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रायपुर- आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा ऐसे नेताओं को टिकट नहीं देगी,जो पिछला चुनाव हार गये थे. पार्टी से जुड़े एक आला सूत्र की मानें तो हारे हुए नेताओं में से केवल प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक को ही बिल्हा से टिकट दी जायेगी,जबकि चुनाव हारने वाले कई दिग्गज नेताओं को टिकट से वंचित होना पड़ सकता है.हालांकि हारे हुए सभी दिग्गज नेता इस बार चुनाव लड़ने के लिये अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हुए हैं.
आपको बता दें कि पिछले चुनाव में पांच मंत्री चुनाव हार गये थे,जिनमें ननकी राम कंवर,रामविचार नेताम,लता उसेंडी,स्वर्गीय हेमचंद यादव और चंद्रशेखर साहू के नाम शामिल हैं.इसी प्रकार विधानसभा अध्यक्ष रहे धरमलाल कौशिक और विधानसभा उपाध्यक्ष रहे नारायण चंदेल भी चुनाव हार गये थे.इसके अलावा हारने वाले बड़े भाजपा नेताओं में पूर्व मंत्री रहे रेणुका सिंह और कृष्णमूर्ति बांधी ,संसदीय सचिव रहे सिद्धनाथ पैकरा,ओमप्रकाश राठिया,विजय बघेल और कोमल जंघेल और भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष रहे अनुराग सिंहदेव के नाम शामिल हैं.
अब जबकि चुनाव करीब है ये सभी दिग्गज नेता अपनी उम्मीदवारी को लेकर जोर लगा रहें हैं,लेकिन पार्टी अब किसी भी स्थिति में रिस्क लेने के मूड में नहीं है. भाजपा थिंक टैंक का मानना है कि आम जनता में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की लोकप्रियता बरकरार है,लेकिन दूसरे कई बड़े नेताओं को लेकर स्थानीय स्तर पर लोगों में नाराजगी है.ऐसे में पार्टी को लगता है कि चौथी बार सरकार बनाने के लिये टिकट वितरण में बेहद सावधानी बरतनी होगी.
सीट बदलकर किस्मत आजमाने की कोशिश
आगामी चुनाव में प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा ने कई स्तर पर सर्वे कराये हैं,सर्वे रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि पिछला चुनाव हारने वाले ज्यादातर नेताओं की स्थिति अभी भी खराब है. ऐसे में हारे हुए ये नेता अपने अड़ोस पड़ोस की विधानसभा सीटों पर ताक झांक करने लगे हैं. उदाहरण के तौर पर लगातार दो चुनाव हारने वाले अनुराग सिंहदेव के बारे में कहा जा रहा है कि वे भटगांव विधानसभा से टिकट हासिल करने के लिये लाबिंग कर रहें हैं.इसी प्रकार रामविचार नेताम और चंद्रशेखर साहू के बारे में भी कहा जा रहा है कि ये भी सीट बदलकर चुनाव लड़ना चाह रहें हैं.
सूत्र का दावा है कि पार्टी कई विधायक और कुछ मंत्रियों का टिकट काटना चाहती है,तो फिर ऐसे में हारे हुए नेताओं को टिकट देकर पार्टी किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुरुप 30 फीसदी टिकट युवाओं को दी जायेगी.साथ ही पार्टी का पिछला अनुभव ये रहा है कि नये चेहरों को टिकट देना बेहद फायदेमंद रहा है,इसलिये इस बार ज्यादातर विधानसभा में अप्रत्याशित रुप से नये चेहरे बीजेपी विधायक बनने के लिये जूझते दिखाई देंगे.
::/fulltext::रायपुर। छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची में एक से ज्यादा स्थानों पर नाम पर अब निर्वाचन आयोग का डंडा चलेगा। निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची को फाइनल करने से पहले एक से ज्यादा स्थान पर मतदाता सूची में जुड़े नाम को काटने का अभियान शुरू किया है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए आखिरी सूची 27 सितंबर को प्रकाशित होगी। इससे पहले आयोग राजनीतिक दलों से मिली शिकायतों के आधार पर मतदाता सूची की जांच कर रहा है। कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से शिकायत की थी कि प्रदेश में दो लाख से ज्यादा वोटर फर्जी हैं।
निर्वाचन आयोग के आला अधिकारियों ने बताया कि कुछ दलों ने कुछ विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में मौजूद दोहरे नाम वाले मतदाताओं की शिकायत की है। साथ ही यह मांग की गई कि प्रभावी सत्यापन प्रक्रिया का पालन किया जाये तथा घर-घर सर्वे किया जावे। इसके लिए आयोग ने अधिकारियों की टीम बनाई है।
सीमावर्ती राज्यों के निवासियों द्वारा राज्य में वोट डालने के प्रयास को प्रभावी ढंग से रोका जाना चाहिए। राजनीतिक दलों ने शिकायत की थी कि पड़ोसी राज्यों के निवासियों को प्रदेश में वोटर बनवाया गया है। इनके आधार की जांच के बाद मतदाता सूची में नाम हटाया जाए। अधिकारियों ने बताया कि सीमावर्ती राज्यों से सटी विधानसभा में भी मतदाता सूची की जांच की जा रही है। राजनीतिक दलों ने मांग की कि वोटर आइडी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक किया जाना चाहिए।
::/fulltext::रायपुर। 2025 में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 25 वर्ष पूर होंगे। 25 वर्ष में छत्तीसगढ़ कैसा और कहां होगा, यह बताने के लिए सरकार 'नवा छत्तीसगढ़ 2025 अटल दृष्टि पत्र" लाएगी। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बताया कि दृष्टि पत्र महीनेभर के अंदर जारी कर दिया जाएगा। इसके लिए समाज के हर वर्ग की राय ली जाएगी। राय लेने के लिए लोगों के बीच भी जाएंगे। ऑनलाइन भी राय दी जा सकती। इस पर सवाल हुआ कि 2025 तक आप ही सीएम रहेंगे। इस पर डॉ. सिंह ने कहा कि 2025 में सीएम कौन होगा? यह मैं नहीं कह रहा हूं, 2025 में सीजी कहां होगा यह कह रहा हूं।
मुख्यमंत्री अपने निवास पर रविवार की शाम राज्य के चुनिंदा वरिष्ठ पत्रकारों से मुखातिब हुए। इस दौरान अटल दृष्टि पत्र के साथ ही मुख्यमंत्री ने अटल नगर (नया रायपुर) में प्रस्तावित अटल स्मारक के साथ ही दूसरे चरण की विकास यात्रा के संबंध में जानकारी दी। अटल दृष्टि पत्र में भविष्य की योजनाओं के साथ राज्य का पूरा सफरनामा भी रहेगा। सरकार बताएगी कि 2003 में जब भाजपा सत्ता में आई तब विकास के विभिन्न मानकों पर छत्तीसगढ़ की क्या स्थिति थी। 2018 में क्या स्थिति है और 2025 के लिए क्या योजना और रणनीति रहेगी। उल्लेखनीय है कि 'नईदुनिया" ने सबसे पहले बताया था कि सरकार अटल दृष्टि पत्र लाएगी।
बिना शर्त पार्टी में आए हैं ओपी
अफसरों के राजनीति में प्रवेश के सवाल पर सीएम ने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में हर व्यक्ति को अपना निर्णय लेने का अधिकार है। अच्छे मन से जो भी हमारी पार्टी में आता है, उसका स्वागत है। ओपी चौधरी का जिक्र करते हुए कहा कि वे बिना शर्त पार्टी में आए हैं। कुछ के सदस्यता आवेदन रिजेक्ट भी कर दिए और भी अफसरों के पार्टी ज्वाइन करने के सवाल पर सीएम ने कहा कि अच्छे लोगों के लिए पार्टी के दरवाजे खुले हैं।
'अटल दृष्टि पत्र" का यह होगा लक्ष्य
- 2025 तक छत्तीसगढ़ की जीएसडीपी आज से दोगुनी होगी।
- प्रति व्यक्ति आय भारत के पांच अग्रणी राज्यों में शामिल होगी।
- किसानों की आय दोगुनी होगी।
- प्रत्येक नागरिक का गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाओं पर अधिकार होगा।
- सबके पास अपना घर होगा। साक्षरता दर शत-प्रतिशत होगी।
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर हर बच्चों का हक होगा।
- सबके घर में सिर्फ नल कनेक्शन ही नहीं बल्कि इंटरनेट कनेक्टिविटी भी होगी।
- छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहर हवाई सेवा से जुड़े होंगे
- छत्तीसगढ़ न सिर्फ उद्यमिता और निवेश आमंत्रित करने में अव्वल होगा बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजते हुए विकास की ऊंची छलांग लगाकर, देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनेगा।
::/fulltext::रायपुर। सरकार की अनदेखी से खफा छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन का रुख अब कड़ा होता जा रहा है। लगातार आंदोलन का नतीजा नहीं निकलता देख शिक्षक फेडरेशन ने अब सरकार के खिलाफ बड़ी बगावत का फैसला लिया है। फेडरेशन ने तय किया है कि वो 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का बहिष्कार करेगा और उस दिन को काला दिवस के रूप में मनाएगा। इस दिन आयोजित होने वाले किसी भी शासकीय कार्यक्रमों में फेडरेशन से जुड़े शिक्षक शिरकत नहीं करेंगे।
आपको बता दें कि सहायक शिक्षक फेडरेशन अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर आन्दोलित है जिसके तहत विगत 10 अगस्त को राजधानी रायपुर में संकल्प सभा एवं 28 अगस्त को जिला स्तरीय धरना एवं रैली का आयोजन कर चुका है। संगठन के द्वारा संविलियन पश्चात वर्ग 3 के वेतन विसंगतियों एवं अन्य मांगों को लेकर मूल संगठनों से बगावत करते हुए 1 लाख 9 हज़ार वर्ग 03 अपनी अलग राह पकड़ चुका है। और छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन बना कर ज़बरदस्त प्रदर्शन कर रहा है।गत 28 अगस्त को हुए आंदोलन की समीक्षा कर आंदोलन को तेज करने एवं आगामी रणनीति के लिए आज फेडरेशन की प्रान्त स्तर की बैठक भामाशाह भवन साहू काम्प्लेक्स टिकरापारा रायपुर में रखी गयी,जिसमे प्रदेश भर के 27 जिलों के 146 विकासखंडों के प्रांत,जिला,ब्लॉक संयोजक उपस्थित हुए ।
सैंकड़ो पदाधिकारियों की उपस्थिति में आगामी शिक्षक दिवस को काली पट्टी लगाकर विरोध करेंगे।शिक्षक दिवस को काला दिवस के रूप में मनाते हुए सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोहों का बहिष्कार करते हुए “काला दिवस” मनाएंगे।उपरोक्त आंदोलन का निर्णय छ ग सहायक शिक्षक फेडरेशन के समस्त ब्लाक,जिला व प्रांतीय संयोजको की उपस्थिति में आम सहमति से लिया गया।
इस आंदोलन को सफल बनाने का आह्वान सभी ब्लाक ,जिला व प्रांतीय संयोजक शिव सारथी, रंजीत बैनर्जी, इदरीश ख़ान, जाकेश साहू , अजय गुप्ता , अश्वनी कुर्रे, बसन्त कौशिक, सी.डी.भट्ठ, छोटेलाल साहू, , हूलेश चन्द्राकर, मनीष मिश्रा, संकीर्तन नंद, सुखनंदन यादव,
व पूरे प्रदेश कें फेडरेशन कें पदाधिकारीयों ने किया हैं।