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दंतेवाड़ा. माओवादियों के नापाक मंसूबे को जवानों ने नाकाम कर दिया. साल 2016 की तरह ही एक बार फिर नक्सली बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे. हालांकि जवानों मूस्तैदी दिखाते हुए 3 किलो का आईईडी बम बरामद कर लिया औऱ बड़ी घटना होने से टल गया.
मामला दन्तेवाड़ा सुकमा मार्ग का है. नक्सलियों ने इसी मुख्यमार्ग पर मैलेवाड़ा के पास 3 किलो का बम दबा दिया था. जिसे सर्चिग में निकली कुआकोंडा पुलिस के थानेदार जितेंद्र साहू और बड़े गुडरा की 195 बटालियन के जवानों ने बरामद किया है. बम्ब की खबर लगते ही बम निरोधक दस्ते ने बम की तस्दीक कर सकुशल बम बरामद कर बड़ी साजिश को विफल कर दिया है. बता दें कि नक्सलियों ने 2016 में इसी मार्ग पर ब्लास्ट किया था जिसमें 7 जवानों की शहादत हुई थी.
::/fulltext::रायपुर- कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ आगमन का दिन किसानों के लिये बड़ी सौगात लेकर आया है. जनघोषणा पत्र में किये गये वायदे के मुताबिक भूपेश सरकार ने आज से किसानों को 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान का भुगतान करना शुरु कर दिया है. आज बैंक खुलते ही प्रदेश के कई किसानों के खाते में धान के मूल्य की बकाया राशि आनी शुरु हो गई है.इससे पहले किसानों को धान पर 2050 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से राशि का भुगतान किया जा चुका था,लेकिन आज 450 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों की बकाया राशि का भुगतान किया जाने लगा है.
प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में किसानों के खाते में राशि आने की खबर आ रही है,जिससे किसानों के चेहरों पर खुशी दोगुनी हो गई है. किसानों ने सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया है. भूपेश सरकार से जुड़े आला सूत्रों ने जानकारी दी है आज से सहकारी समितियों में धान बेचने वाले किसानों को सीधे 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित कर दी गई है.मतलब आज से जो किसान धान बेचेगा,उसे पूरे 2500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान मिलने लगेगा.
निश्चित तौर पर आज का दिन प्रदेश के किसानों के लिये बड़ा दिन है,क्योंकि धान पर समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग और इस पर बहस पिछले कई सालों से होती रही है,लेकिन कांग्रेस की सरकार बनते ही सरकार ने दो घंटे के भीतर कर्ज माफी और धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये करने के अपने वादों को पूरा करते हुए पूरा कर दिया. 17 दिसंबर को शपथ लेने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कैबिनेट की पहली बैठक में किसानों के हित से जुड़े इन दो प्रमुख वादों को पूरा कर दिया.
::/fulltext::रायपुर। डिस्ट्रिक्ट माईनिंग फंड के नाम पर फिजूल के कामों पर अनाप-शनाप पैसा बहाने वाले कलेक्टरों की मुश्किलें अब बढ़ सकती है। भूपेश सरकार ने इसका रिव्यू कराने का फैसला लिया है। डीएमएफ के तहत विभिन्न माईनिंग से 27 जिलों को नवंबर 2018 तक 3336 करोड़ रुपए का अंशदान प्राप्त हुआ। इसमें से कलेक्टरों ने 2400 करोड़ रुपए खर्च कर डाला है। अधिकांश राशि गैर उपयोगी कार्यां में खर्च की गई। सरकार के करीबी अफसरों का कहना है कि कई कलेक्टरों ने अपनी छबि चमकाने के लिए करोड़ों रुपए बहा डाले। डीएमएफ के कामों में कमीशनखोरी का खेल भी जमकर हुआ। 27 में से आठ कलेक्टरांं के खिलाफ सरकार के पास पुख्ता शिकायत पहुंची है कि डीएमएफ के काम कमीशन लेकर स्वीकृत किया गया। पर्यावरण को दुरुस्त करने के लिए मिले पैसे से चेन्नई, मुंबई, बेंगलुरु की आईटी कंपनियों को लाखों रुपए भुगतान किए गए। दिल्ली की कई पीआर कंपनियां की इसमें चांदी हो गई। कलेक्टरों की ब्रांडिंग करने के लिए पीआर एजेंसियों ने पैसे लेकर नेशनल मीडिया में कलेक्टरों को हीरो बनाया।
ठीक ही कहा जाता है, योजनाएं तो हमेशा अच्छी ही बनती है। लेकिन, अफसरशाही और पालिटिशियन इसमें सेंध लगा डालते हैं। भारत सरकार ने डीएमएफ का प्रावधान ही इसलिए किया था कि माईनिंग इलाके के पर्यावरण और जनता के हितों की रक्षा के लिए इस राशि का उपयोग किया जा सकें। लेकिन, हुआ उल्टा। माईनिंग इलाके के विकास के लिए कलेक्टरों को इसलिए जिम्मेदार बनाया गया कि उन्हें नाहक राशि स्वीकृत कराने के लिए मंत्रालय के अफसरों एवं बाबुओं का चक्कर न लगाना पड़े। इसीलिए, कलेक्टरों को इसका चेयरमैन बनाया गया। डीएमएफ 21 लोगों की कमेटी होती है। इनमें तीन जनप्रतिनिधियों को सरकार मनोनित करती है। इसमें विधायक या सांसद कोई भी हो सकता है। तीन खदान मालिक और दो प्रभावित इलाके के सरपंच को कलेक्टर नामित करता है। इसके अलावा विभिन्न विभागों के 13 अफसर होते हैं, जो कलेक्टर के नीचे काम करते हैं। फिर, जिन खदान मालिक और सरपंच को कलेक्टर नामित करता है, वो भला कलेक्टर के खिलाफ कैसे जा सकता है। याने 21 में से 18 लोग कलेक्टर के होते हैं। तीन जो जनप्रतिनिधि होते हैं, वे भी कलेक्टर से अपना दो-एक काम कराके बाकी मामले में चुप्पी साध लेते हैं। लिहाजा, कलेक्टरों ने इस वीटो का दुरूपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वे करोड़ों रुपए के डीएमएफ के मालिक बन बैठे। अपने हिसाब से डीएमएफ को दो हाथों से लुटाए। हालांकि, कुछ दबंग जनप्रतिनिधियों ने भी इस डीएमएफ में जमकर डूबकी लगाई। कोरबा डीएमएफ में सबसे उपर है। हर साल वहां 450 करोड़ रुपए डीएमएफ में मिलते हैं। वहां प्रदेश के एक सांसद का बेटा डीएमएफ में काम करके पांच साल में करोड़ों की मिल्कियत खड़ी कर ली।
छत्तीसगढ़ में कोरबा के बाद दूसरे नम्बर पर दंतेवाड़ा आता है। दंतेवाड़ा में 250 करोड़ रुपए का डीएमएफ है। इसके बाद रायगढ़, सरगुजा, कोरिया, बालोद और बलौदा बाजार है।
दरअसल, अमूमन मामलों में कार्रवाई होती नहीं। इसलिए, किसी को कानून का डर रहता नहीं। मालूम है, इस तंत्र में कोई देखने वाला नहीं है। इसलिए, माईनिंग की धूल और प्रदूषण खाते रहे आम आदमी और पैसा खाए अफसर और नेता। कुछ एनजीओ वाले जरूर इसमें हल्ला मचा रहे हैं। लेकिन, जाहिर है, उनके इस हल्ला के पीछे क्या है। उन्हें भी अगर डीएमएफ में से कुछ खुरचन मिल जाएगा, तो वे भी जय-जय करने लगेंगे।
इस बारे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वास्तव में यह राशि खनन प्रभावित आबादी को हुई क्षति की भरपाई के लिए थी, लेकिन इसका उपयोग गैर जिम्मेदारी से किया गया। लिहाजा, हमने इसकी समीक्षा करने का निर्णय किया है। सीएम ने कहा कि हमने डीएमएफ के तहत चल रहे अनावश्यक निर्माण कार्यां पर रोक लगा दी है। ताकि, जनता का पैसा जनहित में इस्तेमाल किया जा सकें।
रायपुर. राजधानी रायपुर के अटलनगर स्थित राज्योत्सव मैदान में 28 जनवरी को आयोजित किसान आभार सम्मेलन के दौरान सुगम और सुचारू आवागमन हेतु यातायात पुलिस द्वारा यातायात निर्देशिका जारी की गई है। जिसके तहत दुर्ग-भिलाई राजनांदगांव और बालोद की ओर से कार्यक्रम में सम्मिलित होने हेतु आने वाले व्यक्ति टाटीबंध से रिंग रोड नंबर एक होकर पचपेढ़ी नाका चैक से राष्ट्रीय राजमार्ग 30 होकर ग्राम तूता स्थित पार्किंग स्थल क्रमांक पी-09 में अपने वाहन पार्क करेंगे।
इसी तरह धमतरी, कांकेर एवं बस्तर की ओर से कार्यक्रम में सम्मिलित होने हेतु आने वाले व्यक्ति अभनपुर से राष्ट्रीय राजमार्ग 30 से होकर ग्राम तुता तिराहा कोहर ग्राम तुता दाल मिल के पीछे स्थित पार्किंग स्थल क्रमांक पी-11 में अपना वाहन पार्क करेंगे। रायपुर, बिलासपुर, बलौदाबाजार, बेमेतरा, कबीरधाम मार्ग से होकर कार्यक्रम में सम्मिलित होने हेतु आने वाले व्यक्ति राष्ट्रीय राजमार्ग 30 से धनेली नाला रिंग रोड नंबर
03 से विधानसभा ओव्हरब्रिज होकर रिंग रोड नंबर 03 जंक्शन राजूढाबा से राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 53 सेरीखेड़ी होकर अटल नगर प्रवेश मार्ग से विमानतल तिराहा, स्टेडियम तिराहा- छोटा गोल चैक होकर गोल्फ मैदान स्थित पार्किंग स्थल क्रमांक 04, 05 व 06 एवं 13 में अपने वाहन पार्क करेंगे। महासमुंद की ओर से आने वाले व्यक्ति राजमार्ग 53 से सेरीखेड़ी होकर अटल नगर प्रवेश मार्ग से विमानतल तिराहा, स्टेडियम तिराहा, छोटा गोल चैक होकर राज्योत्सव टर्निंग स्थित पार्किंग स्थल क्रमांक 04 एवं 13 में अपने वाहन पार्क करेंगे।
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