अधिकतर महिलाएं इसे सिर्फ शृंगार से जोड़कर ही देखती हैं.....




::/introtext::
::fulltext::

हमारी भारतीय संस्‍कृति में आभूषणों और शृंगार का विशेष महत्‍व है। भारतीय संस्‍कृति में हर आभूषण को पहनने के पीछे एक अलग कारण है जिसका उल्‍लेख प्राचीन वेदों में भी मिलता है। 16 शृंगार में से एक है नथ पहनना। हमारे देश में शादीशुदा और कुंवारी युवतियां और महिलाएं नाक छिदवाना पसंद करती है। हालांकि आजकल की कई मह‍िलाएं ट्रेंड के ह‍िसाब ऐसा करना पसंद करती है तो शादीशुदा महिलाएं भारतीय रीति रिवाज को फॉलो करते हुए नाक में नथ या तिनका पहनती है। 

नाक छिदवाना भारतीय संस्कृति और परंपरा के हिसाब से बहुत जरूरी माना जाता है। लेकिन बहुत कम लड़कियां जानती है कि यह स्त्री की खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ सेहत के ल‍िए भी लाभकारी है। भारतीय महिलाओं के नाक छिदवाने के पीछे का कारण बेहद कम लोग जानते होंगे। अधिकतर महिलाएं इसे सिर्फ शृंगार से जोड़कर ही देखती हैं।

आज हम आपको बताएंगे कि भारतीय परंपरा के अनुसार महिलाओं का नाक छिदवाना क्यों जरूरी समझा जाता है।

Significance of Wearing Nose Rings in Indian Culture

16 वीं सदी में आई थी ये प्रथानाक में छेद करवाने के लिए कोई विशेष उम्र नहीं होती। इसे बचपन, किशोरावस्था, वयस्क होने पर कभी भी करवा सकते हैं। गर्भावस्था में भी महिलाएं नाक छिदवा सकती है। इससे शिशु पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता है। भारत में नाक छिदवाने को संस्‍कृति से जोड़कर देखा जाता है। पर क्या आप जानती हैं की यह प्रथा पूर्वी देशों से आई है। 16वी सदी में यह प्रथा भारत में आई थी। वेदों में इसके फायदे के बारे में लिखा गया है।

नाक छिदवाने से फायदे

वेदों और शास्त्रों में लिखा गया है कि नाक छिदवाने से महिला को माहवारी पीड़ा से राहत मिलती है। इसके अलावा प्रसव के दौरान शिशु को जन्म देने में आसानी होती है। नाक छिदवाने से माइग्रेन में भी राहत मिलती है।

कैसे करता है मदद

नाक छिदवाने से शरीर के विशिष्ट प्रेशर पॉइंट्स प्रभावित होते हैं। इनसे शरीर में एक खास किस्‍म का दबाव बनता है जो हॉर्मोन पैदा करता है। यह हॉर्मोन आपके दर्द को कम करने में मदद करते हैं। जिस तरह चाईनीज़ लोग एक्यूपेंचर पद्धति का इस्तेमाल करने से शरीर के विशिष्ट प्रेशर पॉइंट्स पर दबाव बनता है और आपको दर्द से राहत मिलती है वैसे ही नाक छिदवाने से महिला को दर्द से राहत मिलती है।

बाई ओर क्‍यों छिदवाई जाती है नाक

आपने देखा होगा कि लड़कियों की बाई ओर की नाक छेदी जाती है क्योंकि उस जगह की नसें नारी के महिला प्रजनन अंगों से जुडी हुई होती हैं। नाक के इस हिस्से पर छेद करने से महिला को प्रसव के समय भी कम दर्द का सामना करना पड़ता है। इस वजह से बाई ओर नाक छिदवाई जाती है।

संक्रमण का ध्‍यान रखें

ध्यान रहे की नाक छिदवाते समय आप ढंग की साफ़-सुथरी दुकान से विसंक्रमित उपकरणों से ही कान छिदवाएं। कई बार होता है कि कान छिदवाने में लापरवाही बरतने से महिलाओं की नाक के आस-पास सूजन आ जाती है।

::/fulltext::

3644::/cck::

सेफ सेक्‍स के लिए जरूरी है इन टिप्‍स को ट्राई करना....

::/introtext::
::fulltext::

हर व्‍यक्ति के लिए कामुकता का आनंद लेना महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके लिए सुरक्षित और स्वस्थ दृष्टिकोण भी जरूरी है. कई बार, हम उस पल में प्रोटेक्‍शन नहीं ले पाते हैं और यौन संक्रमण (एसटीआई) और बीमारियों को बढ़ावा दे देते हैं. सुरक्षित सेक्स का अभ्यास करना और इसके बारे में खुद को शिक्षित करना आपको संक्रमित होने से रोक सकता है और गर्भवती होने के आपके जोखिम को भी कम कर सकता है. 

1. नए कंडोम का इस्‍तेमाल करें - एक कंडोम का इस्‍तेमाल एक बार ही करें. इसके अलावा उपयोग से पहले कंडोम की एक्‍सपायरी डेट भी जरूर जांच लें.

 
2. नशे से बचें - अत्‍याधिक नशे में होने पर सेक्स से बचें. नशे में होने के कारण हो सकता है कि आप प्रोटेक्‍शन इस्‍तेमाल न कर पाएं. यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को भी कम करता है.

3. जोखिम गतिविधियों से बचें - अपना आत्मविश्वास बढ़ाएं और कम जोखिम वाली गतिविधियों का अभ्यास करें. यह विश्वास और संचार बनाने में मदद करता है.

4. डॉक्‍टर है जरूरी - यदि आप किसी प्रकार के यौन दुर्व्यवहार से गुजरे हैं, जिससे आपका वर्तमान यौन जीवन प्रभावित हो रहा है और सेक्स के दौरान आपको असुरक्षित महसूस हो रहा है, तो डॉक्‍टर, परामर्शदाता से सलाह जरूर लें.

5. टेस्‍ट है जरूरी- सेक्स के बाद बार-बार टेस्‍ट करें. जब आप टेस्‍ट करवा रहे हों, तो सुनिश्चित करें कि आप जितना संभव हो उतने एसटीडी के लिए टेस्‍ट करवा लें... जैसे गोनोरिया, क्लैमिडिया, हेपेटाइटिस, एचआईवी, हर्पीस और सिफलिस कुछ उदाहरण हैं.

6. टीकाकरण है जरूरी - यदि आपकी उम्र 26 वर्ष से कम है, तो एचपीवी के खिलाफ खुद को बचाने के लिए टीकाकरण सबसे अच्छा है.

7. अनल सेक्‍स के दौरान सेफ्टी- हो सकता है कि आप गर्भावस्था से बचने के लिए अनल सेक्स का सहारा लें. लेकिन अनल सेक्स के बावजूद कंडोम का उपयोग करना न भूलें. 

8. सेक्‍स के बाद टॉयलेट जाना- हो सकता है यह आपको अजीब लगे लेकिन यह हमें यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्‍शन) से बचा सकता है. सेक्स के बाद पेशाब करना सबसे अच्छा रहता है. यौन संभोग आपके मूत्राशय को प्रभावित कर सकता है जो संक्रमण का कारण बनता है.

9. दो कंडोम नहीं है सुरक्षित - यह एक मिथक है और यह कंडोम के फटने की संभावना से ज्यादा खतरनाक है. दो कंडोम एक-दूसरे से रगड़ खा सकते हैं और संभावना है कि फट सकते हैं जिससे आपके अंदर शुक्राणु रह सकते हैं. 

10. बातचीत है जरूरी - अपनी जरूरतों और पाटर्नर से अपनी इच्‍छा को लेकर शर्माएं नहीं. साथी से बात करें. अपने साथी को ये बताएं कि आपको क्‍या चीज आरामदायक लगती है और क्‍या नहीं. अगर आप किसी यौन दुर्व्यवहार से गुजरे हैं तो आपको अपने साथी के साथ यह साझा करना चाहिए कि आप कब असहज हैं और आपके सहयोगी आपको कैसे सहज बना सकते हैं.

::/fulltext::
RO No 13047/3
RO no 13028/3

 Divya Chhattisgarh

 

City Office :-  Infront of Raj Talkies, Block - B1, 2nd Floor,

                              Bombey Market, GE Road, Raipur 492001

Address     :-  Block - 03/40 Shankar Nagar, Sarhad colony, Raipur { C.G.} 492007

Contact      :- +91 90099-91052, +91 79873-54738

Email          :- Divyachhattisgarh@gmail.com

Visit Counter

Total826135

Visitor Info

  • IP: 3.145.152.49
  • Browser: Unknown
  • Browser Version:
  • Operating System: Unknown

Who Is Online

3
Online

2024-12-23