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रायपुर। छत्तीसगढ़ के आसमान में बादल छाए हुए है और इसके साथ ही राजधानी के स्वामी विवेकानंद विमानतल का डॉप्लर गाइडेंस सिस्टम खराब हो गया है। इसकी वजह से यहां से उड़ान भरने वाली कई नियमित फ्लाइट्स शनिवार की सुबह घंटों देरी से छूटी। एयरपोर्ट के अधिकारियों ने बताया कि शनिवार की सुबह आसमान में बादल छाए होने की वजह से दृष्यता काफी कम थी। इस वजह से यहां से कई फ्लाइट्स को देरी से रवाना किया गया। वहीं मुंबई और दिल्ली से आने वाली वाली फ्लाइट्स भी देरी से यहां पहुंची।
बेंगलुरु और कोलकाता की नियमित उड़ान सेवा भी मौसम की वजह से प्रभावित हुई। मौसम साफ होने के बाद करीब 11 बजे से यहां नियमित फ्लाइट्स को रवाना किया गया। गौरतलब है कि शुक्रवार की रात एयरपोर्ट के रन-वे पर आकाशिय बिजली गिरने की वजह से डॉप्लर सिस्टम खराब हो गया था। गाइडेंस सिस्टम के बिगड़ने से फ्लाइट के टेकऑफ और लैंडिंग में दिक्कतें हो रही हैं।
::/fulltext::ओपी चौधरी के राजनीति में प्रवेश करने के फैसले से जितना हैरान नहीं हूं, उससे कहीं ज्यादा हैरान सोशल मीडिया पर कसे जा रहे तंज और अनर्गल टिप्पणियों से हूं। माना धारा के विपरित चलना हम पत्रकारों की फितरत रही है, लेकिन क्या लगता नहीं, कि ओपी चौधरी की आलोचनाएं उस वक्त होती तो बेहतर होता, जिस वक्त आपको ये लग रहा था कि उनका काम उस मानक के अऩुरूप नहीं हो रहा, जितना बतौर कलेक्टर उनका होना चाहिये था। अगर ओपी चौधरी ने राजनीतिक रंगा बदला है. तो हमसब ने भी ओपी के प्रति नजरिया भी राजनीतिक तौर पर बदला है। हो सकता है कुछ आलोचको को मेरी शब्दावली ओपी के समर्थकों सी लगे। लेकिन हकीकत यही है कि ओपी चौधरी पर वो लोग भी आरोप लगा रहे हैं, तंज कस रहे हैं, जो कलेक्टर रहते उनके नाम से संबोधित कर लेने भर या हाथ मिला लेने या बैठकर दो बातें कर लेने भर से खुद को भाग्यवान मान लेते थे।
….और ओपी चौधरी ही क्या प्रदेश के 27 में से 20 से ज्यादा कलेक्टर ऐसे हैं, जो काम सिर्फ अवार्ड पाने या फिर उस क्षेत्र में उनका नाम किसी ना किसी वजह से निशानी बन जाये, उसके लिए काम कर रहे हैं। हो सकता है, ओपी चौधरी के लिए दंतेवाड़ा का एजुकेशन सिटी, रायपुर का नालंदा परिसर उसी राह पर चलने का एक मॉडल हो। शत प्रतिशत मानता हूं कि एजुकेशन सिटी और नालंदा परिसर जैसे काम सीधे सरकार को करने चाहिये, सरकार के पालिसी मेकर के तौर पर बैठे सिकरेट्री और विभाग के प्रमुख सचिवों को ये मॉडल की तैयारी करनी चाहिये, जबकि कलेक्टरों को जनमुद्दों पर फोकस करना चाहिये, जो आज के कलेक्टर ना के बराबर कर रहे हैं।
मैं निजी तौर पर ओपी चौधरी के राजनीति में आने का समर्थन करता हूं, और क्यों नहीं आना चाहिये ? एक नेता के तौर पर ओपी चौधरी को अगर हम हिकारत भरी नजरों से देख रहे हैं, तो क्या हमारा नजरिया उनके मंत्री, मुख्यमंत्री या फिर…. बनने पर भी ऐसा ही रहेगा।
रही बात ओपी चौधरी के राजनीतिक प्रवेश की, तो ओपी चौधरी ना तो पहले हैं और ना ही आखिरी होंगे। इतिहास गवाह है, ब्योरोक्रेट राजनीति से प्रभावित होकर खादी पहनते रहे हैं, लेकिन इस आधार पर पुराने कामों पर हम आलोचनाओं पर उतारू हो जायें, ये तो उचित प्रतीत नहीं होता।
हमारा लोकतंत्र पावन है, अच्छे लोग और अच्छी सोच राजनीति से जुड़ेगी तो बेहतर नतीजा जरूर मिलेगा। हम सब ही अनपढ़ और बदमाशों के नेता बनने पर सवाल उठाते हैं और कोई पढ़ा लिखा शख्स राजनीति से जुड़ता है तो उसकी पुरानी कुंडली को लेकर आलोचनाएं शुरू कर देते हैं।
कलेक्टर रहते किस ऐजेंडे पर ओपी काम कर रहे थे, उसका खुलासा अगर उसी वक्त हो जाता तो लगता है बेहतर होता, अब पुराने एजेंडे की याद क्यों आ रही है।
अब ओपी चौधरी जिस मिशन के तहत पर पार्टी में लाये गये हों या खुद आये हों, पत्रकारिता का अनुभव मेरा बताता है कि वो कामयाब होंगे, चुनाव जीतकर ना हो तो भी पार्टी उन्हें हेलीकाप्टर लैंडिंग कराकर कामयाब बना देगी, ऐसा कुछ ना कुछ समीकरण पार्टी ने भी तैयार कर रखा है और खुद ओपी चौधरी ने भी। अब 5 साल इंतजार कीजिये, ओपी चौधरी की राजनीतिक हैसियत, कई बड़े सियासतदारों की सिंहासन को डोलाने वाली बन जायेगी।
रायपुर- चुनावी तैयारियों की समीक्षा करने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने उन आईएएस-आईपीएस अधिकारियों कड़े शब्दों में नसीहत दी है, जो राजनीतिक दलों से प्रेरित होकर काम कर रहे हैं. रावत ने कहा है कि- जब भी ऐसे अधिकारियो के नाम आयोग के संज्ञान में आएगा, तत्काल उन पर कार्रवाई की जाएगी. ऐसे अधिकारियों को निर्वाचन प्रक्रिया से दूर रखा जाएगा. ओ पी रावत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में चुनावी तैयारियां अच्छे ढंग से चल रही है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है. उन्होंने आश्वस्त करने हुए कहा है कि राज्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और समावेशी चुनाव कराने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं.
दो दिवसीय दौरे के दौरान ओ पी रावत ने राजनीतिक दलों के अलावा राज्य शासन के आला अधिकारियों, कलेक्टर-एसी की मैराथन बैठक लेकर चुनावी तैयारियों का जायजा लिया. समीक्षा के बाद प्रेस कांफ्रेंस लेकर रावत ने कहा कि चुनावों के इतिहास में पहली बार आयोग सुगम चुनाव प्रेक्षक नियुक्त करेगा. आयोग ने थीम बनाई है सुगम निर्वाचन की. चुनाव में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सुगम चुनाव प्रेक्षक होंगे. सामान्य प्रेक्षक, चुनाव व्यय प्रेक्षक भी नियुक्त किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि वोटर को सशक्त करने के लिए आयोग ने मोबाइल एप्लीकेशन लांच किया है. कर्नाटक में हमने इसे टेस्ट किया है. सिटीजन विजिलेंस एप को छत्तीसगढ़ में चुनाव में उपयोग में लाया जाएगा. इसे डाउनलोड करने के पास चुनाव से जड़ी तमाम जानकारियां मिलेगी. कहीं भी आयोग के नियमों का वायलेशन हो रहा होगा और यदि उसका वीडियो बनाकर कोई भेजेगा, तो उस पर तत्परता के साथ कार्रवाई किए जाने का निर्देश है. सौ मिनट में उस पर कार्ऱवाई कर रिस्पांस दिया जाएगा. इसमें यह भी प्रावधान है कि यदि आप शक्तिशाली आदमी के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं, तो एप में अपना मोबाइल नंबर छिपा सकते हैं. लेकिन इस व्यवस्था में फीडबैक नहीं मिलेगा. कार्रवाई होने के बाद फीडबैक अखबारों और टीवी के माध्यम से मिलेगा. वोटर को सशक्त करने के लिए यह एक बड़ी चीज आयोग ने की है.
बाहुबल और धनबल पर जोर नहीं चलने देंगे.
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर छत्तीसगढ़ आएंगे। इस बार वे रायगढ़ में नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन के लारा प्लांट को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 1600 मेगावॉट के इस संयंत्र का काम लगभग पूरा हो गया है। सिर्फ रेलवे ट्रेक का कुछ हिस्सा बचा हुआ है।
तत्कालीन प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह ने 2013 में लारा प्लांट की आधारशिला रखी थी। उसी दौरान उन्होंने सीपत प्लांट का उद्घाटन किया था। लारा में 800 मेगावॉट की दो यूनिट है। इनमें से एक को मार्च में सिंक्रोनाइज कर लिया गया है। दूसरे को सिंक्रोनाइज किया जाना है। जिस युनिट को सिंक्रोनाइज किया गया है, उसे एक दिन चला कर देखा गया है। फाइनल ट्रायल के लिए एक बार लगातार तीन दिन आपरेट करके देखा जाएगा।
एनटीपीसी पावर प्लांट का शिलान्यास और उद्घाटन प्रधानमंत्री करते हैं। कोरबा पावर प्लांट को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने उद्घाटन किया था। सीपत प्लांट का शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने किया था। इसके बाद उसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने। जाहिर है, लारा प्लांट का इनॉग्रेशन प्रधानमंत्री के हाथों ही होगा। उच्च पदस्थ अधिकारिक सूत्रों से पता चला है, पावर मिनिस्ट्री इस महीने के अंत तक लारा प्लांट का उद्घाटन की तैयारी कर रहा है। बताते हैं, अभी तारीख तय नहीं हुई है लेकिन, कोशिश की जा रही, मुख्यमंत्री डा0 रमन सिंह के दूसरे दौर के विकास यात्रा का समापन भी प्रधानमंत्री करें। विकास यात्रा का समापन सितंबर लास्ट में किसी तारीख को होगा। विकास यात्रा पांच सितंबर से प्रारंभ हो रहा है। लेकिन, समापन का अभी तय नहीं किया गया है।
प्रधानमंत्री का कार्यक्रम इस तरह तैयार किया जा रहा जिसमें रायगढ़ में उनकी एक बड़ी आम सभा हो जाए। चुनाव पूर्व पीएम की सभा से बीजेपी को राजनीतिक फायदा मिलेगा। इससे पहिले अप्रैल में पीएम मोदी 14 अप्रैल को बीजापुर आए थे। इसके बाद 14 जून को भिलाई। और इसके बाद इस महीने रायगढ़। याने पूरा छत्तीसगढ़ कवर हो जाएगा। सरकार और भाजपा के लिए यह उपलब्धि होगी कि छत्तीसगढ़ जैसे छोटे सूबा में छह महीने में तीन बार पीएम विजिट हो गया।
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