Sunday, 22 December 2024

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मानसून में वजाइना इंफेक्‍शन होने के खतरे सबसे ज्‍यादा रहते है।......




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मानसून का मौसम गर्मी से राहत देने के साथ कई सारे इंफेक्‍शन और बीमारियों को भी साथ लेकर आता है। मानसून के मौसम में मौसमी बीमारियों का खतरा तो रहता ही है, साथ ही में इस मौसम में ह्यूमिडिटी और नमी की वजह से कई समस्‍याएं हो सकती है, इनमें से एक है महिलाओं में होने वाला वजाइना इंफेक्‍शन। जी हां मानसून में वजाइना इंफेक्‍शन होने के खतरे सबसे ज्‍यादा रहते है। इस मौसम में मानसून के मौसम में महिलाओं को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। इस मौसम में उन्‍हें अपने वजाइना या प्राइवेट पार्ट की साफ सफाई का खास तौर पर ध्‍यान रखना चाह‍िए। बरसात के मौसम में उमस और नमी ज्यादा होती है, जिसकी वजह से कवक, बैक्टीरिया, कीटाणुओं का प्रकोप बढ़ जाता है। महिलाओं में कई बार इंफेक्शन की वजह भी यही होता है। मानसून के दौरान होने वाली सबसे आम समस्या वजाइना कैंडिडिआसिस है, जो फंगल इंफेक्शन की वजह से होता है। जरूरत से ज्यादा डिस्चार्ज और सेक्स के समय दर्द होना इसका प्रमुख लक्षण हो सकता है। वजाइनल इंफेक्शन से बचने के लिए सबसे जरूरी साफ-सफाई होती है  

टिप्स जो आपको वजाइनल इंफेक्शन से रखेंगे दूर

डेली रुटीन में वजाइना की सफाई

आपको अपने शरीर की साफ-सफाई की तरह ही वजाइना को भी केयर की जरूरत होती है। इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। रोजाना स्वच्छता का ध्यान आपको इंफेक्शन से बचा कर रखता है। दिन में दो बार आपनी वजाइना को साफ करने की आदत डालें।

अंडरगारमेंट का ध्‍यान रखें

मानसून का मौसम हो या गर्मी का हमेशा ध्यान रखें कि जब नमी आपके वजाइना के आस-पास बनी रहेगी तो उतना ही इंफेक्शन का भी डर रहेगा। इसलिए सूती अंडरगारमेंट पहनें और इसे आदत में लाए। सूती अंडरगारमेंट नमी को सोख लेते हैं और हवा का संचार आसानी से होता है। किसी कारण से अगर अंडरगारमेंट गीला हो जाता है तो उसे ज्‍यादा देर तक ना पहनकर बैठे, तुरंत ही बदल दें। गीले अंडरवियर पहनने से बैक्‍टीरिया पनपने से वजाइना इंफेक्‍शन होना आम सी बात है।

सेक्‍स करने के बाद

सेक्स करने के बाद आप अपनी वजाइना की विशेष साफ-सफाई करें यह इंफेक्शन की संभावना को कम कर देता है। इंटरकोर्स के बाद अगर आप शॉवर लेती है तो ये बहुत अच्‍छी बात है। हर बार साबुन से वजाइना को धोने की जरुरत नहीं है। क्‍योंकि इससे वजाइना में ड्रायनेस बढ़ती है।

कंडोम का करें उपयोग

कंडोम के प्रयोग से वजाइना का पीएच लेवन बना रहता है। सेक्स करते समय सुरक्षा का उपयोग हमेशा लाभदायक होता है। यह कई तरह के संक्रमण को फैलने से रोकता है। इसके अलावा अगर लगता है कि आप वजाइना इंफेक्‍शन की चपेट में आ चुके ही तो साथी से दूरी बनाकर चलें।

ज्‍यादा न धोंए

अगर आपको लग रहा है कि इस मौसम में आपको बहुत ज्‍यादा व्‍हाइट डिस्‍चार्ज हो रहा है तो अधिक स्‍त्राव से बचने के ल‍िए आपको बार-बार योनि को साफ करने की जरूरत नहीं है। बार-बार धोने से आपको जलन हो सकती है, जो आगे चलकर संक्रमण में बदल सकती है। इसलिए धोने के बजाय टिशू पेपर या किसी साफ सूती कपड़े से साफ करना बेहतर विकल्‍प है।

ढ़ीले कपड़े पहनें

योनि को स्‍वस्‍थ और स्‍वच्‍छ रखने के लिए ज्‍यादा टाइट अंगवस्‍त्र न पहनें। आपको चाहिये कि आप खुले व ढ़ीले अंडरगार्मेंट पहनें।

खुशबूदार साबुन से करें परहेज

आपको खुशबूदार साबुन और टायलेट पेपर से परहेज करना चाहिये। इनमें मौजूद कैमिकल्‍स से आपको संक्रमण हो सकता है इसेके अलावा वजाइना में ड्रायनेस भी महसूस कर सकते है। जहां तक हो सकें सिर्फ पानी से ही वजाइना को धोएं। क्‍योंकि वजाइना में नेचुरल पीएच लेवल होता है जिस वजह से आपको अतिरिक्‍त केमिकल प्रॉडक्‍ट से धोने की जरुरत नहीं होती है।

पीरियड पर ज्‍यादा ध्‍यान दें

पीरियड का समय इंफेक्शन के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। इस समय हर किसी को अपनी वजाइना की साफ-सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए। बारिश के दिनों में पेड की नमी वजह से भी आपको खुजली या रेशेज जैसी समस्‍याएं हो सकती है। इसल‍िए इन चीजों से बचने के ल‍िए समय-समय पर सफाई जरुरी है। इसलएि और हर 4 घंटे पर या अधिकतम 6 घंटे में सेनिटरी नैपकिन को जरुर बदलें।

खूब पानी पियें

शरीर को डिटॉक्‍स करने के ल‍िए पानी सबसे बढि़या विकल्‍प है। अधिक मात्रा में पानी पीने से आपके शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा इस मौसम में स्विमिंग करने से बचें क्‍योंकि पूल के पानी में बहुत बैक्‍टीरिया हो सकते है। और मानसून में स्विमिंग पूल भी आपको बीमार कर सकता है। अगर आप स्विमिंग करती है तो स्विमिंग के फौरन बाद अपना बाथिंग सूट उतार दें, क्‍योंकि इससे संक्रमण का खतरा होता है।


 

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 कई बार ऐसा क्यों होता है कि आपके जीवन में कोई आ भी जाए तो उससे आपका रिश्ता लंबे समय तक नहीं बने रह पाता?

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जीवन में हर कोई चाहता है कि उन्हें एक ऐसा साथी गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड व पति-पत्नी के रूप में मिल जाए जिससे वे अपने मन की हर बात बिना हिचहिचाहट कह सकें, एक ऐसा साथी जो आपको पूरी तरह से समझता हो। लेकिन कई बार ऐसा क्यों होता है कि आपके जीवन में कोई आ भी जाए तो उससे आपका रिश्ता लंबे समय तक नहीं बने रह पाता? क्या आपके साथ भी ऐसा होता है? यदि हां, तो जरा सोचिए कि जो बातें यहां बताई जा रही है कहीं आप में भी तो यह आदतें नहीं है? जिस वजह से आपका साथी हर बार आपको छोड देता है!

1. समय : कोई भी रिश्ता गहराने के लिए समय मांगता है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ दोस्ती या रिश्ते कि शुरूआत में ही ज्यादा समय निवेश करके आप सोचे कि अब तो बात पक्की हो गई है और अब तो आपका रिश्ता जग जाहिर हो गया है, इसे नाम मिल गया है तो आप निश्चिंत होकर रह सकते हैं, अब यह रिश्ता पूरी जिदंगी बना रहेगा। यदि आप ऐसा सोचते हैं तो संभल जाएं। रिश्तों को ताउम्र बनाए रखने के लिए समय रूपी पानी से सिंचना होता है तब ही वे फलते-फुलते हैं। 

 

2. समझौता : दो अलग-अलग लोगों की सोच सभी मसलों पर कभी भी एक समान नहीं हो सकती। क्या जब आपके साथी की सोच आपसे नहीं मिलती तो आप उन्हें गलत बता कर उन पर इल्जाम लगाना शुरू कर देते है? अगर ऐसा करते हैं तो यह रिश्ता लंबा नहीं चलेगा। अगर चल भी गया तो एक दूसरे के लिए सम्मान नहीं रह पाएगा। जब आपके साथी और आपके किसी मसले पर विचार अलग हों ऐसे में आपको उनके अलग विचार का भी सम्मान रखना चाहिए और अपनी राय उन पर नहीं थोपते हुए कोई ऐसा हल निकालना चाहिए कि आप दोनों का मन रह जाए और थोड़ा-थोड़ा समझौता दोनों कर लें। हर समय यदि आपका साथी ही समझौता करेगा तो ऐसे में कभी न कभी वो आपको छोड़ने में ही समझदारी समझेगा।

3. संवाद :
नियमित अपनी रोजमर्रा की बातें अपने साथी से शेयर करना बेहद जरूरी है। जहां आपने संवाद कायम रखने में ढील दी वहीं रिश्ता भी ढीला होने लगता है। आपका साथी आपके जीवन का हिस्सा तभी बने रह सकता है जब उसे आपसे जुड़ी छोटी-बड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें पता हों। जब अपने सूख-दुख आप उसे बताकर अपना दिल हल्का
करते हो और उसके भी सुनने के लिए आप समय पर उपलब्ध रहते हों।
 
4. दखलअंदाजी : आज के दौर में जब कई बार लोग देर से शादी का निर्णय लेते हैं या देर से उनके जीवन में कोई साथी आता है तो ऐसे में ज्यादा संभावना है कि उन्हें अपने हिसाब से अकेले रहने की आदत हो चूकी होती है। और जब उनके जीवन में किसी साथी का प्रवेश होता है तो उन्हें खुशी तो बहुत होती है लेकिन उन्हें साथ रहना नहीं आ पाता। जीवन में साथी के होने का सीधा सा मतलब है कि लाइफ में कुछ हद तक एक दूसरे कि दखलअंदाजी तो होगी ही। हो भी क्यों न आखिर आपके तौर-तरीके, रहन-सहन, कहां आप ज्यादा खर्च कर देते हैं, किस तरह के लोगों व दोस्तों से आपका मिलना-झुलना रहता है इन सभी बातों का आपके साथी के जीवन पर भी सीधे तौर पर असर पड़ता है। लंबे समय तक रिश्ते में रहना है तो आपको खुशी से ये जायज दखलअंदाजी सहन करनी होगी। आखिर आप भी तो अपने साथी की ये सारी बाते पूछते होंगे?
 
5. इगो : हर रिश्ते में कभी कभी कुछ मतभेद होते हैं, फिर रूठना-मनाना होता है। क्या हर बार आपका साथी ही आपको मनाता है? यदि हां तो समझ जाइये कि यह काम लंबा चलने वाला नहीं है। रिश्ता बराबरी मांगता है। हर बार कोई एक साथी के मनाने का मतलब है कि आपको अपने साथी की फिक्र नहीं है न ही रिश्ते को बचाने की। आपकी ज़िद को आप अपने साथी से उपर रखते हैं। ऐसा है तो आपके इगो के चलते आप अकेले रह जाएंगे, संभल जाएं।>
 
6. पूरानी यादें : यदि नया रिश्ता बनाने के बाद भी आप अपने किसी पूराने की याद में खोए रहते हैं, व उनसे किसी भी प्रकार से संपर्क में रहते हैं और उनके जैसी कोई बात अपने नए साथी में खोजते हैं तो संभल जाएं। हर एक व्यक्ति अलग होता है और उसे किसी और से तुलना किया जाना पसंद नहीं होता है। खासकर आपका साथी। कुछ बातें आपके नए साथी में अच्छी होगी कुछ बुरी लेकिन दोनों को खुले दिल से अपनाएंगे  तो रिश्ता लंबा चलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
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जिन महिलाओं की शादी की उम्र हो चुकी है वो इसे टालने में लगी रहती हैं। इन्हें लगता है कि ज़िंदगी शादी के बिना ही ज़्यादा खूबसूरत और बेहतर है।.....




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भारत में लड़की की शादी को लेकर घरवाले ज़्यादा चिंता करते हैं। हाल ही में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि भारत में जिन महिलाओं की शादी की उम्र हो चुकी है वो इसे टालने में लगी रहती हैं। इन्हें लगता है कि ज़िंदगी शादी के बिना ही ज़्यादा खूबसूरत और बेहतर है। ऐसी महिलाएं अपने करियर और ज़िंदगी बनाने को किसी आदमी के पैसे पर ज़िंदगी बिताने से ज़्यादा बेहतर समझती हैं।

आंकड़ों की मानें तो कई महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के बाद शादी करना चाहती हैं। इसके बाद वो खूब पैसा कमाना चाहती हैं, घूमना चाहती हैं और फिर शादी के बारे में सोचती हैं। लेकिन हमारे देश में शादी सिर्फ लड़की की ही नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार के लिए ज़रूरी होती है।

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भारत में महिलाओं की मानसिकता में काफी बदलाव आया है और अब शादी को लेकर भी उनकी सोच बदल गई है। अब महिलाओं की शादी की उम्र बढ़कर 30 तक पहुंच गई है और अब माता-पिता को भी शादी को लेकर ज़्यादा चिंता नहीं रहती है।

आज हम आपको भारतीय महिलाओं के कुछ ऐसे समझदारी भरे बहानों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से वो घर में अपनी शादी की बात से किनारा कर लेती हैं। तो चलिए जानते हैं कि शादी की बात को टालने के लिए क्या क्या बहाने बनाए जाते हैं।

पढ़ाई करनी है

घर में शादी की बात चलते ही लड़कियां अपनी आगे की पढ़ाई के बारे में सोचने लगती हैं। इस टॉपिक से बचने का ये सबसे पहला बहाना है।

अभी करियर पर ध्यान देना है

अब कई भारतीय महिलाएं अपने करियर पर ध्यान देने लगती हैं और इनमें से कई शादी करने से पहले अपने क्षेत्र में नाम कमाना चाहती हैं।

एक्स से प्यार करती हूं

कोई भी मर्द उस लड़की से शादी नहीं करेगा जो अब भी अपने पूर्व प्रेमी से प्यार करती हो। शादी की बात को टालने के लिए लड़कियां ये बहाना भी बनाती हैं।

अपने पैरों पर पहले खड़े होना है

ये एक समझदारी भरा फैसला है। आज कई महिलाएं घर में शादी की बात को टालने के लिए ये बहाना भी बनाती हैं कि घर और परिवार की ज़िम्मेदारी लेने से पहले वो अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हैं।

पहले बड़ी बहन की शादी

आज भी लड़कियां अपनी शादी की बात को टालने के लिए अपनी बड़ी बहन की शादी को मुद्दा बना देती हैं। आपने भी अपने घर में किसी ना किसी लड़की से ये बहाना तो सुना ही होगा।

 

अभी तक कोई खास नहीं मिला

ऐसी कई लड़कियां हैं जो लव मैरिज के सपने देखती हैं। ऐसे में उन्हें अपने परफेक्ट लाइफ पार्टनर और सपनों के राजकुमार का इंतज़ार रहता है। जी हां, शादी की बात से बचने के लिए समझदार लड़कियां अकसर ये बहाना बनाती हैं।

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ये विषय महिलाओं के स्‍वास्‍थय से जुड़ा अहम हिस्‍सा होता है।.....

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मह‍िलाएं अपनी पर्सनल हाइजीन को लेकर बहुत सर्तक रहती है, वो अपने शरीर के हर ह‍िस्‍से की सफाई का पूरा ध्‍यान रखती है लेकिन कुछ महिलाएं होती है जो प्राइवेट पार्ट की सफाई को नजरअंदाज करती हैं, जो कि सरासर गलत है। क्‍योंकि ये विषय महिलाओं के स्‍वास्‍थय से जुड़ा अहम हिस्‍सा होता है। कई महिलाएं प्राइवेट पार्ट की सफाई और इससे जुड़े विषयों पर बात करने से कतराती है और कई तरह के भ्रम दिमाग में बिठा लेती है। महिलाओं को ये बात समझनी जरुरी है कि वजाइना की केयर और सफाई उतनी ही जरुरी है जि‍तनी की शरीर के बाकी हिस्‍सों की सफाई जरुरी है। हम आज वजाइना हेल्‍थ से जुड़े विषयों के बारे में। ये बातें तो आपको पता होनी ही चाहिए!

वजाइना से आने वाली गंध

हर किसी की बॉडी की अपनी एक अलग महक होती है। हो सकता है कभी आपको ऐसा लगे कि आपकी वजाइना से ऐसी कोई महक आ रही है, तो इससे परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि कई बार पसीने और डिस्चार्ज की वजह से भी ऐसा होता है। बस एक नॉर्मल वॉश के बाद यह बंद हो जाएगी। लेकिन अगर आपको लगता है कि ऐसा लगातार हो रहा है और ये महक बहुत तेज़ है तो एक बार अपनी डॉक्टर से चेकअप करा लेने में कोई दिक्कत नहीं है।

प्‍यूबिक हेयर हटाने जरुरी है?

प्‍यूबिक हेयर को आप ट्रिम करना चाहती हैं या हटाना चाहती हैं ये आपको सोचना चाहिए क्‍योंकि इससे आपकी वजाइनल हेल्थ पर कोई effect नहीं पड़ता। बस इन्हें रिमूव या शेव करते समय सावधानी बरतें। ताकि कहीं कट न लग जाए।

व्‍हाइट डिस्‍चार्ज होना

वजाइना से होने वाला व्‍हाइट डिस्चार्ज पूरी तरह से सामान्‍य है। व्‍हाइट डिस्‍चार्ज इस बात का संकेत है कि आपका वजाइना स्‍वस्‍थ है। व्‍हाइट डिस्‍चार्ज एक प्रकिया जिससे कि आपका वजाइना स्‍वस्‍थ रहता है। पी‍रियड के बाद होने वाले डिस्चार्ज को लेकर परेशान न हों। अगर जब तक आपके डिस्‍चार्ज का रंग सफेद की जगह हल्का पीला या हल्‍का लाल न हो जाएं या इससे बदबू आनी शुरु हो जाए तो आपको ग्‍यानी से जाकर मिल आना चाहिए।

स्‍पोटिंग का होना

अगर Periods से पहले या इसके बाद आपको irregular spotting होती है तो आपको ये सिंबल है कि internal problem है और आपको बिना देर किए Gynae से कंसल्ट करना चाहिए।

वजाइना में ड्रायनेस

वजाइना में ड्रायनेस होना एक आम समस्या है। इसलिए इसको लेकर परेशान न हों। ये हार्मोनल बदलाव या Stress की वजह से भी हो सकता है। वजाइना में सूखापन के कारण संभोग के दौरान आपको बहुत दर्द हो सकता है। इस दिक्‍कत को दूर करने के ल‍िए डॉक्‍टर से सलाह लें।

प्राकृतिक लुब्रीकेंट

महिलाओ की योनि में प्राकृतिक लुब्रीकेंट (स्नेहक) पाया जाता है. जिसे स्कुआलेन भी कहते है। जो संभोग के दौरान नेचुरल तरीके से योनी को लुब्रीकेंट करता है ताकि महिलाओं को संभोग के दौरान दर्द न हो।

134 बार चरमसुख की करती है प्राप्ति

कई लोगों का मानना है कि महिलाओं का आसानी से ऑर्गेज्‍म नहीं आता है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि महिलाए एक घंटे के समयकाल के दौरान 134 बार चरमसूख तक पहुंच पाने में सफल होती है। वही पुरुष केवल 16 बार चरम सुख तक पहुंचने में सफल होते है।

क्लिोटोरिस

क्लिोटोरिस, वुल्‍वा के सबसे अंदर का छोटा और सेंसेटिव भाग होता है। सेक्स को दौरान बहुत अधिक उतेजना या मास्‍टररबेट से भी Clitoris में दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा लंबे समय तक स्किनी जींस पहनना भी कई बार दिक्कत भरा हो सकता है।

वजाइना के शेप में फर्क

ये आसानी से फैलने और मान लिया जाने वाला भ्रम है कि जो महिलाएं लंबे समय तक सेक्सुअली बहुत ज्यादा एक्टिव रहती हैं, उनकी वजाइनल मसल्स ढ़ीली पड़ जाती है। जबकि जो महिलाएं कम सेक्स करती हैं उनके साथ सेक्स करने में पुरुषोंको ज्यादा आनंद मिलता है। या वो खुद भी सेक्स को ज्यादा एंजॉय कर पाती हैं। दरअसल वजाइना की मसल्स के टिश्‍यू Naturally सिकुड़कर अपनी शेप में आ जाते हैं। इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप सेक्‍सुअली कितनी एक्टिव हैं।

वजाइना का साइज़ और कलर

Internet या दूसरे mediums पर देखने के बाद कई बार आपको लग सकता है कि आपकी vagina या labia (the outer lips ) का शेप या कलर तो ऐसा नहीं है। अगर आपको कभी भी ऐसा लगा है तो इसे लेकर परेशान न हो। हमारे Body Parts उनका कलर या साइज़ दूसरों से लाइट, डार्क, छोटे या बड़े हो सकते हैं। asymmetrical labia भी पूरी तरह Normal है।

फटती नहीं है हाइमन

आपने अक्‍सर सुना होगा कि पहली बार शारीरिक सम्‍बंध बनाने पर हायमेन फट जाती है और खून निकलता है जिससे ही महिला के कौमार्य का पता चलता है। यह बात सिर्फ एक मिथक है। यह कभी फटती नहीं बल्कि खींचती है। यह कोई बुलबुला या दाना नहीं है बल्कि ऊतक का एक हिस्‍सा है। डिलीवरी और सेक्‍सुअली एक्टिव रहने के कारण हाइमन की संरचना में बदलाव आ जाता है, इस दौरान इसमें आने वाले परिवर्तन को साफ तौर पर देखा जा सकता है। यह बहुत स्‍मूथ और आसानी से स्‍ट्रेच हो जाता है।


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