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सूर्य से यूवी किरणें शरीर पर अधिक पड़ने से त्वचा कैंसर हो सकता है. हालांकि, जिस तरह लोगों के लिए बहुत अधिक धूप से खुद को बचाना जरूरी है, उतना ही जरूरी है कि आप धूप में कुछ समय जरूर बिताएं. धूप विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स माना जाता है, इसके साथ ही धूप से कई जैसे तत्व भी मिलते हैं जो सेहत से जुड़े कई फायदे पहुंचाते हैं. खासकर सर्दियों में धूप सेंकना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है.
सूरज की रोशनी से विटामिन डी लेने के फायदे
1) नींद में सुधार
आपका शरीर मेलाटोनिन नामक एक हार्मोन बनाता है जो आपको सोने में मदद करता है. सुबह में एक घंटे की धूप आपको बेहतर नींद में मदद कर सकती है. सर्दियों में आप दिन के समय जितनी देर धूप में रहते हैं, सोने के समय आपका शरीर मेलाटोनिन का उत्पादन उतना ही बेहतर करता है.
2) मजबूत हड्डियां
सूरज की किरणें विटामिन डी का बेहतरीन सोर्स होती हैं. सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर हमारा शरीर विटामिन डी का उत्पादन करता है. विटामिन डी आपके शरीर में कैल्शियम बनाए रखने में मदद करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है.
3) वजन कम करने में मददगार
सुबह-सुबह की धूप वजन कम करने में मददगार होती है. हर दिन सुबह 8 से 9 के बीच आप आधे घंटे के लिए बाहर धूप में बैठे तो आपको वेट लॉस करने में आसानी होगी.
4) इम्यूनिटी होती है स्ट्रॉन्ग
विटामिन डी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भी अहम है और सूरज की रोशनी के लगातार संपर्क में रहने से आप इसे मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं. धूप सर्जरी के बाद बीमारी, संक्रमण, कैंसर और मृत्यु दर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है.
डिप्रेशन में राहत
धूप में रहने से आपका मूड बेहतर होता है. धूप आपके शरीर के सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाती है, जो एक केमिकल आपके मूड को बेहतर बनाता है और आपको शांत और केंद्रित रहने में मदद करता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
मौसम चेंज हो गया है। सुबह और शाम के समय ठंड लगती है। दिवाली के बाद ठंडे पानी से नहाने में काफी दिक्कत होती है। ठंडे पानी से किसी तरह नहा तो लेते है लेकिन हेयर वॉश के समय काफी दिक्कत होती है। हेयर वॉश ठंडे पानी से करें या फिर गर्म पानी से करें।
ठंडे पानी से हेयर वॉश करने से सर्दी जुकाम होने का खतरना बना रहता है वहीं गर्म पानी से हेयर वॉश करने से बाल कमजोर होते है साथ ही बालों की शाइन भी खराब हो जाती है। ऐसे हेयर वॉश के लिए कौन सा पानी सही है इसक लेकर काफी कन्फ्यूजन रहती है। चलिए जानते हैं सर्दियों में बालों किस पानी से धोना चाहिए।
गर्म पानी से बाल धोना
गर्म पानी से हेयर वॉश करने से सर्दी जुकाम नहीं होता है, लेकिन गर्म पानी से हेयर वॉश करने से बाल फ्रिजी हो जाते है। गर्म पानी से हेयर वॉश करने से बाल डैमेज भी हो जाते है। सर्दियों में ठंडे पानी से हेयर वॉश करना आसान नहीं होता है, अधिकतर महिलाएं सर्दियों में गर्म पानी से हेयर वॉश करती हैं। हेयर वॉश करने से बाल पतले और फ्रिजी हो जाते है।
सर्दियों में ठंडे पानी से हेयर वॉश करना इतना आसान नहीं होता है। सर्दियों में बालों की देखभाल के लिए गुनगुने पानी से हेयर वॉश करना चाहिए। गुनगुने पानी हेयर वॉश करने से बालों को ज्यादा नुकसान नहीं होता है। हेयर वॉश के दौरान आप गुनगुने पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। गुनगुने पानी से बाल फ्रिजी नहीं होते है।
सर्दियों में हेयर वॉश के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- सर्दियों के समय हेयर वॉश के दौरान बालों में शैंपू ज्यादा समय तक नहीं रखना चाहिए। बालों में शैंपू ज्यादा देर के लिए बरसात और गर्मी के समय किया जाता है, क्योंकि उस समय बालों में काफी सीबम आता है। सर्दियों के मौसम में सीबम नहीं आता है तो शैंपू लगाकर जल्दी हेयर वॉश किया जा सकता है।
सर्दियों में हेयर वॉश के दौरान बालों को जल्दी से क्लीनिंग करना चाहिए ज्यादा देर तक बाल धोने से बालों की जड़ों का नेचुरल ऑयल कम हो जाते है जिससे बाल पतले और बेजान हो जाते है।
- सर्दियों में हेयर वॉश करने के बाद बालों में कंडीशनर लगाना चाहिए। बालों में ज्यादा कंडीशनर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ज्यादा कंडीशनर का इस्तेमाल करने से बाल पतले हो जाते है।
ड्राई फ्रूट्स या मेवों का सेवन सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इन्हें वास्तव में सुपरफूड कहा गया है, जो प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम, हेल्दी फैट्स, विटामिन बी और फाइबर से भरपूर होते हैं। जिसके कारण इनका सेवन करने से व्यक्ति को अधिक स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। यह एनर्जी का एक अच्छा स्त्रोत हैं, जो आपको अधिक एक्टिव रखने में मदद करते हैं। हालांकि, किसी भी चीज की अति क्षति का कारण बनती है। मेवों का अधिक सेवन भी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। नट्स की अधिकता आपकी स्किन और सेहत दोनों पर अपना प्रभाव छोड़ती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि नट्स के अधिक सेवन से क्या-क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं-
हो सकती है वजन बढ़ने की समस्या
मेवों में फाइबर अधिक होता है और इसलिए इसे वेट लॉस के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन जब आप आवश्यकता से अधिक नट्स का सेवन करते हैं तो इससे वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं, वजन बढ़ने से आपको मोटापा, महिलाओं में मासिक धर्म की समस्या व उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है। इसलिए, यह कहा जाता है कि सूखे मेवों का सेवन केवल सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। साथ ही आप ऐसे नट्स का सेवन करें, जिनका कैलोरी काउंट कम हो। मसलन-खजूर, खुबानी, क्रैनबेरी, ब्लूबेरी आदि।
आवश्यकता से अधिक ड्राई फ्रूट्स का सेवन गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। दरअसल, ड्राई फ्रूट्स में हाई फाइबर कंटेंट रेग्युलर बाउल मूवमेंट और ब्लड फ्लो को बेहतर बनाता है। लेकिन जब आप इसका अधिक सेवन करते हैं तो शरीर में फाइबर की अधिकता हो जाती है, जिससे सूजन, दस्त, पेट फूलना, ऐंठन और कब्ज हो सकती है। इसलिए ड्राई फ्रूट्स का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
बढ़ सकता है ब्लड शुगर
अगर आप मधुमेह पीड़ित हैं तो ऐसे में आपको मेवों का सेवन बेहद ही सीमित मात्रा में बरना चाहिए। दरअसल, अधिकांश सूखे मेवों में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जिसके कारण इसके सेवन से आपके ब्लड शुगर का लेवल तेजी से बढ़ सकता है। एनर्जी लेवल स्पाइक होने के साथ-साथ वह एकदम से गिर जाता है और आपको समस्या हो सकती है।
यूं तो सूखे मेवों में स्वाभाविक रूप से फ्रुक्टोज होता है जो हेल्दी माना जाता है। लेकिन बहुत सारे सूखे मेवों में अतिरिक्त शुगर को कोट किया जाता है, जिसके कारण वे अस्वस्थ हो जाते हैं। जब आप इनका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो इससे अतिरिक्त शुगर के कारण ना केवल आपका वजन बढ़ता है, बल्कि यह दांतों में सड़न की वजह भी बनता है। यह शुगर आपके दांतों में चिपक जाते हैं और दांतों में सड़न पैदा करते हैं। इसलिए इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि आप शुगर कोट मेवों का सेवन करने के बाद ब्रश करें।
हो सकती है अस्थमा की समस्या
आपको जानकर शायद हैरानी हो, लेकिन मेवों का अधिक सेवन अस्थमा की समस्या को जन्म दे सकता है या फिर उसे बढ़ा सकता है। दरअसल, सूखे मेवों को संरक्षित करने में सल्फर डाइऑक्साइड का उपयोग किया जाता है। इन सल्फर डाइऑक्साइड का बहुत कम मात्रा में सेवन करने से कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन अगर आप इसका सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, तो इससे एलर्जी और अस्थमा होने की संभावना बहुत अधिक होती है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि अस्थमा के रोगियों को सूखे मेवों का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। यहां तक कि अगर आप इसका सेवन करना चाहते हैं तो पहले एक बार डॉक्टर से इस विषय में बात अवश्य करें।
दाद एक ऐसी समस्या है, जिसका सामना अधिकतर लोगों ने कभी ना कभी किया ही है। दाद वास्तव में एक फंगल इंफेक्शन होता है, जो स्किन के उपरी हिस्से पर नजर आता है। यह आपकी स्किन के किसी भी हिस्से पर हो सकता है। यह एक सिक्के के आकार में दिखता है। आमतौर पर, दाद की समस्या होने पर व्यक्ति को खुजली का अहसास होता है। जिसके उपचार की आवश्यकता होती है। इसके लिए कुछ आसान नेचुरल उपाय अपनाए जा सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही आसान होम रेमिडीज के बारे में बता रहे हैं, जो दाद की समस्या का दूर करने में मदद कर सकते हैं-
साबुन और पानी से समस्या का हल
दाद को जल्द से जल्द ठीक करने के लिए आवश्यक होता है कि आप उस स्थान की स्वच्छता को बनाए रखें और उस एरिया को सूखा रखें। दरअसल, नमी की उपस्थिति में कवक तेजी से फैलता है। आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आप किसी भी उपाय को दाद पर लगाने से पहले उस एरिया को साबुन और पानी से साफ करें। हालांकि, सावधानी के साथ प्रयोग किया जाना चाहिए क्योंकि इससे त्वचा में जलन हो सकती है।
लहसुन को लोग दाद के उपचार के लिए इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, ऐसा कोई अध्ययन नहीं है, जो लहसुन को दाद के उपचार के लिए प्रभावी बनाता हो। लेकिन इसका उपयोग अक्सर संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है। इसलिए लोग दाद से राहत पाने के लिए लहसुन का इस्तेमाल करे। आप जैतून या नारियल के तेल में लहसुन की कलियों को कुचलकर उसका पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को अपी स्किन पर लगाएं और ढक दें। करीबन 2 घंटे तक इसे ऐसे ही छोड़ दें और फिर धो लें।
टी ट्री ऑयल
दाद के लिए टी ट्री ऑयल एक बेहतरीन घरेलू उपचार साबित हो सकता है। हालांकि, यह एक एसेंशियल ऑयल है, इसलिए इसे सीधे स्किन पर नहीं लगाना चाहिए। आप टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदों को नारियल के तेल में मिक्स करके कॉटन बॉल की मदद से स्किन पर अप्लाई करें। इस तेल के नियमित इस्तेमाल से आपको जल्द ही असर दिखने लगेगा।
हल्दी सिर्फ एक मसाला ही नहीं है, बल्कि यह एक बेहतरीन औषधि है। जिससे आप कई तरह की समस्याओं का इलाज कर सकते हैं। अगर आप स्किन के रोगों जैसे दाद, दाने, खुजली से परेशान हैं तो ऐसे में हल्दी का इस्तेमाल करें। हल्दी अपने विरोधी भड़काऊ गुण के कारण प्रभावी रूप से चकत्ते का इलाज कर सकती है। आप हल्दी में पानी या नारियल का तेल मिलाकर एक गाढ़ा पेस्ट बनाएं और उसे दाद और उसके आसपास के क्षेत्र पर लगाएं।
एलोवेरा
एलोवेरा स्किन को सूदिंग इफेक्ट दिलाता है, जिसके कारण यह दाद के कारण होने वाली खुजली व जलन से भी राहत दिला सकते हैं। इसके लिए आपको बस इतना करना है कि आप एलोवेरा की पत्ती को लेकर उसका जेल निकाल लें। अब इसे उस जगह पर लगाएं, जहां पर दाद है। इससे आपको काफी राहत मिलेगी।
मुलेठी स्किन संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक है। आप इसे दाद पर लगाने के लिए एक गाढ़ा पेस्ट बना सकते हैं। इसके लिए आप पेस्ट बनाने के लिए पानी में कुछ चम्मच पिसी हुई मुलेठी को मिलाकर उसे उबालें। एक बार जब यह उबल जाए, तो गैस को धीमा करके इसका एक गाढ़ा पेस्ट बनने दें। पेस्ट के हल्का ठंडा होने के बाद इस पेस्ट को अपनी स्किन पर लगाएं और उसे कुछ देर के लिए ऐसे ही रहने दें। अंत में आप अपनी स्किन को क्लीन करें।