Monday, 23 December 2024

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हेयर फॉल : बच्चे के जन्म के बाद एकदम से बाल झड़ना शुरू हो जाते हैं।...... 

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महिलाओं में बाल झड़ने की समस्या कोई नई बात नहीं है, लेकिन बाल जब सामान्य से अधिक झड़ने लगें तो आपको चिंता होने लगती है। प्रेग्‍नेंसी के बाद अक्सर कई तरह की समस्‍याएं महिलाओं को आती हैं, जिसमें से एक है हेयर फॉल की समस्या। बच्चे के जन्म के बाद एकदम से बाल झड़ना शुरू हो जाते हैं। 
 
दरअसल बच्चे को जन्म देने के बाद आपका शरीर काफी कमजोर हो जाता है और उसमें कई विटामिंस और मिनरल्स की कमी हो जाती है। आमतौर पर डिलेवरी के बाद 5-6 महीने तक बाल झड़ने का सिलसिला जारी रहता है, क्‍योंकि शरीर का हार्मोन लेवल बहुत तेजी के साथ गिर जाता है।
 
आइए जानते हैं, कैसे आप पोस्ट प्रेग्‍नेंसी हेयर फॉल को कम कर सकती हैं...
 
1. कंडीशनर लगाएं :

बालों में कंडीशनर लगाना भी उतना ही जरुरी होता है जितना की शैंपू। अपने बालों (ऑइली, ड्राय या फिर नॉर्मल) के हिसाब से कंडीशनर चुनें।
 
2. बैलेंस डाइट लें :
 
बैलेंस डाइट जितनी प्रेग्‍नेंसी के दौरान जरुरी होती है उतनी ही पोस्ट प्रेगनेंसी भी जरुरी होती है। डिलेवरी के बाद आपके शरीर को रिकवर करने के लिए सही डाइट बहुत मददगार साबित होती है। यदि बैलेंस डाइट होगी तो उसका असर बालों पर भी दिखेगा।
 
3. हफ्ते में 2-3 बार सर की हल्‍के हाथों से मसाज करें। इससे सिर में ब्‍लड सर्कुलेशन बना रहेगा।
 
4. बालों में बार-बार कंघी ना करें और नरम दांत वाली कंघी का इस्तेमाल करें।
 
5. बालों में हार्ड केमिकल वाले कलर न करें।
 
6. तनाव लेने से भी बाल झड़ते हैं, इसलिए खुद को रिलेक्‍स रखें, योग या मेडिटेशन करें।
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ऐसे में तेजी से बड़े होते बच्चों के लिए हमें अपने घर को ही उनके लिए सुरक्षित बनाना पड़ेगा....

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बच्चे जब पांच साल से कम उम्र के होते हैं, तब वे घर में ही कई तरह की दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं। छोटे बच्चे जब घुटनों के बल चलता सीखते हैं, धीरे-धीरे खड़े होना सीखते हैं तब वे काफी जिज्ञासु होते हैं। इस दौरान वे हर चीज को हाथों में लेकर देखना और छूना चाहते हैं। बच्चों को इस उम्र में यह समझा पाना तो लगभग मुश्किल ही है कि कौनसी चीज छूने से उन्हें नुकसान हो सकता है। ऐसे में तेजी से बड़े होते बच्चों के लिए हमें अपने घर को ही उनके लिए सुरक्षित बनाना पड़ेगा और कुछ बातों में आपको ही सावधानियां बरतते हुए ध्यान रखना होगा।
 
आइए जानें वे बाते जहां ध्यान देने की जरूरत है...
 
1. अगर बच्चा करवट लेने लगा है तो जल्दी ही पलटने भी लगेगा, इसलिए उसे बिस्तर पर अकेला न छोड़ें।
 
2. अगर वह सरकने की कोशिश करने लगा है तो फर्श पर कोई भी नुकीली, धारदार, खुरदरी या छोटी-बड़ी चीज नहीं छोड़ी जानी चाहिए।
 
3. बच्चा सहारा लेकर खड़ा होना सीख रहा है तो टेलीफोन या गुलदस्ते इत्यादि उसकी पहुंच से दूर रखें।



 
4. सफाई के काम में आने वाले पावउर, एसिड इत्यादि बंद अलमारी या ऊंचे स्थान पर रखें।
 
5. सभी प्रकार की पिनों, सुइयों, कैंचियों, छुरी, काँटे, चम्मच, माचिस, लाइटर, चाकू तथा अन्य प्रकार की पैनी वस्तुए भी दूर रखें।
 
6. मिक्सी, ओवन, हीटर, टोस्टर इत्यादि काम में न ले रहे हों तो प्लग निकाल कर रखें।
 
7. कांच व चीनी मिट्टी के बर्तन बच्चों की पहुंच से बाहर या फिर बंद अलमारियों में रखें।
 
8. खाने-पीने की खासकर गरम वस्तुएं ऐसी जगह न रखें, जहां से बच्चा बर्तन खींचकर अपने ऊपर गिरा ले।
 
9. किचन का कोई भी काम बच्चे को गोद में लेकर न करें। और जहां तक संभव हो उसे रसोईघर से दूर ही रखें।
 
10. बच्चे आसपास हों तो चाय, कॉफी के कप सेंटर टेबल पर न रखें, न ही बच्चे के ऊपर से एक-दूसरे को गरम पेय का कप या ग्लास पकड़ाएं।
 
11. बिजली के सभी तारों की जांच कर लें कि वे सही-सलामत हैं या नहीं? बिजली के सभी पॉइंट्स सेफ्टी सॉकेट कवर से ढंककर रखें। टीवी, वीडियो के तार लटकते न छोड़ें।
 
12. घरेलू साफ-सफाई में इस्तेमाल होने वाले एसिड, फिनाइल व मच्छरों को भगाने की टिकिया या लिक्विड इत्यादि ड्रॉअर में रखें। सभी प्रकार की दवाएं व सौंदर्य प्रसाधन बच्चों की पहुंच से दूर, बंद अलमारी में रखें।


 
 
13. कभी भी बच्चे को स्नानघर में अकेला न छोड़ें।
 
14. अगर बच्चे को नहलाने के लिए गर्म पानी तैयार कर रहे हों, तो टब/बाल्टी में पहले ठंडा पानी डालें। वॉटर हीटर प्लग निकालकर ऊंचाई पर रखें।
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अनसेफ सेक्‍स में आप कई तरह के यौन संचारित रोग या STD's के चपेट में आने के साथ अपने पार्टनर को भी संक्रमित कर सकते हैं।......

 




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मानसून आते ही दो चीजें बहुत अच्‍छी लगने लगती है एक तो गरमगर्म चाय और पार्टनर के साथ रोमांस। ये सीजन इतना खुशनुमा होता है कि आप चाहकर भी अपने पार्टनर की बांहों में खुद को जाने से रोक नहीं सकती है। बरसात के इस रोमांटिक मौसम में हर कपल रोमांस के ल‍िए वक्‍त और समय निकाल ही लेता है। जैसे हर चीज के दो पहलू होते है वैसे ही यह मौसम कितना रोमांटिक क्‍यों न लगें लेकिन यह अपने साथ ढेरों संक्रामक बीमारियां भी लेकर आता है। इस मौसम में खान पान से लेकर पर्सनल हाईजीन की बहुत केयर करनी पड़ती है।

चाहे आप अपने पार्टनर के साथ इंटीमेट होने का भी सोच रहे हैं तो भी! जी हां अनसेफ सेक्‍स या साफ सफाई के अभाव में आप कई तरह के यौन संचारित रोग या STD's के चपेट में आने के साथ अपने पार्टनर को भी संक्रमित कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि बारिश के मौसम में सेक्‍स करने से आपको कौन-कौन सी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

यूरिन इंफेक्‍शन

बारिश के मौसम में यौन सम्बन्ध के समय साफ सफाई का ध्यान नहीं रखना यूरिन इन्फेक्शन होने का एक बड़ा कारण है। यूरिन में इन्फेक्शन 16 से 35 वर्ष की महिलाओं को अधिक होता है।

बुखार या ठंड लगने पर

बारिश के मौसम में भीगे बदन सेक्‍स करने से आपको सर्दी, जुकाम और यहां तक कि बुखार भी हो सकता है। यही नहीं यदि इस मौसम में अगर आपके पार्टनर को पहले से ही सर्दी-जुकाम है तो वह सक्रंमण आप तक पहुंच सकता है। संक्रमण के प्रकोप से बचने के लिए सेक्‍स से दूर रहें।

जेनाईटल हर्पीस

हर्पीस एक यौन संचारित रोग है जो बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन की वजह से होता है। इस मौसम में यदि आप यौन संबन्‍ध बनाते हैं तो इस रोग की सम्‍भावना बढ़ जाती है। जब भी कोई संक्रमित व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के साथ सम्बन्ध स्थापित करता है तो उस समय यह वायरस दूसरे व्यक्ति के जननांगों में प्रवेश कर जाता है और त्वचा की तंत्रिका तंत्रों के जरिए फैलने लगता है। इसमें जननांगों के आस पास छाले और फोड़े निकल आते हैं। इसके अलावा ये रोग योनि यीस्ट संक्रमण, बैक्टीरिया संक्रमण या मूत्राशय में संक्रमण के कारण भी यह रोग हो सकता है।

लुब्रिकेशन में कमी

बारिश में सेक्‍स करने पर नेचुरल लुब्रिकेशन काम नहीं करता। ऐसे में बाहर बारिश के पानी और अंदर नमी आपके प्राकृतिक लुब्रिकेंट्स को प्रभावित कर सकता है। तो अगर आप बारिश में यौन संबंध बना हैं, तो यह आपके और आपी पार्टनर के लिए दर्दनाक हो सकता है।

हो सकता है गोनेरिया

बारिश में ओरल सेक्‍स करने का आपके पार्टनर के ल‍िए खतरनाक साबित हो सकता है क्‍योंकि इस मौसम में बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन तेजी से फैलते हैं वहीं अगर ओरल सेक्‍स किया जाए तो gonorrhoea जो एक से तरह का यौन संचारित रोग है और महिलाएं इसकी ज्यादा शिकार होती हैं। ये रोग गले से होते हुए जननांगो तक फ़ैल सकता है। जिस वजह से पुरुषों के पेल्विक हिस्से में दर्द और महिलाओं को पेशाब करते समय जलन होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

 अनचाही प्रेगनेंसी का डर

मानसून में कम लुब्रिकेशन की वजह से अक्‍सर समस्‍याएं तो बढ़ती है ऐसे में अगर आप सेक्‍स का रोमांच बढ़ाने के ल‍िए बिना कंडोम के सेक्‍स करने की सोच रहे हैं तो इससे आपकी पार्टनर को प्रेगनेंसी का चांस तो रहेगा ही साथ में दोनों को एसटीडी रोग और स्‍किन इंफेक्‍शन भी फैल सकता है।

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लेबरपेन को करना चाहती हैं कम, तो अपनाइएं ऑर्गेस्मिक चाइल्डबर्थ प्रोसेस.....



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प्रत्येक महिला निश्चित रूप से इस तथ्य से सहमत होगी कि उसके लिये मां बनने का अनुभव इस दुनिया में एक नया जीवन लाने जैसा है। लेबरपेन और बच्चे को जन्म देना वास्तव में आनंददायक है। चाइल्डबर्थ एक दोहरा अनुभव है जिसमें आनंद और कठिनाइयों का समावेश होता है। आपके द्वारा किया गया संभोग, बच्चे के जन्म के रूप में जाना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह वास्तव में क्या है, या सटीक होना, वास्तव में इससे गुजरना कैसा लगता है? क्या आपके और आपके बच्चे के लिये लेबरपेन के दौरान हस्तमैथुन करना गलत है? लेबरपेन के दौरान अगर आप संभोग करते हैं तो आपके शरीर को शांति और आराम मिलता है? संभोग के बारे में और जानने के लिये पढ़ें और इसका चयन करने से आपकी डिलीवरी एक बहुत ही सुखद आनंददायक क्षण में बदल सकती है।

क्या है ऑर्गेस्मिक बर्थ?

लेबरपेन हमेशा अत्यधिक दर्द, संकुचन के घंटे और पीड़ा जैसे शब्दों से जुड़ा हुआ है। लेकिन क्या होगा यदि आप चाइल्डबर्थ के पलों को एक उत्साही पलों में बदल सकते? आप बच्चे के जन्म के दौरान होने वाले लेबरपेन को एक संभोग के जरिए सुखद बना सकते हैं। जब आप डिलीवरी के लिए जाती हैं तो हार्मोन ऑक्सीटॉसिन बड़ी मात्रा में रिलीज हो जाता है। ऐसा होता है कि प्लेसेंटा वितरित होने पर न्यूनतम रक्त हानि होती है। जब महिला बच्चे को जन्म देती है, स्तनपान कराती है और संभोग करती है तब वह उच्च स्तर पर ऑक्सीटॉसिन का अनुभव करती है। इसलिये ऑक्सीटॉसिन को 'प्यार का हार्मोन' भी कहा जाता है। जब एक महिला बच्चे को जन्म देती है तो उसके शरीर में ऑक्सीटॉसिन के स्तर में वृद्धि होने लगती है। जब वे बच्चे को जन्म देती है तो वो वही महसूस करती है जो वह यौन संभोग के दौरान महसूस करती है क्योंकि ये एक ही हार्मोन होता है।

ऑर्गेस्मिक बर्थ प्राप्त करने की विधि

चाइल्डबर्थ और यौन संभोग के दौरान इसी प्यार हार्मोन की बड़ी भूमिका होती है। जब आप भीड़ से दूर जाकर अपने पार्टनर के साथ निजी क्षणों को इंजॉय करते हैं तो ऑक्सीटॉसिन का स्तर बढ़ता है इसलिये इसे कभी-कभी 'शर्मीली हार्मोन' भी कहा जाता है। तेज़ रोशनी में ऑक्सीटॉसिन का स्तर नीचे हो जाता है लेकिन जब आप मंद रोशनी में होते हैं तो इसका स्तर बढ़ जाता है। इसलिये संभोग करने का मुख्य विचार आराम से और बिना परेशानी के आता है। यदि आप हॉस्पिटल में हैं तो आपके चारों ओर डॉक्टर और नर्स होंगी, फिर आपको अपने साथी के साथ हस्तमैथुन करना और अंतरंग होने का चयन करना काफी चुनौतीपूर्ण होगा, तो इस वक्त आप बुद्धिमानी से काम लें। यदि आप संभोग के द्वारा डिलीवरी चाहती हैं तो डॉक्टर या दाई को पहले से ही सूचित करें और उनसे सुझाव में ले लें।

ऑर्गेस्मिक बर्थ एक विवादास्पद विषय

कई लोगों के लिये ऑर्गेस्मिक चाइल्डबर्थ एक विवादास्पद विषय हो सकता है। ऑर्गेस्मिक चाइल्डबर्थ को उत्साही प्रसव के रूप में भी जाना जाता है, जिसके बारे में हर महिला को पता होना चाहिए। डिलीवरी के वक्त एक महिला अच्छी तरह से इन संभोग के सुखद पलों का अनुभव कर सकती है। लेकिन इसके साथ कई कलंक भी जुड़े हैं। लेबरपेन के दौरान हस्तमैथुन वास्तव में आपके पेन को कम कर सकता है और निश्चित रूप से आपके साथी के साथ एक सुखद क्षण बना सकता है।

विभिन्न अध्ययनों के मुताबिक, ऑर्गेस्मिक चाइल्डबर्थ का अनुभव विश्वस्तर पर केवल 0.3 प्रतिशत महिलाओं द्वारा ही किया जा चुका है। अगर इसकी संख्या को ध्यान में रखा जाए तो यह माना जा सकता है कि दुनियाभर में अभी भी ऐसे लोग हैं जो इसे वर्जित मानते हैं।

ऑर्गेस्मिक चाइल्डबर्थ को माना जाता है एक टैबू

उन लोगों को कुछ भी नहीं कहा जा सकता है, जो पहले से ही अपने दिमाग में ये सोच लेकर बैठे हैं। लेकिन जब आप लेबरपेन के क्षणों से गुज़रते हैं, तो क्यों न आप इस बर्थिंग प्रक्रिया के ज़रिए इसे सुखदायक बनाएं। उन बातों पर ध्यान न दें जिन्हें आप अभी तक देख रहे थे, क्योंकि तब आप बच्चे थे। समय बदल गया है और आप पूरे विश्वास के साथ सर्वश्रेष्ठ तरीके को चुन सकते हैं।

ऑर्गेस्मिक चाइल्डबर्थ के ज़रिए बच्चे को जन्म देना ज़रूरी नहीं है, लेकिन यदि विचार करें कि अगर संभोग के द्वारा बच्चे का जन्म चुना जाता है तो लेबरपेन निश्चितरूप से एक सुखद अनुभव बन सकता है। यह सब आपके आरामस्तर पर निर्भर करता है। अब आपको निर्णय लेने की ज़रूरत है कि लेबरपेन से आपके गर्भवती शरीर को तुंरत मेडिकल की ज़रूरत होगी, दूसरी ओर जब तक कि आप सुंकचन की चोटी तक नहीं पहुंच जाते हैं और आपका शरीर डिलीवरी करने के लिये तैयार नहीं हो जाता है तब तक आप सुखद और निजी क्षण बिता सकते हैं।

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