Monday, 23 December 2024

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 औरत चालीस की उम्र के आस पास माँ बन सकती है लेकिन प्रकृति एक बहुत अहम भूमिका निभाती है......

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आज के इस आधुनिक दौर में हर महिला आत्मनिर्भर रहना चाहती है। वह आज़ादी से जीना चाहती है नाकि किसी तरह की बंदिश में। पुराने ज़माने की औरतों की तुलना में आज की औरतें ज़्यादा खुले विचारों की होती है और अपने फैसले खुद ही लेना पसंद करती है क्योंकि उन्हें पता होता है कि उनके लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा। महिलाएं आज हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रही है और खुद को साबित कर रहीं है। वे पुरुषों के समान ही हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं है लेकिन शादी, ज़िम्मेदारियाँ और बच्चे कहीं न कहीं जीवन में उनकी प्राथमिकता को प्रभावित करते है ।

pregnancy over 40 risks and complications
 महिलाओं के लिए जितना ज़रूरी उनका परिवार और बच्चे होते है उतना ही ज़रूरी उनके लिए उनका करियर भी होता है इसलिए आज कल की महिलाओं को माँ बनने की कुछ ख़ास जल्दी नहीं होती। वे चाहती है कि पहले वे अपने पैरों पर खड़ी हो जाएं ताकि अपने आने वाले बच्चे को एक उज्वल भविष्य दे पाएं और साथ ही उनकी देखभाल में भी कोई कमी न हो। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अक्सर औरतें माँ बनने के लिए सही समय का इंतज़ार करती है । एक औरत तभी माँ बनना चाहती है जब वह शारीरिक, मानसिक, और आर्थिक रूप से मज़बूत हो चाहे उसकी उम्र ही क्यों न बढ़ती जाए। बढ़ती उम्र उसके रास्ते में बाधा उत्पन्न नहीं कर सकती।

आज साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि कुछ भी असंभव नहीं है जिसके परिणामस्वरूप एक औरत बढ़ती उम्र में भी माँ बन सकती है लेकिन एक बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि इस प्रक्रिया में प्रकृति एक बहुत अहम भूमिका निभाती है। जैसे जैसे एक स्त्री की उम्र बढ़ती जाती है और वह मेनोपॉज़ के करीब पहुंचती है उसकी प्रजनन क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में अपनी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए यदि आप किसी तरह का इलाज भी कराती है तो वह काफी जोखिम भरा हो सकता है। ऐसी परिस्थिति में आपके पास सही जानकारी का होना बेहद ज़रूरी होता है ख़ास तौर पर तब जब आप चालीस की उम्र के आस पास या उसके बाद माँ बनने की प्लानिंग कर रहीं होती है।

आज हम इस लेख में 40 की उम्र के बाद माँ बनने से होने वाले खतरों और जोखिमों के विषय में बात करेंगे।

1.आपको हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन हो सकता है
2.प्री-एक्लेम्पसिया
3.गर्भकालीन मधुमेह
4.प्लेसेंटा प्रेविया
5.प्लेसेन्टल अब्र्प्शन
6.मल्टीपल बर्थ
7.गर्भपात
8.माँ की मृत्यु
9.बच्चे में क्रोमोसोमल डिफेक्ट
10.बढ़ती उम्र के कारण प्रेगनेंसी के दौरान होती है कई सारी मुश्किलें
11.आर्थिक समस्याएं

1. आपको हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन हो सकता है

अगर आप बढ़ती उम्र में माँ बनती है तो ऐसे में आपको कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। इन्ही बीमारियों में से है हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन। गर्भावस्था के दौरान आपके वजन में बढ़ोतरी आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती है ख़ास तौर पर जब हाइपरटेंशन बॉर्डरलाइन पर हो इसके अलावा प्रोजेस्टेरोन की अधिक मात्रा भी इसका एक कारण हो सकती है। पेरीपार्टम कार्डियोमायोपैथी भी एक बीमारी है जिससे इस उम्र में माँ बनने का प्रयास करने वाली महिलाओं को दिल का दौरा भी पड़ सकता है।

2. प्री-एक्लेम्पसिया

प्री-एक्लेम्पसिया यानी पूर्व-गर्भाक्षेप गर्भावस्था के दौरान उक्त रक्तचाप या पेशाब में प्रोटीन का पाया जाना इसके मुख्य लक्षण है। ख़ास तौर पर इस बीमारी का खतरा उन महिलाओं को ज़्यादा रहता हो जो 40 की उम्र के बाद माँ बनने वाली होती है । इस तरह के रोग से माँ के साथ साथ होने वाले बच्चे को भी खतरा होता है ।

3. गर्भकालीन मधुमेह

प्रेगनेंसी में कुछ महिलाओं को .गर्भकालीन मधुमेह हो जाता है। ज़्यादातर मामलों में इस मधुमेह के लक्षण दिखाई नहीं पड़ते इसके लिए गर्भवती महिला के खून की जांच करनी पड़ती है। 40 से अधिक की उम्र की महिलाओं को इस बीमारी का खतरा ज़्यादा होता है ।

ऐसे में जन्म के समय बच्चे का ब्लड शुगर लो हो जाता है साथ ही जन्म के बाद ब्रेन डैमेज, सांस लेने में तकलीफ आदि जैसी परेशानियां भी बच्चे को हो जाती है ।

4. प्लेसेंटा प्रेविया

यह एक ऐसी स्थिति है जब नाल मां के गर्भाशय ग्रीवा के द्वार को ढक देता है ऐसे में नार्मल डिलीवरी नहीं हो सकती और बच्चे का जन्म सी सेक्शन द्वारा कराया जाता है। डिलीवरी के दौरान खून का अधिक नुकसान भी जोखिम भरा हो सकता है। ऐसी परेशानी 40 की उम्र के पार की महिलाओं को ज़्यादा होती है ।

5. प्लेसेन्टल अब्र्प्शन

जब प्रसव के पहले ही गर्भ नाल गर्भ की भीतरी दीवार से अलग हो जाती है तब प्लेसेन्टल अब्र्प्शन होता है। ऐसे में बच्चे को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाता। इतना ही नहीं इसमें माँ और बच्चे दोनों की जान को खतरा होता है। ज्यादातर मामलों में माँ की उम्र 40 के पार होती है।

6. मल्टीपल बर्थ

40 की उम्र के बाद माँ बनने वाली महिलाओं में एक से अधिक शिशु को जन्म देने की ज़्यादा सम्भावना रहती है ख़ास तौर पर उन औरतों में जो इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आई.वी.एफ.) ट्रीटमेंट द्वारा प्रेग्नेंट हुई हो। समय से पहले जन्म, फीटल डेथ और गर्भपात इस तरह के मामलों में आम बात है। इसके अलावा आँख, फेफड़ों, ब्रेन और पाचन तंत्र से से जुड़ी समस्या भी हो सकती है।

7. गर्भपात

40 की उम्र बाद गर्भधारण करने वाली महिलाओं में गर्भपात का खतरा अधिक होता है वैसे तो गर्भपात किसी भी उम्र में हो सकता है। गर्भधारण करने के लिए अंडे स्वस्थ होने ज़रूरी होते है लेकिन बढ़ती उम्र में ख़राब अंडे लम्बे समय तक प्रेगनेंसी को बनाए रखने में शक्षम नहीं होते है और इस स्तिथि में गर्भपात हो जाता है ।

8. माँ की मृत्यु

बढ़ती उम्र में माँ बनने वाली महिलाओं को अधिक देखभाल की ज़रुरत होती है ।यदि ऐसा नहीं होता तो मैटरनल डेथ का खतरा बढ़ जाता है । हाइपरटेंशन, मोटापा, मधुमेह और अन्य कोई पुरानी बीमारी इस तरह की मृत्यु का कारण हो सकती है ।

9. बच्चे में क्रोमोसोमल डिफेक्ट

इस बात की पूरी संभावना रहती है कि 45 की उम्र के आस पास भी एक महिला स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है । लेकिन अधिक उम्र में माँ बनने पर शिशु में कुछ अनुवांशिक असमानताएं होने का भी खतरा बढ़ जाता है जैसे डाउंस सिंड्रोम । इस तरह के बच्चे दिमागी रूप से बीमार पैदा होते है । इसके अलावा अन्य कई ऐसी असमानताएं बच्चों में पाए जाते है। यदि आप बढ़ती उम्र में माँ बनने वाली है तो समय समय पर अपने बच्चे की सेहत के जांच करवाती रहे ताकि आपको होए वाले शिशु की सेहत की पूरी जानकारी रहे।

10. बढ़ती उम्र के कारण प्रेगनेंसी के दौरान होती है कई सारी मुश्किलें

अधिक उम्र में माँ बनने वाली महिलाओं को कई तरह की शारीरिक परेशानियों से गुज़रना पड़ता है। गर्भ में बच्चे को पालने के लिए भी एक औरत को शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप से मज़बूत होना पड़ता है। इसके लिए ऊर्जा का स्तर भी काफी अच्छा होना चाहिए लेकिन 40 की उम्र के आसपास या बाद की महिलाओं में ऊर्जा की काफी कमी होती है। ऐसे में यदि वे गर्भवती हो जाती है तो उन्हें अपने आराम पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए ताकि माँ और बच्चा दोनों ही स्वस्थ रहे।

 11. आर्थिक समस्याएं

बच्चे को जन्म देने से लेकर उसकी देखभाल में काफी पैसों की ज़रुरत होती है। सिर्फ पैसा ही न ही आपको बच्चे के लिए काफी समय निकालने की भी ज़रुरत होगी। यदि आप एक साथ दो बच्चों की माँ बनती है तो आपकी ज़िम्मेदारियाँ और भी बढ़ जाती है। जब आपके दूसरे दोस्त या रिश्तेदार इस उम्र में अपने जीवन में परिवार और बच्चों के साथ अच्छे से सेटल हो चुके होंगे तब आप इस तरह की परेशानियों से जूझ रही होंगी।

ऐसे में ज्यादातर आप परेशान और दुखी रह सकती है। इस उम्र में माँ बनने के लिए जिस इलाज की ज़रुरत पड़ती है वह भी काफी महंगा होता है इसलिए यदि आप 40 की उम्र के बाद माँ बनने की प्लानिंग कर रहीं है तो पहले आर्थिक रूप से खुद को मज़बूत बना लें।

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जन्म का महीना आपके पेशे से लेकर आपके मन की स्थिति तक को प्रभावित करता है।.....


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अपने जन्म महीने के आधार पर किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को बताना अंक विज्ञान में एक मानक अभ्यास है। शोधकर्ताओं और विश्लेषकों ने पाया कि जन्म का महीना आपके पेशे से लेकर आपके मन की स्थिति तक को प्रभावित करता है। इसलिये, यदि आप अपने जन्म महीने के आधार पर सही पार्टनर को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं तो और जानें... क्योंकि प्रत्येक महीना बतलाता है कि आप किस तरह के पार्टनर के लायक हैं।

जनवरी

आपको ऐसे व्यक्ति के साथ होना चाहिए जो आपके साथ कॉर्डिनेट कर सके। क्योंकि आप लगातार तेजी से भाग रहे हैं और आपके पास मीडियम या स्लो लोगों के लिये जगह नहीं है, जो आपको आपका लक्ष्य पाने में मदद करेंगे। आपके पास कई चीजें हैं जिन्हें आपको अपने जीवन में पूरा करने की आवश्यकता है, और आपको कुछ हद तक रिलेशनशिप की जरूरत भी नहीं है।

फरवरी

आपको ऐसे पार्टनर की जरूरत है जो आपके साथ शांति से बैठ सके और आपको पहचान सके। आपको लगता है कि आप चीजें मैनेज नहीं कर सकते हैं क्योंकि अक्सर लोगों ने आपको यही बताया है। तो आपको ऐसे व्यक्ति के साथ होना चाहिए जो वास्तव में आपकी जरूरतों को समझें। जो आपकी छोटी-छोटी विशेषताओं और आपकी सोच को महत्व दे।

मार्च

आप एक गहन मनोदशा, प्रशंसा के पात्र, समर्थन देने वाले और अंतद्दृष्टि वाले इंसान हैं। आप हमेशा दूसरों पर लगातार खर्च करते हुए ही आगे बढ़ रहे हैं। आप आमतौर पर अपने आस-पास के लोगों को खुश करने में अपनी पूंजी लगा देते हैं। यही कारण है कि आपको उस व्यक्ति के साथ होना चाहिए जो आपकी देखभाल में अपनी पूंजी लगा सके जैसा कि आप करते हैं। क्योंकि आपने दूसरों के लिये अपना इतना समय बर्बाद किया है कि आपको ऐसे पार्टनर की जरूरत है जो आपके साथ भी उसी तरह का बर्ताव करें।

अप्रैल

आप एक विश्वसनीय और स्वतंत्र महिला है। आपके पास खुदकी एक पहचान है और आप निष्पक्षरूप से कुछ मामलों में लोगों को परेशान कर सकती है। यहीं कारण है कि आपको ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो आपको वैसे ही समझता और स्वीकार करता हो जैसे आप हैं। आपको ऐसे साथी की आवश्यकता है जो आपको नियत्रिंत करने या दबाने का प्रयास न करता हो।

मई

आप फास्टट्रैक पर चलने के लिए जाने जाते हैं। आप लगातार लोगों को इकट्ठा करके आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं. आप अकेलेपन से बाहर निकलने का मौका ढूंढते हो और आप अपने आस-पास के लोगों के साथ रहते हैं। अब आप भी उनके प्रति झुकाव रखते हैं. इसलिये आपको ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता होती है जो उस जीवन शक्ति और बल को समन्वयित कर सके जो आप लाते हैं।

जून

आप लगातार एक दिल टूटे इंसान की तरह आगे बढ़ रहे हैं। अतीत में आपका रिश्ता क्यों सफल नहीं हुआ इसके पीछे का कारण यह है कि आप आमतौर पर उन लोगों के साथ रहे जो आपको हमेशा नुकसान पहुंचाते रहें। अब आपको ऐसे साथी की जरूरत है जिसने अपने जीवन में केवल एक बार ही प्यार किया हो। और आपको उसे ठीक करने की आवश्यकता न पड़े।

जुलाई

आपको ऐसे इंसान के साथ होना चाहिए जो आपको वो सभी चीजें करने की स्वतंत्रता दे, जो आप करना चाहते हैं। कुछ लोग आपको अपनी लाइफस्टाइल बदलने की सलाह देते हैं। और कुछ आपके भरोसेमंद और उदार होने की प्रवृत्ति को बदलने का निर्देश देते हैं। लेकिन आपको ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो आपको हमेशा स्पॉटलाइट में ले जाने के लिए प्रेरित करें, आपने जो पाने का फैसला किया है उसमें आपका पूरा साथ दे।

अगस्त

आपको ईमानदारी से उस व्यक्ति के साथ रहना चाहिए, जो वास्तविकता बताएगा चाहे उस मामले का परिणाम हानिकारक या अजीब ही क्यो न हो। आप जन्म से ही एक नेता हैं। आपके पास एक ऐसा गुण हैं जिसकी वजह से लोग आपकी ओर आकर्षित होते हैं। हो सकता है कि कुछ समय बाद आप इस गुण पर घमंड करने लगें और आपको किसी ऐसे इंसान की जरूरत हो जो आपको आसमान से धरती पर ला सके।

सितंबर

आपको ऐसे साथी के साथ होना चाहिए, जो आपकी ऊर्जा को सीखने में लगा सके। आपको अपना समय किसी ऐसे व्यक्ति के साथ बर्बाद नहीं करना चाहिए जो आपसे डरता हो। आपको ऐसे पार्टनर के साथ रहना चाहिए जो आपकी कल्पनाओं के साथ आपको मजबूती देने में सक्षम हो।

अक्टूबर

आप एक बेहद सुशील और सक्षम व्यक्ति हैं, फिर भी यह कोई राज नहीं है। आप उत्सुक और दयालु हैं। आप वास्तव में दूसरों के साथ मजाक-मस्ती करते हैं और उसे प्रकट भी कर देते हैं। आप कई बार लोगों के साथ बुरा व्यवहार भी करते हैं जिसे आपको त्यागना होगा। यही कारण है कि आपको ऐसे व्यक्ति के साथ होना चाहिए जो आपको कभी कम नहीं समझ सके।

नवंबर

आपमें अधिगृहण स्वाद का थोड़ा सा टुकड़ा है। अकसर आप महसूस करते हैं कि अधिकांश लोग आपको समझने में गलती कर जाते हैं। यहीं कारण है कि आपको ऐसे व्यक्ति के साथ होना चाहिए जो आपकी बातों को सुनने में बोरियत महसूस करें बल्कि ऐसा पार्टनर हो जो आप कहते हो उसे वो ध्यान से सुनता हो।

दिसंबर

अभी तक आपकी पहचान एक चुलबुली और उत्साही के रूप में हुई है और आपको ऐसे व्यक्ति की तलाश होनी चाहिए जो आपके इस विशेषता को पंसद करता हो। आपको ऐसे शख्स के सात होना चाहिए जो आपके साथ समय बिताना चाहता हो और वह आपके जीवन में हमेशा शांति और प्रेरणा लेकर आए।

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आपको अपने पार्टनर के साथ एक हेल्दी और अंतरंग संबंध बनाने के बारे में एक बार जरूर सोचना चाहिए....

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यौन संबंध अक्सर कपल के बीच चर्चा का विषय रहा है। यह एक उच्चस्तर की इंटीमेसी के साथ हेल्दी रिलेशनशिप की सफलता है,जो एक कपल चाहता है। सेक्स लाइफ हर सुखी रिश्ते की कुंजी है। वैसे तो इंटीमेसी के तरीके हर कपल के लिये अलग-अलग होते हैं। अगर आप अंतरंगता(इंटीमेसी) के बारे में नहीं सोच रहे हैं और कह रहे हैं कि आपका रिलेशनशिप अच्छा चल रहा है तो आपको अपने पार्टनर के साथ एक हेल्दी और अंतरंग संबंध बनाने के बारे में एक बार जरूर सोचना चाहिए।

अंतरंगता (इंटीमेसी) क्या है?

क्या आप खुद से पूछते हैं कि अंतरंग यानि इंटीमेट मतलब क्या है? अंतरंगता(इंटीमेसी) प्रेम का एक अधिनियम है जो बाहरी खूबसूरती से काफी दूर है। यह आपके रिश्ते में मानसिक और भावनात्मक भावना को जगाती है। यह आपके और आपके साथी के गहरे संबंध को दिखलाती है। किसी के साथ उनकी दृढ़ समझ ही इंटीमेसी है।

अक्सर हम इंटीमेसी के बाहरी भाग में देखते हैं और सोचते हैं कि यह पार्टनर के साथ चिपकने के बारे में है। लेकिन अंतरंगता(इंटीमेसी) आपके साथी के साथ आपका बहुत गहराई में जाकर बात करने का तरीका है। घनिष्ठता बातचीत से भी हो सकती है और यह शारीरिक भी हो सकती है।

Healthy intimate relationship

यौन संबंध(इंटीमेसी) में हमेशा आपके और आपके साथी के बीच सहजता और आराम होना जरूरी है। सेक्स लाइफ मौलिक स्तर पर दोनों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने की मांग करती है। यह कपल को एक दूसरे के साथ खुले और ईमानदार होने के लिए कहती है और यह एक-दूसरे के सम्मान पर निर्भर करता है। यौन संबंध बनाना दो लोगों के बीच एक मजबूत वायदा है।

रिलेशनशिप को मजबूत करने के लिये दोनों लोग रोजाना इस पर कार्य करते हैं। यौन संबंध केवल रिश्ते की नींव है, जब आप इसे अपने साथी के लिये आरक्षित करते है।एक रिलेशनशिप में, आप और आपके साथी को यौन संबंध को बरकरार रखने के लिये कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। 

ऐसी कुछ चीजें हैं जिन्हें रिश्तों में इंटीमेसी के रूप में नहीं माना जाता है। हम सभी रिश्तों के भौतिक भागों के साथ इंटीमेसी को भी भ्रमित करते हैं।

यह जानने के लिये कि क्या आपका निजी संबंध है या नहीं,आपको इन कारणों को देखना होगा:

1.यौन संबंध उपहार नहीं है- कोई अपने साथी को उपहार के रूप में यौन संबंध बनाने नहीं दे सकता है। पार्टनर की जरूरतों को पूरा करने के लिये एक स्वस्थ संबंध एक महत्वपूर्ण पहलू है। लेकिन अनचाही चीजों को गिफ्ट करके, प्यार दिखाना इंटीमेसी नहीं है। क्योंकि यौन संबंध कोई उपहार नहीं हो सकता है।

2.अंतरंगता(इंटीमेसी) महत्वपूर्ण है- हर रिलेशनशिप में अंतरंगता(इंटीमेसी) जरूरी होती है। रिश्ते में आसानी से बहने की इजाजत दिए बिना आप रिश्ते को मजबूत नहीं बना सकते हैं। इंटीमेसी हमेशा से हर रिश्ते का महत्वपूर्ण अंग रहा है। यह आपके साथी के करीब होने का तरीका है।

3. अंतरंगता(इंटीमेसी) सेक्स के बारे में नहीं है- कपल की बाहरी सुंदरता ही सेक्स करने की इच्छा को जगाती है। अंतरंगता(इंटीमेसी) उस रिश्ते में नहीं टिकती है जिसके संबंधों में गहराई नहीं होती। सेक्स केवल अंतरंगता(इंटीमेसी) के स्तर को बढ़ा सकता है। लेकिन यह घनिष्ठता बढ़ाने का एकमात्र कारण नहीं होगा। याद रखें, सेक्स केवल शारीरिक आवश्यकता को पूरा करेगा लेकिन इंटीमेसी एक ही समय में शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक इन सभी आवश्यकताओं को पूरा करती है।

4.अंतरंगता(इंटीमेसी) में समर्पण की आवश्यकता है- रिश्ते में इंटीमेसी उच्च स्तर के समपर्ण के साथ आती है। यौन संबंध के बिना, केवल प्यार से रिश्ता नहीं चल सकता है। अंतरंगता(इंटीमेसी) के स्तर को बनाने के लिये एक कपल को अपने तन-मन दोनों को समर्पित करना पड़ता है। आप एक-दूसरे के साथ तब तक घनिष्ठ संबंध नहीं बना सकते हैं जब तक दूसरा भी समानरूप से उतना समर्पित न हो।

एक निजी संबंध बनाने के लक्षण:

1.अंतरंगता(इंटीमेसी) प्राथमकिता है- अपने साथी के बारे में और जानने के लिए बातचीत, धैर्य और समय की आवश्यकता होती है। इंटीमेसी का अभ्यास करने के लिए आपके पास समय होना जरूरी है. भले ही यह शारीरिक, भावनात्मक या मानसिक हो। अंतरंगता(इंटीमेसी) को प्राथमिकता देना आपके साथी के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने का तरीका है। यौन संबंध बनाने के लिये कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। इसे प्राथमिकता के रूप में रखते हुए हेल्दी रिलेशनशिप को बनाए रखने में मदद मिलती है।

2.अपने साथी की रुचियों और गतिविधियों को जानें- अपने साथी को जानने की कोशिश करें। आपको यह समझने की जरूरत है कि आपका साथी कौन है और वो आपसे क्या चाहता है। इससे आपका रिश्ता मजबूत और घनिष्ट बनेगा। आपको अपने साथी के स्वभाव के बारे में जानने में मदद मिलती है ताकि आप उसके साथ सहज होकर यौन संबंध बना सकें. जो आपके रिश्ते को काफी मजबूत करता है।

3. यौन संबंध- अपने साथी के साथ शारीरिक होना स्वस्थ निजी संबंध रखने का तरीका है। अंतरंगता(इंटीमेसी) सेक्स के समान नहीं है। जो कपल यौन संबंध बनाते हैं वे कम समय में ही गहराई से एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं। निजी संबंध बनाने के लिये आप अपने साथी का हाथ पकड़ सकते हैं या उन्हें छाती से लगा सकते हैं। यह निजी संबंध और प्रगाढ़ रिश्ते की कुंजी है।

इंटीमेसी की कोई सीमा नहीं है यह आपके और आपके पार्टनर के अंतरगंता के स्तर पर निर्भर करता है। इंटीमेसी किसी भी रिलेशनशिप को मजबूत बंधन में बांधे रखती है। सामान्य रिश्तों से अंतरंग प्रकृति के रिश्ते ज्यादा बेहतर होते हैं। इसलिये अपने रिश्ते के बारे में सोचिए कि कैसे आप इसे और गहरा कर सकते हैं। ऊपर दिये गए तरीकों का इस्तेमाल करें और अपने रिश्ते में एक स्वस्थ निजी संबंध बनाएं। अंतरंगता(इंटीमेसी) की चिड़िया को प्यार की हवा में ऊंचा होना चाहिए। इंटीमेसी एक तरीका है आपने पार्टनर के सामने अपने रिश्ते की गहराई को प्रकट करने का।

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कई बार लड़कियों को रिलेशनशिप में समझ ही नहीं आता है कि रिलेशनशिप को लेकर आपका पार्टनर आपसे क्‍या अपेक्षा रखता है.....


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कई बार लड़कियों को रिलेशनशिप में समझ ही नहीं आता है कि उनके मेल पार्टनर उनसे क्‍या चाहते हैं। रिलेशनशिप को लेकर आपका पार्टनर आपसे क्‍या अपेक्षा रखता है ये उनकी गहरी इच्‍छाओं से संबंधित होता है। कई बार हमें लगता है कि पुरुषों को रिले‍शनशिप में बस प्‍यार की ही ज़रूरत होती है लेकिन सच कहा जाए तो मर्दों को भी रिश्‍ते में प्‍यार के अलावा और बहुत कुछ चाहिए होता है। हर पुरुष को अपनी फीमेल पार्टनर से कुछ उम्‍मीदें रहती हैं और अगर आप अपने रिलेशनशिप में उन्हें पूरा नहीं कर पाती हैं तो हो सकता है कि आपका रिश्‍ता खत्‍म होने की कगार पर आ जाए।

दिल को प्‍यार की ज़रूरत होती है, मर्दों को रिलेशिनशिप की, महिलाओं को प्‍यार करने वाले की और रिलेशनशिप को कपल की और इन सब चीज़ों को पूरा करने के लिए ही दो लोग रिलेशनशिप में आते हैं। रिलेशनशिप में आपका नज़रिया और समर्पण इसकी सफलता और असफलता पर टिका होता है। अगर आप अपने पार्टनर को खुश करने के लिए भरपूर कोशिश करती हैं लेकिन फिर भी आपको लगता है कि वो आपसे खुश नहीं हैं तो आपको इन रिलेशनशिप गोल्‍स के बारे में पता होना चाहिए जो हर मर्द को अपने रिश्‍ते में चाहिए होता है।

रिलेशनशिप में मर्दों को क्‍या चाहिए होता है:

स्वामित्व नहीं साझेदारी

कोई भी पुरुष रिलेशनशिप में इसलिए नहीं आता कि उसे वो चाहिए होता है बल्कि वो उस पार्टनर के साथ अपनी ज़िंदगी शेयर करना चाहता है। जब दो लोग रिश्‍ते में आते हैं तो वो साथी बन जाते हैं और एक-दूसरे की बातों को सुनना और एक-दूसरे के विचारों और सलाह को महत्‍व देने लगते हैं। पार्टनर एक-दूसरे को सहयोग देते हैं ना कि एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे रहते हैं।

रिलेशनशिप का दूसरा मतलब पार्टनरशिप यानि की साझेदारी होता है। रिलेशनशिप में आप अपने रिश्‍ते को पूरी तरह से कंट्रोल करके नहीं रख सकते हैं। आप दोनों की ज़िंदगी की योजनाएं और फैसले आप दोनों को मिलकर ही लेने होंगे। एकसाथ रहते हुए आप दोनों को घर के कामों में एक समान योगदान देना चाहिए। पुरुषों को हमेशा एक ऐसी लड़की की तलाश रहती है जिसके साथ वो अपनी पूरी ज़िंदगी बिताने की सोच सकें।

बातचीत

रिलेशनशिप में आप दोनों को हर छोटी बात या मुद्दे को लेकर एक-दूसरे से सलाह-मशविरा करना चाहिए। कम्‍य‍ुनिकेशन से आप दोनों के बीच का प्‍यार बढ़ेगा और इससे उनकी आपमें दिलचस्‍पी भी बढ़ती जाएगी। कम्‍युनिकेशन की वजह से आप दोनों के बीच दूरियां बढ़ सकती हैं जबकि पुरुष कम्‍युनिकेशन की मदद से आपके करीब आना चाहते हैं। अपने मेल पार्टनर को खुश करने के लिए आपको उनसे बात करते रहना चाहिए। ये आपके सफल रिश्‍ते की कुंजी है।

भावनात्मक परिपक्वता

हर पुरुष को अपने साथी में एक परिपक्‍व महिला की तलाश रहती है। किसी को भी ऐसी पार्टनर की ज़रूरत नहीं होती जो भावनात्‍मक रूप से अपरिपक्‍व हो और रिश्‍ते पर दबाव बनाने का काम करे। अगर आप दोनों के बीच किसी बात को लेकर असहमति होती भी है तो आप दोनों को एक-दूसरे का नज़रिया समझ आना चाहिए। लड़कियों को बचपना दिखाने की बजाय ऐसे समय में परिपक्‍वता से काम लेना चाहिए। पुरुषों के लिए रिलेशनशिप में इमोशनल मैच्‍योरिटी होना बहुत ज़रूरी है। अगर आप अपने पार्टनर को खुश देखना चाहती हैं तो आपको अपने अंदर ये खूबी लानी होगी।

सहजता और सुरक्षा की भावना

हर पुरुष को रिलेशनशिप में अपने रिश्‍ते के बारे में निश्चिन्त रहने की चाहत होती है। उनके लिए अपने पार्टनर का साथ सुरक्षा की भावना पैदा करता है और ये उनके लिए बहुत ज़रूरी होता है। ये चीज़ दोनों के लिए ही बहुत महत्‍वपूर्ण होती है। ईमानदार और विश्‍वसनीय पार्टनर के साथ पुरुष ज़्यादा सहज महसूस करते हैं। रिलेशनशिप में सिक्‍योरिटी को लेकर लड़के भी लड़कियों की तरह ही होते हैं और वो हमेशा लड़कियों से इसके बारे में पूछते रहते हैं।

अपने तरीके से रोमांस

हर इंसान को अपने पार्टनर के साथ रोमांटिक होना पसंद होता है। अगर आप अपने पार्टनर के साथ रोमांटिक नहीं हैं तो उन्‍हें आपसे इसकी अपेक्षा होगी और आपका ऐसा ना करना उन्‍हें नाखुश कर सकता है। अपने प्‍यार को खोने से तो बेहतर होगा कि आप थोड़ा रोमांस करना सीख लें। हर पुरुष को ऐसी पार्टनर की चाहत रहती है जिसके साथ वो खुलकर रोमांस कर सकें। कई बार रोमांस की कमी की वजह से रिश्‍ते टूट जाते हैं और ये बेवजह की बहस का भी कारण बन सकता है।

सेक्‍स

हर इंसान को इसकी चाहत होती है। महिलाओं और पुरुषों दोनों को ही सेक्‍स की चाहत होती ही है। पुरुषों को ऐसी पार्टनर चाहिए होती है जो अपनी इंटिमेसी को लेकर उनसे खुलकर बात करे और उनके साथ सेक्‍स को इंजॉय करे। वैसे महिलाएं अपने पार्टनर से कम्‍युनिकेशन के द्वारा ज़्यादा कनेक्‍ट कर पाती हैं जबकि पुरुष अपनी पार्टनर से शारीरिक संबंधों के द्वारा कनेक्‍ट हो पाते हैं। इंटिमेट होना रिलेशनशिप का बहुत ज़रूरी हिस्‍सा है। हर पुरुष को अपने रिलेशनशिप में इन 6 बातों की अपेक्षा रहती है। अगर आप अपने पार्टनर को खुश देखना चाहती हैं तो उनकी इन उम्‍मीदों को पूरा करने की कोशिश ज़रूर करें। इससे आपके रिश्‍ते में प्‍यार और विश्‍वास और बढ़ेगा।

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