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नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि 2019 में लोकसभा चुनाव तो वह जीतेंगे ही और उसके बाद 50 सालों तक कोई उन्हें हरा नहीं पाएगा. भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आखिरी दिन रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के संबोधन की केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया को जानकारी दी.
प्रसाद ने कहा, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि सरकार के प्रदर्शन के आधार पर और संगठन की शक्ति से 2019 का चुनाव तो जीतेंगे ही और 50 सालों तक कोई हरा नहीं पाएगा. प्रसाद ने कहा कि यह कोई अहंकार नहीं है, यह बात प्रदर्शन के आधार पर कही जा रही है.
शाह ने 2019 चुनाव जीतने के लिए नौ करोड़ कार्यकर्ताओं से कहा कि वे 22 करोड़ परिवारों के घरों में जाएं और सरकार के साढ़े चार साल के कार्यो को प्रमुखता से रखें. उन्होंने कहा, इस तरह संपर्क अभियान से 2019 चुनाव से पहले हम देश के सभी परिवारों तक अपनी पहुंच बना लेंगे.
शाह ने कहा, हमारे प्रधानमंत्री बिना थके देश के लिए काम कर रहे हैं. मुझे पूरा भरोसा है कि हम 2019 चुनाव जीतेंगे और अगले 50 साल तक सत्ता में बने रहेंगे.
::/fulltext::रायपुर । विधानसभा चुनाव में पोलिंग बूथों पर नक्सली वारदात तथा मतदान में धांधली पर नकेल कसने के लिए प्रदेश में पहली बार चुनाव आयोग ने बूथ स्तर पर माइक्रो प्लानिंग कराने का निर्णय लिया है। इसमें छोटी-छोटी संभावित आशंकाएं जो चुनाव को प्रभावित कर सकती हैं, उसके निराकरण की कार्ययोजना पहले ही तैयार कर ली जाएगी। मसलन बूथ पर कितनी फोर्स की जरूरत और कितने रिजर्व में रखे जाने हैं, पोलिंग पार्टियों को बूथ तक सुरक्षित जाने-लेजाने आदि की प्लानिंग पहले तैयार होगी।
चुनाव आयोग इसके लिए अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। अधिकारी बूथों की समीक्षा करके प्लान बनाकर रिपोर्ट जिला निर्वाचन कार्यालय में सौंपेगे। चुनाव आयोग चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले उस समस्या का निराकरण कराएगा। जिससे विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से कराया जा सके।
कमिश्नर के आदेश पर बूथ लेबल पर प्लानिंग
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में चुनाव के दौरान बूथों होने वाली घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए चीफ इलेक्शन कमिश्नर ओपी रावत ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया है प्रदेश के प्रत्येक बूथ लेबल पर माइक्रो प्लानिंग रिपोर्ट बनाकर सम्मिट की जाए। आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के बूथों पर आफिस सेंटर खोलने की तैयारी कर रहा है। बूथों पर एक अधिकारी तैनात किया जाएगा। अधिकारी द्वारा बूथों का निरीक्षण कर रिपोर्ट जिला निर्वाचन मुख्यालय में 20 सितंबर तक सौंप देना है सौंपेंगे। रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव से पहले बूथों की समस्या का निराकरण करेगा।
विधानसभा चुनाव में इतने लोग करेंगे मतदान
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में 1 करोड़ 81 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। मतदाताओं को मतदान के लिए कुल 23 हजार 411 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। जिसमें नए प्रस्तावित मतदान केन्द्रों की संख्या 234, जबकि किन्हीं कारणों से 13 मतदान केन्द्र को विलोपित कर दिया गया है। पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में इस वर्ष 221 नए मतदान केन्द्र बनाए गए हैं, जबकि 223,मतदान केन्द्रों का स्थल परिवर्तन किया गया है।
चुनाव के दौरान नक्सली करते हैं हमला
चुनाव के दौरान पोलिंग पार्टी को पोलिंग बूथ तक पहुंचाना जवानों के लिए बड़ी चुनौती है। क्योंकि प्रदेश में करीब 200 ऐसे बूथ हैं जहां पर पहुंचने के लिए आज भी सड़क नहीं है। पोलिंग पार्टियों को 20 से 25 किलोमीटर पैदल जवानों को ले जाना पड़ता है। इस दौरान जंगल में घात लगाकर बैठे नक्सली जवानों के ऊपर हमला कर देते हैं। इसलिए चुनाव आयोग नक्सली घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पहले से ही बूथों तक पर्याप्त मात्रा में बल तैनात कर दिया जाएगा। जिससे बूथ पर किसी प्रकार की समस्या ना आने पाए।
इनका कहना है
बूथ लेबल पर तैयारी की जा रही है। अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है। रिपोर्ट मिलते ही समस्याओं का निराकरण कराकर संभावित आशंकाओं से निपटने की तैयारी भी कराई जाएगी - सुब्रत साहू, मुख्य राज्य निर्वाचन पदाधिकारी
::/fulltext::नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को अटल पेंशन योजना का अनिश्चितकाल तक विस्तार करने का फैसला किया है, जो अगस्त में खत्म हो रहा था. इसके अलावा उम्र सीमा में पांच साल का विस्तार किया गया है तथा दुर्घटना बीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है. अटल पेंशन योजना (एपीवाई) एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसे सरकार ने 2015 में 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक का पेंशन मुहैया कराने के लिए लांच किया था.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को बताया कि इस योजना का लक्ष्य घरों को दायरे में लाने की बजाए लोगों को इसके दायरे में लाने पर है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सरकार की इस फ्लैगशिप योजना का लाभ 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने उठाया है. जेटली ने कहा, "यह योजना पहले चार सालों के लिए लांच की गई थी, जो इस साल अगस्त में समाप्त हो गई थी. लेकिन इस योजना लोगों की व्यापक भागीदारी को देखते हुए मंत्रिमंडल ने इसका अनिश्चितकाल तक विस्तार करने का फैसला किया है. "
रायपुर. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश की सभी 90 सीटों पर पैनल तैयार कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक इन सीटों में करीब दो दर्जन से ज़्यादा सीटों पर सिंगल नाम रखे हैं. जबकि कुछ सीटों पर दो, तीन और पांच नाम हैं. कांग्रेस ने शुक्रवार की रात और शनिवार का पूरा दिन बैठकर अधिकतम पांच नामों का पैनल तैयार कर लिया है. पीसीसी ने सभी बड़े नेताओं को लड़ाने का फैसला किया है. केवल दो नामों ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत का फैसला आलाकमान करेगा. चर्चा है कि सर्वे के आधार पर कुछ बड़े नाम टिकट की दौड़ से बाहर हो सकते हैं.
सबसे दिलचस्प रायपुर की सीटें हैं. रायपुर ग्रामीण से केवल एक नाम सत्यनारायण शर्मा का है. जबकि उत्तर से प्रमोद दुबे के नाम कटने की चर्चा है. चर्चाओं के मुताबिक प्रमोद दुबे का नाम पश्चिम के पैनल में भी शामिल हो सकता है. जबकि सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर दक्षिण से उनका नाम सबसे ऊपर है. उत्तर से बने पैनल में कुलदीप जुनेजा, अजीत कुकरेजा और डॉक्टर राकेश गुप्ता हैं. सूत्रों के मुताबिक इसमें यूथ कांग्रेस के कोटे से दीपक मिश्रा का नाम जुड़ सकता है.
रायपुर पश्चिम से ब्लॉक समन्वयक दीपक दुबे ने केवल विकास उपाध्याय का नाम दिया था लेकिन बड़े नेताओं की अनुशंसा पर कुछ और नाम जोड़े गए हैं. अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक इसमें दो और दावेदारों के नाम जोड़े गए हैं. लेकिन पीसीसी का पैनल में से ही किसी को टिकट मिलेगी, ऐसा नहीं है. दरअसल, इस पैनल को पीसीसी स्क्रीनिंग कमेटी को सौंपेगी. फिर स्क्रीनिंग कमेटी अपनी सिफारिश के साथ इसे केंद्रीय चुनाव समिति को देगी. जहां से टिकटें फाइनल होंगी.
वैसे कांग्रेस के बाहर चर्चाओं का बाज़ार गर्म है. सुर्खियों में तमाम लोग बड़े नेताओं से चर्चा करके अलग-अलग पैनल तैयार कर रहे हैं. लल्लूराम डॉट कॉम ने उन नामों की सूची बनाई है जिनकी दावेदारी सुर्खियों में है. लल्लूराम डॉट कॉम ये दावा नहीं करता कि ये सभी नाम तैयार किए गए पैनल में है. लेकिन ये नाम लगातार सुर्खियों में है. इनमें से ज़्यादातर नाम पैनल में शामिल हो सकते हैं.